बच्चों और बड़ों को आसानी से खेलते समय या कोई काम करते समय चोट लग सकती है, इसीलिए पट्टी करने का सही तरीका आना फर्स्ट ऐड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। घाव पर इन्फेक्शन होने से रोकने के लिए मरहम पट्टी या ड्रेसिंग करना बहुत जरूरी होता है और उतना ही जरूरी होता है पट्टी को सही समय पर बदलना।

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चोट छोटी सी हो या बड़ी हो, पट्टी करने का तरीका एक जैसा ही होता है। पट्टी करने के लिए या बदलने के लिए आपके पास फर्स्ट ऐड किट का कुछ सामान होना चाहिए और आपको पता होना चाहिए पट्टी कैसे की जाती है। इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण होता है घाव को अच्छे से साफ करना, खून रोकना और और ये देखना कि कहीं घाव से होने वाले लक्षण बढ़ तो यहीं रहे हैं।

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इस लेख में चोट लगने पर ड्रेसिंग की जाती है, पट्टी कैसे बदलते हैं और ध्यान रखने योग्य कुछ बातों के बारे में बताया गया है।

  1. ड्रेसिंग करने का तरीका - Patti kaise kare
  2. मरहम पट्टी करते समय इन बातों का रखें ध्यान - Dressing karte samay in bato ka rakhe khayal

चोट लगने पर पट्टी कैसे करें - Ghav hone par marham patti kaise karte hai

अगर आपके आस-पास किसी को चोट लगी है, तो निम्नलिखत तरीके से उस व्यक्ति की मरहम पट्टी करें -

  1. घायल व्यक्ति और खुद की सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है, इसीलिए घाव को छूने से पहले अच्छी तरह से हाथ धोएं और हो सके तो दस्ताने पहन लें।
  2. घाव से थोड़ा बहुत खून निकलना सही होता है, क्योंकि इससे घाव में मौजूद धूल-मिटटी बाहर निकल जाती है, लेकिन अधिक खून बहना व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है और उसे खून की कमी हो सकती है। (और पढ़ें - खून की कमी के घरेलू उपाय)
  3. व्यक्ति के घाव को पानी और साबुन की मदद से अच्छी तरह से साफ कर लें और इस बात की जांच कर लें की घाव में कोई धूल-मिट्टी न रह गई हो।
  4. अगर धोने के बाद भी घाव में कोई पदार्थ रह गया है, तो उसे छोटी चिमटी की मदद से निकाल लें।
  5. हर घाव पर पट्टी लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। घाव पर पट्टी तब ही लगाएं जब उसपर कपड़ा, धूल-मिटटी या चोट लगने का खतरा हो। 1.5 से 2 सेंटीमीटर तक के कट को बैंडेज लगाकर ठीक किया जा सकता है। (और पढ़ें - कटने पर क्या करें)
  6. पट्टी लगाने के लिए सबसे पहले पट्टी को उसके पैकेट या कवर में से बाहर निकालें।
  7. ध्यान रहे आप पट्टी के उस भाग को न छुएं जो घाव के ऊपर आएगा।
  8. अब पट्टी को खोल लें और दोनों तरफ से कुछ पट्टी छोड़कर बीच के हिस्से को घाव पर रखें।
  9. अब उस साइड से पट्टी को लपेटना शुरू करें जिस साइड से पट्टी छोटी है। पट्टी की छोटी साइड को एक बार हाथ या पैर के आस-पास लपेटकर छोड़ दें ताकि पट्टी एक जगह पर टिक जाए।
  10. अब पट्टी की बड़ी वाली साइड को लपेटना शुरू करें और तब तक लपेटें जब तक घाव पूरी तरह ढक न जाए।
  11. अब पट्टी को अपनी जगह स्थिर रखने के लिए बची हुई छोटी साइड की पट्टी से एक गांठ बांध लें।
  12. कोशिश करें कि गांठ घाव के ऊपर आए, ताकि उसपर दबाव बना रहे। इस बात का ध्यान रखें कि पट्टी बहुत अधिक टाइट न हो।
  13. अगर गांठ बांधने के बाद पट्टी बच रही है, तो उसे लटकता न छोड़ें। उसे कैंची की मदद से काट दें।
  14. पट्टी को बांधने के बाद आपको घाव के आस-पास के क्षेत्र में खून के परिसंचरण की जांच करनी पड़ेगी। इसके लिए पट्टी बंधी हुई जगह से कुछ दूर अपने नाखून से तब तक दबाव बनाएं जब तक उस हिस्से का रंग फीका नहीं पड़ जाता। अब अपना नाखून हटाकर देखें अगर 2 सेकंड में उस हिस्से का रंग वापिस लाल नहीं होता है, तो इसका मतलब है कि आपने पट्टी बहुत अधिक कसकर बांध दी है। ऐसी स्थिति में पट्टी को खोलकर फिर दोबारा बांधें।
  15. आखिर में अपने हाथ अच्छे से साबुन व पानी से धो लें।[

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डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

  • अगर घाव सिर, गले, छाती, पेट, पेडू या पीठ में है और गहरा है, तो व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाएं। (और पढ़ें - हड्डी टूटने पर क्या करें)
  • अगर कट बड़ा है और बैंडेज या पट्टी से उसके किनारे साथ में नहीं जुड़ पा रहे हैं, तो उसके लिए टांकों की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास जाना चाहिए। (और पढ़ें - डिलीवरी के बाद टांकों की देखभाल)
  • अगर खून बहुत ज्यादा निकल रहा है या खून का रंग चटक लाल है, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  • अगर कोहनी के ऊपर या घुटने के ऊपर गहरा घाव है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। (और पढ़ें - घुटनों में दर्द के घरेलू उपाय)

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पट्टी कैसे बदलते हैं - Dressing badalne ka tarika

चोट पर पट्टी बांधना ही पर्याप्त नहीं होता, उस पट्टी को समय-समय पर बदलना भी आवश्यक होता है। आप निम्नलिखित तरीके से पट्टी बदल सकते हैं -

  1. पट्टी बदलने से पहले अपने हाथों को पानी व साबुन से अच्छी तरह से धो लें।
  2. पट्टी बांधने के लिए प्रयोग की जाने वाली सारी चीजें, जैसे पट्टी, कैंची अदि एकत्रित कर लें।
  3. इसके बाद हो सके तो डिस्पोजेबल दस्ताने पहन लें।
  4. अब पुरानी वाली पट्टी को निकलने की कोशिश करें। अगर पट्टी निकल नहीं रही है, तो  खींचे नहीं, उसपर थोड़ा पानी डाल लें ताकि वो आपकी त्वचा से न चिपके।
  5. अब पट्टी को धीरे-धीरे खोलकर निकाल लें और इस पट्टी के साथ अपने दस्तानों को भी उतार लें।
  6. इसके बाद फिर से अपने हाथ धोएं और नए दस्ताने पहन लें।
  7. अब घाव को साफ करने के लिए एक साफ कपडे का प्रयोग करें। घाव को कपड़ा गीला कर के अच्छे से साफ कर लें।
  8. अगर साफ करते हुए घाव से थोड़ा सा खून निकलता है, तो ये परेशानी की बात नहीं है, लेकिन ज्यादा खून बहना सही नहीं है।
  9. साफ करने के बाद घाव की इन्फेक्शन के लिए जांच करें। घाव पर रिसाव, सूजन, बढ़ी हुई लाली, बदबू आना या रिसाव होना जैसे लक्षण संक्रमण का संकेत हो सकते हैं। (और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण)
  10. घाव को साफ करने और जांच करने के बाद ऊपर दिए गए तरीके से घाव पर फिर से पट्टी बांध लें।
  11. अब अपने दस्ताने उतारें और हाथों को अच्छी तरह से धो लें।

(और पढ़ें - घाव भरने के घरेलू उपाय)

डॉक्टर के पास कब जाएं?

पट्टी बदलते समय घाव पर निम्नलिखित लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास अवश्य जाएं -

  • घाव की लाली बढ़ना।
  • घाव से पस निकलना।
  • घाव में दर्द बढ़ना।
  • घाव से हरे रंग की पस निकलना।
  • घाव से खून निकलना।
  • पस से बदबू आना।
  • सूजन होना। (और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
  • घाव की लाली ठीक न होना।

(और पढ़ें - वायरल इन्फेक्शन के लक्षण)

किसी व्यक्ति की पट्टी करते समय या बदलते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -

  • अगर हो सके तो अपनी और घायल व्यक्ति की सुरक्षा के लिए हाथ में डिस्पोजेबल दस्ताने पहन लें।
  • जरूरी नहीं है कि घाव को साफ करने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen peroxide) का इस्तेमाल किया जाए, इससे अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, इसीलिए घाव को साफ करने के लिए केवल पानी का ही प्रयोग करें।
  • पट्टी का जो हिस्सा घाव के ऊपर आता है या आएगा उसे बिलकुल न छुएं।
  • घाव को सही करने के लिए एंटीबायोटिक दवा लगाना आवश्यक नहीं होता। एंटीबायोटिक दवा खरोंच की स्थिति में अधिक सहायक होती है।
  • अगर खून पट्टी में से बाहर आ रहा है, तो पट्टी हटाएँ नहीं बल्कि उसके ऊपर और पट्टी लगा दें। पट्टी लगाते समय घाव पर दबाव बनाएं ताकि खून रुक जाए।
     

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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