कुत्तों में दांत की बीमारी क्या है?

पालतू जानवरों में दांतों से संबंधी रोगों को पेट डेंटल डिजीज या पेरियोडोंटल रोग कहा जाता है। पालतू कुत्तों में दांत संबंधी रोगों के मामले काफी देखे जाते हैं। यह स्थिति लगभग 80 फीसदी कुत्तों में पाई जाती है, जो आमतौर पर तब होती है जब कुत्ता 3 साल का हो जाता है। कुत्तों में दांत का रोग एक आम नैदानिक स्थिति (जिसकी पहचान की जा सके) है।

यह स्थिति अक्सर तब होती है जब मुंह में बैक्टीरिया दांतों की सतह पर एक कठोर पदार्थ बनाते हैं, इसे प्लाक कहते हैं। जब तक पालतू कुत्ते के दांतों को ब्रश (सफाई) नहीं किया जाता, तब तक दांतों पर यह प्लाक बने रहते हैं।

इन प्लाक की वजह से सूजन बनने लगती है, जिसे जिंजिवाइटिस यानी मसूड़े की सूजन के रूप में जाना जाता है। जिंजिवाइटिस पेरियोडोंटल बीमारी का शुरुआती चरण है।

यदि पालतू कुत्ते के दांतों की सफाई न की जाए, तो भी मसूड़ों में सूजन बढ़ जाती है। इस सूजन की वजह से गंभीर रूप से ऐसी समस्याएं हो सकती हैं जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकता है। इस स्थिति को मेडिकल में इरिवर्सबल पीरियोडोंटाइटिस कहा जाता है।

  1. कुत्तों में दंत रोग के लक्षण - Kutton me dant rog ke lakshan
  2. कुत्तों में दंत रोग के कारण - Kutton me dant rog ke karan
  3. कुत्तों में दंत रोग से बचाव - Kutton me dant rog se bachav
  4. कुत्तों में दंत रोग का इलाज - Kutton me dant rog ka ilaaj
  5. कुत्तों में दंत रोग की जटिलताएं - Kutton me dant rog ki jatiltayen

कुत्तों में दांत की बीमारी के क्या संकेत हो सकते हैं?

पशु चिकित्सक द्वारा दांत की बीमारी के लक्षण आसानी से देखे जा सकते हैं:

  • मसूड़े लाल होना या ब्लीडिंग
  • मुंह में सूजन (लालिमा, दर्द और गर्मी)
  • अत्यधिक लार टपकाना
  • लार में खून आना
  • दांत ढीले होना, जो गंभीर मामलों में गिरना शुरू हो सकते हैं
  • भूख कम लगना
  • पानी के कटोरे में या खिलौने चबाने पर खून के निशान मिलना
  • कुत्ते के मुंह या सांसों से दुर्गंध आना
  • मुंह में छाले, जिन्हें छूने पर कई बार खून भी आ जाता है
  • छींक आना या नाक बहना
  • कुत्ते में चिड़चिड़ापन होना
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कुत्तों में डेंटल रोग के कारण क्या हो सकते हैं?

ऐसे कई कारक हैं, जो कुत्तों में दांत संबंधी रोगो ंका कारण बन सकते हैं। कुत्तों के मुंह में संक्रमण का मुख्य कारण स्ट्रेप्टोकोकस और एक्टिनोमाइसेस बैक्टीरिया है। स्ट्रेप्टोकोकल तेजी से संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया हैं, जो संक्रमित कुत्ते के खांसने या छींकने से हवा में सूक्ष्म बूंदों के माध्यम से फैल सकते हैं और सांस के दौरान स्वस्थ कुत्तों के शरीर में चले जाते हैं। इसके अलावा संक्रमित कुत्ते का झूठा भोजन खाने या उसकी प्लेट चाटने से भी यह संक्रमण हो जाता है।

एक्टिनोमाइकोसिस लंबे समय तक संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया हैं, जो शरीर के सौम्य ऊतकों में घाव या फोड़े का कारण बनता है।

कुत्तों में दांतों की बीमारी की रोकथाम कैसे की जाती है?

दांत की बीमारी से उत्पन्न होने वाली गंभीर जटिलताओं से बचने के लिए आमतौर पर पालतू कुत्ते के दांत और मुंह को साफ रखना जरूरी है:

  • मसूड़ों की बीमारियों को रोकने के लिए इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है कि कुत्ते के दांतों को रोजाना ब्रश किया जाए, ताकि प्लाक न बन सके।
  • कुत्ते को हड्डियां या कठोर चीज (लकड़ी आदि) न चबाने दें, क्योंकि इनसे दांतों और मुंह को नुकसान पहुंच सकता है। इसकी बजाए आप कुत्तों के लिए उपलब्ध विशेष खिलौने दे सकते हैं, जो विशेष रूप से कुत्तों के मुंह के अनुसार डिजाइन किए जाते हैं।

रोकथाम में निम्न चीजें शामिल हैं:

  • कुत्ते को नियमित मुंह की सफाई के लिए ले जाना:
    जनरल एनेस्थीशिया देकर कुत्ते का एक्स-रे किया जाता है और दांतों व मसूड़ों की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया से पता चलता है कि वास्तव में कुत्ते को मसूड़ों और दांत में क्या परेशानी है।
     
  • अच्छा खाना:
    कुछ कुत्तों को डेंटल डाइट (जिसमें प्रोटीन और कैल्शियम कम होता है जो प्लाक और टार्टर के निर्माण को कम करता है) से लाभ हो सकता है। इससे उनके दांत स्क्रब (साफ) हो जाते हैं साथ ही उनमें प्लाक बनने व उन्हें सख्त होने से रोकते हैं। ऐसे में अपने पशु चिकित्सक से बात करें कि आपके कुत्ते के लिए कौन-सा आहार सही है।
     
  • सही खिलौने का चुनाव:
    कुत्तों में मसूड़ों की बीमारी को रोकने में मदद के लिए टूथ फ्रेंडली चीजें (जिनसे दांतों को नुकसान न हो) देना एक बेहतर तरीका है। ऐसे में खिलौने लेते समय खास ध्यान रखें। आप ऐसी रबर की बॉल, कच्चे चमड़े की वस्तु जो सख्त न हो, रबर के खिलौने आदि चीजों का चुनाव कर सकते हैं जिसमें दवाई छिपाकर दी जा सकती है। (सावधान रहें कि यदि आपका कुत्ता एक बड़ा टुकड़ा निगल लेता है तो हार्ड रॉहाइड गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बन सकता है।)​

यदि कुत्ते के दांत में फ्रैक्चर या दांत संबंधी कोई अन्य रोग है, तो उसे चीजों से दूर रखें जिनसे उनके दांतों में दर्द हो सकता है जैसे जानवरों की हड्डियां, लकड़ी या धातुओं से बनी कोई वस्तु आदि।

कुत्तों में दांत की बीमारी का उपचार

स्थिति के आधार पर कुत्तों में दांत की बीमारी के इलाज के लिए उपचार के विभिन्न तरीकों को अपनाया जा सकता है:

पालतू कुत्ते का इलाज बीमारी की गंभीरता के अनुसार किया जाता है। जानवरों के डॉक्टर नैदानिक ​​लक्षणों को देखकर और एक्स-रे के जरिए स्थिति के बारे में पता लगा सकते हैं।

  • स्टेज 1 में, मसूड़ों और दांतों के बीच हल्की लालिमा या सूजन हो सकती है। इसमें गम लाइन (मसूड़े की वह सतह जो दांत को छूती है) की अच्छे से सफाई करना जरूरी इलाज है।
  • स्टेज 2 में, मसूड़े और दांत के बीच पीरियडोंटल पॉकेट्स (मसूड़ों की दांत पर पकड़ कमजोर होना) होते हैं। इसमें मसूड़ों के ऊतक व दांत की जड़ों को साफ किया जाता है, कुल्ला किया जाता है और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए जेल का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि प्रभावित दांत पर मसूड़ों की पकड़ बन सके ।
  • स्टेज 3 में, मसूड़ों की बीमारी तब होती है जब दांतों के चारों ओर पीरियडोंटल पॉकेट्स 5 मिलीमीटर से ज्यादा बढ़ जाते हैं, जिसका मतलब है कि अब हड्डियों को नुकसान हो रहा है। ऐसी स्थिति में कई बार दांत की जड़ और हड्डी के आसपास प्रभावित ऊतकों को हटाकर इलाज किया जाता है।
  • स्टेज 4 में, जब हड्डी में नुकसान 50 फीसदी से अधिक होता है तो ऐसे में दांत निकालना ही एकमात्र इलाज है।

यदि कुत्ते की किसी प्रकार सर्जरी हुई है, तो उसके बाद डॉक्टर कुछ दिनों के लिए दर्दनिवारक दवाएं दे सकते हैं और साथ ही साथ उसे नरम भोजन देने की सलाह भी देते हैं।

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कुत्तों में दांत की बीमारी से क्या समस्याएं हो सकती हैं?

पीरियोडॉन्टल बीमारी की वजह से दांतों में दर्द की समस्या बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, जब मसूड़ों में सूजन बढ़ जाती है तो कुत्तों को ह्रदय, किडनी और लिवर रोग का जोखिम हो सकता है।

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