अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि एक दिन में तीन कप या इससे अधिक कैफीनयुक्त पेय पदार्थ पीने से माइग्रेन का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप माइग्रेन की परेशानी से ग्रस्त हैं लेकिन कॉफी के शौकीन हैं, तो ये अध्ययन आपके लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। 

महिलाएं ज्यादा होती हैं प्रभावित 

हालिया शोध के अनुसार, दुनियाभर में माइग्रेन 10 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करता है। यह महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा प्रभावित करता है। टेक्सास में ह्यूस्टन मेथोडिस्ट हॉस्पिटल की डॉ. जूलिया कहती हैं कि कुछ खाद्य या पेय पदार्थ, तनाव, ज्यादा या कम नींद, हार्मोंस में बदलाव, तेज रोशनी और भूख की वजह से माइग्रेन का दर्द पैदा हो सकता है। वे आगे कहती हैं कि लगभग 9 प्रतिशत पुरुष और 16 प्रतिशत महिलाएं माइग्रेन से पीड़ित हैं और ये समस्या आगे चल कर परिवार में भी किसी भी सदस्य को हो सकती है।

कैफीन मस्तिष्क को कैसे प्रभावित करता है?

अजीब बात है कि कैफीन दर्द निवारक तो है लेकिन ये सिरदर्द का कारण भी बन सकता है। कैफीन की वजह से मस्तिष्क के आसपास की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और जब आप कैफीन का सेवन करना बंद कर देते हैं, तो ये फिर से खुल जाती हैं लेकिन ऐसा होने से दर्द पैदा हो सकता है।

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कैसे नुकसान पहुंचाती है कैफीन

सिरदर्द होने पर आप इससे तुरंत राहत पाना चाहते हैं। सिरदर्द का कारण तनाव हो या फिर माइग्रेन हो, कैफीन दोनों से ही राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसीलिए कई लोकप्रिय दर्द निवारक चीजों में कैफीन का इस्तेमाल किया जाता है।  

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कैफीन का माइग्रेन पर असर

एक जांचकर्ता और उनकी टीम ने एपिसोडिक माइग्रेन (जिसमें माइग्रेन अटैक 14 या इससे कम दिनों तक आता है) से ग्रस्त 98 वयस्कों का विश्लेषण किया। इस परीक्षण में सभी प्रतिभागियों ने छह सप्ताह तक दिन में दो बार एक इलेक्ट्रॉनिक डायरी में कैफीन के सेवन, जीवनशैली से जुड़ी कुछ बातें और माइग्रेन अटैक आने के बारे में जानकारी दर्ज की।

इसके बाद शोधकर्ताओं ने माइग्रेन अटैक की संभावना की उन दिनों से तुलना की, जिन दिनों में प्रतिभागियों ने कैफीनयुक्त पेय पदार्थ का सेवन नहीं किया था।

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निष्कर्ष में ये बात निकलकर सामने आई कि जिस दिन प्रतिभागियों ने दिन में तीन कप या इससे ज्यादा कैफीनयुक्त पेय पदार्थ का सेवन किया था सिर्फ उन दिनों में ही कैफीन की वजह से माइग्रेन अटैक का खतरा देखा गया। 

मेडिटेशन, एक्सरसाइज, मसाज और आहार में कुछ उचित बदलाव करके, समय पर सोने और तनाव को दूर कर के माइग्रेन को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

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