प्लेसेंटल अब्रप्शन क्या है?

यह गर्भवस्था की एक असामान्य व जटिल स्थिति है। गर्भावस्था के दौरान यूट्रेस में प्लेसेंटा यानी गर्भनाल विकसित होती है। यह गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाता है और बच्चे को पोषक तत्व और ऑक्सीजन की आपूर्ति कराता है।

प्लेसेंटल अब्रप्शन की स्थिति तब होती है जब प्रसव से पहले प्लेसेंटा आंशिक रूप से या पूरी तरह से गर्भाशय की भीतरी दीवार से अलग हो जाता है। इस वजह से बच्चे को पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है और मां को अत्यधिक ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।

प्लेसेंटल अब्रप्शन अक्सर अचानक होता है। यदि इसका उपचार नहीं किया जाए, तो यह मां और बच्चे दोनों की जान के लिए खतरा बन सकता है।

प्लेसेंटल अब्रप्शन के लक्षण

गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों (खासकर जन्म के पहले के कुछ हफ्ते) में प्लेसेंटल अब्रप्शन होने की संभावना सबसे अधिक होती है। प्लेसेंटल अब्रेशन के संकेत व लक्षणों में शामिल हैं:

  • योनि से रक्तस्त्राव
  • पेट दर्द
  • पीठ में दर्द
  • गर्भाशय संकुचन (गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन)
  • अक्सर इस स्थिति में पेट दर्द और पीठ दर्द अचानक से शुरू होता है। हर किसी में वजाइनल ब्लीडिंग (योनि से रक्तस्राव) की मात्रा अलग-अलग हो सकती है।

प्लेसेंटल अब्रप्शन के कारण

डॉक्टरों को इस स्थिति के सही कारण के बारे में पता नहीं है। उनका मानना है कि पेट में किसी तरह की चोट (उदाहरण के लिए दुर्घटना या गिरना) की वजह से ऐसा हो सकता है। ऐसी चोटों की वजह से बच्चे के चारों ओर मौजूद तरल पदार्थ जिसे एमनियोटिक लिक्विड (बच्चे को सुरक्षा प्रदान करने वाला द्रव) कहते हैं, तेजी से खत्म होने लगता है।

प्लेसेंटल अब्रप्शन का इलाज

प्लेसेंटा को फिर से उसकी सही जगह पर नहीं किया जा सकता है, इसलिए उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि प्रेगनेंसी में कितने समय की है, प्लेसेंटल अब्रप्शन की गंभीरता क्या है और मां व बच्चे की स्थिति क्या है। इसके उपचार में निम्न बातें महत्व रखती हैं:

  • यदि कोई महिला 34 सप्ताह से कम गर्भवती है: 
    प्रभावित महिला को तब तक के लिए मॉनीटरिंग के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है जब तक कि बच्चे की दिल की धड़कन सामान्य न हो जाए।
    यदि मां में ब्लीडिंग की समस्या नियंत्रित हो गई है और शिशु की स्थिति भी सामान्य है तो डॉक्टर आपको घर जाने की इजाजत दे सकते हैं।
    यदि प्रसव पीड़ा समय से पहले शुरू हो गई है, तो बच्चे के फेफड़ों को तेजी से विकसित करने में मदद करने के लिए स्टेरॉयड दिए जा सकते हैं।
     
  • यदि आप 34 सप्ताह से अधिक गर्भवती हैं: 
    अगर अब्रप्शन की स्थिति गंभीर नहीं है, तो आप नॉर्मल डिलीवरी करवा सकती हैं। यदि स्थिति गंभीर है और यह आपके या बच्चे के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है, तो आपको तुरंत सी-सेक्शन की आवश्यकता होगी। 

यदि किसी गर्भवती महिला को ब्लीडिंग या पेट में दर्द हो रहा है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है। डॉक्टर ऐसे में फिजिकल टेस्ट और ब्लड टेस्ट कर सकते हैं और गर्भाशय के अंदर समस्या का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड भी कर सकते हैं। इसलिए लक्षणों को पहचानने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ऐप पर पढ़ें