नाक से खून आने की स्थिति को नकसीर कहते हैं। कुत्तों में यह समस्या आम बात नहीं है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें लोकल और सिस्टेमिक के रूप में विभाजित किया गया है।

स्थानीय (लोकल) कारण तब हो सकता है जब नाक में किसी वजह से चोट या घाव बन जाता है। जबकि सिस्टेमिक कारणों में जब हाई बीपी, हाइपरविस्कोसिटी सिंड्रोम (प्रोटीन सामान्य से ज्यादा होने पर खून का गाढ़ा होना), खून के थक्के की बीमारी या कुछ प्रकार के कैंसर जैसे ल्यूकेमिया और मल्टीपल मायलोमा शामिल हैं।

कभी-कभी यह समस्या फंगल संक्रमण की वजह से भी हो सकती है। इसके अलावा टिक (किलनी या मकड़ी जैसा छोटे जीव) के कारण भी नकसीर हो सकता है, यह टिक प्लेटलेट्स को कम करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

नकसीर एक गंभीर बीमारी है। यदि आपका पालतू कुत्ता नकसीर की समस्या से पीड़ित है, तो यह बहुत जरूरी है कि उसके व्यवहार को शांत रखा जाए, भले ही उसकी स्थिति कितनी भी खराब क्यों न हो। ऐसे में कुत्ते के मालिक की प्राथमिकता होनी चाहिए कि कुत्ते में खून की कमी न होने पाए। उसे ऐसी एक्टिविटी करने से रोकें, जिससे उसका बीपी बढ़ सकता है। यदि कुत्ते में नकसीर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसकी नाक की तुरंत बर्फ (आइस पैक या कोई ठंडी चीज) से सिकाई करनी चाहिए, क्योंकि बर्फ की वजह से नस सिकुड़ सकती हैं, जिससे खून बहना रुक जाता है।

नाक के एक तरफ से खून आने का मतलब श्वसन प्रणाली में कोई घाव या ट्यूमर हो सकता है। ऐसे में छींकने के दौरान खून के छींटे या फिर लगातार खून भी निकल सकता है। इस स्थिति में रुई को रोल करके नाक के अंदर डालने का प्रयास न करें, क्योंकि इससे कुत्ते की छींक और भी ज्यादा बढ़ सकती है, जिसकी वजह से नाक से खून निकल सकता है।

  1. कुत्तों की नाक से खून आने के लक्षण - Kutte ki naak me khoon aane ke lakshan
  2. कुत्तों की नाक से खून आने का कारण - Kutte ki naak me khoon aane ka karan
  3. कुत्तों की नाक से खून आने का परीक्षण - Kutte ki naak se khoon aane ka parikshan
  4. कुत्तों की नाक से खून आने पर इलाज - Kutte ki naak se khoon aane par ilaj

कुत्तों में नकसीर के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं :

  • नाक के अंदर किसी बाहरी चीज के चले जाने से नाक या चेहरे के आसपास सूजन
  • बार-बार छींकना या हांफना
  • भोजन न करना
  • वजन कम होना
  • मल का रंग गहरा होना
  • सांस या मुंह से बदबू आना
  • मसूड़ों में खून आना

यदि मसूड़े पीले और दांतों में हल्का खून दिखाई देता है, तो ऐसी स्थिति में अपने कुत्ते को तुरंत पशु चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

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कई कारणों से नाक से खून आ सकता है। कई बार दूसरे कुत्तों से लड़ाई या अन्य किसी दुर्घटना के कारण भी यह समस्या विकसित हो सकती है। नकसीर के सामान्य कारणों में खून के थक्के की बीमारी या संक्रमण शामिल हैं, जो प्लेटलेट्स को कम कर सकते हैं। अन्य कारणों की सूची इस प्रकार है:

  • हीमोफीलिया
    इस बीमारी में चोट लगने पर खून का थक्का नहीं जम पाता है, जिस कारण चोट लगने पर खून बहना बंद नहीं होता है।
     
  • नाक में ट्यूमर
    आमतौर पर यह समस्या बड़े कुत्तों में पाई जाती है, इस स्थिति में नाक के अंदर जलन होती है और इस वजह से नाक से खून भी आ सकता है।
     
  • चूहे मारने की दवा
    यदि किसी कुत्ते ने गलती से ऐसा खाना खा लिया है जो चूहे को मारने के लिए रखा गया था, तो ऐसे में भी उसकी नाक से खून आ सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि चूहे मारने की दवा में मौजूद केमिकल खून का थक्का जमने की प्रक्रिया को रोक देते हैं।
     
  • कुछ दवाएं 
    एनएसएआईडी (दर्द, बुखार, सूजन को कम करने के साथ-साथ खून के थक्कों को बनने से रोकने वाली दवाएं जैसे एस्पिरिन) दवाएं खून को पतला करती हैं, जिसकी वजह से नाक से खून बह सकता है।
     
  • इडियोपैथिक राइनाइटिस
    अक्सर नकसीर आने के कारण का पता नहीं लग पाता है। नाक के अंदर की सूजन के कारण खून के रिसाव का कारण हो सकता है, लेकिन इसके पीछे के सटीक कारण के बारे में अभी तक जानकारी नहीं है।
     
  • लिवर खराब होना
    कुत्ते की एक नाक से खून बहना लिवर खराब होने के लक्षणों में सबसे सामान्य है। यह एक गंभीर संकेत है और इस कारण कुत्ते को बॉडी शॉक भी हो सकता है। बॉडी शॉक में कुत्ते के शरीर के पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता है।
     
  • वॉन विलेब्रांड डिजीज
    इसे वीडब्ल्यूडी भी कहा जाता है। यह एक जेनेटिक स्थिति है। इसमें खून के थक्के बनने की प्रक्रिया बिगड़ जाती है और ठीक से थक्का जम नहीं पाता है।
     
  • थ्रोम्बोसाइटोपेनिया
    इसमें प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। प्लेटलेट्स खून में पाई जाने वाली रंगहीन रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो खून के थक्के बनने की प्रक्रिया में मदद करती हैं। प्लेटलेट्स चोट की जगह पर खून को जमा देती हैं, जिससे खून बहना बंद हो जाता है।
     
  • अस्थि मज्जा रोग
    बोन मेरो (अस्थि मज्जा) प्लेटलेट्स बनाने में सहायक है इसलिए अस्थि मज्जा में यदि कोई विकार है, तो ठीक से थक्का नहीं बन पाएगा।
     
  • कैंसर
    इनमें विभिन्न प्रकार के ब्लड कैंसर, लिम्फेटिक कैंसर और माइलोमा शामिल हैं।
     
  • टिक से होने वाली बीमारियां
    कुत्तों के शरीर व बालों में रहने वाली कीटों से होने वाला संक्रमण भी खून में प्लेटलेट्स की संख्या को कम करके थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का कारण बन सकता है।
     
  • बाहरी पदार्थ
    नाक के अंदर लकड़ी का बारीक टुकड़ा (बुरादा) या घास की धारदार पत्तियां जाने से भी नाक से खून आ सकता है।
     
  • फंगल संक्रमण
    एस्परगिलस फ्यूमिगेटस सबसे आम प्रकार का फंगस है, जिसकी वजह से कुत्तों की नाक में संक्रमण हो सकता है और इस फंगस के कारण होने वाली सूजन से नकसीर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
     
  • दांत की समस्याएं
    कुछ गंभीर मामलों में दांत का फोड़ा नाक के अंदर तक बढ़ जाता है, जिसके कारण नाक से खून आने लगता है।

यदि किसी कुत्ते को एनएसएआईडी दवाएं दी जा रहीं हैं या आपको संदेह है कि कहीं आपके कुत्ते ने ऐसा खाना तो नहीं खा लिया है, जो चूहों को मारने के लिए दिया जाता है, तो ऐसे में आपको तुरंत अपने पशु चिकित्सक से बात करनी चाहिए। बीमारी का निदान करने के लिए कुत्ते के बीपी की जांच की सकती है।

प्लेटलेट काउंट, प्रोथ्रोम्बिन टाइम (एक तरह का ब्लड टेस्ट) और पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टाइम (स्क्रीनिंग टेस्ट जो किसी व्यक्ति में खून के थक्के बनाने की क्षमता का मूल्यांकन करने में मदद करता है) टेस्ट किया जा सकता है।

आपके पशु चिकित्सक बुकेल-म्यूकोसल टेस्ट (एक स्क्रीनिंग टेस्ट, जो ब्लीडिंग को रोकने के लिए लगने वाले समय को मापता है) भी कराने की सलाह दे सकते हैं।

फंगस की जांच के लिए ए. फ्यूमिगेटस नाम का ब्लड टेस्ट किया जा सकता है। हालांकि, यह टेस्ट सटीक नहीं माना जाता है। टिक से होने वाले संक्रमण की जांच के लिए टिक पैनल भी बनाया जा सकता है।

ब्लड टेस्ट से यदि कुछ पता नहीं चलता है, तो ऐसे में डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट (शरीर के अंदर के हिस्सों की तस्वीरें निकालने के लिए एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और रेडियो वेव का इस्तेमाल) करने की सलाह दे सकते हैं। यदि शरीर में कहीं भी ट्यूमर है, तो इस टेस्ट के जरिए यह पता चल सकता है कि नाक में घाव होने की आशंका है।

चूंकि फोड़े-फुंसियां ​​भी नकसीर का कारण बन सकती हैं, इसलिए आपके पशु चिकित्सक शारीरिक जांच कर सकते हैं।

यदि अन्य टेस्ट से भी कुछ पता नहीं चलता है तो नाक गुहा के आसपास के हिस्से की जांच करने के लिए रेडियोग्राफ टेस्ट किया जा सकता है।

यदि किसी परिणाम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो बायोप्सी (शरीर के ऊतक या कोशिका के नमूने को लैब में जांचना) की मदद ली जा सकती है।

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इस बीमारी का इलाज इसके लक्षणों पर आधारित है :

यदि नकसीर की समस्या किसी चोट या दुर्घटना की वजह से हुई है, तो पशु चिकित्सक चोट पर मरहम पट्टी कर सकते हैं। यदि इसकी वजह कोई गंभीर दुर्घटना है, तो सर्जरी के जरिए स्थिति को ठीक किया जा सकता है।

टिक से होने वाले संक्रमण व अन्य किसी प्रकार के संक्रमण का इलाज करने के लिए दवाओं का कोर्स शुरू किया जाता है।

खून के थक्के से संबंधित विकारों से पीड़ित कुत्ते के लिए प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता हो सकती है। प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन का उपयोग प्लेटलेट काउंट के कम होने या खराब प्लेटलेट वाले लोगों में ब्लीडिंग को रोकने या इलाज करने के लिए किया जाता है।

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