जब पेट का हिस्सा डायाफ्राम (diaphragm) के ज़रिये हमारी छाती के गुहा तक पहुंच जाता है, इसे हाइटल हर्निया (Hiatal hernia) कहते हैं। डायाफ्राम मांपेशियों की ऐसी शीट होती है जो हमारी छाती को पेट से अलग रखती है।

हाइटल हर्निया 50 या उससे ज़्यादा उम्र वाले लोगों में बहुत आम है। हाइटल हर्निया का सटीक कारण अभी पता नहीं चल पाया है लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार कमज़ोर उत्तक मुख्य कारण हो सकता है।

एक छोटे हाइटल हर्निया के बहुत कम लक्षण दिखते हैं, लेकिन एक बड़ा हाइटल हर्निया कई लक्षणों का कारण बन सकता है जैसे सीने में जलनसीने में दर्द, निगलने में दिक्कत, पेट के निचले हिस्से में दर्दथकान, जल्दी जल्दी डकार आना और खाना खाने के बाद पेट बहुत ज़्यादा भरा हुआ महसूस होना।

हर्निया के कई प्रकारों में से तीन सबसे सामान्य प्रकार हैं - 

  1. इनगुइनल हर्निया। (और पढ़ें - इनगुइनल हर्निया की सर्जेरी)
  2. अम्बिलिकल हर्निया। (और पढ़ें - अम्बिलिकल हर्निया की सर्जेरी)
  3. हाइटल हर्निया।

पहले दोनों में सर्जरी ही सबसे अच्छा इलाज है लेकिन हाइटल हर्निया को आप कुछ आसान से घरेलू उपाय से ठीक कर सकते हैं। 

तो आइये आपको बताते हैं हाइटल हर्निया के कुछ घरेलू उपाय –

  1. हर्निया का घरेलू उपाय है गर्म पानी - Hernia ka gharelu upay hai warm water in Hindi
  2. हर्निया से बचने का उपाय है मसाज - Hernia se bachne ka upay hai self massage in Hindi
  3. हर्निया राहत दिलाता है योगासन - Harniya se rahat dilta hai yoga in Hindi
  4. हर्निया का उपाय है सेब का सिरका - Harniya ka upay hai apple vinegar in Hindi
  5. हर्निया का घरेलू नुस्खा है दालचीनी - Hernia ka gharelu nuskha hai cinnamon in Hindi
  6. हर्निया रोग से छुटकारा पाने का तरीका है कैमोमाइल चाय - Hernia rog se chutkara pane ka tarika hai chamomile tea in Hindi
  7. हर्निया ठीक करने का घरेलू उपाय है बेकिंग सोडा - Hernia thik karne ka gharelu upay hai baking soda in Hindi
  8. हर्निया को दूर करने का उपाय है एलो वेरा जूस - Hernia ko dur karne ka tarika hai aloe vera in Hindi
  9. हर्निया का घरेलू नुस्खा है स्लिपरी एल्म - Hernia ka desi nuskha hai slippery elm in Hindi
  10. हर्निया से छुटकारा पाने का घरेलू तरीका है स्वस्थ खाना - Hernia ka desi upay hai swasth aahar in Hindi
  11. हर्निया से बचने के लिए टिप्स - Hernia se bachne ke liye tips in Hindi

सबसे पहले सुबह उठते ही गर्म पानी पिए और फिर कुछ व्यायाम करें इससे डायाफ्राम में खुलने वाले हर्निया को नीचे लाने में मदद मिलती है।

हर्निया के लिए गर्म पानी और व्यायाम –

  1. सबसे पहले सुबह उठते ही जब आप बेड पर हो तब एक ग्लास गर्म पानी या गुनगुना पानी रोज़ पियें। ये पेट की मांसपेशियों और डायाफ्राम को आराम पहुंचाता है।
  2. सबसे पहले आप खड़े हो जाएँ और अब अपनी बाज़ुओं को सीधा साइड में ले जाएँ। बाज़ू कन्धों की सीधे में होने चाहिए। फिर धीरे-धीरे हाथों को अपने सीने की तरफ लेकर आएं और हाथों को छाती से एकदम चिपका लें। कंधों को सीधा रखें। इससे आपके डायाफ्राम में खिचाव आएगा और छिद्र को भी खोलने में मदद मिलेगी।
  3. अब अपने पंजों पर खड़े हो जाएं। जितना हो सके उतना ऊंचा जाने की कोशिश करें और फिर नीचे आ जाएं। इस प्रक्रिया को कई बार करें। ऐसा करने से आपके पेट में जो पानी है, उसका वजन ज़्यादा आसानी से आपके पेट को नीचे की और ला सकेगा। 
  4. फिर अपने हाथों को ऊपर की तरफ एकदम सीधा कर लें, अब अपने खुले मुँह के साथ 15 सेकेंड तक जल्दी जल्दी सांस लें। हाफने से आपका डायाफ्राम फिर से टाइट होने लगेगा और छिद्र भी बंद होगा।

नोट - सुबह कॉफीचाय, जूस और ठंडा पानी न पियें। 

(और पढ़ें - गर्म पानी पीने के फयदे)

पेट के निचले क्षेत्र का पर खुद से मसाज करने से एब्डोमिनल कैविटी के ऊपरी क्षेत्र पर आराम मिलता है। ये हाइटल हर्निया की असहजता और लक्षण को दूर करता है। इसके साथ ही ये पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है।

खुद से मसाज कैसे करें -

  1. सबसे पहले कमर के बल सीधा लेट जाएँ।
  2. अब अपनी ऊँगली को छाती की हड्डी के नीचे रखें जहां आपका रिब केज (rib cage) होता है।
  3. अब धीरे प्रेशर के साथ नीचे की तरफ लेकर जाएँ और बेली बटन पर रुक जाएँ।
  4. इस प्रक्रिया को पांच मिनट तक करें।
  5. पूरे दिन में इसे दो बार दोहराएं। एक बार सुबह और एक बार शाम को।

योग हाइटल हर्निया के कारण होने वाले दर्द और असहजता को कम करता है। उत्कटासन जैसे योगासन डायाफ्राम और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।

उत्कटासन करने की विधि –

  1. सबसे पहले सीधा खड़े हो जाएँ और कंधों को नीचे की तरफ एकदम सीधा रखें। और पैरों और कूल्हों को थोड़ा अलग कर लें।
  2. अब धीरे धीरे हाथों को ऊपर की तरफ सीधा लेकर जाएँ।
  3. फिर शरीर को थोड़ा नीचे की तरफ झुकाएं। अपनी छाती को जाँघों की तरफ लेकर आएं। अपने कन्धों को नीचे झुकते समय एकदम सीधा रखें और अपने हाथों की हथेलियों को ज़मीन की तरफ दिखाएं।
  4. फिर घुटनों को झुकाएं जैसे आप कुर्सी पर बैठते हैं उस तरह।
  5. अपने वज़न को ज़मीन की तरफ ले जाते समय दबाव बनाएं। इस अवस्था 30 सेकेंड के लिए बनाकर रखें और अपनी सांस पर ध्यान दें।
  6. धीरे धीरे उठें।
  7. इस प्रक्रिया को थोड़ी देर और दोहराएं।

नोट - ऐसे योगासन न करें जो आपके पेट के निचले भाग पर दबाव बनाएं जैसे भुजंगासन, धनुरासन, और सेतुबंधासन। किसी प्रशक्षित योग गुरु के साथ ही हर्निया के लिए योग करें वर्ना हानि होने की सम्भावना हो सकती है। 

सेब का सिरका एक बहुत ही प्रभावी उपाय है जो हाइटल हर्निया की वजह से होने वाले लक्षणों को दूर करने में मदद करता है जैसे हार्टबर्न और एसिडिटी। सेब का सिरका प्राकृतिक रूप से एसिडिक होता है जिससे ये शरीर में अल्कलाइन प्रभाव का उत्पादन करता है।

सेब के सिरके का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक या दो चम्मच सेब के सिरके को एक ग्लास गर्म पानी में मिला दें।
  2. अब इस मिश्रण को खाना खाने से पहले धीरे धीरे पियें।
  3. जब आपको सीने में जलन (हार्टबर्न) और एसिडिटी की समस्या हो, तब इस मिश्रण को पियें ।
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ये लोकप्रिय मसाला आपके पेट को आराम और राहत देने में मदद करता है। ये पेट के निचले क्षेत्र के दर्द और पेट फूलने की समस्या से राहत दिलाता है, खासकर खाना खाने के बाद। ये प्राकृतिक एंटासिड की तरह भी काम करता है।

दालचीनी का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को एक कप पानी गर्म पानी में मिला दें।
  2. अब इस बर्तन को को ढक कर रख दें और कुछ मिनट तक उबलते हुए रहने दें।
  3. अब इस चाय को गर्म गर्म पी लें।
  4. पूरे दिन में दो या तीन बार इस चाय को पियें।
  5. इसके साथ ही दालचीनी को अपने आहार में भी शामिल करें।  

कैमोमाइल को इसके सूजनरोधी गुणों की वजह से जाना जाता है। ये हाइटल हर्निया के लिए एक प्राकृतिक उपाय है। ये पेट के दर्द से राहत दिलाता है, हार्टबर्न का इलाज करता है और पाचन क्रिया की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है।

कैमोमाइल चाय का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक चम्मच कैमोमाइल को एक कप गर्म पानी में मिला दें।
  2. अब इस बर्तन को ढक कर रख दें और पांच मिनट तक उबलते रहने दें।
  3. फिर इस मिश्रण को छान लें और अब अपने स्वाद के अनुसार इसमें शहद मिलाएं।
  4. धीरे धीरे इस चाय को पियें।
  5. पूरे दिन में इस चाय को चार बार ज़रूर पियें, खासकर खान के बीच में ज़रूर।  

बेकिंग सोडा एक प्राकृतिक एंटासिड है। ये हार्टबर्न से जल्द राहत दिलाता है, जो कि हाइटल हर्निया का एक बहुत आम लक्षण है। 

बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले आधा चम्मच बेकिंग सोडा को एक ग्लास पानी में मिला दें।
  2. अब इस मिश्रण को जल्दी पी जाएँ।
  3. जब जब ज़रूरत पड़े तब तब इस मिश्रण को पियें लेकिन इस मिश्रण को ज़्यादा भी पीने की कोशिश न करें।

नोट - अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है तो इस उपाय को न आजमाएं।

एलोवेरा हाइटल हर्निया की वजह से आने वाली पाचन क्रिया में दिक्कतों के लिए एक प्राकर्तिक घरेलू उपाय है। ये आंत की इनर लाइनिंग में आराम पहुंचाता है और पेट के निचले क्षेत्र पर होने वाले दर्द को भी दूर करता है। ये सूजन को दूर करके हार्टबर्न की समस्या को भी नियंत्रित करता है।

एलो वेरा का इस्तेमाल कैसे करें - सबसे पहले आधा कप एलो वेरा जूस को खाना खाने से 20 मिनट पहले पी लें।

नोट - दो चम्मच से ज़्यादा एलो वेरा का जूस न बनाएं। इससे आपको दस्त हो सकता है।

ये जड़ी बूटी हाइटल हर्निया के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है। ये एसिडिटी को दूर करता है हार्टबर्न को भी कम करता है। इसके साथ ही स्लिपरी एल्म में आराम और सूजन को कम करने के गुण भी होते हैं।

स्लिपरी एल्म का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले एक चम्मच रपटीला एल्म के पाउडर को एक कप गर्म पानी में मिला दें।
  2. अब इसे दस मिनट तक उबलने को रख दें।
  3. इस मिश्रण को फिर पी जाएँ।
  4. पूरे दिन में इसे दो बार ज़रूर पियें, खासकर खाना खाने के बाद।  

जब आप हाइटल हर्निया से पीड़ित हो तो ज़रूरी है कि आप अपने आहार पर भी बेहद ध्यान दें। अपने दिमाग में दो ज़रूरी बाते रखे -

  • ऐसे खाद्य पदार्थ ना खाएं जो आपके लक्षणों को और ख़राब कर रहे हो।
  • अपने वज़न को कम करें इससे आपके पेट पर दबाव कम पड़ेगा।

खाद्य पदार्थों में कैसे बदलाव लाएं -

  1. सबसे पहले हार्टबर्न करने वाले आहार न खाएं जैसे चॉक्लेट, कैफीन, प्याज, लहसुन, मसालेदार खाना, तला खाना, साइट्रस फल और टमाटर पर आधारित खाने।
  2. डाइट रिच फल और सब्ज़ियां खाएं। पतला मीट खाएं लेकिन मसाले वाला न खाएं।
  3. स्वस्थ वसा खाएं जैसे जैतून का तेल और नट्स जिससे आपकी डाइट संतुलित रहे।
  4. अपने आहार में साबुत अनाज खाद्य पदार्थ लें।       
  1. पूरे दिन में छोटे छोटे टुकड़ों में खाना खाएं। एकदम भारी खाना न खाएं।
  2. रात को सोने से पहले दो या तीन घंटे पहले अपना खाना खा लें।
  3. अगर आपका वज़न ज़यादा है तो अपना वज़न कम करने। (और पढ़ें - वजन कम करने के उपाय)
  4. शराब पीना बिल्कुल कम कर दें या बिल्कुल छोड़ दें।
  5. धूम्रपान न करें और तम्बाकू का सेवन बिल्कुल त्याग दें।
  6. अपने सिर को चार से छः इंच बेड से ऊपर रखें जिससे हार्टबर्न और एसिडिटी के लक्षणों को रोका जा सके।
  7. खाना खाने के तुरंत बाद लेटे या आगे की तरफ झुके नहीं।
  8. खाना खाने के बाद थोड़ा घूमे फिरे।
  9. पेट की गैस निकलने दें दबाव न बनाये।
  10. ढीले और आरामदायक कपड़े पहने।
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