विटामिन बी 2 को राइबोफ्लेविन के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन बी समूह का यह विटामिन स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक होता हैं।

भोजन खाने के बाद उसके पचने और उसमें से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में विटामिन बी 2 मदद करता है। ऊतकों के लिए भी विटामिन बी 2 महत्वपूर्ण माना जाता है। इसकी मदद से आंखे, त्वचा, मांसपेशियां और नसें स्वस्थ रहती हैं। इसके सेवन से आप कई रोगों से दूर रहते हैं।

इसको आप अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियों और डेयरी उत्पादों से ग्रहण कर सकते हैं।

आगे इस लेख में पढ़िए विटामिन बी 2 क्या होता है, विटामिन बी 2 के फायदे, इसको कितनी मात्रा में लेना चाहिए, विटामिन बी 2 की अधिकता से होने वाले नुकसान और विटामिन बी 2 के स्त्रोत।

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  1. विटामिन बी2 क्या है? - Vitamin B2 kya hai
  2. विटामिन बी2 के फायदे - Vitamin B2 ke fayde
  3. विटामिन बी2 कितनी मात्रा में लेना चाहिए - Vitamin B2 kitni matra me lena chahiye
  4. विटामिन बी2 की अधिकता - Vitamin B2 ki adhikta
  5. विटामिन बी2 के स्त्रोत - Vitamin B2 ke srot

विटामिन बी समूह में दूसरा है विटामिन बी 2। विटामिन बी 2 शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। यह शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसके साथ ही यह स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को बनाने और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक होता है। इतना ही नहीं मेटाबॉलिज्म को ठीक रखने, फ्री रेडीक्लस को नष्ट करने, लंबाई बढ़ाने, त्वचा और आंखों को स्वस्थ रखने आदि कार्यो में भी विटामिन बी 2 महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विटामिन बी के समूह के अन्य विटामिन की तरह विटामिन बी 2 भी पानी में घुलनशील होता है। विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन) की कमी से बचने के लिए आपको रोजाना इसको अपने आहार में लेना जरूरी होता है। सभी तरह के विटामिन बी भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने और पचाने में सहायक होते हैं।

इसके अलावा विटामिन बी 2 शरीर में मौजूद कोशिकाओं के कार्य के लिए आवश्यक होता है। इसकी अधिकता और कमी से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। शरीर में विटामिन बी 2 उचित मात्रा में उपस्थित होना चाहिए, इससे विटामिन बी 6 और फोलिक एसिड सहित अन्य बी विटामिन को अपना कार्य करने में सहायता मिलती है।

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विटामिन बी 2 को आहार में लेने से कई तरह के फायदे होते हैं। इसके कुछ फायदों के बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है -

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विटामिन बी 2​ सिर दर्द और माइग्रेन को दूर करने में सहायक होता है

विटमिन बी 2 सिर में तेज दर्द को कम करने के लिए जाना जाता है। सिर दर्द और रोजाना माइग्रेन होने पर डॉक्टर मरीज को अधिक मात्रा में विटामिन बी 2 देते हैं। इससे बार-बार माइग्रेन होना भी रुक जाता है। इतना ही नहीं यह माइग्रेन के लक्षण और दर्द को कम करने के साथ ही दर्द की अवधि को भी कम कर देता है।

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विटामिन बी 2 आंखों को स्वस्थ बनाने में मददगार होता है

अध्ययन से इस बात का पता चला है कि विटामिन बी 2 की कमी से आंखों में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है। विटामिन बी2 आंखों से संबंधित कई तरह के विकारों को दूर करने का काम करता है। ​विटामिन बी 2 मोतियाबिंदकाला मोतियाबिंद (ग्लूकोमा) और किराटोकोनस (Keratoconus/ आंखों की पुतली की समस्या) आदि समस्याओं से बचने में मदद करता है। एक रिसर्च में पाया गया कि पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 2 लेने से आखों के विकारों की समस्या का जोखिम कम होता है।

ग्लूकोमा जैसे आंखों के विकारों के इलाज में विटामिन बी 2 की दवा (ड्रॉप) को आप सीधे आंखों में डाल सकते हैं। इसके अलावा "लाइट थेरेपी" (Light Therapy) से भी आंखों को शक्ति प्रदान कर सकते हैं।

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विटामिन बी2 एनीमिया होने से रोकता है

लाल रक्त कोशिकाओं की कमी, रक्त में ऑक्सीजन ले जाने में मुश्किल, खून की कमी आदि जैसे कई कारणों से एनीमिया हो सकता है। विटामिन बी 2 लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने, रक्त में ऑक्सीजन ले जाने और खून की कमी को दूर करने के कार्य में सहायक होता है। इसके साथ ही एनीमिया से बचाव और इलाज में विटामिन बी 2 की आवश्यकता होती है। यह शरीर में आयरन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। आहार में विटामिन बी 2 की पर्याप्त मात्रा न होने से आपकोविटामिन बी 2 की कमी हो सकती है और इससे ही आपको एनीमिया व उससे जुड़े अन्य रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

रिसर्च से पता चला है कि विटामिन बी 2 पूरक (सप्लीमेंट) लेने से एनीमिया में मदद मिलती है।

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विटामिन बी 2 के गुण शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में मदद करते हैं

शरीर में मेटाबॉलिज्म ठीक से होने के लिए विटामिन बी 2 की आवश्यकता होती है, अन्यथा मस्तिष्क, तंत्रिकाओं, पाचन तंत्र और हार्मोन के कार्यों में बाधा आ सकती है। विटामिन बी 2 की कमी से मेटाबोलिज्म ठीक से नहीं हो पाटा है और शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। इसलिए शारीरिक विकास के लिए विटामिन बी 2 बहुत ही जरूरी है।

विटामिन बी 2 थायराइड और ऐड्रनल ग्रंथि को उनका काम ठीक से करने में भी मदद करता है। इसकी कमी से थायराइड रोग का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा विटामिन बी 2 तंत्रिका तंत्र और हार्मोन्स को नियंत्रित करता है। इससे आपकी भूख, ऊर्जा, मूड, शारीरिक तापमान आदि भी नियंत्रण में आ जाते हैं।

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विटामिन बी 2 कैंसर से बचाव में प्रभावी है

विटामिन बी 2 एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है। ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में से मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) को खत्म करते हैं, जिससे लिवर को साफ करने में मदद मिलती है। फ्री रेडिकल्स शरीर को नुकसान पहुंचा कर कई बीमारियों का कारण बनते हैं। विटामिन बी 2 पाचन तंत्र के भीतर एक स्वस्थ परत को बनाकर इन बीमारियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वस्थ पाचन तंत्र आपके आहार से पोषक तत्वों को अवशोषित करने और उपयोग करने का कार्य करता है।

इसके अलावा कुछ नयी रिसर्च से ऐसे संकेत मिले हैं कि यह एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से बचाव में भी मदद करते हैं। वर्तमान में जो प्रमाण मिले हैं, उनके अनुसार कोलन कैंसर, गले के कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं। हालांकि, इसकी पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए अभी और रिसर्च की आवश्यकता है।

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विटामिन बी 2 के लाभ बालों और त्वचा के लिए

विटामिन बी 2 "कोलेजन" (Collagen) के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कोलेजन त्वचा और बालों में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक तत्व है जो उन्हें स्वस्थ रखता है। इससे आपकी त्वचा जवान बनी रहती है और झुर्रियां भी नहीं आती है। इसलिए विटामिन बी 2 की कमी होने पर उम्र बढ़ने के लक्षण जल्दी दिखने लगने लगते हैं। रिसर्च से ये भी पता चला है कि राइबोफ्लेविन से चोट और घाव जल्द ठीक हो जाते हैं। इसके साथ ही इससे त्वचा में जलन, होठों का फटना और बुढ़ापे के संकेतो को प्राकृतिक रूप से कम करने में मदद मिलती है।

विटामिन बी 2 को रोजाना आहार के माध्यम से लेना जरूरी होता है। हर आयु वर्ग के लोगों को अलग-अलग मात्रा में इसकी आवश्यकता होती है, जिसको आप नीचे आसानी से जान सकते हैं।

आयु मात्रा (अनुमानित)
0 से 1 साल 0.4 से 0.5 मिलीग्राम
1 से 3 साल 0.8 मिलीग्राम
4 से 10 साल 1.1 से 1.2 मिलीग्राम
गर्भवती महिलाएं 1.6 मिलीग्राम
स्तनपान कराने वाली महिलाएं 1.7 से 1.8 मिलीग्राम
अन्य वयस्क महिलाएं 1.3 मिलीग्राम
वयस्क पुरुष 1.7 मिलीग्राम

यह मात्रा निजी स्वास्थ्य संस्थाओं से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बताई गई हैं। 

विटामिन बी 2 अधिकता से लीवर को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन विटामिन बी 2 की अधिकता के मामले बहुत की कम देखने में आये हैं।

आहार के माध्यम से ज्यादा विटामिन बी 2 शरीर में जाने के लिए इतना विटामिन बी 2 युक्त खाना खाने की जरूरत होती है कि यह शायद की किसी के लिए मुमकिन हो। इसके अलावा आप दवा या इंजेक्शन रूप में भी विटामिन बी 2 की अधिक मात्रा ले सकते हैं, लेकिन इससे भी आपको कोई हानि नहीं होती है, क्योंकि शरीर को विटामिन बी 2 की जितनी आवश्यकता होती है, उतनी मात्रा का ही उपयोग करता है, बाकि मात्रा शरीर में संरक्षित नहीं हो पाती है।

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विटामिन बी 2 को आप अपने भोजन से प्राप्त कर सकते हैं। नीचे आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में बताया जा रहा है जिनमें विटामिन बी 2 पाया जाता है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें राइबोफ्लेविन है

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