अभी कुछ ही दिन बीते हैं, जब साल 2019 का आखिरी सूर्यग्रहण (26 दिसंबर 2019) लगा था और अब साल 2020 का पहला चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। जी हां, 10 जनवरी 2020 को इस साल का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है, जिसको लेकर तमाम खगोलविद और वैज्ञानिकों में एक अलग उत्साह है, तो कैसा होगा यह चंद्रग्रहण और कैसे यह आपके जीवन को प्रभावित करेगा। साथ ही चंंद्रग्रहण क्यों लगता आइए आपको बताते हैं।

कब दिखाई देगा चंद्रग्रहण?
नासा (NASA- नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के मुताबिक 10 जनवरी को लगने वाला चंद्रग्रहण 4 घंटे की अवधि का होगा, जो कि 10 जनवरी की रात 10.30 बजे शुरू होगा और 11 जनवरी 2020 की सुबह करीब 2.11 बजे खत्म होगा।

कैसा होगा इस बार का चंद्रग्रहण?
इस बार का चंद्रग्रहण थोड़ा अलग होने वाला है। बता दें कि चंद्रग्रहण तीन ( पूर्ण चंद्रग्रहण, आंशिक और पेनुमब्रल या उपछाया) प्रकार का होता है और 10 जनवरी को पेनुमब्रल यानि उपछाया चंद्रग्रहण होगा। इस प्रकार का चंद्रग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा आंशिक रूप से आमने-सामने होते हैं, जो कि बाकी दो प्रकार के चंद्रग्रहण की तुलना में थोड़ा डार्क यानि गहरा होता है। जानकारी के मुताबिक इस साल संभावित रूप से चार पेनुमब्रल चंद्रग्रहण होंगे, जिसमें से पहला 10 जनवरी को है। गौरतलब है कि पीछे साल (2019) एक पूर्ण चंद्रग्रहण और एक आंशिक चंद्रग्रहण लगा था।

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कहां-कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण?
इस बार का चंद्रग्रहण पूरे भारत समेत एशिया के बाकी देशों में भी दिखाई देगा। इसके अलावा यह यूरोप और अफ्रीकी देशों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

क्या चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकता है?
वैज्ञानिकों की मानें तो चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखने से कोई नुकसान नहीं होगा। इसलिए आप बिना किसी विशेष चश्मे के नंगी आंखों से भी चंद्रग्रहण देख सकते हैं।

नंगी आंखों से देखने पर क्यों नहीं होगा कोई नुकसान
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर फतमा का कहना है कि चंद्रग्रहण के दौरान हानिकारक रेडिएशन की आशंका कम होती। दरअसल चंद्रग्रहण की तुलना में सूर्यग्रहण के दौरान हानिकारक रेडिएशन निकलता है, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं, इस हानिकारण रेडिएशन की वजह से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। 

पेनुमब्रल चंद्रग्रहण को लेकर क्या हैं मिथक
सूर्यग्रहण हो या फिर चंद्रग्रहण, दुनिया के तमाम देशों में ग्रहण को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग प्रकार की धारणाएं या मिथक जरूर होते हैं। अगर हमारे देश की बात की जाएं (हिंदू मान्यताओं के आधार पर) तो यहां चंद्रग्रहण को लेकर कई मिथक है। जैसे- कहा जाता है कि इस दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। विशेषकर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान खास ध्यान रखने का सुझाव दिया जाता है।

हालांकि, मिथक से परे विज्ञान का अपना अलग तर्क है, क्योंकि वैज्ञानिक ग्रहण को महज खगोलीय घटना से ज्यादा कुछ नहीं मानते। कुल मिलाकर अंतरिक्ष में होने वाली यह घटनाएं हमारे जीवन से कैसे जुड़ी हैं, इसको लेकर धार्मिक मान्यताएं हैं और वैज्ञानिक धारणाएं भी। यह दोनों अपने-अपने स्थान पर सही हो सकती हैं और इनका एक संभावित असर व्यक्ति के जीवन में देखा जा सकता है।

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