शायद आप इस तथ्य से वाकिफ हों कि प्राचीन काल में लंबे नाखूनों का बहुत चलन था। कुछ जगहों पर तो लंबे नाखून स्टेटस का सिंबल भी हुआ करते थे और कुछ सभ्यताओं में नाखूनों पर बने डिजाइन काफी महत्वपूर्ण माने जाते थे।

हालांकि, अब ऐसा कुछ नहीं है। मौजूदा समय में नाखून न सभ्यता के सूचक हैं और न ही स्टेटस को बयां करते हैं। लेकिन हां, आज नाखून पर्सनैलिटी को निखारने में अहम भूमिका जरूर निभाते हैं। यही वजह है कि ज्यादातर लड़कियां और महिलाएं अपने नाखूनों को ज्यादा सुंदर बनाने के प्रति सजग हो रही हैं।

इसी क्रम में इन दिनों नेल एक्सटेंशन के प्रति महिलाओं का रुझान काफी बढ़ रहा है। अगर आप भी नेल एक्सटेंशन करवाने की सोच रही हैं तो पहले जान लें कि ये क्या होता है और इसके फायदे-नुकसान क्या हैं।

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क्या है नेल एक्सटेंशन

नेल एक्सटेंशन में प्लास्टिक की हल्के वजन की प्लेट से नाखूनों को लंबा किया जाता है। इन प्लेटों को असली नाखून के ऊपर ग्लू की मदद से चिपकाया जाता है और इसके बाद इसे शेप दी जाती है। इन प्लेटों के चिपकने के बाद इसे फाइबर ग्लास, एक्रेलिक या जैल कोटिंग की मदद से मजबूत किया जाता है। इससे नाखून शाइनिंग और मजबूत बनते हैं।

नेल एक्सटेंशन के प्रकार

  • एक्रेलिक नेल्स
    नेल एक्सटेंशन का यह बहुत सामान्य तरीका है, जिसके बारे में संभवतः कई लोग जानते हैं। एक्रेलिक नेल्स के लिए मोनोमर लिक्विड मिक्स्ड और पॉलीमर पाउडर की मदद से पेस्ट बनाया जाता है और इसे नाखून की टिप पर लगाया जाता है। यह पेस्ट समय के साथ सख्त होता चला जाता है और 3 से 4 हफ्तों तक टिका रहता है।

एक्रेलिक नेल्स के फायदे

  • एक्रेलिक एक्सटेंशन उन महिलाओं के लिए ज्यादा उपयुक्त है, जिनके नाखून टूटे या कमजोर होते हैं।
  • एक्रेलिक एक्सटेंशन उन महिलआों के लिए अच्छा विकल्प है, जिन्हें नाखून चबाने की आदत है। असल में एक्रेलिक एक्सटेंशन सख्त होते हैं जिन्हें चबाया नहीं जा सकता है। (और पढ़ें - नाखून चबाने के नुकसान)
  • अन्‍य विकल्‍पों की तुलना में एक्रेलिक नेल्‍स ज्‍यादा लंबे समय तक चलते हैं। इसलिए सैलून और स्‍पा में काम करने वाले अधिकतर टेक्‍नीशियनों को एक्रेलिक नेल्‍स लगाने और हटाने का अच्‍छा अनुभव होता है।
  • एक्रेलिक एक्सटेंशन के ज्यादा कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होते हैं इसलिए आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
  • एक्रेलिक एक्सटेंशन, जैल नेल्स से ज्यादा टिकाऊ होते हैं।

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एक्रेलिक नेल्स के नुकसान

  • एक्रेलिक एक्सटेंशन को अगर सही तरह से नहीं निकाला गया तो यह आपके असली नाखूनों को खराब कर सकता है।
  • एक्रेलिक एक्सटेंशन नकली होते हैं। इसे करवाने के लिए आपको बेहद अनुभवी और परफेक्शनिस्ट टेक्नीशियन की जरूरत पड़ेगी जो एक्रेलिक एक्सटेंशन को नैचुरल लुक दे सकते हैं।
  • एक्रेलिक एक्सटेंशन में ऐसे रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है जिनसे स्किन को नुकसान पहुंच सकता है।
  • कुछ महिलाओं को एक्रेलिक एक्सटेंशन में इस्तेमाल होने वाले तत्वों से एलर्जी हो सकती है।
  • इन्हें नियमित रीफिल करवाने की जरूरत पड़ती है यानी हर महीने का खर्चा। 
  • जैल नेल एक्सटेंशन
    जैल नेल एक्सटेंशन को जैल ओवरलेज भी कहते हैं। इस प्रक्रिया के तहत आपके असली नाखूनों पर जैल की मोटी पारदर्शी परत चढ़ाई जाती है। इस प्रक्रिया के लिए एल.ई.डी और यू.वी लाइट की जरूरत पड़ती है। 

जैल नेल एक्सटेंशन के फायदे

  • चूंकि, ये बहुत ही ज्यादा हल्के वजन के होते हैं तो इन्हें लगाने से किसी तरह की असहजता नहीं होती है। नाखूनों की अन्य ट्रीटमेंट से अलग इसमें कोई महक भी नहीं आती है।
  • जैल नेल एक्सटेंशन आपके प्राकृतिक नाखूनों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं अपितु ये आपके नाखून की रक्षा करते हैं और उन्हें बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
  • जैल नेल एक्सटेंशन ज्यादा असली नज़र आते हैं।
  • लचीले होने के कारण यह आसानी से टूटते नहीं है। (और पढ़ें - नाखूनों की देखभाल के लिए टिप्स)

जैल नेल एक्सटेंशन के नुकसान

  • जैल नेल एक्सटेंशन करवाना महंगा होता है।
  • चूंकि, जैल नेल एक्सटेंशन प्रक्रिया के लिए यू.वी लाइट की जरूरत होती है इसलिए इसे आप घर पर नहीं करवा सकते हैं।
  • यह सिर्फ 14 दिनों तक रहता है यानी यह प्रक्रिया टिकाऊ नहीं है।
  • जैल नेल्स को निकालना आसान नहीं है बल्कि इसे निकालने में काफी समय लगता है। (और पढ़ें - नाखून के ऊपर की ओर घुमाव)
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