अरहर भारत में 3,500 साल पहले आयी थी। 2,000 ईसा पूर्व में पूर्वी अफ्रीका में अरहर की दाल को विकसित किया गया था, और इसके बाद में फिर अमेरिका में लाया गया। इसके बीज को अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में अनाज के रूप में उपयोग किया जाता है। आज के समय में अरहर की दाल दुनियाभर में व्यापक रूप से उगाई जाती है और कृषि प्रथाओं में ये एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अरहर की दाल का पेड़ आसानी से बढ़ता है, यहां तक कि कठोर परिस्थितियों में भी इस दाल का पेड़ सरलपूर्वक पनपता है। 

अरहर दाल के कई लाभ हैं - इससे शरीर की वृद्धि होती है, रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) संतुलित रहता है, हृदय से जुडी बीमारियां नहीं होती, वज़न को संतुलन में रखता है, पाचन क्रिया को सुधारता है, शरीर की ऊर्जा अच्छी रहती है और सूजन से जुडी परेशानियां नहीं होतीं। औषधीय लाभ के संदर्भ में, अरहर की दाल में प्रोटीन, खनिज, विटामिन, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। इनसे आपके शरीर को भरपूर पोषण मिलता है।

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तो आइये अरहर की दाल के इन और दूसरे लाभ पर करीब से नज़र डालते हैं -

  1. अरहर दाल के फायदे - Arhar dal benefits in Hindi
  2. अरहर दाल के नुकसान - Arhar dal ke nuksan in hindi

अरहर की दाल के गुण से रखें ब्लड प्रेशर नियंत्रित - Arhar dal controls Blood pressure in Hindi

अरहर की दाल में प्रमुख खनिज पोटेशियम पाया जाता है और शरीर में ये कई तरह की भूमिका निभाता है। दरअसल अरहर की दाल को उपचार माना जाता है क्यूंकि इसके खाने से रक्त संचार शरीर में बिना किसी रुकावट के अच्छे से चलता है और रक्तचाप भी संतुलित रहता है। जिस भी व्यक्ति को हाई बीपी और हृदय से जुडी बिमारी हैं तो अपने रोज़ के खाने में दो या तीन बार अरहर की दाल का सेवन ज़रूर लें। (और पढ़ें - उच्च रक्तचाप के घरेलू उपचार)

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अरहर दाल से होता है शारीरिक विकास - Pigeon peas good for development of body in Hindi

दुनियाभर में अरहर की दाल भोजन का एक ज़रूरी हिस्सा बन चुकी है इसका कारण यह है कि इस दाल में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। एक कप पकी हुई अरहर दाल में लगभग 11 ग्राम प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर के सम्पूर्ण वृद्धि और विकास के लिए बहुत आवश्यक है। प्रोटीन हमारे मांसपेशियों, हड्डियों, कोशिकाओं और ऊतकों का निर्माण करने में हमारी मदद करता है। (और पढ़ें - पैरों में दर्द और कमज़ोरी को दूर करेंगे यह सरल उपचार)

तुअर दाल दूर करती है खून की कमी – Toor dal prevents anemia in Hindi

अरहर दाल में अधिक मात्रा में फोलेट (जो लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करता है) होता है जो मानव शरीर में कई तरह की भूमिका निभाता है। सबसे पहले, फोलेट की कमी से खून की कमी होती है और पेट में पल रहे बच्चे की न्यूरल ट्यूब में कमी आ सकती है। एनीमिया बहुत ही साधारण बिमारियों में से एक है और विकासशील देशों में तो ये आम बिमारी बन गयी है जिस वजह से अरहर की दाल खाना और भी ज़रूरी बनता जा रहा है। एक कप अरहर की दाल में अधिक मात्रा में विटामिन होता है जो हमारे दैनिक आहार से बहुत ही ज़्यादा है। 

अरहर दाल सूजन के लिए है गुणकारी - Pigeon peas beneficial for inflammation in Hindi

अरहर की दाल के पेड़ और उसके पत्ते, बीज और मटर को कई तरह की बिमारियों के लिए किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है। अरहर की दाल को खाने से शरीर की सूजन को आप जल्दी ठीक कर सकते है। विशेष रूप से, अरहर के मटर का पेस्ट आमतौर पर बवासीर की बिमारी के लिए एक लोकप्रिय पारंपरिक दवाई है। 

तुअर की दाल वज़न घटाने के लिए है लाभकारी - Red gram lentil for weight loss in Hindi

अरहर दाल में पोषक तत्व होने के बावजूद, इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। साथ ही संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल भी कम मात्रा में पाया जाता है। किसी भी कम पोषक वाले आहार के साथ समस्या होती है जल्दी भूख लगना लेकिन अरहर दाल के खाने से आपको फाइबर और वो सभी पोषक तत्व मिलते है जिनकी आपके शरीर को ज़रुरत होती हैं। इसके सेवन से आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है साथ ही वज़न भी नियंत्रण में रहता है। अगर इसको उच्च वसा वाले खाद्या पदार्थ की जगह अपने भोजन में शामिल किया जाए तो वजन घटाने में भी मदद करती है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाना चाहिए)

तुअर की दाल ऊर्जा बढ़ाने में है सहायक - Arhar dal increases energy in Hindi

जैसा कि ऊपर बताया गया है, अरहर की दाल की ऊर्जा आपके शरीर की ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है और ये सब इन फलियों में विटामिन बी की उपस्थिति से होता है। नियासिन और राइबोफ्लेविन शरीर में मौजूद वसा के भंडारण को रोकता है। (और पढ़ें - थकान दूर करने और ताकत के लिए क्या खाएं)

 

तुअर की दाल बढ़ाये प्रतिरोधक क्षमता - Toor dal makes Immune system stronger in Hindi

कच्ची मटर खाना बहुत ही लाभदायक है। जब आप कच्ची मटर को पका लेते है तो उसमे मौजूद विटामिन सी का स्तर लगभग 25% कम हो जाता है इसलिए अगर आपको अपनी ऊर्जा क्षमता को बेहतर करना है तो बिना पके मटर का सेवन करें। विटामिन सी, श्वेत रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है और शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

अरहर दाल रखे दिल को स्वस्थ - Pigeon peas for heart health in Hindi

अरहर दाल पोटेशियम, फाइबर और निम्न स्तर कोलेस्ट्रॉल के संयोजन से हृदय को स्वस्थ बनाएं रखती है। पोटेशियम रक्त के दबाव को कम करके दिल पर तनाव कम कर देता है, फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखता है और एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis; धमनियां सिकुड़ जाती हैं और रक्त का संचालन नहीं हो पाता) को रोकने में मदद करता है। 

अरहर दाल के गुण से पाचन - क्रिया रहे ठीक

कई फलियों की तरह अरहर की दाल फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, जो पाचन सुधारने के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है। फाइबर मल को बढ़ावा देता है जिससे ऐंठन और जलन जैसी परेशानी नहीं होतीं हैं। फाइबर से कब्ज, सूजन, और दस्त को कम किया जा सकता है। 

अरहर दाल के कोई भी ऐसे दुष्प्रभाव नहीं हैं। हालांकि, अगर किसी को अरहर दाल खाने से एलर्जी महसूस होती है तो उन्हें खाने से पहले चिकित्सक से सलाह ले लेनी चाहिए। ज़्यादा अरहर की दाल खाने से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

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