गुर्दे की पथरी एक बहुत ही सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। गुर्दे की पथरी मूत्र में मौजूद रसायनो से बनती है जैसे कि यूरिक एसिड, फास्फोरस, कैल्शियम और ऑक्सालिक एसिड। विटामिन डी, खनिज असंतुलन, निर्जलीकरण, गाउट और अनुचित आहार की अत्यधिक खपत गुर्दे की पथरी से जुड़े अन्य कारण हैं।

गुर्दे की पथरी का आकार कितना भी हो, इनके होने से दर्द ज़रूर होता है। इससे जुड़े अन्य लक्षण hain - baar baar मूत्र aana, मूत्र करते समय दर्द महसूस होना, उल्टी और अत्यधिक पसीना आना। परंपरागत दवाओं के अलावा अधिकांश मामलों में प्राकृतिक उपायों से गुर्दे की पथरी का इलाज किया जा सकता है। इन उपायों में बहुत से उपाय ऐसे भी हैं जिनकी मदद से आप होने वाली पथरी को भविष्य में रोक पाएंगे। इसके अलावा पूरे दिन में आठ से 10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपके मूत्र का रंग स्पष्ट हो जाएगा जो कि आपके लिए एक अच्छा संकेत है। 

आज हम आपको गुर्दे की पथरी से जुड़े कुछ घरेलू उपाए बताएंगे साथ ही अपने उचित निदान और उपचार के लिए चिकित्सक से भी परामर्श लें।

  1. किडनी स्टोन के उपाय में करे नींबू का उपयोग - Gurde ki pathri remove karne ka desi tarika hai lemon in Hindi
  2. गुर्दे की पथरी से बचने के उपाय करे सेब के सिरके से - Kidney stone ke gharelu upay hai apple vinegar in Hindi
  3. गुर्दे की पथरी का उपाय है अनार - Gurde ki pathri ka gharelu upay hai pomegranate in Hindi
  4. गुर्दे की पथरी को निकालने का तरीका है बिच्छू पत्तियां - Nettle leaf for kidney stones in Hindi
  5. किडनी की पथरी का उपाय है तुलसी - Kidney stone ke upay me kare tulshi ka upyog in Hindi
  6. गुर्दे की पथरी दूर करने के उपाय करे तरबूज से - Kidney stone khatam kare watermelon se in Hindi
  7. गुर्दे की पथरी के लिए घरेलू उपाय है गेहूं के जवारे - Kidney ki pathri ke gharelu upay me kare eheatgrass ka upyog in Hindi
  8. किडनी स्टोन से छुटकारा दिलाता है अजमोद - Gurde ki pathri se chutkara pane ka tarika hai celery in Hindi
  9. किडनी की पथरी निकाले राजमा से - Kidney stone ko nikale rajma se in Hindi
  10. किडनी स्टोन के घरेलू नुस्खे में करे सिंहपर्णी का इस्तेमाल - Gurde ki pathri ka gharelu nuksa hai dandelion in Hindi

नींबू का जूस और जैतून के तेल का उपयोग पारंपरिक रूप से गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए किया जाता है। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड कैल्शियम से बने किडनी के पत्थरों को तोड़ने में मदद करता है और भविष्य में होने वाली पथरी को भी रोकता है। (और पढ़ें - नींबू के फायदे और नुकसान)

नींबू के जूस और जैतून के तेल का इस्तेमाल कैसे करें

  1. चार चम्मच ताज़ा नींबू के जूस का एक चौथाई कप लें।
  2. अब उसमे बराबर मात्रा में जैतून के तेल को मिलाएं।
  3. इस मिश्रण को खूब से पानी में डालकर पियें।

इस मिश्रण का प्रयोग पूरे दिन में दो से तीन बार तीन दिन तक ज़रूर करें। अगर आपकी पथरी एक ही बार में सेवन करने से चली जाती है तो इस उपाय को जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। (और पढ़ें - जैतून के तेल के फायदे और नुकसान)

चेतावनी - यह उपाय गुर्दे से जुडी गंभीर पथरी को दूर करने के लिए उपयुक्त नहीं है। इस उपाय को करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में परामर्श कर लें।

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सेब साइडर सिरका गुर्दे की पथरी को खत्म करने में मदद करता है। इसका रक्त और मूत्र पर क्षारीय (alkalinizing) प्रभाव भी पड़ता है।

सेब साइडर सिरका का इस्तेमाल कैसे करें

  1. दो चम्मच सेब सिरका और एक चम्मच शहद को दो कप गर्म पानी में मिलाएं।
  2. इस मिश्रण को अब पीलें।
  3. इस मिश्रण को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पिए। 

(और पढ़ें - सेब के सिरके के फायदे और नुकसान)

अनार के बीज और जूस दोनों में कसैले (astringent) के गुण पाए जाते हैं जो गुर्दे की पथरी के उपाय में मदद करते हैं।

अनार का इस्तेमाल कैसे करें

  1. एक पूरा अनार खाने की कोशिश करें या एक गिलास ताज़ा अनार के जूस को पियें।
  2. आप इसके अलावा सलाद में भी अनार को मिक्स करके खा सकते हैं।

इसके अलावा एक और विकल्प आप चुन सकते हैं -

  1. एक चम्मच अनार के बीज को मिक्सर में मिक्स कर लें और उसका पेस्ट तैयार कर लें।
  2. इस पेस्ट को चने की दाल के साथ मिक्स करके रोज़ाना खाएं।

ये उपाय आपके गुर्दे की पथरी को दूर करने में मदद करेगा। (और पढ़ें - अनार के फायदे और नुकसान)

बिच्छू की पत्तियां आपके गुर्दे और मूत्राशय में पानी के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करती हैं। इससे आपको मूत्र करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती। इसके अलावा बिच्छू की पत्तियां गुर्दे की पथरी में से बैक्टीरिया को दूर करती हैं। बिच्छू की पत्तियों की चाय गुर्दे में पानी के लाभ में वृद्धि करती है।

बिच्छू की पत्तियों का इस्तेमाल कैसे करें

  1. दो चम्मच बिच्छू के पत्तियों को गरम पानी में डालें।
  2. अब उस पानी को दस मिनट तक उबलने दे और फिर उसे छान लें।
  3. अब इस मिश्रण को पीलें।
  4. इस मिश्रण को कई हफ़्तों तक रोज़ाना दो से तीन कप ज़रूर पियें। (और पढ़ें - पथरी में क्या खाना चाहिए)

तुलसी को गुर्दे के लिए टॉनिक माना जाता है और यह पूरे शरीर के लिए भी लाभदायक होता है। तुलसी मूत्र प्रणाली में से पत्थरों को निष्काषित करने में भी मदद करता है।

तुलसी का जूस का इस्तेमाल कैसे करें

  1. एक चम्मच तुलसी का जूस और एक चम्मच शहद को एक साथ मिलाएं।
  2. अब इस मिश्रण को पीलें।
  3. सुबह सुबह रोज़ाना पांच से छह महीने तक इस मिश्रण को ज़रूर पियें। 

अगर आपको शहद पसंद नहीं है तो आप तुलसी के पत्तों का जूस और खाली पत्तों को भी रोज़ाना चबा सकते हैं। इसके अलावा आप तुलसी के पत्तों की चाय भी पी सकते हैं। तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में 10 मिनट के लिए उबलने को रख दें। अब इस मिश्रण में शहद को मिलाएं और ठंडा होने के बाद इसे पी लें। (और पढ़ें - तुलसी के फायदे और नुकसान)

तरबूज पथरी के लिए एक बहुत ही अच्छा इलाज है। यह कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट और कार्बोनेट को गुर्दे से बचाकर रखता है। स्वस्थ किडनी के लिए तरबूज में मौजूद पोटेशियम एक आवश्यक तत्व है। यह मूत्र में एसिड स्तर को विनियमित और बनाए रखने में सहायता करता है।

पोटैशियम के अलावा तरबूज में पानी की उच्च मात्रा भी पायी जाती है जो कि गुर्दे से पत्थरों को निकालने में मदद करती है। तरबूज को नियमित खाने से गुर्दे की पथरी को रोकने में बहुत मदद मिलती है। आप तजबूज के बीज की चाय भी पी सकते हैं। (और पढ़ें - तरबूज के फायदे और नुकसान)

गेहूं के जवारे का जूस आपकी गुर्दे की पथरी का इलाज करता है और अन्य गुर्दे से जुडी बीमारियों के लिए भी यह प्रभावी है। आप इसके अलावा गेहूं के जवारे के जूस में एक चम्मच नींबू का जूस या तुलसी के पत्ते का जूस भी डालकर पी सकते हैं।

इसे पूरे दिन में दो से तीन बार ज़रूर पियें। गेहूं के जवारे के जूस में मैग्नीशियम, पोटेशियम, लोहा, एमिनो एसिड, क्लोरोफिल और विटामिन बी का एक अच्छा स्रोत होता है। (और पढ़ें - गेहूं के जवारे के फायदे और नुकसान)

कच्चे अजमोद के जूस में मौजूद स्पस्मोडिकरोधी गुणों की वजह से गुर्दे के दर्द से राहत मिलती है। अजमोद का जूस किडनी की पथरी में से विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है। कच्ची अजमोद का रस एक मूत्रवर्धक है, जिसका अर्थ है कि यह मूत्र की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है और पथरों को बाहर निकालता है।

अजमोद का इस्तेमाल कैसे करें

  1. पथरी को बनने से रोकने के लिए अजमोद के जूस को रोज़ाना पियें।
  2. गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए आप अजमोद के बीज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  3. अजमोद के बीज को हर्बल चाय में मिलाकर पीने से गुर्दे की पथरी के इलाज में आपको मदद मिलेगी। 

(और पढ़ें - अजमोद के फायदे और नुकसान)

राजमा में फाइबर की उच्च मात्रा होने से गुर्दे या मूत्राशय की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है जिसमे गुर्दे की पथरी भी शामिल है।

राजमा का इस्तेमाल कैसे करें

  1. राजमा को गर्म पानी में डालें।
  2. हल्की आंच पर इन्हे तब तक उबालें तब तक जब तक राजमा नरम और मुलायम न हो जाएँ।
  3. मिश्रण को छान लें और और ठंडा होने के लिए रख दें।
  4. अब मिश्रण को दुबारा छान लें।
  5. इस मिश्रण को पूरे दिन में ज़्यादा से ज़्यादा पीने की कोशिश करें। (और पढ़ें - राजमा के फायदे और नुकसान)

मिश्रण को पूरे 24 घंटे तक न छोड़ें वर्ना ये अपने चिकित्सीय गुणों को खो देगा। आप राजमा को सलाद और सूप में डालकर भी खा सकते हैं।

सिंहपर्णी की जड़ें गुर्दों के लिए एक बहुत अच्छा टॉनिक है। यह पित्त के उत्पादन को बढ़ता है। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर फेकता है साथ ही पाचन क्रिया को भी सुधारता है। सिंहपर्णी में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी और खनिज जैसे पोटेशियम, लोहा और जस्ता के गुण पाए जाते हैं। (और पढ़ें - सिंहपर्णी के फायदे और नुकसान)

सिंहपर्णी की जड़ों का इस्तेमाल कैसे करें

  1. आप सिंहपर्णी की जड़ों का जूस बना सकते है या फिर इसे बाहर से चाय के रूप में भी खरीद सकते हैं।
  2. अगर आप इसे ताज़ा बनाते हैं तो संतरे का छिलका, अदरक और सेब के जूस को मिलाकर पी सकते हैं।
  3. आप इस मिश्रण को 3-4 कप रोज़ पियें। 

आप इन घरेलु उपायों में से किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन अगर तब भी कोई सुधार नहीं होता तो इस बारे में डॉक्टर से परामर्श लें।


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