हम सब पापड़ के स्वाद के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक सबको पापड़ का स्वाद अच्छा लगता है। पापड़ भारत के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में समान रूप से बेहद लोकप्रिय हैं। जब भी हमारे घर में कोई मेहमान आता है, तो हम उनके लिए खाने के साथ पापड़ भी तल कर तैयार करते हैं। पहले लोग घर पर बने हुए पापड़ का सेवन करते थे लेकिन आजकल हर कोई बाजार से पापड़ खरीदकर लाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पापड़ का अधिक सेवन भी हमारी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

आमतौर पर चावल, आटा, मसूर, आलू, चना या काला चना, नमक और मूंगफली तेल से लेकर विभिन्न प्रकार के मसाले पापड़ तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। सभी सामग्रियों को एक साथ पीस लिया जाता है और टेको फ्लैट सर्कुलर ब्रेड में तैयार कर धूप में सुखाया जाता है। ये पापड़ प्रोटीन और फाइबर में समृद्ध है। यह तेल में तल कर या ड्राइ रोस्ट करके खाए जाते हैं। ये सामग्रियाँ वैसे तो स्वस्थ है लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। यहाँ 6 ऐसे कारण बताए गए हैं जिनसे पता चलता है कि अधिक मात्रा में पापड़ खाना सेहत के लिए क्यों स्वस्थ नहीं है। तो आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में -

  1. भुने हुए पापड़ नहीं हैं स्वस्थ - Roasted Papads are Not Healthy in Hindi
  2. मसालेदार पापड़ से हो सकती है एसिडिटी - Spicy Papads Cause Acidity in Hindi
  3. कब्ज का कारण है पापड़ का अधिक सेवन - Papad Causes Constipation in Hindi
  4. पापड़ बनाने के लिए खराब गुणवत्ता के तेल का उपयोग - Poor Quality of Oil Used in Papad in Hindi
  5. पापड़ बनाने का तरीका है अस्वच्छ - Papad Preparation Process is Unhygienic in Hindi
  6. पापड़ में अधिक नमक होता है - High Salt Content in Papad in Hindi

एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि जब पापड़ फ्राई, माइक्रोवेव में भूना हुआ और आग पर भुना हुआ होता है तो सोडियम बेंजोएट की उपस्थिति के कारण एक्रिलामाइड का निर्माण होता है।

जो एक टॉक्‍सिन है जिसे कार्सीनोजिन भी कहते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि एक्रिलामाइड का अधिक निर्माण फ्राई और आग पर भुने हुए पापड़ से होता और मगर माइक्रोवेव में पकाए पापड़ से इसका अधिक निर्माण नहीं होता है। इसलिए माइक्रोवेव में पकाए पापड़ के लिए प्रयास करें और चुनें।
ये सभी कारण शुरुआत में भयभीत लग सकते हैं, लेकिन यदि आप वास्तव में आपके शरीर की देखभाल करते हैं तो आपको ध्यान देना चाहिए कि आप क्या खाते हैं। पापड़ हानिरहित थोड़ा स्वादिष्ट स्नैक्स होते हैं लेकिन केवल जब इनको कम मात्रा में खाया जाएँ।

कुछ पापड़ में विभिन्न प्रकार के मसाले होते हैं जो मध्यम से लेकर बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। सामान्य रूप से मसाले खाना स्वास्थ्य के लिए बुरा नहीं है, लेकिन अन्य सभी चीजों की तरह, अधिक मात्रा में इनका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता है और क्योंकि अधिकांश लोग एक बार में ही कई पापड़ का सेवन कर जाते हैं जिससे अम्लता और अन्य पाचन समस्याएं पैदा हो सकती है, ख़ास तौर से एसिडिटी

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यदि पापड़ का सेवन अधिक हो जाता है, तो पेट में पापड़ के आटे से आँतों की परत सख़्त हो जाती है और जो कब्ज या गैस्ट्रिक समस्याओं का कारण बन सकती है। 

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आम तौर पर जब एक ही तेल का उपयोग बार-बार पापड़ तल कर लिया जाता है, तो पुन: उपयोग किया हुआ तेल ट्रांस-वसा में समृद्ध हो जाता है। अगर तेल की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है तो आपके स्वास्थ्य पर इसके अन्य प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं। बाजार में उपलब्ध अधिकतर पापड़ कम गुणवत्ता वाले तेल में तैयार किए जाते हैं, जिसमें गुणवत्ता नियंत्रण नहीं होता है। इससे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि हो सकती है जिससे हृदय की समस्या, मधुमेह आदि हो सकता है।

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पापड़ को सूखाने के लिए खुले में छोड़ दिया जाता है और उन्हें गंदे और अस्वच्छ सतह पर रखा जा सकता है, जिससे उपभोक्ता के लिए संक्रमण की अधिक संभावनाएं बढ़ सकती है।

नमक पापड़ के आटे की मुख्य सामग्री में से एक है। इसका प्रयोग मध्यम मात्रा में किया जाता है ताकि यह पापड़ को स्वादिष्ट बना सकें और यह परिरक्षक के रूप में भी काम करता है। आम तौर पर भारतीय भोजन नमक और मसालों की प्रचुर मात्रा के लिए जाना जाता है। अब जब आप मुख्य भोजन में शरीर की आवश्यकता से अधिक नमक का सेवन करते हैं और पापड़ के साथ जब हम अपना भोजन समाप्त करते हैं तो इससे हमारे खून में नमक का उच्च स्तर हो जाता है। नमक मूल रूप से सोडियम है और सोडियम की ऐसी उच्च सामग्री पानी के अवधारण, पेट की सूजन, प्यास, मधुमेह और उच्च रक्तचाप का कारण हो सकता है।

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