डायबिटीज और प्रीडायबिटीज की जांच के लिए ग्‍लूकोज चैलेंज टेस्‍ट करवाया जाता है। वृद्धों, युवा, ओवरवेट और परिवार में किसी को डायबिटीज होने या ना होने पर मधुमेह का पता लगाने के लिए इस टेस्‍ट की सलाह दी जाती है।

गर्भवती महिलाओं में जेस्‍टेशनल डायबिटीज की जांच के लिए भी जीसीटी की सलाह दी जाती है। गर्भावस्‍था के दौरान महिला को होने वाली डायबिटीज को जेस्‍टेशनल डायबिटीज कहा जाता है एवं इसका असर मां और शिशु दोनों पर पड़ता है। जीसीटी से पता चलता है कि शरीर में ग्‍लूकोज किस तरह से बन रहा है। महिलाओं में जीसीटी का रिजल्‍ट असामान्य ​आने पर मधुमेह की बीमारी की जांच के लिए ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ती है।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के शुरुआती चरण में जीसीटी करवाना जरूरी होता है। आमतौर पर ये टेस्‍ट प्रेगनेंसी के 24वें सप्ताह से गर्भावस्‍था के 28वें सप्‍ताह में करवाने की सलाह दी जाती है। मधुमेह की समय पर जांच और उचित नियंत्रण से गर्भवती महिला और उसके शिशु दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

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  1. प्रेगनेंसी में ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट (जीसीटी) क्यों किया जाता है? - What is the purpose of Glucose Challenge Test (GCT) in Hindi?
  2. प्रेगनेंसी में ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट (जीसीटी) से पहले की तैयारी? - How to prepare for Glucose Challenge Test (GCT) in Hindi?
  3. प्रेगनेंसी में ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट (जीसीटी) कैसे किया जाता है? - How the Glucose Challenge Test (GCT) is done in Hindi?
  4. प्रेगनेंसी में ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट (जीसीटी) के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Glucose Challenge Test (GCT) Result and Normal Range in Hindi
  5. प्रेगनेंसी में ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट (जीसीटी) की क्‍या कीमत है? - How much Glucose Challenge Test (GCT) costs in Hindi?

ये टेस्‍ट उन गर्भवती महिलाओं को करवाने की सलाह दी जाती है जिनमें डायबिटीज का खतरा होता है। अगर किसी महिला को निम्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है तो उसे प्रेगनेंसी के दौरान मधुमेह का खतरा हो सकता है :

कभी-कभी गर्भावधि मधुमेह के कोई संकेत या लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। कुछ मामलों में मधुमेह की बीमारी इतनी कम बढ़ी होती है कि कोई लक्षण नजर ही नहीं आता। हालांकि, निम्‍न परिस्थितियों में गर्भवती महिलाओं को ग्‍लूकोज चैलेंज टेस्‍ट (जीसीटी) करवाने के लिए कहा जा सकता है:

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इस टेस्‍ट को करवाने के लिए किसी खास तरह की तैयारी जैसे कि भूखे रहने की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को टेस्‍ट से आधे घंटे पहले मीठा फ्लूइड (तरल पदार्थ) पिलाया जाता है।

इस टेस्‍ट के परिणाम में कई चीजें रुकावट बन सकती हैं, इसलिए ग्‍लूकोज चैलेंज टेस्‍ट (जीसीटी) करवाने से पहले कोई खास तैयारी करने के बारे में डॉक्‍टर से जरूर पूछें।

गर्भवती महिलाओं को ग्‍लूकोज युक्‍त फ्लूइड पीने की जरूरत होती है। इसके एक घंटे बाद ब्‍लड सैंपल लिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुगर ड्रिंक पीने के एक घंटे बाद ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल सबसे ज्‍यादा रहता है।

(और पढ़ें - नार्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए)

आमतौर पर हाथ की नस से सुईं द्वारा खून निकाला जाता है। ऊंगली में सुईं चुभाकर भी खून लिया जा सकता है। हाथ पर टूनिकेट नामक एलास्टिक बैंड बांधा जाता है, जिससे सूजन हो सकती है। लैबोरेट्री टेक्‍नीशियन आसानी से नस ढूंढकर उससे ब्‍लड सैंपल ले सकता है।

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ब्‍लड टेस्‍ट से नील पड़ने, ब्लीडिंग, संक्रमण या चक्कर आने की शिकायत हो सकती है। नस में सुईं चुभने पर हल्‍का–सा दर्द भी हो सकता है। टेस्‍ट के बाद सुईं चुभने वाली जगह पर कुछ समय तक घाव भी हो सकता है। मीठे लिक्विड की वजह से महिला को जी मिचलाने, सिरदर्द या पेट दर्द की समस्‍या भी हो सकती है। हालांकि, टेस्‍ट के बाद ये सभी लक्षण अपने आप चले जाते हैं।

  • नॉर्मल रिजल्‍ट
    • ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल के <140 मि.ग्रा/डेसीलीटर आने पर नॉर्मल रेंज माना जाता है।
       
  • एब्नार्मल रिजल्‍ट
    >140 मि.ग्रा/डेसीलीटर ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल को एब्नार्मल माना जाता है। जीसीटी में ग्‍लूकोज को एब्नार्मल हाई लेवल इस बात का संकेत दे सकता है कि शरीर ग्‍लूकोज का सही तरह से इस्‍तेमाल नहीं कर पा रहा है।
    • गर्भवती महिलाओं में 140-199 मि.ग्रा/डेसीलीटर की रेंज में ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल का होना इंपेयर्ड ग्‍लूकोज टोलरेंस (ग्‍लूकोज लेवल का सामान्‍य से ज्‍यादा होना, लेकिन मधुमेह की बीमारी उत्‍पन्‍न करने वाले स्‍तर से कम रहना) का संकेत करता है।
    • गर्भवती महिलाओं में ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल ≥200 मि.ग्रा/डेसीलीटर होना डायबिटीज की ओर इशारा करता है।

एब्नार्मल रिजल्‍ट के मामले में गर्भवती महिला को ग्‍लूकोज टोलरेंस टेस्‍ट करवाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि जीसीटी एब्नार्मल आने वाली सभी महिलाओं में डायबिटीज की आशंका नहीं हो सकती है। अत: ग्‍लूकोज टोलरेंस टेस्‍ट से डायबिटीज की पुष्टि की जाती है।

जीसीटी और ग्‍लूकोज टोलरेंस टेस्‍ट के परिणाम के आधार पर मां और शिशु की सेहत में सुधार के लिए डॉक्‍टर उपचार के साथ-साथ जीवनशैली एवं आहार में कुछ जरूरी बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं।

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अलग-अलग शहर और लेबोरेटरी में ग्‍लूकोज चैलेंज टेस्‍ट (जीसीटी) की कीमत अलग हो सकती है। हालांकि, ये टेस्‍ट 100 से 200 रुपये में हो सकता है।

नोट : टेस्‍ट के रिजल्‍ट और व्‍यक्‍ति के लक्षणों के आधार पर ही उचित निदान किया जाना चाहिए। उपरोक्त जानकारी पूरी तरह से शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह किसी भी तरह से डॉक्‍टर की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है।

संदर्भ

  1. Woodruf Health Sciences Center: Emory University; Glucose Challenge Test is Accurate and Economical for Diabetes and Prediabetes Screening
  2. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Gestational Diabetes
  3. American Pregnancy Association; Glucose Tolerance Test
  4. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Glucose Tolerance
  5. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Blood Tests
  6. Katarzyna Madziarska et al. Glucose challenge test (50-g GCT) in detection of glucose metabolism disorders in peritoneal dialysis patients: preliminary study. Int Urol Nephrol. 2015; 47(4): 695–700. Published online 2014 Dec 25. doi: 10.1007/s11255-014-0900-1. PMID: 25539618
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