कुलथी दाल एक सुपरफूड के रूप में जानी जाती है और इसका सेवन अधिकतर भारत के दक्षिणी भाग में मुख्य आहार के रूप में किया जाता है। कुलथी दाल पोषक तत्वों में भरपूर होती है और इसमें बहुत सारे खनिज पदार्थ जैसे फॉस्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन पाए जाते हैं। इसलिए यह मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी मानी जाती है।

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  1. कुलथी दाल के फायदे - Kulthi dal benefits in Hindi
  2. कुलथी दाल के नुकसान - Kulthi dal side effects in Hindi
कुलथी की दाल के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

इसका वैज्ञानिक नाम मैक्रोटिलोमा यूनिफ्लोरम (Macrotyloma uniflorum) है। कुलथी दाल काले भूरे रंग के मसूर होते हैं जो कि आकार में पतले और गोल होते हैं। कुलथी दाल को अपने चिकित्सीय गुणों के कारण बहुत ही लाभकारी माना जाता है। तो आइये जानते हैं इसके लाभों के बारे में:

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कुलथी दाल के फायदे दिलाएं जुकाम से राहत - Kulthi dal ke fayde dilayen jukam se rahat

जुकाम और बुखार होने का मुख्य कारण है, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर विभिन्न प्रकार के वायरस का हमला होना। इसके लिए, आयुर्वेद के अनुसार प्राचीन विद्वानों ने बुखार, खांसी, सर्दी जुकाम, ब्रोन्काइटिस और अस्थमा जैसी समस्या होने पर कुलथी दाल का सेवन करने की सलाह दी है।

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बंद छाती और बंद नाक का इलाज करने के लिए आपको कुलथी दाल के सूप का सेवन करना चाहिए। साथ ही यह सूप श्लेष्म झिल्ली को नरम करने और श्लेष्म पिघलाने में मदद करता है जिससे नाक को खोलने में मदद मिलती है। इसके सेवन से सांस लेने में मदद मिलती है, क्योंकि इसमें मौजूद आवश्यक पोषक तत्व शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं और प्रतिरक्षा को मजबूत करते हैं।

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कुलथी दाल के लाभ बनाएं पाचन को बेहतर - Kulthi daal ke labh banayen pachan ko behtar

अगर आपको अपनी पसंद के भोजन के बाद एसिडिटी महसूस हो रही है या आपको अच्छा महसूस नहीं हो रहा है तो हो सकता है कि आप अपच की समस्या से पीड़ित हो तो आपको कुलथी दाल का सहारा लेना चाहिए। अपच के कारण जीईआरडी और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं हो सकती है।

इसलिए सुबह खाली पेट कुलथी दाल खाने की सलाह दी जाती है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और बेहतर रखने में मदद करती है। इसके अलावा यह पेट फूलने और अपच को कम करती है। साथ ही यह आंतों के कीड़ों को खत्म करने में भी मदद करती है।

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कुलथी की दाल का प्रयोग करें वजन कम करने में - Horse gram for weight loss in hindi

आयुर्वेद के अनुसार यदि हम हर दिन कुलथी की दाल का सेवन करें, तो ये वजन कम करने में लाभकारी साबित हो सकती है। वजन को कम करने या नियंत्रित रखने के लिए, कुलथी दाल के पाउडर में जीरा पाउडर को मिक्स करें। अब इस मिश्रण में एक गिलास पानी मिलाएं और दिन में दो बार खाली पेट इसका सेवन करें।

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कुलथी दाल का सेवन मेधा धातू (बॉडी फैट) और कफ को कम करने में मदद करता है जो मोटापे का कारण होता हैं। इन बीन्स में मौजूद बहुत कम कार्बोहाइड्रेट और अधिक प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा वजन कम करने में मदद करती है।

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कुलथी दाल का सेवन रखें डायबिटीज को नियंत्रित - Horse gram for diabetes in Hindi

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के अनुसार असंसाधित (unprocessed) कुलथी दाल में न केवल एंटी-हाइपरग्लेसेमिक गुण होते हैं बल्कि इसमें इंसुलिन के प्रतिरोध को कम करने वाले गुण भी होते हैं। कुलथी दाल शरीर में भी इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करती है। यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन की दर को भी कम करने में मदद कर सकता है।

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इसी कारण टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए, कुलथी दाल को एक सुपर फ़ूड के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा अन्य शोध के अनुसार भी डायबिटीज में कुलथी की दाल के सेवन को लाभकारी माना गया हैं। इसका नियमित सेवन रक्त के ग्लूकोज स्तर को कम करने में मदद करता है।

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कुलथी की दाल के फायदे अनियमित मासिक धर्म के लिए - Horse gram benefits for irregular periods in Hindi

मासिक धर्म के दौरान होनी वाली समस्याओं में, महिलाओं को बहुत परेशानी होती है। पीरियड्स के दौरान दर्द और ऊर्जा का कम होना एक आम समस्या होती है। लेकिन ऐसे में आप कुलथी दाल से तैयार सूप का सेवन कर सकती हैं या इसे सलाद के रूप में उपयोग कर सकती हैं।

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कुलथी दाल के सेवन से पीरियड्स से जुडी परेशानियों और इर्रिटेशन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा कुलथी दाल का उपयोग अनियमित मासिक धर्म चक्र या मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव के दौरान भी किया जा सकता है। यह दाल आयरन से भरपूर होती है। आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

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कुलथी दाल खाने के फायदे करें कब्ज को दूर - Kulthi dal khane ke fayde karen kabj ko dur

यदि कई प्रकार के उपाय करने के बाद भी आप अच्छे से मल त्याग नहीं कर पा रहे हैं, तो आप कब्ज का शिकार हो सकते हैं। आपके आहार में फाइबर की कमी, शरीर में पानी की कमी, खनिज की कमी और अस्वस्थ जीवनशैली, तनाव और कई अन्य कारणों से कब्ज हो सकती है। कुलथी में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर होता हैं, जो कब्ज की समस्याओं से निपटने में मदद कर सकता है।

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कुलथी दाल के औषधीय गुण दिलाएं किडनी स्टोन्स से राहत - Kulthi dal for kidney stones in Hindi

क्या आप जानते हैं कि कुलथी की दाल रातोंरात गुर्दे की पथरी को हटा सकती हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इस दाल में आयरन की भरपूर मात्रा होती और साथ ही इसमें पॉलीफेनॉल की भी अच्छी मात्रा होती है। कुछ स्रोतों के अनुसार यदि हम दैनिक रूप से कुलथी दाल का सेवन करते हैं तो यह किडनी में पथरी की समस्याओं को कम करने और हटाने में मदद कर सकती है। किडनी में पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट नामक यौगिक का एक संयोजन है। पकी हुई कुलथी दाल का नियमित रूप से सेवन किडनी की पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है।

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वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार यह दाल किडनी में कैल्शियम ऑक्सलेट पथरी को बनने से रोकती है। इसका सेवन करने के लिए एक कटोरे पानी में एक कप कुलथी दाल को भिगोएं और अगली सुबह इसका सेवन करें। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए लगभग एक सप्ताह तक इसका सेवन करें।

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अल्सर में लाभकारी है कुलथी दाल - Ulcer mein labhkari hai kulthi dal

आयुर्वेद के अनुसार कुलथी दाल विभिन्न प्रकार के अल्सर में लाभकारी होती है, लेकिन गैस्ट्रिक अल्सर में नहीं। कुलथी दाल में लिपिड होते हैं जिनकों बहुत ही आसानी से, इस दाल का सेवन करके प्राप्त कर सकते हैं।  इस दाल का सेवन पेप्टिक अल्सर और मुंह के छाले से पीड़ित लोगों द्वारा बहुत ही उपयोगी साबित होता है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, इसका सेवन बहुत ही फायदेमंद पाया गया है। अल्सर के दौरान कुलथी दाल को पका कर मैश कर लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें।

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कुल्थी की दाल का उपयोग करें बवासीर में - Kulthi ki daal hai piles mein upyogi

किसी भी कारणवश, गुदा की नसों में सूजन होने के कारण बवासीर होता है। इस दौरान आपको बहुत सूजन और दर्द हो सकता है। ऐसे में आपको कुछ प्रकार के घरेलू उपायों का पालन करना चाहिए। कुलथी दाल ऐसा ही एक घरेलू उपाय है। बवासीर के दौरान कुछ विशेषज्ञ कुलथी की दाल के सेवन की सलाह देते हैं।

आप एक कप कुलथी दाल को रात भर भिगो कर रखें और अगले दिन इसके पानी का सेवन करें। साथ ही कुलथी दाल को सलाद के रूप में कच्चा खाएं। इसमें मौजूद फाइबर की भरपूर मात्रा पाइल्स का इलाज करने में मदद करती है।

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कुलथी का सेवन है डायरिया में लाभदायक - Diarrhea mein rahat dilayen kulthi ka sewan

जैसा की हम ऊपर जान चुके हैं कि कुलथी दाल में फाइबर अधिक मात्रा पाई जाता है। इसलिए यह दाल पाचन में मदद करती है और साथ ही पेट से अतिरिक्त तरल पदार्थ को सोखने में भी मदद करती है। यह दस्त की समस्या को ठीक और बार बार दस्त आने की समस्या को कम करती है। सुबह जल्दी उठकर कुलथी दाल की पहले से भिगोई हुई फलियों का सेवन करें। यह उपाय पाचन तंत्र को बेहतर रखने में मदद करता है।

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कुल्थी दाल का उपयोग रखें त्वचा को स्वस्थ - Kulthi dal ka upyog rakhen skin ko healthy

कुलथी दाल को एक फेस पैक के रूप में त्वचा के चकत्ते, फोड़े और अन्य प्रकार के विकारों के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है। कुलथी की दाल में एंटीमाइक्रोबायल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। साथ ही इस दाल में एंटीऑक्सीडेंट्स और खनिजों की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है।

रात भर कुछ मुट्ठी कुलथी दाल को भिगोएं और अगले दिन इसका फेस पैक बनाकर अपने चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे के बाद धीरे-धीरे ठंडे पानी से धो लें। यह फेस पैक चेहरे की गंदगी, तेल, मृत त्वचा कोशिकाओं को साफ करने और त्वचा के कोलेजन को भी बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह त्वचा को मुक्त कणों के नुकसान से बचाने में भी मदद करता है।

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कुलथी दाल के गुण रखें कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित - Kulthi dal ke gun rakhen cholesterol ko niyantrit

मेडिकल रिसर्च के अनुसार कुलथी दाल एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है। इसके सेवन से नसों में फंसे हुए खराब कोलेस्ट्रॉल को ख़त्म करने में मदद मिलती है।

सुबह के समय एक मुट्ठी कुलथी दाल को भिगो लें और दिन में दो बार खाली पेट इसका सेवन करें। इसके सेवन से लिपिड के स्तर को बढ़ाया जा सकता है।

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यह बहुत ही पौष्टिक है, लेकिन इसका बहुत अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन से इसके निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:

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