रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) - Night Blindness in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

March 06, 2020

रतौंधी
रतौंधी

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) क्या है?

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) एक ऐसी समस्या है, जिसमें कम रोशनी में देखना असंभव हो जाता है। यह समस्या जन्म से हो सकती है या चोट या कुपोषण के कारण भी हो सकती है (उदाहरण के लिए, विटामिन ए की कमी)।

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रतौंधी का सबसे सामान्य कारण है रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (Retinitis pigmentosa)। यह एक ऐसा विकार है जिसमें रेटिना में मौजूद रॉड कोशिकाएं धीरे-धीरे प्रकाश की ओर प्रतिक्रिया देने की अपनी क्षमता खो देती हैं। इस आनुवांशिक समस्या से पीड़ित रोगियों में नाइट ब्लाइंडनेस धीरे-धीरे बढ़ती है और उनकी दिन में देखने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। जन्मजात रतौंधी में रॉड कोशिकाएं या तो बिल्कुल भी काम नहीं करती हैं या बहुत कम काम करती हैं। सामान्य रतौंधी का महत्वपूर्ण कारण रेटिनॉल (Retinol) या विटामिन ए की कमी होती है, जो कि फिश ऑइल, लीवर और डेयरी उत्पादों में मिलता है।

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रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के लक्षण - Night Blindness Symptoms in Hindi

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के लक्षण क्या होते हैं?

प्रत्येक रोगी के लिए रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। इसके प्रमुख लक्षण हैं -

  • कम प्रकाश में ठीक से न दिखना
  • रात में ड्राइविंग के दौरान देखने में कठिनाई
  • उज्ज्वल प्रकाश से कम प्रकाश के बीच बहुत धीरे-धीरे अनुकूलन करना।

केवल आपके डॉक्टर ही किसी भी लक्षण या लक्षणों का पर्याप्त निदान प्रदान कर सकते हैं और बता सकते हैं कि क्या वे सब लक्षण वास्तव में नाइट ब्लाइंडनेस की निशानियां हैं।

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रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के कारण - Night Blindness Causes in Hindi

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) क्यों होती है?

रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (Retinitis Pigmentosa) - 
यह एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है जिसमें आंखों की कम प्रकाश में देखने की प्रतिक्रिया बदल जाती है। इस बीमारी की शुरुआत रात को देखने की क्षमता में कमी से होती है। इसमें रेटिनल फोटोरिसेप्टर (Retinal photoreceptor) कोशिकाएं अर्थात् रॉड और कॉन कोशिकाएं खराब होना शुरू हो जाती हैं। इसलिए इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और अंततः इससे अंधापन हो जाता है।

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विटामिन ए की कमी और ज़ीरोफथालमिया (Xerophthalmia) - 
रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के सबसे सामान्य कारणों में से एक विटामिन ए की कमी है, चौकाने वाली बात यह है कि भारत जैसे विकासशील देशों में यह दिक्क्त बेहद बड़ी है। कुपोषण और असंतुलित भोजन छोटे बच्चों में नाइट ब्लाइंडनेस का एक मुख्य कारण है। अक्सर इसके उपचार में देरी होती है, क्योंकि बच्चे सही से लक्षणों को बता नहीं पाते हैं। ज़ीरोफथालमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें आंख की झिल्ली का सूखापन होता है और यह समस्या विटामिन ए की कमी के कारण होती है।

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मोतियाबिंद - 
यह एक ऐसी समस्या है जो वृद्ध लोगों में होती है और इसमें आंख के लेंस के ऊपर धुंधलापन आ जाता है। रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) मोतियाबिंद के लक्षण के रूप में भी सामने आ सकती है।

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मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) - 
रात के समय धुंधली दृष्टि, निकट दृष्टि दोष के कारण हो सकती है।

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अन्य कारण - 
अन्य मामलों में, व्यक्ति को जन्म से रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) की समस्या हो सकती है या यह कुछ विशेष दवाइयों (जैसे ग्लूकोमा के लिए दवा) के उपयोग के कारण भी ऐसा हो सकता है। 

  • आनुवांशिकता - रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (Retinitis pigmentosa) से ग्रस्त लोगों को नाईट ब्लाइंडनेस होने की बहुत अधिक सम्भावना होती है।
  • आहार - जो लोग विटामिन ए के पर्याप्त स्रोत नहीं खाते हैं, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे और दूध उत्पाद, उन्हें रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) होने का जोखिम अधिक होता है। 
  • आयु - बुजुर्ग लोगों को रतौंधी होने की अधिक संभावना होती है।

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रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) से बचाव - Prevention of Night Blindness in Hindi

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) का बचाव कैसे होता है?

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के विकास को रोकने के लिए, निम्न उपाय किए जा सकते हैं -

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अगर आपको नाईट ब्लाइंडनेस है, तो कुछ सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। जैसे - शाम को या रात में गाडी न चलाएं और पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए युक्त भोजन खायें, जिससे रतौंधी को रोकने में मदद मिलती है।

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रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) का परीक्षण - Diagnosis of Night Blindness in Hindi

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) का परीक्षण/ निदान कैसे होता है?

समस्या के कारण के आधार पर रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के कुछ मामलों का इलाज किया जा सकता है जबकि कुछ मामलों का इलाज नहीं होता है। इसके लक्षण अनुभव करने पर, रोगी को तुरंत एक नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पास जाना चाहिए ताकि समस्या का निदान किया जा सके। 
रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) का निदान निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है। 

इतिहास
चिकित्सक दृष्टि की शिकायतों के बारे में पूछते हैं और फिर स्थिति की गंभीरता, शुरुआत, प्रगति, अवधि, आहार, आँखों की सर्जरी के पिछले इतिहास और इसी तरह की अन्य स्थितियों के बारे में पूछताछ करते हैं। हाल ही में अंधेरे में गिरने या ठोकर खाने के अनुभव, विशेष रूप से बच्चों में, अचानक हुई रतौंधी की समस्या का सुराग दे सकते हैं।

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नेत्र परीक्षण
रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के परीक्षण में निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं -

  • दृष्टि की तीव्रता मापने के लिए टेस्ट, पिपिलरी की रौशनी के प्रतिबिंब मापने के लिए टेस्ट और रंग देखने की क्षमता का परीक्षण।
  • चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस के लिए दिए गए नंबर की पुष्टि करने के लिए परीक्षण।
  • आंख की संरचना देखने के लिए स्लिट लैंप परीक्षण।
  • आँखों की चोट की जाँच करने के लिए ऑफ्थैल्मोस्कोप (Ophthalmoscope) से किया जाने वाला परीक्षण।

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अन्य परीक्षण
उपरोक्त सभी परीक्षणों के अतिरिक्त, आपके डॉक्टर आपका इलेक्ट्रोरेटिनोग्राम (Electroretinogram) परीक्षण भी कर सकते हैं। यह परीक्षण रोशनी की प्रतिक्रियाओं और प्रकाश में रॉड और कॉन कोशिकाओं की प्रतिक्रिया को मापने के लिए किया जाता है।
ग्लूकोमा या ब्रेन स्ट्रोक जैसी अन्य बीमारियों की संभावना को देखने के लिए दृश्य फ़ील्ड परीक्षण भी किया जा सकता है।

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रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) का इलाज - Night Blindness Treatment in Hindi

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) का उपचार कैसे होता है?

अक्सर नाईट ब्लाइंडनेस के उपचार के लिए उस अंतर्निहित स्थिति का उपचार किया जाता है, जिससे रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) होता है।

  • रात के समय ड्राइविंग करने में मदद करने के लिए रतौंधी से ग्रस्त लोगों को चश्मा लगाने के लिए कहा जा सकता है।
  • मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) में दृष्टि के सुधार के लिए चश्मा या कॉन्टैक्ट लेन्स का इस्तेमाल किया जाता है।
  • क्विनडाइन (Quinidine) जैसी कुछ दवाएं जिनकी वजह से रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) की समस्या होती है, को किसी अन्य वैकल्पिक दवा से बदल दिया जाना चाहिए। (और पढ़ें - दवाओं की जानकारी)
  • मोतियाबिंद की सर्जरी एक सरल प्रक्रिया है जो आँख के लेंस पर जमा धुंधलेपन को हटा देती है और दृष्टि में सुधार करती है जिससे रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) में सुधार होता है। (और पढ़ें - सर्जरी से पहले की तैयारी)
  • विटामिन ए की कमी से पीड़ित लोगों को विटामिन ए में समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। मौखिक या इंजेक्शन के द्वारा विटामिन ए बच्चों की उम्र और बीमारी की गंभीरता के अनुसार दिया जाना चाहिए। (और पढ़ें - आँखों की थकान को दूर करने के उपाय)

जिन लोगों को बचपन से रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) की समस्या होती है, उनके लिए यह समस्या लाइलाज और स्थायी होती है, क्योंकि इसका कोई इलाज नहीं है।

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रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) की जटिलताएं - Night Blindness Complications in Hindi

रतौंधी  (नाईट ब्लाइंडनेस) की क्या जटिलताएं होती हैं?

रतौंधी  (नाईट ब्लाइंडनेस) की कुछ निम्नलिखित जटिलताएं होती हैं -

  • दृश्य क्षेत्र में हानि।
  • मोतियाबिंद।
  • साफ नजर आने में कमी। (और पढ़ें - गुहेरी का इलाज)
  • सिस्टॉइड मेक्युलर एडिमा (Cystoid macular edema/ आँखों में मौजूद रेटिना के एक हिस्से की सूजन सम्बन्धी विकार)।

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संदर्भ

  1. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Xerophthalmia and night blindness for the assessment of clinical vitamin A deficiency in individuals and populations.
  2. Zobor D, Zrenner E. [Retinitis pigmentosa - a review. Pathogenesis, guidelines for diagnostics and perspectives]. Ophthalmologe. 2012 May;109(5):501-14;quiz 515. PMID: 22581051
  3. National Eye Institute. Retina | Night Blindness. National Institutes of Health
  4. National Institutes of Health; [Internet]. U.S. National Library of Medicine. X-linked congenital stationary night blindness
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Vision - night blindness

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Night Blindness in Hindi

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।