सभी छात्रों के लिए परीक्षा के दिन तनाव से भरे होते हैं। आप स्‍कूल में पढ़ते हों या फिर कॉलेज जाते हों, एग्‍जाम स्‍ट्रेस हर किसी को परेशान करता है। हर स्‍टूडेंट अच्‍छा परफॉर्म कर के अच्‍छे नंबर लाना चाहता है और अपने पैरेंट्स की उम्‍मीदों को पूरा करना चाहते हैं।

स्‍टूडेंट्स एग्‍जाम को जिंदगी का एक हिस्‍सा समझने की बजाय स्‍ट्रेस का कारण बना लेते हैं। मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेजों, CAT, IELTS और बोर्ड परीक्षा के समय तनाव ज्‍यादा हाता है। एग्‍जाम के प्रेशर की वजह से कई बच्‍चे डिप्रेशन, आत्‍म-सम्‍मान में कमी जैसी परेशानियों से जूझते हैं, यहां तक कि कुछ बच्‍चे तो सुसाइड तक कर लेते हैं।

आपको यह समझना चाहिए कि एग्‍जाम हमारी जिंदगी का एक हिस्‍सा और इसकी वजह से खुद को ज्‍यादा स्‍ट्रेस नहीं देना चाहिए। इसके लिए आप सबसे बेहतर यही कर सकते हैं कि एग्‍जाम के प्रेशर और स्‍ट्रेस को मैनेज करना सीख लें। एग्‍जाम को डर, चीटिंग की नजर से देखने की बजाय यह सोचें कि आप किस तरह इसे इंजॉय कर सकते हैं।

यहां हम आपको एग्‍जाम के लिए तैयारी करने के कुछ टिप्‍स बता रहे हैं, जो स्‍ट्रेस को भी दूर रखेंगे।

  1. बोर्ड एग्‍जाम के लिए टिप्‍स
  2. परीक्षा के दौरान तनाव कम करने के टिप्‍स
  3. परीक्षा के दौरान ध्‍यान कैसे बढ़ाएं
  4. परीक्षा के दौरान डाइट
  5. परीक्षा के दौरान एक्‍सरसाइज
  6. परीक्षा के दौरान मदद लें

भारत के स्‍कूलों के एजुकेशन सिस्‍टम में दो बार बोर्ड की परीक्षा होती हैं - एक बार दसवीं और फिर बारहवीं में। ये दो एग्‍जाम अहम होते हैं क्‍योंकि इसके बाद ही आपको बारहवीं में अच्‍छी स्‍ट्रीम और फिर कॉलेज में एडमिशन मिलता है। इस वजह से अक्‍सर स्‍टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा के दौरान बहुत ज्‍यादा स्‍ट्रेस में आ जाते हैं। स्‍ट्रेस लेने की बजाय आप यहां बताए गए टिप्‍स फॉलो करें।

कोई दवा न लें

आपको लग सकता है कि एकाग्रता बढ़ाने के लिए डॉक्‍टर के पर्चे के बिना मिलने वाली या कोई फेमस दवा लेनी चाहिए।

वहीं दूसरी ओर, इन दवाओं से आपको लंबे समय तक कोई साइड इफेक्‍ट झेलना पड़ सकता है। साल 2017 में हार्म रिडक्‍शन जरनल में प्रकाशित स्‍टडी में सामने आया है कि 'स्‍टडी ड्रग्‍स' जैसे कि एडेरल, रिटैलिन से पढ़ाई को इंजॉय करने की क्षमता कम होने, कम नंबर लाने और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

इन दवाओं पर निर्भर रहने की बजाय आपको अपनी पढ़ाई पर ध्‍यान देना चाहिए और सही पोषण और एक्‍सरसाइज करनी चाहिए जिससे आपका दिमाग एक्टिव रहे।

टाइमटेबल बनाएं

एग्‍जाम का मतलब है सही तरीके से तैयारी करना। इसलिए अपना शेड्यूल या टाइमटेबल ठीक से बनाएं और उसे फॉलो करें। सभी विषयों पर एक बराबर ध्‍यान दें लेकिन उन विषयों पर ज्‍यादा ध्‍यान दें जिनमें आप कमजोर हैं।

जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव करते रहें। हो सकता है कि आपका सिलेबस बड़ा हो और एक बार में पूरा न हो पाए, इसलिए धीरे-धीरे कवर करें। रोज पढ़ाई करें। अगर आप अपने टाइमटेबल पर टिके रहेंगे, तो सारा सिलेबस पूरा हो जाएगा और शायद थोड़ा टाइम भी बच जाए।

रिवीजन के लिए कुछ टिप्‍स आपके काम आ सकते हैं :

  • जिस दिन आप किसी सबजेक्‍ट की पढ़ाई कर रहे हैं,  तो उस दिन क्यू कार्ड तैयार कर लें।
  • पढ़ने के बाद तीसरे दिन टॉपिक को रिवाइज करें।
  • पढ़ने के एक हफ्ते बाद टॉपिक को रिवाइज करें।
  • 15 दिन के बाद दोबारा रिवाइज करें।

इसका कारण यह है कि जब हम सोते हैं तो हमारा मस्तिष्क इनफॉर्मेशन को छांटता है और जो महत्वपूर्ण समझता है उसे बरकरार रखता है। लंबे समय तक एक ही चीज को कई बार दोहराने से वह जानकारी अच्‍छे से सेव हो जाती है।

अगर अगले एग्‍जाम से पहले आपके पास 15 दिन का समय नहीं है तो घबराएं नहीं। अपने टाइम के हिसाब से रिवीजन का समय कम कर दें। इस बात का ध्‍यान रखें कि स्‍ट्रेस लेने से आपकी फोकस और इनफॉर्मेशन को स्‍टोर रखने की क्षमता घट जाती है। इसलिए चिंता न करें और अपनी सारी एनर्जी बस नॉलेज इकट्ठा करने में लगाएं।

स्‍टडी की जगह बनाएं

एग्‍जाम की तैयारी के लिए आपको फोकस करने की जरूरत है। अगर आपके स्‍टडी एरिया में ऐसी चीजे हैं, जो आपका ध्‍यान भटकाती हैं तो आप इन चीजों को हटा दें या अपना स्‍टडी एरिया बदल दें।

पढ़ाई के दौरान कंफर्टेबल होना बहुत जरूरी है, बेड पर पढ़ाई करने की बजाय टेबल और चेयर पर बैठकर स्‍टडी करें।

अपना लर्निंग स्‍टाइल चुनें

हर स्‍टूडेंट का सीखने का अपना अलग तरीका होता है। कुछ स्‍टूडेंट्स क्‍लास में बेहतर सीखते हैं जबकि कुछ खुद बेहतर पढ़ाई कर लेते हैं। आत्‍म-निरीक्षण करें और जानें कि आपके लिए क्‍या तरीका बेस्‍ट रहता है। निम्‍न तरह के स्‍टूडेंट होते हैं :

  • ऑडिटरी लर्नर : इसमें सुनकर याद किया जाता है। नोट्स को तेज पढ़ें, दूसरों के साथ इन्‍हें डिस्‍कस करें और अपने नोट्स को फोन या कंप्‍यूटर पर रिकॉर्ड कर सकते हैं और फिर उन्‍हें सुनें।
  • विजुअल लर्नर : इसमें देखकर याद किया जाता है। अपने नोट्स को रंगों से कोड दें, डायग्राम बनाएं और चार्ट बनाएं। आप अपने स्‍टडी रूम की दीवारों पर भी नोट्स लिख सकते हैं।
  • टैक्‍टाइल या किनएस्‍थेटिक लर्नर : इसमें काम कर के सीखना होता है। प्रैक्टिकल एक्‍सपेरिमेंट करें और रोल प्‍ले जैसी तकनीकें अपनाएं।

भूलने की चिंता न करें

अगर आपकी स्‍टडी स्‍ट्रैटजी अच्‍छी है और आप हर सब्‍जेक्‍ट को समय-समय पर रिवाइज करते रहें, तो आपको इनफॉर्मेशन भूलने की टेंशन नहीं होगी।

भूलने का स्‍ट्रेस लेना नॉर्मल है लेकिन मेडिटेशन, अच्‍छी नींद लेना और एग्‍जाम से पहले और इसके दौरान ठीक से खाने पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।

थोड़ी स्‍पीड बढ़ाएं

रातभर जागर रट्टे मारने की बजाय आप एक स्‍पीड से याद करने पर फोकस करें। इससे आप सारे लेसनों को ठीक तरह से याद रख पाते हैं और भूलने की संभावना कम होती है। सही खाना खाएं और पढ़ाई के बीच में एक्‍सरसाइज ब्रेक भी लें। इससे आपका दिमाग रिफ्रेश रहेगा और आपकी बौद्धिक क्षमता में सुधार आएगा।

डॉक्‍टर 45-15 के रूल की सलाह देते हैं : 45 मिनट ध्‍यान से पढ़ाई करें और फिर 15 मिनट का ब्रेक लें। इस बीच टॉयलेट जाएं, हेल्‍दी स्‍नैक खाएं या एक कटोरी पपीता खा लें।

स्‍ट्रेस कम करने का टाइम

एग्‍जाम बहुत तनावभरे हो सकते हैं लेकिन आपको यह भी जानने की कोशिश करनी चाहिए कि इस स्‍ट्रेस को कम करने का कौन-सा तरीका आप पर काम करता है। गाना सुनें, सुबह की सैर पर जाएं, दोस्‍तों के साथ खेलें, मेडिटेशन या योग करें।

अगर आप पढ़ाई के बीच में 10 मिनट भी निकाल लेंगे, तो स्‍ट्रेस कम हो जाएगा और आप पहले से ज्‍यादा बेहतर तरीके से पढ़ाई कर पाएंगे।

घबराहट होने पर 5 मिनट ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करें।

खाना और नींद

दिमाग और शरीर, दोनों ही बिना खाने और नींद के नहीं रह सकते हैं। सही तरह का खाना खाने से आपकी बौद्धिक क्षमता में सुधार लाने में मदद मिल सकती है। इससे आप इंफेक्‍शन से भी बच सकते हैं क्‍योंकि स्‍ट्रेस एग्‍जाम के महीनों में इम्‍यूनिटी को घटा देता है।

साल 2012 में PLoS One में प्रकाशित स्टडी में पाया यगा कि पर्याप्‍त नींद लेने से प्रक्रियात्मक और घोषणात्मक स्मृति दोनों में सुधार आता है। ये दोनों एग्‍जाम के दौरान परफॉर्मेंस में सुधार लाने में मदद कर सकती हैं।

अगले लक्ष्‍य पर फोकस करें

कई बार मेहनत करने के बाद भी आप एक एग्‍जाम में अच्‍छा परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। इससे अपनी मोटिवेशन को कम न होने दें। इस बात का ध्‍यान रखें कि गलती करना नॉर्मल होता है और आप गलतियों को न दोहराने की सीख ले सकते हैं। अब अगले एग्‍जाम पर फोकस करें और उसकी तैयारी करें।

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एग्‍जाम के कारण स्‍ट्रेस होता है और इसका असर आपकी शारीरिक और भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है। कुछ बच्‍चों के लिए एग्‍जाम स्‍ट्रेस मुश्किल होता है और आप कितनी भी कोशिश कर लें, स्‍ट्रेस आपकी बौद्धिक क्षमता और अंकों को कम कर ही देता है। एग्‍जाम के दौरान यहां बताए गए कुछ टिप्‍स से स्‍ट्रेस को कम कर सकते हैं :

  • परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया से दूर रहें। इससे आपका समय बर्बाद होगा और स्‍ट्रेस भी बढ़ेगा।
  • समय बर्बाद होने की चिंता करने की बजाय आप टाइमटेबल या शेड्यूल बनाएं। टाइमटेबल में रिलैक्‍स करने, खाने और नींद को भी शामिल करें।
  • अगर आप अच्‍छी नींद नहीं लेते हैं तो इससे आपकी बॉडी का स्‍ट्रेस लेवल बहुत बढ़ जाएगा और आप दिमाग से कमजोर महसूस करेंगे। इसलिए भरपूर नींद लें। रोज 7 से 8 घंटे की नींद लें।
  • थोड़ा समय एक्‍सरसाइज के लिए भी निकालें। इससे आप फिट रहेंगे और आपका दिमाग भी रिफ्रेश रहेगा।
  • मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करें। इससे दिमाग को पर्याप्‍त ऑक्‍सीजन पहुंचता है और आपका स्‍ट्रेस दूर रहता है।
  • एग्‍जाम से पहले, दौरान या बाद में खुद को अकेला न करें। अकेलेपन से स्‍ट्रेस बढ़ सकता है इ‍सलिए समय निकालकर अपने पैरेंट्स, दोस्‍तों और भाई-बहनों से बात करें।

आपकी एकाग्रता क्षमता जितनी ज्‍यादा बढ़ेगी, एग्‍जाम का रिजल्‍ट उतना ही अच्‍छा आएगा। एग्‍जाम के दौरान अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए निम्‍न टिप्‍स फॉलो करें :

  • ध्‍यान भटकाने वाली चीजों जैसे कि फोन आदि को दूर रखें।
  • पढ़ाई के दौरान काम आने वाली चीजों को हाथ के पास रखें। अपने स्‍टडी रूम में पानी, नोट्स, पेन और पेपर आदि रखें।
  • हेल्‍दी स्‍नैक्‍स जैसे कि नट्स और बीज, बैरीज और फल खाएं, इससे एनर्जी मिलती है। ये ब्रेन फूड्स हैं जो ध्‍यान बढ़ाती हैं और पढ़ाई के लिए एनर्जी देती हैं।
  • देखें कि कौन-सा स्‍टडी टाइम आपके लिए सही रहेगा। सुबह या शाम, किस टाइम आप बेहतर पढ़ाई कर पाते हैं।
  • बीच में कुछ देर के लिए पैदल चलकर आएं। इससे दिमाग फ्रेश हो जाएगा।
  • पर्याप्‍त नींद लें क्‍योंकि शरीर और दिमाग दोनों को ही एग्‍जाम में नींद चाहिए होती है।
  • खूब पानी और अन्‍य फ्लूइड्स पिएं। मुंह में सूखापन और डिहाइड्रेशन से ध्‍यान लगाने की क्षमता प्रभावित होगी और सिरदर्द और चिड़चिड़ापन हो जाएगा।
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साल 2018 में न्‍यूट्रिसिओन हॉस्‍पीटेलेरिआ जरनल में प्रकाशित स्‍टडी के अनुसार दिमाग को लगातार एमीनो एसिडों, फोलिक एसिड, विटामिनों और एंटीऑक्‍सीडेंटों की जरूरत होती है जो न्‍यूरोट्रांसमीटर बनाते हैं।

ये न्‍यूरोट्रांसमीटर जैसे कि सेरोटोनिन, डोपामाइन, एपिनेफ्रिन और ग्‍लूटामेट याद्दाश्‍त में सुधार कर सकते हैं। इससे ध्‍यान और एकाग्रता भी बढ़ती है और मूड बेहतर होता है और स्‍ट्रेस दूर रहता है।

यही वजह है कि एग्‍जाम के दौरान संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी होता है। कई स्‍टूडेंट्स को लगता है कि भारी आहार लेने से नींद आ जाती है या स्‍टडी रूटीन खराब हो जाता है। ये सच हो सकता है क्‍योंकि शरीर को जिंदा रहने के लिए पोषण की जरूरत होती है।

इसलिए बीच-बीच में कुछ खाते रहें जो पोषक तत्‍वों से भरपूर हों। एग्‍जाम में गलत खाने से वजन बढ़ सकता है, अपच, थकान, ध्‍यान की कमी और बहुत नींद आने की परेशानी हो सकती है।

परीक्षा से पहले, दौरान और बाद में निम्‍न ब्रेन फूड्स खाएं :

  • जामुन, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, क्रैनबेरी खाएं।
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी और ब्लैक टी पिएं। हो सके तो दूध और चीनी से परहेज करें।
  • प्रोटीन और एमीनो एसिड से युक्‍त‍ अंडे खाएं।
  • नट्स, जैसे अखरोट, बादाम, काजू आदि खाएं। ये फाइबर, विटामिन, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।
  • बीज, जैसे अलसी और चिया के बीज खाएं। ये नट्स के समान पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
  • फैटी फिश जैसे कि सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन, ट्राउट और टूना खाएं। ये ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं।
  • हल्दी, अदरक, लहसुन, लौंग और इलायची आदि मसाले भी विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। हल्दी, जिसमें करक्यूमिन होता है, अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फंगल और एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) गुणों के लिए भी जानी जाती है। यह संक्रमण से रक्षा करती है।
  • चिकन या मटन लीवर खाएं, ये आयरन, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। इससे याद्दाश्त और एकाग्रता के स्तर में भी सुधार आ सकता है।
  • डार्क चॉकलेट एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल और विटामिन से भरपूर होती है। यह मेटाबॉलिज्‍म को भी बढ़ाता है और सतर्कता और संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार लाता है।
  • रात में बेहतर नींद के लिए एमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने की कोशिश करें। इनमें से कुछ खाद्य पदार्थ मछली, अंडे, कद्दू के बीज जैसे बीज, सोयाबीन और टोफू जैसे सोया उत्पाद और दही हैं। ट्रिप्टोफैन सेरोटोनिन - हैप्पीनेस हार्मोन - के उत्पादन में मदद करता है। ये अवसाद को रोकने में भी मदद करता है।

साल 2018 में फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में प्रकाशित स्‍टडी के अनुसार शारीरिक व्‍यायाम करने से मस्तिष्‍क में संरचनात्‍मक और कार्यात्मक बदलाव शुरू होते हैं और बौद्धिक कार्यों में सुधार आता है। 

पर्याप्‍त नींद लेने से दिमाग रिफ्रेश रहता है और याद्दाश्‍त में सुधार आता है।

एक्‍सरसाइज भी करें क्‍योंकि स्‍टडी के लिए सिर्फ बैठने या खड़े होनेसे अकड़न और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। इससे आपका ध्‍यान भी पढ़ाई से हट सकता है। परीक्षा के दौरान एक्‍सरसाइज को लेकर निम्‍न टिप्‍स अपनाएं :

  • हर एक घंटे में उठें और स्‍ट्रेच करें। इससे मांसपेशियों में अकड़न कम होगी।
  • वॉक पर निकल जाएं। योग करें और 10 या 15 मिनट गाने सुनकर डांस करें। इससे आपका मूड बेहतर होगा।
  • घर में चेस, कैरम आदि खेल सकते हैं। बाहर बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्‍विमिंग, साइक्‍लिंग कर सकते हैं।
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अगर आपको एग्‍जाम स्‍ट्रेस हो रहा है या अच्‍छा परफॅार्म न करने का डर सता रहा है तो आप किसी की मदद ले सकते हैं। बहुत ज्‍यादा स्‍ट्रेस होने पर आप अपने करीबियों की मदद ले सकते हैं।

इसमें निम्‍न टिप्‍स आपके काम आ सकते हैं :

  • अपने पैरेंट्स को अपने मन की बात बताएं। उन्‍हें बताएं कि आप किस तरह का प्रेशर झेल रहे हैं।
  • अपने दोस्‍तों या भाई-बहनों से बात करें। आप सभी के साथ डिस्‍कस कर सकते हैं कि कैसे स्‍ट्रेस को कम करें।
  • अपनी टीचर से मुश्किल सब्‍जेक्‍ट के बारे में बात करें। इससे आपका डर कम होगा।
  • आप किसी मेंटल हेल्‍थ प्रोफेशनल की मदद भी ले सकते हैं।

संदर्भ

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