सिफलिस (उपदंश) - Syphilis in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

January 31, 2024

सिफलिस
सिफलिस

सिफलिस/ उपदंश (Syphilis) क्या है?

सिफिलिस 'टी.पैलिडम' (T. Pallidum) बैक्टीरिया के द्वारा फैलने वाला संक्रमण है, जो त्वचा पर होने वाले सिफिलिटिक छाले और श्लेष्मा झिल्ली (Mucous Membranes) में प्रत्यक्ष रूप से हस्तांतरित होता है। यह एक यौन संचारित संक्रमण (एसटीडी) है जो इलाज न कराये जाने पर गंभीर रूप धारण कर सकता है।

इसका संक्रमण सिफिलिटिक छालों (इसे दर्दरहित छाले भी कहा जाता है) से संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क के माध्यम से भी फैलता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा दरवाज़ों के हैंडल या मेज़ जैसी सतहों को छूने से यह संक्रमण नहीं फैलेगा।

इसके तहत योनि, गुदा, मलाशय, होंठ और मुँह में छाला हो सकता है। मौखिक (Oral), गुदा (Anal) या योनि सम्बन्धित यौन गतिविधि के दौरान इस बीमारी के फैलने की संभावना होती है। बहुत ही कम मामलों में यह चुंबन के माध्यम से भी फैल सकता है।

जननांगों, मलाशय, मुँह या त्वचा की सतह पर दर्दरहित छाला इस संक्रमण का पहला संकेत है। कुछ लोगों का ध्यान इस छाले की तरफ जाता भी नहीं है क्योंकि यह दर्दरहित होता है। कई बार ये छाले अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन यदि इलाज न किया जाए तो बैक्टीरिया शरीर में ही रह जाते हैं।

(और पढ़ें - मुंह के छाले का घरेलू उपाय)

पेनिसिलिन के साथ प्रारंभिक उपचार द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है। उपचार के बाद सिफिलिस दुबारा वापस नहीं होता लेकिन इस बैक्टीरिया के अधिक संपर्क में आने पर इस बीमारी की पुनरावृत्ति हो भी सकती है। एक बार सिफिलिस से संक्रमित होने के बाद किसी व्यक्ति को इस बीमारी से फिर से संक्रमित होने से  नहीं बचाया जा सकता।

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अपने अजन्मे बच्चे को सिफलिस प्रेषित कर सकती हैं, जिसके संभावित रूप के घातक परिणाम हो सकते हैं।

सिफिलिस का संक्रमण अपनी तीसरी अवस्था में लौटने से पहले 30 साल तक निष्क्रिय भी रह सकता है।

उपदंश (सिफलिस) के चरण - Stages of Syphilis in Hindi

सिफलिस संक्रमण के चरण:

सिफलिस/ उपदंश के चार चरण होते हैं –

  1. प्राथमिक 
  2. माध्यमिक
  3. छिपा हुआ (अव्यक्त)
  4. तृतीयक

पहले दो चरणों में सिफलिस सबसे अधिक संक्रामक होता है।

जब सिफलिस छिपा हुआ या अव्यक्त अवस्था में होता है तो रोग सक्रिय रहता है, लेकिन अक्सर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते और यह दूसरों के लिए संक्रामक भी नहीं होता है।  सिफलिस की तृतीयक अवस्था स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक घातक होती है।

  1. प्राथमिक उपदंश –
    बैक्टीरिया से संक्रमित होने के तीन-चार सप्ताह बाद उपदंश का प्राथमिक चरण शुरू होता है। यह एक छोटे, गोल छाले से शुरू होता है। यह छाला दर्दरहित, लेकिन बेहद संक्रामक होता है। बैक्टीरिया आपके शरीर के जिस भी हिस्से में प्रवेश करते है, वहां छाले हो सकते हैं, जैसे कि आपके मुँह, जननांगों या मलाशय के अंदर या बाहर का भाग। छाला संक्रमण के तीन सप्ताह बाद दिखाई देता है, लेकिन इसके प्रकट होने में 10 से 90 दिन भी लग सकते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाला छाला दो से छह सप्ताह तक रहता है। उपदंश छाले के साथ सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह आमतौर पर ओरल सेक्स सहित यौन गतिविधि के दौरान होता है।
     
  2. माध्यमिक उपदंश – 
    उपदंश के दूसरे चरण के दौरान आपकी त्वचा पर चकत्ते और गले में खराश हो सकती है। चकत्तों में खुजली नहीं होती है और आमतौर पर ये आपकी हथेलियों और तलवों पर पाए जाते हैं, लेकिन ये शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं। कुछ लोगो का ध्यान इन चकत्तों की तरफ जाये, उससे पहले ही ये ठीक भी हो सकते हैं।
     
  3. छिपा हुआ (अव्यक्त) उपदंश  
    उपदंश का तीसरा चरण अव्यक्त या छिपा चरण है। प्राथमिक और द्वितीयक लक्षण गायब हो जाते हैं और इस चरण में आपको कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देगा। हालांकि, आप अभी भी सिफलिस से संक्रमित रहते हैं। द्वितीयक उपदंश के लक्षण फिर से प्रकट हो सकते हैं या आप तृतीयक उपदंश के चरण की ओर बढ़ने से पहले कई वर्षों तक इस चरण से संक्रमित रह सकते हैं।
     
  4. तृतीयक उपदंश 
    संक्रमण का अंतिम चरण तृतीयक उपदंश है। लगभग 15 से 30 प्रतिशत लोग इस चरण में प्रवेश करते हैं, जो उपदंश का उपचार नहीं कराते। प्रारंभिक रूप से संक्रमित होने के बाद तृतीयक उपदंश एक साल से लेकर दस सालों तक हो सकता है।

उपदंश (सिफलिस) के लक्षण - Syphilis Symptoms in Hindi

उपदंश (सिफलिस) के लक्षण:

1. प्राथमिक उपदंश 

  • पीड़ारहित
  • छोटे छाले 

2. माध्यमिक उपदंश 

बिना उपचार किया हुआ (अनुपचारित) माध्यमिक उपदंश अप्रकट (Latent) और तृतीयक चरणों में प्रगति कर सकता है।

3. अव्यक्त उपदंश 

अव्यक्त चरण कई वर्षों तक रह सकता है। इस समय के दौरान शरीर बिना लक्षणों वाले रोग का घर बन जायेगा।

4. तृतीयक (अंतिम) उपदंश 

  • अंधापन
  • बहरापन
  • मानसिक बीमारी
  • स्मरण शक्ति की क्षति
  • नरम ऊतक और हड्डी को नुक्सान 
  • तंत्रिका संबंधी विकार, जैसे स्ट्रोक या मेनिनजाइटिस
  • दिल की बीमारी
  • न्यूरोसिफलिस, जो मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में होने वाला संक्रमण है।

उपदंश (सिफलिस) के कारण - Syphilis Causes in Hindi

उपदंश (सिफलिस) के कारण:

यौन गतिविधियों के दौरान टी. पैलिडम बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक स्थानांतरित होने के कारण सिफलिस होता है।

बैक्टीरिया आपकी त्वचा में लगी मामूली चोट अथवा खरोंच या श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। उपदंश अपने प्राथमिक और माध्यमिक चरणों या कभी-कभी प्रारंभिक अवधि (Early latent period) के दौरान संक्रामक का कारण बनता है।

यह गर्भावस्था के दौरान मां से गर्भ तक या प्रसव के दौरान शिशु को भी हस्तांतरित हो सकता है। इस प्रकार के सिफलिस को 'जन्मजात सिफलिस' कहा जाता है। 

(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या करना चाहिए)

सिफलिस दरवाजे के हैंडल को संक्रमित व्यक्ति द्वारा छूने और टॉयलेट सीट जैसी वस्तुओं के साझा उपयोग से नहीं फैलता है।

एक बार ठीक हो जाने के बाद उपदंश दुबारा अपने आप नहीं होता है। हालांकि, यदि आप उपदंश से ग्रसित किसी व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं।

उपदंश (सिफलिस) से बचाव - Prevention of Syphilis in Hindi

उपदंश (सिफलिस) से बचाव:  

उपदंश को रोकने का सबसे अच्छा तरीका सुरक्षित रूप से सेक्स करना है। किसी भी प्रकार के यौन संपर्क के दौरान कंडोम का उपयोग करना एक अच्छा विचार है। इसके अतिरिक्त निम्नलिखित उपाय भी उपयोगी हो सकते हैं –

  • कई व्यक्तियों के साथ यौन संबंध रखने से बचें। (और पढ़ें - सुरक्षित यौन संबंध
  • ओरल सेक्स के दौरान डेंटल डैम (लेटेक्स का एक चौकोर टुकड़ा) या कंडोम का प्रयोग करें। (और पढ़ें - कंडोम का इस्तेमाल)
  • सेक्स खिलौने साझा (Share) करने से बचें।
  • यौन संचारित संक्रमण की जांच कराएं और अपने सहयोगियों से उनके परिणामों के बारे में बात करें।

मेडिकल सुई को साझा करने के माध्यम से भी सिफलिस फैल सकता है। यदि आप दवाओं का उपयोग करने जा रहे हैं, तो नयी सुई का उपयोग करें।

उपदंश (सिफलिस) का परीक्षण - Diagnosis of Syphilis in Hindi

सिफलिस का परीक्षण (निदान):

इसके लिए चिकित्सक आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे और यौन इतिहास के बारे में पूछेंगे ताकि चिकित्सकीय परीक्षण से पहले उपदंश की पुष्टि की जा सके।

इन परीक्षणों में शामिल हैं –

  1. रक्त परीक्षण – इसके माध्यम से मौजूदा या पिछले संक्रमण का पता लगा सकते हैं, क्योंकि रोग के प्रतिरक्षी (एंटीबॉडीज) कई वर्षों तक शरीर में मौजूद रहते हैं।
  2. शारीरिक द्रव –​ प्राथमिक या माध्यमिक चरणों के दौरान दर्द रहित छाले से रोग का मूल्यांकन किया जा सकता है।
  3. सेरेब्रोस्पाइनल तरल पदार्थ – इसे स्पाइनल टेप के माध्यम से एकत्र किया जाता है और तंत्रिकातंत्र (Nervous System) पर किसी भी प्रभाव के परीक्षण के लिए इसकी जाँच की जाती है।

यदि सिफलिस की पहचान होती है, तो अपने यौन साझेदार को इसके बारे में बताना चाहिए और उसकी जाँच की जानी चाहिए।

यौन साझेदारों को सिफलिस के संभावित जोखिमों के बारे में सूचित करने, परीक्षण को सक्षम बनाने और यदि आवश्यक हो तो इलाज के लिए स्थानीय सेवाएं उपलब्ध हैं।

उपदंश (सिफलिस) का इलाज - Syphilis Treatment in Hindi

उपदंश (सिफलिस) का उपचार:

जब प्रारंभिक अवस्था में उपदंश का निदान और उपचार किया जाता है, तो इसे पूर्ण रूप से ठीक करना आसान होता है। सभी चरणों के लिए सबसे मुख्य उपचार पेनिसिलिन है, जो एक एंटीबायोटिक दवा है और उपदंश के लिए उत्तरदायी जीवों को नष्ट कर सकती है। यदि आपको पेनिसिलिन से एलर्जी है तो आपके डॉक्टर अन्य एंटीबायोटिक का सुझाव देते हैं। 

यदि आपको सिफलिस से संक्रमित हुए एक वर्ष से भी कम समय हुआ है, तो पेनिसिलिन का एक इंजेक्शन इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकती है। अगर आपको सिफलिस से संक्रमित हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है, तो आपको पेनिसिलिन की अतिरिक्त मात्रा की आवश्यकता हो सकती है।

उपदंश से ग्रसित गर्भवती महिलाओं के लिए पेनिसिलिन एकमात्र सुझाया गया उपचार है। जिन महिलाओं को पेनिसिलिन से एलर्जी है, उन्हें 'विसुग्राहीकरण' (Desensitization) की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है, जिसके बाद वे पेनिसिलिन लेने में समर्थ हो सकती हैं। यहां तक कि अगर आप गर्भावस्था के दौरान सिफलिस का इलाज करवा रही हैं, तो आपके नवजात शिशु का भी एंटीबायोटिक उपचार करवाना चाहिए।

(और पढ़ें – गर्भावस्था के लक्षण और प्रेगनेंसी टेस्ट)

पहले दिन के उपचार के बाद आप 'जेरिश-हरक्सहैमेर' प्रतिक्रिया (Jarisch-Herxheimer reaction), जिसे एक अल्पकालिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के रूप में जाना जाता है – का अनुभव कर सकते हैं। इसके संकेतों और लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, मतली, पीड़ादायक दर्द और सिर दर्द शामिल हैं। यह प्रतिक्रिया आमतौर पर एक दिन से अधिक नहीं रहती है।

उपचार को बाद देखभाल -

सिफलिस के इलाज के बाद आपके डॉक्टर बताएंगे –

  1. पेनिसिलिन की सामान्य खुराक का प्रभाव आपके ऊपर हो रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर रक्त परीक्षण और जांच करवाएं। 
  2. जब तक उपचार पूरा नहीं हो जाता और रक्त परीक्षण से संक्रमण ठीक होने का संकेत नहीं मिल जाता, तब तक यौन संपर्क से बचें। 
  3. अपने यौन भागीदारों को सूचित करें ताकि उनका परीक्षण किया जा सके और यदि आवश्यक हो, तो इलाज किया जा सके।  
  4. एचआईवी संक्रमण के लिए भी परीक्षण कराएं।

उपदंश (सिफलिस) के जोखिम और जटिलताएं - Syphilis Risks & Complications in Hindi

उपदंश (सिफलिस) के जोखिम कारक:

आपको उपदंश होने का जोखिम हो सकता है, यदि आप; 

  • असुरक्षित यौन संबंध बनातें हैं। 
  • कई व्यक्तियों के साथ सेक्स संबंध रखते हैं। 
  • ऐसे पुरुष, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।
  • ऐसा व्यक्ति जो एचआईवी वायरस से संक्रमित हैं या जिसे एड्स है। 

उपदंश की जटिलताएं:

यदि उपदंश का उपचार न किया जाये, तो ये आपके संपूर्ण शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। सिफलिस एचआईवी संक्रमण के जोखिम को भी बढ़ाता है और महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान समस्याएं पैदा कर सकता है। इसका उपचार भविष्य में होने वाली क्षति को रोकने में मदद कर सकता है, लेकिन पहले हो चुके क्षति को ठीक नहीं कर सकता है।

उपदंश (सिफलिस) में परहेज़ - What to avoid during Syphilis in Hindi?

इनसे बचें –

सिफलिस और अन्य एसटीडी (Sexually Transmitted Diseases) से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि एनल सेक्स या मौखिक (ओरल) सेक्स से बचा जाये। चूँकि, ज्यादातर लोग अपने जीवन की  कुछ विशेष अवस्थाओं में यौन संबंध बनाते हैं, इसलिए वह जानते हैं कि सुरक्षित रूप से सेक्स करना कितना महत्वपूर्ण है। सुरक्षित रूप से सेक्स करने से एसटीडी होने की संभावना कम हो सकती है।

(और पढ़ें - sex karne ke tarike)

शराब और दवाओं के सेवन को कम करके भी उपदंश को रोकने में मदद मिल सकती हैं, क्योंकि इन गतिविधियों से जोखिम भरा यौन व्यवहार हो सकता है।

(और पढ़ें – शराब की लत से छुटकारा पाने के तरीके)

उपदंश (सिफलिस) में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Syphilis in Hindi?

क्या खाएं?

प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले सभी खाद्य पदार्थों में से निम्नलिखित विशेष ध्यान देने योग्य हैं:

  1. लहसुन – लहसुन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होता है।
  2. प्याज  लहसुन की तरह प्याज भी जीवाणुरोधी, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल घटकों से भरपूर होते  हैं।
  3. संतरे, नींबू और अन्य खट्टे फल  इनमें भरपूर विटामिन सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण भी शामिल होते हैं। 
  4. खुबानी   इनमें विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। ये बहुत प्रभावकारी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
  5. मिर्च – यह विटामिन सी से समृद्ध खाद्य पदार्थों में से एक हैं। (और पढ़ें - हरी मिर्च खाने के फायदे)
  6. फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट, पत्तागोभी, ब्रोकली –  गोभी के समूह वाली सब्ज़ियों में विटामिन सी, विटामिन बी और बीटा-कैरोटीन के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी पाए जाते हैं।
  7. गाजर – कैरोटीनॉड्स से भरपूर होने के कारण गाजर सबसे अच्छे बॉडी प्यूरीफायर में शामिल हैं। इनकी एंटी वायरल और जीवाणुनाशक क्षमता साबित हो चुकी है।
  8. पालक – पालक बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी और विटामिन बी का समृद्ध स्रोत है। पालक में प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने की क्षमता होती है।
  9. मशरूम – ये प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाते हैं। (और पढ़ें - इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं)
  10. ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी – ये सबसे अच्छे एंटीऑक्सीडेंट खाद्य पदार्थों में से एक हैं। इनमें जीवाणु नाशक तत्व उपस्थित होते हैं।
  11. बादाम
  12. कद्दू
  13. अखरोट
  14. अंडे
  15. गेहूँ
  16. जई
  17. चावल इत्यादि।


संदर्भ

  1. Dupin N. [Syphilis].. Rev Med Interne. 2016 Nov;37(11):735-742. PMID: 27745937
  2. Peeling RW et al. Syphilis. Nat Rev Dis Primers. 2017 Oct 12;3:17073. PMID: 29022569
  3. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Syphilis - CDC Fact Sheet
  4. U.S. Department of Health & Human Services,Washington. Syphilis. HHS Headquarters [Internet]
  5. National Health Portal [Internet] India; Syphilis
  6. Lola V. Stamm. Syphilis: Re-emergence of an old foe . Microb Cell. 2016 Sep 5; 3(9): 363–370. PMID: 28357375

सिफलिस (उपदंश) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Syphilis in Hindi

सिफलिस (उपदंश) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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