पित्ती को अर्टिकारिया (urticaria) भी कहा जाता है जिसमे त्वचा पर बहुत ज़्यादा लाल दाने हो जाते हैं। पित्ती किसी चीज़ को खाने या अन्य कारणों की वजह से पनपती है।

ये एक तरह का एलर्जी रिएक्शन होता है और एलर्जी रिएक्शन की वजह से आपका शरीर एक प्रोटीन को रिलीज़ करता है जिसे हिस्टामीन (histamine) कहते हैं। हिस्टामीन बाद में खुजली, सूजन, लालिमा और अन्य लक्षणों को उतपन्न करने लगता है। पित्ती के कुछ समान्य कारण जैसे खाद्य पदार्थ (नट्स, चॉक्लेट, मछली, टमाटर, अंडे, ताज़ा बेरी और दूध), लेटेक्स, केमिकल्स, पोलेन, जानवरों की रूसी, संक्रमण, दवाइयां और कीड़े के काटने या डांक मारने से। 

इसके अलावा अगर आप गर्मिओं में एकदम से ठंडा खा या पी लेते हैं या फिर बहुत तनाव महसूस कर रहे हों, तो उसकी वजह से भी आपको पित्ती हो सकती है। ज़्यादातर मामलों में पित्ती इडियोपैथिक (idiopathic) होती है जिसका अर्थ हैं कि इसका कोई सटीक कारण नहीं मालूम चलता।

पित्ती को उनके अलग अलग आकार, रूप और अधिक खुजली जैसी समस्या से जोड़कर देख सकते हैँ। ये कुछ ही मिनट में गायब भी हो जाती है या दो घंटों से ज़्यादा भी रहती है। कुछ सरल घरेलू नुस्खे इससे राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। तो आइये आपको बताते हैं पित्ती के कुछ घरेलू उपाय - 

  1. पित्ती का घरेलू उपाय है नारियल का तेल - Hives ka upay hai coconut oil in Hindi
  2. शीतपित्त के लिए ओटमील से नहाएं - Sheetpitta ka gharelu upay hai oatmeal in Hindi
  3. पित्ती का घरेलू नुस्खा है बेकिंग सोडा - Pitta ka gharelu nuskha hai baking soda in Hindi
  4. अर्टिकेरिया होने पर करना चाहिए एलोवेरा का उपयोग - Pitti hone par kare aloe vera ka upyog in Hindi
  5. शीत पित्त निकलने पर करें जड़ी-बूटियां का उपयोग - Sheetpitta nikalne par kare Herbs ka upyog in Hindi
  6. शीतपित्त से मुक्ति पाने का उपाय है टी ट्री तेल - Pitti de mukti dilata hai tea tree oil in Hindi
  7. पित्ती उछलने पर करें ग्रीन टी का इस्तेमाल - Pitta hone par kare green tea ka upyog in Hindi
  8. पित्ती निकलने का घरेलू नुस्खा है लोशन - Pitta ka gharelu nuskha hai lotion in Hindi
  9. पित्ती को दूर करने का उपाय है मछली का तेल - Hives dur karne ka upay hai fish oil in Hindi
  10. पित्ती से छुटकारा पाने का तरीका है अदरक - Pitta se chutkara pane ka tarika hai ginger in Hindi

सामग्री –

नारियल का तेल।

विधि –

  1. नारियल के तेल को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं।
  2. फिर कुछ घंटों तक इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  3. नारियल के तेल का इस्तेमाल कब तक करें –
  4. इसे पूरे दिन में दो बार ज़रूर लगाएं।

नारियल के तेल के फायदे –

नारियल का तेल एक प्राकृतिक स्किन मॉइस्चराइज़र की तरह काम करता है और पित्ती में होने वाली  अधिक खुजली से भी राहत दिलाता है। इसमें एंटीबैक्टेरियल गुण भी होते हैं जो त्वचा को किसी भी बैक्ट्रिया या संक्रमण से सुरक्षित रखते हैं।

चेतावनी –

कभी भी नारियल का रिफाइंड तेल इस्तेमाल न करें इससे आपके पित्ती की समस्या और भी ज़्यादा बिगड़ सकती है।

(और पढ़ें - नारियल तेल के फायदे और नुकसान)

यहां समान श्रेणी की दवाएं देखें

सामग्री –

  1. ठंडा पानी।
  2. दो या तीन कप ओटमील।

विधि –

  1. सबसे पहले एक बाल्टी या बाथ टब लें।
  2. अब उसमे ठंडा पानी डालें।
  3. डालने के बाद अब उसमे ओटमील मिला दें।
  4. फिर उसमे प्रभावित क्षेत्र को 10 से 15 मिनट तक डुबोकर रखें।

ओटमील का इस्तेमाल कब तक करें –

खुजली से राहत पाने के लिए इस प्रक्रिया को रोज़ाना करें।

ओटमील के फायदे –

ठंडा पानी आपको राहत देगा और त्वचा के छिद्रों को सिकोड़कर असहजता को कम करेगा। इसमें सूजनरोधी गुण भी होते हैं। ओटमील में स्टार्च और बीटा-ग्लूकन्स पाया जाता है जो त्वचा को किसी भी संक्रमण से सुरक्षित रखता है। इसमें फेनोल्स भी होते हैं जिनमे एन्टिओक्सीडेटिव और सूजनरोधी प्रभाव भी मौजूद होते हैं।

(और पढ़ें - ओट्स के फायदे)

सामग्री –

  1. बेकिंग सोडा (जितनी ज़रूरत हो उतना)।
  2. पानी।

विधि –

  1. एक पेस्ट तैयार करने के लिए सबसे पहले पानी में बेकिंग सोडा मिला दें।
  2. अब इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
  3. सूखने तक का इंतज़ार।
  4. कुछ देर बाद पानी से त्वचा को धो लें।

बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कब तक करें –

इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो बार ज़रूर इस्तेमाल करें।

बेकिंग सोडा के फायदे –

बेकिंग सोडा में मौजूद एल्कलाइन त्वचा को राहत दिलाता है और खुजली या इरिटेशन को दूर करता है। इसका इस्तेमाल कुछ दिनों तक करने से खुजली और अन्य समस्याएं कम होती नज़र आएंगी।

(और पढ़ें - बेकिंग सोडा के फायदे और नुकसान)

सामग्री –

ताज़ा एलो वेरा जेल।

विधि –

  1. सबसे पहले एलो वेरा की पत्ती से जेल निकालें और फिर उसे प्रभावित क्षेत्र पर लगा लें।
  2. अब इसे 20 से 30 मिनट तक ऐसे ही लगाकर रखें।
  3. फिर त्वचा को ठंडे पानी से धो लें।

एलो वेरा का इस्तेमाल कब तक करें –

अच्छा परिणाम पाने के लिए आप एलो वेरा जेल का इस्तेमाल पूरे दिन में दो बार करें।

एलो वेरा के फायदे –

एलो वेरा में ग्लुकोमननांस (glucomannans) पाया जाता है जो इन समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है। इसमें मॉइचराइज़िंग और सूजनरोधी गुण भी मौजूद होते हैं। एलो वेरा जेल पित्ती के लिए बहुत ही प्रभावी घरेलू उपाय है। 

(और पढ़ें - एलोवेरा के फायदे और नुकसान)

पहली सामग्री –

डेविल क्लो कैप्सूल्स या टेबलेट।

विधि –

  1. पित्ती से राहत पाने के लिए रोज़ाना 500 मिलीग्राम डेविल क्लो के हर्ब कैप्सूल्स लेने से पित्ती के लक्षणों को रोकने में मदद मिलेगी।
  2. डेविल क्लो का इस्तेमाल कब तक करें –
  3. जब तक आपको इस समस्या से राहत न मिल जाए तब इन हर्बल कैप्सूल्स को लेते रहें।

डेविल क्लो के फायदे –

डेविल क्लो का इस्तेमाल आमतौर पर एलर्जी रिएक्शन के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद हरपागोसाइड (Harpagoside) सामग्री पित्ती का इलाज करने में मदद करती है। इसमें सूजनरोधी गुण भी मौजूद होते हैं।

दूसरी सामग्री –

  1. एक चम्मच हल्दी पाउडर।
  2. एक ग्लास पानी।

विधि –

  1. सबसे पहले हल्दी पाउडर को पानी में डाल लें और फिर इसे पी जाएँ।
  2. पूरे दिन में दो बार इस मिश्रण को पियें।
  3. आप इसका पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं और फिर इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं।

हल्दी का इस्तेमाल कब तक करें –

इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो बार ज़रूर लगाएं।

हल्दी के फायदे –

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक बहुत ही फायदेमंद बायोएक्टिव कम्पोनेंट है। हल्दी में सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीहिस्टामिन गुण होते हैं। पित्ती के लिए ये एक बहुत ही बेहतरीन घरेलू उपाय है।

(और पढ़ें - हल्दी के फायदे और नुकसान)

सामग्री –

  1. टी ट्री तेल की कुछ बूँदें।
  2. कॉटन बैंडेज।

विधि –

  1. सबसे पहले टी ट्री तेल की कुछ बूंदों को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
  2. अब उसपर बैंडेज लगा लें।
  3. बड़े क्षेत्र के लिए आप इस तेल की 15 से 20 बूंदों को पानी में मिला दें। 
  4. अब इस पानी में एक साफ़ कपड़े को डुबोएं।
  5. फिर डुबोने के बाद अच्छे से निचोड़ लें और फिर इसे कुछ मिनट तक प्रभावित क्षेत्र पर लगे रहने दें। 

टी ट्री तेल का इस्तेमाल कब तक करें –

इस प्रक्रिया को पूरे दिन में तीन से चार बार दोहराएं।

टी ट्री तेल के फायदे –

टी ट्री तेल एक बहुत ही फायदेमंद आवश्यक तेल है। इसमें सूजनरोधी और एंटीबैक्टेरियल गुण होते हैं। ये सूजन को दूर करता है, संक्रमण से बचाता है और इस समस्या से राहत दिलाता है।  

(और पढ़ें - टी ट्री ऑयल के फायदे)

सामग्री –

  1. ग्रीन टी बैग।
  2. एक चम्मच शहद
  3. एक कप गर्म पानी।

विधि –

  1. कुछ मिनट के लिए ग्रीन टी बैग को गर्म पानी में उबालने के लिए रख दें।
  2. अब इसमें शहद मिलाएं और फिर इस चाय को गर्म गर्म पी जाएँ।

ग्रीन टी का इस्तेमाल कब तक करें –

पूरे दिन में दो या तीन बार इस चाय को पियें।

ग्रीन टी के फायदे –

ग्रीन टी में मौजूद पोलीफेनोल्स (polyphenols) पित्ती और समान्य स्किन रैशेस के कारण होने वाली सूजन को दूर करता है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीहिस्टामिन गुण होते हैं जो इस समस्या का इलाज जड़ से करते हैं।

(और पढ़ें - ग्रीन टी के फायदे)

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सामग्री –

  1. कैलामाइन लोशन या विच हेज़ल लोशन।
  2. रूई।

विधि –

  1. सबसे पहले लोशन लें फिर उसमे रूई को डुबोएं।
  2. डुबोने के बाद रूई को प्रभावित्र क्षेत्रों पर लगाएं।
  3. इसके इस्तेमाल से आपको खुजली से जल्द राहत मिलेगी।

लोशन का इस्तेमाल कब तक करें –

इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर दोहराएं।

लोशन के फायदे –

कैलामाइन लोशन में एस्ट्रिजेंट और स्किन प्रोटेक्टेंट गुण पाए जाते हैं साथ ही ये रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ने में भी मदद करता है। ये लोशन न ही लक्षणों का इलाज करता है बल्कि पूरी स्थिति को भी ठीक करता है। विच हेज़ल में टैनिन्स होते हैं जिनमे एस्ट्रिजेंट के गुण पाए जाते हैं साथ ही ये इरिटेशन को भी दूर करता है। इसमें सूजनरोधी गुण भी मिले होते हैं।

सामग्री –

मछली के तेल के कैप्सूल्स।

विधि –

  1. वेल्ट्स (welts) के गंभीर लक्षणों को भी कम करने के लिए आप दो या तीन कैप्सूल्स खा सकते हैं।

मछली के तेल का इस्तेमाल कब तक करें –

आपको जब तक पित्ती से आराम नहीं मिल जाता तब तक इसका सेवन रोज़ाना करते रहें।

मछली के तेल के फायदे –

ये कैप्सूल्स पित्ती का इलाज करने में मदद करते हैं। इनमे मौजूद फैटी एसिड में सूजनरोधी गुण होते हैं। आप रोज़ाना के आहार में सालमोन और टूना या कोल्ड वाटर मछली खा सकते हैं।

चेतावनी -

अगर आपको मछली के तेल से बने कैप्सूल्स या मछली की किसी भी चीज़ से एलर्जी है तो इसका सेवन न करें।

(और पढ़ें - मछली के तेल के फायदे)

सामग्री –

  1. एक चम्मच ताज़ा अदरक का जूस।
  2. एक चम्मच शहद।

विधि –

  1. सबसे पहले इन दोनों मिश्रण को एक साथ मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को पी जाएँ।

अदरक का इस्तेमाल कब तक करें –

इस मिश्रण को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें।

अदरक के फायदे –

अदरक प्राकृतिक ब्लड पूरिफाइयर की तरह काम करता है और खुजली की परेशानी को कम करता है। इसमें सुजारोधी गुण होते हैं जो पित्ती के कारण होने वाली सूजन को ठीक करते हैं।

(और पढ़ें - अदरक के फायदे)

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