अक्‍सर आपको लगता होगा कि शिशु को कपड़े में लपेटना सही नहीं है। लेकिन आपको बता दें कि इससे शिशु को गर्भ में रहने वाली सुरक्षा और गरमाई महसूस होती है। सूती या मलमल के कपड़े में शिशु को लपेटने से उसे गर्भाशय में एमनीओटिक थैली से सुरक्षित होने का अहसास होता है। इससे शिशु को आसानी से नींद आ जाती है। हालांकि, सभी बच्‍चों को कपड़े लपेटना यानी स्‍वैडल करना पसंद नहीं होता है और वो बहुत जल्‍द ही अपनी कुछ हरकतों या संकेतों के जरिए आपको ये बात समझा भी देते हैं। अगर आपके शिशु को स्‍वैडल पसंद नहीं है तो वो आपको कुछ ऐसे संकेत दे सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

  1. शिशु को कपड़े में कैसे लपेटें - Bache ko Kapde me Lapetne ka Tarika
  2. बच्‍चे को कपड़े में लपेटते समय इन बातों का रखें ध्‍यान - Bache ko Swaddle Karne ke Tips
  3. कपड़े में लपेटना कब बंद कर दें - Bache ko Kapde me Lapetna kab band kar dena Chahiye
  4. कपड़े में लपेटते समय क्या करना चाहिए - Bache ko Swaddle Karte Samay kya nahi Karna Chahiye
  • एक सूती या मलमल का कपड़ा लें और उसे डायमंड की शेप में बिस्‍तर पर बिछा दें। इस कपड़े का एक सिरा आपकी ओर और दूसरा आपके विपरीत होना चाहिए। इसके सबसे ऊपर के सिरे या किनारे को 10 से 15 से.मी तक मोड़ दें।
  • अब कपड़े के बीच में शिशु को पीठ के बल लिटाएं। उसकी गर्दन कपड़े के उस हिस्‍से पर होनी चाहिए जिसे आपने मोड़ा था।
  • कपड़े का दायां किनारा लें और उसे शिशु के दाएं कंधे के ऊपर से लाते हुए शरीर पर रैप कर दें। अब बाएं हाथ को उठाकर उसकी बाईं बगल के अंदर बांध दें।
  • कपड़े के बीच के हिस्‍से को पेट के ऊपर मोड़ें और पैरों के लिए थोड़ी जगह छोड़ दें।
  • अब कपड़े के बाएं किनारे को लेकर शिशु के बाएं कंधे के ऊपर से लें। थोड़ा-सा शिशु को घुमाएं और कपड़े को उसकी पीठ के नीचे से निकालकर रैप कर लें। शिशु की गर्दन और चेहरे को न ढकें।
  • आप चाहें तो शिशु के हाथों को भी कपड़े से बाहर निकाल सकते हैं।
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  • शिशु को कपड़े में लपेटने को स्‍वैडलिंग कहा जाता है। शिशु को कपड़े में लपेटते समय उसे हमेशा पीठ के बल लिटाएं।
  • शिशु के कूल्‍हों और पैरों के लिए पर्याप्‍त जगह छोडें। शिशु को कपड़े में इसलिए लपेटा जाता है, ताकि उसे गर्भ जैसी सुरक्षा और गरमाहट महसूस हो। उसे इस तरह स्‍वैडल न करें कि वो खुद को उसमें फंसा हुआ महसूस करे।
  • स्‍वैडलिंग के दौरान कभी भी शिशु के चेहरे और गर्दन को ढकने की गलती न करें।
  • आपको स्‍वैडल न तो बहुत ज्‍यादा ढीला करना है और ना ही टाइट। ढीले कपड़े से शिशु की गर्दन और चेहरा ढक सकता है, जिससे उसे असहज महसूस होगा। इसके कारण बच्‍चे का दम भी घुट सकता है या आकस्मिक नवजात मृत्‍यु सिंड्रोम हो सकता है। वहीं दूसरी ओर, स्‍वैडल के बहुत ज्‍यादा टाइट होने पर शिशु को सांस लेने या हिलने-डुलने में दिक्‍कत आ सकती है।
  • अगर आप शिशु को लपेटने के लिए चादर का इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो ध्‍यान रखें कि चादर गर्म, लेकिन हल्‍की होनी चाहिए। शिशु को स्‍वैडल गरमाई देने के लिए किया जाता है न कि उस पर कोई बोझ डालने या गर्मी के लिए। इसलिए हमेशा स्‍वैडलिंग के लिए सही कपड़ा चुनें।
  • कपड़े में लपेटने से बच्‍चे को गहरी नींद आती है। बच्‍चे को कपड़े में लपेटकर सुलाने पर आपको बीच-बीच में उसे चैक भी करते रहने चाहिए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि गहरी नींद लेने के दौरान आकस्मिक नवजात मृत्‍यु सिंड्रोम का अत्‍यधिक खतरा रहता है।
  • स्‍तनपान के दौरान कपड़े को हटा दें, क्‍योंकि उस समय शिशु को मां के स्‍पर्श की जरूरत होती है। त्‍वचा के संपर्क से मां और शिशु के बीच का रिश्‍ता और गहरा होता है।

(और पढ़ें - नवजात शिशु को कितना सोना चाहिए)

हर शिशु की आदतें और जरूरतें अलग होती हैं। अपने शिशु की तुलना दूसरे बच्‍चों से न करें। आपके बच्‍चे की पसंद, नापसंद, व्‍यवहार और विकास उसकी उम्र के दूसरे बच्‍चों से अलग हो सकता है और ये स्‍वाभाविक भी है। ऐसा जरूरी नहीं है कि आपके बच्‍चे को भी स्‍वैडल की गरमाई और सुरक्षा अच्‍छी लगती हो।

इस स्थिति में अपने शिशु द्वारा दिए जा रहे संकेतों को समझने की कोशिश करें। अगर बच्‍चा स्‍वैडल से निकलने के लिए बार-बार लात मार रहा है या हाथ बाहर निकाल रहा है तो इसका मतलब है कि उसे कपड़े में लिपटना बिल्कुल पसंद नहीं है।

जब शिशु लोटना शुरू कर दे तो उन्‍हें कपड़े में लपेटना बंद कर देना चाहिए, क्‍योंकि इससे उसे हिलने-डुलने में परेशानी हो सकती है। कपड़े में लपेटने पर लोटने या हिलने की कोशिश करने के दौरान उसका दम घुट सकता है।

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क्‍या करें

  • स्‍वैडलिंग के दौरान शिशु को पीठ के बल लिटाएं।
  • जब भी शिशु स्‍वैडल में सो रहा हो, उसे बीच-बीच में देखते रहें। गहरी नींद के दौरान आकस्मिक नवजात मृत्‍यु सिंड्रोम का अत्‍यधिक खतरा रहता है।
  • कूल्‍हों और पैरों को हिलाने के लिए स्‍वैडल में पर्याप्‍त जगह छोड़ें।
  • अगर शिशु को कपड़े में लिपटना पसंद नहीं है तो वो आपको कुछ संकेत देगा, इन संकेतों को समझने की कोशिश करें।

क्‍या न करें

  • स्‍वैडल के दौरान शिशु को पेट के बल लिटाने से बचें
  • कपड़े को ज्‍यादा कस कर न बांधें और न ही ढ़ीला छोड़ें
  • बच्‍चे की गर्दन और मुंह नहीं ढकना चाहिए
  • अपने शिशु की आदतों और व्‍यवहार की तुलना दूसरे बच्‍चों से न करें
  • जब शिशु लोटना शुरू कर दे तो उन्‍हें कपड़े में लपेटना बंद कर देना चाहिए
  • बच्‍चे को पतले कपड़े में ही लपेटें

संदर्भ

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