रूमैटिक हार्ट डिजीज - Rheumatic Heart Disease in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

December 13, 2017

March 06, 2020

रूमैटिक हार्ट डिजीज
रूमैटिक हार्ट डिजीज

रूमेटिक हृदय रोग क्या है?

संधिशोथ बुखार को 'रूमेटिक बुखार' भी कहा जाता है। यह एक सूजन संबंधी विकार होता है, जो स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया द्वारा होने वाले गले के संक्रमण के कारण होता है। यह शरीर के ऊतकों को प्रभावित करता है, जिसके कारण कुछ दिनों तक गठिया तथा अन्य लक्षण महसूस होते हैं। कुछ मामलों में रूमेटिक फीवर दिल तथा उसकी वॉल्वों को नुकसान पहुंचा देता है, और इस स्थिति को 'रूमेटिक हृदय रोग' कहा जाता है।

रूमेटिक बुखार हृदय को स्थायी नुकसान भी पहुंचा सकता है, जिसमें हृदय या उसकी वॉल्व को क्षति तथा ह्रदय का रुक जाना जैसी स्थिति भी शामिल हो सकती है। यह दीर्घकालिक, अक्षम बना देने वाली और कभी-कभी प्राणघातक स्थिति हो सकती है। सूजन दिल को प्रभावित कर सकती है, जिससे छाती में दर्द, थकान और सांस फूलना जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं।

हालांकि इस समस्या की रोकथाम की जा सकती है। यह 5-14 साल के बच्चों में यह काफी सामान्य होता है। खराब गले तथा गले के संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है, जिससे रूमेटिक बुखार विकसित होने से बचाव किया जा सकता है। रूमेटिक बुखार, स्ट्रेप्टोकोकस गले के संक्रमण से ग्रसित हर व्यक्ति को प्रभावित नहीं करता।

उपचार की मदद से सूजन से होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है, दर्द व अन्य लक्षणों को कम किया जा सकता है और रूमेटिक बुखार को दोबारा होने से बचाव किया जा सकता है।

(और पढ़ें - दिल की बीमारी

रूमैटिक हार्ट डिजीज के लक्षण - Rheumatic Heart Disease Symptoms in Hindi

रूमेटिक हृदय रोग के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं?

 'रूमेटिक हृदय रोग' का कई बार सालों तक कोई लक्षण व संकेत नहीं दिखता या कुछ हल्के लक्षण दिखाते हैं, जैसे कि:

रूमेटिक हृदय रोगों की दीर्घकालिक जटिलताएं काफी गंभीर होती हैं और इसमें निम्न प्रकार के लक्षण व संकेत शामिल होते हैं:

  • हृदय गति का रुक जाना (जब हृदय शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खून पंप नहीं कर पाता)।
  • हृदय की क्षतिग्रस्त वाल्वों में संक्रमण। (और पढ़ें - हार्ट वाल्व डिजीज)
  • हृदय में खून के थक्के बनने के कारण स्ट्रोक होना, या क्षतिग्रस्त वाल्वों का टूट जाना, जो मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक कर देती हैं। (और पढ़ें - स्ट्रोक क्या है)
  • हृदय की धड़कनें तेज होना या अशांत लय।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आपके बच्चे में स्ट्रेप्टोकोकस गले के संक्रमण के लक्षण व संकेत दिखाई देते हैं, तो रूमेटिक बुखार होने की संभावना है, और इसलिए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। स्ट्रेप्टोकोकस का पर्याप्त उपचार रूमेटिक बुखार की रोकथाम करने में मदद कर सकता है। बीमारी का शीघ्र उपचार व निदान उसकी प्रगति को रोक सकता है।

रूमैटिक हार्ट डिजीज के कारण - Rheumatic Heart Disease Causes in Hindi

रूमेटिक हृदय रोग के कारण और जोखिम कारक क्या हो सकते हैं?

ऐसा माना जाता है कि प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया पर अत्याधिक प्रतिक्रिया करने के कारण रूमेटिक बुखार होता है।

  • रूमेटिक बुखार के लगभग सभी मामले गले में संक्रमण होने के कुछ ही हफ्तों के अंदर विकसित हो जाते हैं। गले में संक्रमण के दौरान गले की अंदरूनी परत में सूजन व जलन होने लगती है, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण पर प्रतिक्रिया करने लगती है।
  • रूमेटिक बुखार के बार-बार होने के कारण रूमेटिक हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • रूमेटिक हृदय रोग में, सूजन की प्रक्रिया एक अनियंत्रित तरीके से शरीर में फैलती है। यह मालूम नहीं है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अचानक से काम करना क्यों बंद कर देती है।
  • स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया की संरचना शरीर के कुछ ऊतकों जैसी ही होती है।इसलिए प्रतिरक्षा प्रणाली सिर्फ बैक्टीरिया को ही टारगेट नहीं करती बल्की उन ऊतकों पर भी वार करती है, जिनकी संरचना बैक्टीरिया जैसी होती है।
  • एक सिद्धांत यह भी है कि कुछ लोग कुछ आनुवांशिक विशेषताओं के साथ पैदा होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को गले के संक्रमण के बाद खराबी होने की अधिक संभावना विकसित करती है।
  • रूमेटिक बुखार के साथ होने वाली सूजन के परिणाम से हृदय में स्थायी रूप से क्षति हो सकती है, विशेष रूप से हृदय की वाल्वों को।
  • हृदय की स्वस्थ वाल्व हृदय की हर धड़कन के साथ खुलती और बंद होती हैं, और हृदय के सभी चारों चैम्बर को सील करती हैं, जिससे खून गलत दिशा में नहीं बह पाता। रूमेटिक हृदय रोग में ये वाल्प पूरी तरह से खुल और बंद नही हो पाती। जिस कारण से हृदय पूरी तरह से खून को पंप नहीं कर पाता और उस पर अत्याधिक तनाव पड़ने लगता है।
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रूमैटिक हार्ट डिजीज से बचाव - Prevention of Rheumatic Heart Disease in Hindi

रूमेटिक हृदय रोग की रोकथाम कैसे की जा सकती है?

रूमेटिक हृदय रोग विकसित होने की रोकथाम करने के लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं:

  • दिल की जांच नियमित रूप से दिल के डॉक्टर (Cardiologist) से करवाते रहें।
  • स्ट्रेप्टोकोकस गले के संक्रमण की रोकथाम रखने के लिए नियमित निरोधक एंटीबायोटिक लेते रहें।
  • प्रारंभिक निदान में स्पष्ट होने पर या जहां उपयुक्त हो गले में संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करें।
  • दातों को स्वच्छ तथा स्वस्थ रखें (जैसे टूथब्रश फ्लॉसिंग करना, दातों के डॉक्टर से चेक-अप करवाते रहना आदि) क्योकिं मुंह से बैक्टीरिया जब खून में मिल जाते हैं, तो दिल की अंदरूनी परत में सूजन आदि जैसी समस्या पैदा कर सकते हैं।
  • एंटीबायोटिक्स - दिल के क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में बैक्टीरिया संक्रमण की रोकथाम के लिए, डेंटल व सर्जिकल प्रक्रियाओं से पहले कुछ लोगों को एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। (और पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)
  • जन्मपूर्व अच्छी देखभाल – क्योंकि दोषपूर्ण गर्भवास्था रूमेटिक हृदय रोग की स्थिति को और बद्तर बना सकती है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल)

रूमैटिक हार्ट डिजीज का परीक्षण - Diagnosis of Rheumatic Heart Disease in Hindi

रूमेटिक हृदय रोग का परीक्षण / निदान कैसे किया जाता है?

जिन लोगों को रूमेटिक हृदय रोग है उन्हें हाल ही में स्ट्रेप्टोकोकस गले का संक्रमण हुआ होता है या आगे होने की संभावना होती है। स्ट्रेप्टोकोकस की जांच करने के लिए खून टेस्ट या गले का कल्चर (Throat culture) आदि किया जाता है।

उन्हें नियमित शारीरिक परीक्षण के दौरान मर्मर (Murmur) या रगड़ने जैसी आवाजें सुनाई दे सकती हैं। ये ध्वनि क्षतिगस्त वॉल्वों के चारों तरफ खून लीक होने के कारण पैदा होती है।

रूमेटिक हृदय रोग का निदान करने के लिए पिछली मेडिकल जानकारी और शारीरिक परीक्षण के साथ-साथ निम्न टेस्ट शामिल हो सकते हैं -

  • इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) – इस टेस्ट को इको (Echo) भी कहा जाता है, हृदय के कक्षों (चैम्बर) व वाल्वों की जांच के लिए इस टेस्ट में ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जात है। इको की मदद से वाल्व फ्लैप, वाल्व लीक होने के कारण खून का बाहर रिसाव और हृदय का आकार बढ़ने जैसी समस्या को देखा जा सकता है। हृदय की वाल्व संबंधी समस्याओं को समझने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण टेस्ट है।
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) – इसे इीसीजी (ECG) भी कहा जाता है, इस टेस्ट की मदद से ह्रदय की विद्युत गतिविधि की ताकत और समय को रिकॉर्ड किया जाता है।  इस जाँच के माध्यम से कई बार दिल की असामान्य लय (एरिथमिया और डिशरीथमियस) और दिल की मांसपेशियों की क्षति का भी पता लगाया जाता है। इसमें छोटे-छोट सेंसर होते हैं जिन्हें मरीज की त्वचा पर चिपकाया जाता है, ये सेंसर विद्युत गतिविधियों पर नजर रखते हैं। (और पढ़ें - ईसीजी क्या है)
  • छाती का एक्स-रे – फेफड़ों की जांच करने के लिए और दिल का आकार बढ़ने संबंधी जांच करने के लिए छाती का एक्स रे किया जाता है।
  • हृदय का एमआरआईएमआरआई एक इमेजिंग टेस्ट होता है, जो दिल की डिटेल्ड तस्वीरें दिखाता है। इसका टेस्ट का इस्तेमाल हृदय की वाल्व और मांसपेशियों को और अधिक सटीक रूप से देखने के लिए किया जाता है।
  • खून टेस्ट – संक्रमण व सूजन आदि की जांच के लिए कुछ प्रकार के खून टेस्ट किये जाते हैं। (और पढ़ें - रक्त परिक्षण)

रूमैटिक हार्ट डिजीज का इलाज - Rheumatic Heart Disease Treatment in Hindi

रूमेटिक हृदय रोग का उपचार कैसे किया जा सकता है?

रूमेटिक हृदय रोग के डॉक्टरों द्वारा एक विशिष्ट उपचार निर्धारित किया जाता है, जो निम्न पर निर्धारित होता है:

  • समस्या कितनी बढ़ चुकी है।
  • उम्र, संपूर्ण स्वास्थ्य और पिछली मेडिकल स्थिति की जानकारी।
  • किसी विशिष्ट दवा, प्रक्रिया या थेरेपी के प्रति मरीज की सहनशीलता।

दवाएं –

  • रूमेटिक बुखार की रोकथाम करने के लिए सबसे बेहतर उपचार एंटीबायोटिक है। ये दवाएं आम तौर पर गले में स्ट्रेप्टोकोकस का उपचार कर देती हैं और रूमेटिक बुखार होने से बचाव रखती हैं।
  • सूजन-रोधी दवाओं (Anti-inflammatory drugs) का इस्तेमाल- आम तौर पर इसका इस्तेमाल सूजन को कम करने और दिल को क्षति पहुंचने के जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है। हृदय गति रूक जाना (Heart failure) जैसी स्थिति को मैनेज करने के लिए अन्य दवाओं की जरूरत भी पड़ सकती है।
  • जब एक बार रूमेटिक बुखार चला जाता है, तब भी मरीज को पेनीसिलीन या बराबर रूप से एंटीबायोटिक दवाएं लेने की आवश्यकता होती है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण उपचार है, क्योंकि अगर रूमेटिक बुखार फिर से हो जाता है, तो दिल की वाल्व क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों को रूमेटिक बुखार हुआ है, उनको अक्सर दैनिक या मासिक रूप से एंटीबायोटिक उपचार दिया जाता है। ऐसा भविष्य में रूमेटिक बुखार के आक्रमण की रोकथाम करने के लिए और दिल क्षतिग्रस्त होने की संभावना को कम के लिए किया जाता है।
  • सूजन को कम करने के लिए, एस्पिरिन, स्टेरॉयड या नोन-स्टेरायडल दवाएं दी जा सकती हैं।
  • स्ट्रोक को कम करने के लिए या दिल की वॉल्व रिप्लेसमेंट करने के लिए खून पतला करने वाली दवाएं भी दी जा सकती हैं। (और पढ़ें - स्ट्रोक क्या है)

सर्जरी –

  • यह उपचार बीमारी की स्थिति पर निर्भर करता है कि दिल की वॉल्वों में कितनी क्षति हुई है। कुछ गंभीर मामलों में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त वॉल्वों को रिप्लेस करने के लिए उपचार में सर्जरी को भी शामिल किया जा सकता है।
  • अगर आपके दिल का कोई वाल्व बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर बंद हो गई है या खून को लीक कर रही है, जिससे दिल पर तनाव पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में वाल्व की मरम्मत करने के लिये या उसे रिप्लेस करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। कई बार अगर वाल्व बहुत अधिक संकुचित हो गई है, तो उसे बिना सर्जरी खोलने के लिए एक गुब्बारे की कैथेटर प्रक्रिया (Balloon Valvuloplasty) का इस्तेमाल किया जाता है।
  • हालांकि कुछ मामलों में, गुब्बारे की प्रक्रिया वॉल्व को खोल नहीं पाती, तो उस वॉल्व को एक कृत्रिम वाल्व के साथ बदलने की आवश्यकता पड़ती है।
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संदर्भ

  1. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Rheumatic heart disease.
  2. Liu M et al. Rheumatic Heart Disease: Causes, Symptoms, and Treatments.. Cell Biochem Biophys. 2015 Jul;72(3):861-3. PMID: 25638346
  3. National Health Portal [Internet] India; Rheumatic fever and rheumatic heart disease.
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  5. Harris C,Croce B,Cao C. Rheumatic heart disease. Ann Cardiothorac Surg. 2015 Sep;4(5):492. PMID: 26539360

रूमैटिक हार्ट डिजीज की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Rheumatic Heart Disease in Hindi

रूमैटिक हार्ट डिजीज के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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