गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह से पहले एक भ्रूण की मृत्यु हो जाने को प्राकृतिक गर्भस्राव या गर्भपात (मिसकैरेज) कहते हैं। मिसकैरेज को चिकित्सकीय भाषा में स्वत: गर्भपात कहते हैं लेकिन यहां "स्वत:" प्रमुख शब्द है क्योंकि केवल गर्भपात शब्द मिसकैरेज को परिभाषित नहीं कर सकता। (और पढ़ें - गर्भपात के घरेलू उपाय)

मिसकैरेज होना आजकल बहुत आम बात हो गयी है। बहुत से बल्कि अधिकतर गर्भपात गर्भावस्था की शुरुआत में ही हो जाते हैं। कभी कभी तो महिला को भी यह पता नहीं चल पता है कि वह गर्भवती है। (और पढ़ें - गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण)

इसलिए यह अनुमान करना थोड़ा मुश्किल है कि गर्भपात कितनी बार होता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सभी निषेचित अण्डों के आरोपण से पहले आधे अंडे नष्ट हो जाते हैं। ज्ञात गर्भधारण में लगभग 10% से 20% मिसकैरेज होते हैं। हालांकि, यह अनुमान लगाया गया है कि कम से कम 30-60% प्रेगनेंसी, गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों में समाप्त हो जाती हैं। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी टेस्ट)

80% से अधिक मिसकैरेज, गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में हो जाते हैं। जो गर्भपात 20 हफ्तों की गर्भावस्था के बाद होते हैं उन्हें "लेट मिसकैरेज" (Late miscarriage) कहा जाता है।

  1. मिसकैरेज के प्रकार - Types of miscarriage in Hindi
  2. मिसकैरेज के लक्षण - Miscarriage symptoms in Hindi
  3. मिसकैरेज (गर्भस्राव) होने के कारण - Miscarriage causes in Hindi
  4. बार बार मिसकैरेज होने के कारण - Causes of recurrent miscarriage in Hindi
  5. मिसकैरेज (गर्भस्राव) से बचाव - Miscarriage prevention in Hindi
  6. मिसकैरेज का निदान और इलाज - Miscarriage diagnosis and treatment in Hindi
  7. मिसकैरेज के बाद सावधानियां - Precautions after miscarriage in Hindi
  8. मिसकैरेज के बाद देखभाल - Care after miscarriage in Hindi
  9. मिसकैरेज के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होना - Recovery after miscarriage in Hindi
  10. मिसकैरेज के बाद मासिक धर्म - Next period after a miscarriage in Hindi
  11. मिसकैरेज के बाद कब प्रेग्नेंट हों - When to get pregnant after miscarriage in Hindi
  12. मिसकैरेज के बाद क्या खायें और क्या नहीं - What to eat and what not to eat after miscarriage in Hindi

मिसकैरेज के निम्नलिखित प्रकार होते हैं:

  1. मिस्ड गर्भपात (Missed abortion): 
    यह तब होता है जब गर्भावस्था स्वयं समाप्त हो जाती है, और इस दौरान कोई रक्तस्राव या अन्य लक्षण अनुभव नहीं होते हैं। कभी-कभी, मिसकैरेज होने पर जब तक रक्तस्राव नहीं होता, भ्रूण गर्भ में ही बना रहता है। मिस्ड गर्भपात का पता तब लगता है जब गर्भावस्था के लक्षण गायब होने लगते हैं और गर्भाशय में बृद्धि होनी बंद हो जाती है। इसका निदान अल्ट्रासाउंड टेस्ट द्वारा किया जाता है।
     
  2. धब्बेदार अंडाणु (Blighted ovum): 
    यह भी एक प्रकार का शुरूआती मिसकैरेज है। इस स्थिति में अंडाणु आरोपित (Implant) तो होता है लेकिन कोष (Sac) के अंदर भ्रूण विकसित नहीं होता। इसका निदान भी अल्ट्रासाउंड द्वारा किया जाता है।
     
  3. अस्थानिक गर्भावस्था (Ectopic pregnancy): 
    जब अंडाणु गर्भाशय की बजाय फैलोपियन ट्यूब में आरोपित होता है, उस स्थिति को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं। एक से दो प्रतिशत गर्भधारण अस्थानिक होते हैं जिनका उपचार भी नहीं होता। अस्थानिक गर्भावस्था महिलाओं के स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता पर गंभीर रूप से प्रभाव डालती है।
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मिसकैरेज के सबसे आम लक्षण या संकेत, योनि से रक्तस्राव और पेट में ऐंठन होना हैं। अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • योनि से रक्तस्राव, स्पॉटिंग, खून के थक्कों या अत्यधिक रक्तस्राव के रूप में भी हो सकता है। यह रंग में भूरे या गहरे लाल रंग का भी हो सकता है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में रक्तस्राव)
  • माहवारी जैसी ऐंठन या दर्द भी मिसकैरेज के संकेत हैं।
  • इंग्लैंड की एनएचएस (NHS) के अनुसार, योनि से तरल पदार्थ के डिस्चार्ज या ऊतक के रूप में भी कभी कभी भ्रूण निकल जाता है, जो मिसकैरेज का संकेत है।
  • गर्भावस्था के लक्षण, जैसे स्तनों में असहजता महसूस होना या सुबह उठते ही उल्टी आना (Morning sickness - मॉर्निंग सिकनेस) आदि कम होने लगते हैं।

'टॉमी बेबी चैरिटी' की एक दाई केट पिनी, कहती हैं, 'शुरुआती गर्भावस्था में आमतौर पर लगभग 3-5 सप्ताह तक स्पॉटिंग की संभावना होती है, आम तौर पर तब जब अगली माहवारी बची होती है, इसे आरोपण रक्तस्राव (Implantation bleeding) कहा जाता है। हालांकि गर्भवती होने के बाद योनि से किसी भी प्रकार का रक्तस्राव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।' 

(और पढ़ें - स्पॉटिंग क्या होती है)

अधिकांश मिसकैरेज तब होते हैं जब जन्म लेने वाले बच्चे को मृत्यु का कारण बनने वाली आनुवंशिक समस्याएं होती हैं। आमतौर पर ये समस्याएं मां से सम्बंधित नहीं होती हैं।

मिसकैरेज के अन्य कारण निम्नलिखित हैं:

मिसकैरेज का अधिक खतरा होता है यदि महिला:

सर्विकल अपर्याप्तता (Cervical Insufficiency)

कभी-कभी मिसकैरेज, गर्भाशय ग्रीवा की कमजोरी के कारण भी होता है, जिसे गर्भाशय ग्रीवा की क्षमता में कमी (Cervical incompetence) कहा जाता है, जिसमें भ्रूण गर्भ में नहीं रुक सकता। इनकॉंपिटेंट सर्विक्स से मिसकैरेज आमतौर पर दूसरी तिमाही में होता है।

गर्भाशय ग्रीवा की कमजोरी के कारण होने वाले मिसकैरेज के कुछ लक्षण होते हैं। जैसे महिला को अचानक दबाव महसूस हो सकता है और बच्चेदानी फटने की वजह से पानी निकलने लगता है। जिस दौरान भ्रूण दर्द के बिना गर्भनाल से निकाला जा सकता है। आमतौर पर लगभग 12 हफ़्तों में कमजोर गर्भाशय ग्रीवा का इलाज "सर्कलिंग" (Circling) टांके लगाकर किया जा सकता है जिससे अगले गर्भधारण में यह समस्या उत्पन्न न हो।

अधिकतर मिसकैरेज, गुणसूत्र (Chromosomal) या आनुवंशिक (Genetic) असामान्यताओं तथा अचानक दुर्घटना होने के कारण होते हैं। यह असामान्यता (Abnormality) अंडाणु, शुक्राणु, या प्रारंभिक भ्रूण से आ सकती है।

माँ की अधिक उम्र होने पर भी मिसकैरेज का जोखिम होता है। ऐसा अंडाणु की ख़राब गुणवत्ता के कारण होता है, जिससे गुणसूत्र (आनुवांशिक) असामान्यताएं बढ़ जाती हैं। कभी-कभी, मां या पिता के जीन (Genes) में थोड़ी अनियमितता होती है, जिससे बच्चा अधिक गंभीर रूप से प्रभावित होता है और मिसकैरेज हो जाता है।

कभी-कभी, गर्भाशय (गर्भ) में असामान्यता के कारण मिसकैरेज हो सकता है। ऐसा गर्भावस्था के दौरान भ्रूण तक खराब रक्त की आपूर्ति (Blood supply) के कारण होता है। कुछ महिलाओं में जन्म से ही गर्भाशय का आकार अनियमित होता है और कुछ में समय के साथ गर्भाशय की असमान्यतायें विकसित हो जाती हैं।

महिलाओं का इम्यून सिस्टम भी बार बार गर्भपात होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हार्मोन की असामान्यताएं भी मिसकैरेज पर प्रभाव डालती हैं, जिनमें थायरॉयड रोग और शुगर प्रमुख हैं। मां के खून के थक्कों में असामान्यताएं भी गर्भावस्था को प्रभावित कर सकती हैं।

(और पढ़ें - थायराइड के लक्षण)

सामान्यतया, पर्यावरणीय कारक, तनाव और व्यावसायिक कारक मिसकैरेज से संबंधित नहीं होते हैं।

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आमतौर मिसकैरेज को नहीं रोका जा सकता है। ऐसा अक्सर इसलिए होता है क्योंकि गर्भावस्था सामान्य प्रक्रिया नहीं है। अगर कोई विशिष्ट समस्या है तो उसका उपचार ज़रूर किया जा सकता है।

कभी-कभी, मां की बीमारी के इलाज से गर्भावस्था में सुधार आ जाता है। मिसकैरेज की संभावना कम करने के लिए स्वयं को गर्भावस्था के लिए समय से पहले तैयार करना भी महत्वपूर्ण है।

  • गर्भधारण के लिए अपने शरीर को तैयार करें।
  • प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले पोषक तत्व अधिक मात्रा में खायें।
  • अपने पेट की मालिश करें।
  • सम्पूर्ण आराम और तनाव से दूर रहना मिसकैरेज से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण चरण है।
  • प्रति दिन 600 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ई का सेवन करें। यदि आपको हाई बीपी, हृदय रोग या शुगर है तो केवल 50 आईयूय का सेवन करें। 

(और पढ़ें - विटामिन ई के स्रोत, फायदे और नुकसान)

डॉक्टर मिसकैरेज की पुष्टि करने के लिए पैल्विक परीक्षण, अल्ट्रासाउंड और खून की जांच करने को कहेंगे। यदि मिसकैरेज हो गया है और गर्भाशय खाली है, तो फिर किसी अन्य उपचार की आवश्यकता नहीं है। कभी-कभी, गर्भाशय पूरी तरह से खाली नहीं होता है, इसलिए डाइलेशन और क्यूरेटेज की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान, गर्भाशय ग्रीवा फैलाया जाता है और भ्रूण के अवशेषों या प्लेसेंटा के ऊतकों को गर्भाशय से हटा दिया जाता है। इसके आलावा कुछ दवाओं से सेवन द्वारा भी गर्भाशय से अवशेषों को निकला जा सकता है। जो महिलायें सर्जरी से बचना चाहती हैं वो इस विकल्प का उपयोग कर सकती हैं।

मिसकैरेज के गर्भ की अवधि जानने के लिए गर्भावस्था हार्मोन (एचसीजी) की मात्रा निर्धारित की जाती है। जिसके लिए रक्त परीक्षण किया जाता है।

जब रक्तस्राव बंद हो जाता है, महिला भी अपनी सामान्य गतिविधियां करने में सक्षम हो जाती है। यदि गर्भाशय ग्रीवा फैल जाती है तो आपका इनकॉंपिटेंट सर्विक्स (Incompetent cervix) का निदान किया जा सकता है। यदि आपका रक्त प्रकार आरएच नकारात्मक (Rh negative) है, तो डॉक्टर आपको आरएच प्रतिरक्षा ग्लोब्युलिन [Rh immune globulin (Rhogam)] नामक एक रक्त उत्पाद दे सकते हैं। यह आपमें, आपके बच्चे को नुकसान पहुंचाने वाली एंटीबॉडी विकसित होने से रोकता है।

यदि किसी महिला को बार बार (दो से अधिक) मिसकैरेज हो रहा है तो रक्त परीक्षण, आनुवांशिक परीक्षण और दवा आवश्यक होती है। बार-बार गर्भपात के कारणों का मूल्यांकन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ नैदानिक ​​प्रक्रियाओं में पैल्विक अल्ट्रासाउंड, हिस्टरोसलपिंगोग्राम (गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब का एक्स-रे), और हिस्ट्रोस्कोपी प्रमुख हैं।

मिसकैरेज के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। कई मामलों में सावधानी न बरतने के कारण बार बार मिसकैरेज की समस्या भी उत्पन्न हुई है:

  • जब तक आप कम से कम दो मासिक धर्म चक्र पूरे नहीं कर लेतीं, गर्भ धारण करने की कोशिश न करें।
  • खाने में स्वस्थ और संतुलित आहार लें और कच्चे मांस, सॉफ्ट चीज़ (Soft cheese),
  • परिष्कृत खाद्य पदार्थ (Processed foods) आदि से बचें। ये आपके अगले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।
  • गर्भावस्था के दौरान शराब और धूम्रपान से बचें और कैफीन का सेवन भी कम मात्रा में करें। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)
  • अपने चिकित्सक से सलाह लेकर, प्रतिदिन प्रसव पूर्व विटामिन (Prenatal vitamins) और फोलिक एसिड की खुराक लें। (और पढ़ें - विटामिन के फायदे)
  • यदि आपको बुखार है तो इसे अनदेखा न करें क्योंकि यह मिसकैरेज के बाद संक्रमण का संकेत हो सकता है जिससे बांझपन भी हो सकता है।
  • किसी भी असामान्य योनिस्राव को अनदेखा न करें।
  • कुछ समय तक (जब तक आप मिसकैरेज के प्रभाव से बाहर नहीं आ जातीं) संभोग से बचें।

यह ध्यान रखें कि जितना आप अपना ख्याल रखेंगी उतनी ही जल्दी आप ठीक होंगी।

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मिसकैरेज के बाद दो सप्ताह तक दर्द और रक्तस्राव होना मिसकैरेज के ही प्रभाव हैं। दर्द और रक्तस्राव की मात्रा हर महिला में भिन्न भिन्न होती है और यह इस बात पर भी निर्भर करती है की उसके मिसकैरेज का उपचार कैसे किया गया है। आम तौर पर, दो सप्ताह के बाद रक्तस्राव और दर्द कम हो जाते हैं यदि दोनों अभी भी जारी हैं तो संभावित रूप से यह योनि स्राव है। यदि दर्द के साथ होने वाले रक्तस्राव का तापमान भी उच्च हो तो आपको योनि संक्रमण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको शीघ्र डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

मिसकैरेज के बाद निम्न बातों का ध्यान रखकर आप अपनी देखभाल स्वयं कर सकती हैं:

  • संक्रमण से बचें।
  • योनि में किसी प्रकार की छेड़खानी न करें।
  • दैनिक गतिविधियों को करते समय सावधानी बरतें।
  • हल्के व्यायाम करें।
  • स्वस्थ भोजन करें।
  • नियमित रूप से चेकअप करायें।

मिसकैरेज के बाद शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ होने में कुछ दिनों से कई महीनों तक लग जाते हैं। हालांकि, योनि से रक्तस्राव एक सप्ताह तक और पेट में दर्द दो दिनों तक हो सकता है।

मिसकैरेज हमेशा आपके जीवन को बर्बाद नहीं करते हैं। वे आपको अपने शरीर को बेहतर तरीके से समझने का मौका भी देते हैं जिससे आप सही तरीके से और चिकित्सा सेवाओं के साथ भविष्य की योजनायें बनायें।

कुछ महिलाओं को इस घटना से नई गर्भावस्था शुरू करने में मदद मिलती है। कुछ लोगों को भावनाओं के दर्द से दूर जाने में बहुत समय लगता है। इस दौरान आप और आपके साथी को एक दूसरे की भावनाओं को साझा करना चाहिए। मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होने से आप जल्द बेहतर होंगी।

मिसकैरेज के दो सप्ताह बाद ही अंडाशय से अंडे का उत्पादन होने लगता है। मिसकैरेज के बाद आपकी पहली माहवारी, चार से छः सप्ताह के भीतर होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका गर्भाशय सामान्य आकार में वापस आ गया है या नहीं आपको मिसकैरेज के छः हफ़्तों बाद डॉक्टर से परीक्षण कराना चाहिए। आप टेस्ट के परिणाम जानने के साथ मिसकैरेज से जुड़े प्रश्न भी डॉक्टर से पूछ सकती हैं।

मिसकैरेज के कम से कम 85% मामलों में बाद में सामान्य गर्भधारण और शिशु जन्म होते हैं। मिसकैरेज होने का मतलब यह नहीं है कि अब आप गर्भवती नहीं हो सकतीं या आपमें कोई प्रजनन सम्बन्धी समस्या है। लगभग 1% -2% महिलाओं में बार बार गर्भपात (तीन या अधिक) भी होता है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक स्वत: प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया (Autoimmune response) के कारण होता है। इसमें आपका शरीर स्वत: प्रतिरक्षा (Autoimmunity) के दौरान आपका शरीर अपने ही तत्वों को नहीं पहचान पाता और उन्हें बाहरी तत्व समझकर नष्ट कर देता है। 

(और पढ़ें - बच्चों के नाम)

यदि किसी महिला को लगातार दो गर्भपात हो चुके हैं तो आपको गर्भधारण करने का प्रयास करना बंद कर देना चाहिए। गर्भ नियंत्रक का इस्तेमाल करना चाहिए और गर्भपात के कारणों को जानने के लिए, डॉक्टर से जांच करवाने के लिए सलाह लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - गर्भ ठहरने के उपाय)

डॉक्टर से अपनी अगली गर्भावस्था पर चर्चा करें। कुछ डॉक्टर दोबारा गर्भधारण करने से पहले एक निश्चित समयसीमा (मासिक चक्र से 3 महीने तक) का इंतजार करने की सलाह देते हैं। दोबारा मिसकैरेज को रोकने के लिए, डॉक्टर आपको प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (आरोपण के लिए आवश्यक) आदि लेने को कह सकते हैं। 

(और पढ़ें - गर्भधारण का सही समय)

मिसकैरेज की वजह से रक्तस्राव और चक्कर आ सकते हैं। यह कमजोरी भी पैदा कर सकता है। इस दौरान आपके द्वारा खाया जाने वाला भोजन आपके स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित करता है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं)

मिसकैरेज के बाद आपको निम्न खाद्य पदार्थ खाने चाहिए:

1. आयरन युक्त आहार:

2. कैल्शियम युक्त आहार:

  • दूध
  • दुग्ध उत्पाद
  • सैलमन और सार्डिन जैसे समुद्री भोजन
  • सूखे मेवे
  • सोया
  • हरी पत्तेदार सब्जियां

3. आहार जिन्हें खाने से अच्छा महसूस कराने वाला हार्मोन रिलीज़ होता है:

  • फलियां
  • नट्स
  • चॉकलेट

4. फलों और सब्ज़ियों का सेवन

मिसकैरेज के बाद निम्न खाद्य पदार्थ न खाएं

एक स्वस्थ भोजन का अर्थ सिर्फ पौष्टिक आहार लेना नहीं होता है। इसका मतलब यह भी होता है कि जो भोजन आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं है उनसे दूर रहें। मिसकैरेज के बाद कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जिनसे आपको दूर रहना चाहिए:

1. कम फाइबर स्टार्च:

2. मिठाई:

उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ का रक्त की शुगर पर होने वाले असर का मापक) वाले मीठे खाद्य पदार्थों से बचें क्योंकि वे रक्त में शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं। निम्न खाद्य पदार्थों से दूर रहें:

  • टॉफ़ी
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स

3. वसायुक्त दूध:

 4.सोया उत्पाद:

5. जंक फ़ूड

हो सके तो जंक फूड बिलकुल न खाएं। 

मिसकैरेज के लक्षण, कारण और इसके बाद के लिए जानकारी से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मेरी 5 साल की एक बेटी है, इसके बाद मैंने कई बार प्रेगनेंसी के लिए प्रयास किया था। मैं 5 बार प्रेगनेंट हुई थी और पांचों बार मेरा गर्भपात हो गया। क्या मैं दोबारा मां बन सकती हूं?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

आपका 5 बार मिसकैरेज हो चुका है, इसलिए दोबारा प्रेग्नेंट होने से पहले यह जानना होगा कि आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। इसके लिए आपको डॉक्टर से अपना पूरा चेकअप करवाना होगा। प्रेग्नेंट होने से पहले आप अपना ब्लड शुगर रैंडम, टोर्च टेस्ट, एलजीजी और आईजीएम और थायराइड फंक्शन टेस्ट जरूर करवाएं और जब आपको अपनी प्रेग्नेंसी का पता चले तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर आपको कुछ इंजेक्शन लगाएंगे जिनसे आपके मिसकैरेज को रोका जा सकता है।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मेरी उम्र 31 साल है और मेरा एक 5 साल का बेटा है। मैं दोबारा मां बनना चाहती हूं लेकिन 3 बार मेरा मिसकैरेज हो चुका है। मेरे गर्भाशय का साइज बहुत छोटा है, प्रेग्नेंसी के 4 महीने में मुझे टांके लगते हैं लेकिन फिर भी मेरा मिसकैरेज हो जाता है। इसका क्या इलाज है?

Dr. Manju Shekhawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

जब गर्भाशय ग्रीवा बहुत कमजोर होता है, तो डॉक्टर गर्भ को बचाने के लिए प्रेगनेंसी में टांके लगाते हैं। इस दौरान आपको पूरे दिन आराम करना चाहिए क्योंकि इस समय आपके मिसकैरेज होने की संभावना बहुत अधिक होती है। आप अपना पूरा ध्यान रखें और डॉक्टर से सलाह लेते रहें।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

2 महीने पहले मैंने एबॉर्शन करवाया था। मैंने अब फोल्विते टैबलेट लेना शुरु किया है, क्या मैं फिर से गर्भवती हो सकती हूं?

Dr Anjum Mujawar MBBS, MBBS , आकस्मिक चिकित्सा

अगर आपकी सारी रिपोर्ट नॉर्मल हैं तो आप फोल्विते टैबलेट लेना जारी रखें और अपनी प्रेग्नेंसी के लिए कोशिश करते रहें।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मैंने प्रेग्नेंसी को लेकर कई टेस्ट करवाए हैं, रिपोर्ट नॉर्मल आती है लेकिन फिर भी मेरा मिसकैरेज हो जाता है। मैं क्या करूं?

Dr. Abhijit MBBS , सामान्य चिकित्सा

प्रेग्नेंट होने से पहले आप अपना ब्लड शुगर रैंडम, टोर्च टेस्ट, एलजीजी और आईजीएम और थायराइड फंक्शन टेस्ट करवा लीजिए और जब आपको अपनी प्रेग्नेंसी का पता चले तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। मिसकैरेज को रोकने के लिए डॉक्टर आपको कुछ इंजेक्शन लगाएंगे जिससे आपकी प्रेगनेंसी को बचाया जा सकता है। जब आप प्रेग्नेंसी के लिए प्लानिंग करेंगी तो उससे 3 महीने पहले से ही फोल्विते टैबलेट की एक गोली सुबह नाश्ते के बाद लेना शुरू कर दें।

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