शुक्राणु की कमी - Low Sperm Count in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

October 06, 2017

February 01, 2024

शुक्राणु की कमी
शुक्राणु की कमी

शुक्राणु की कमी का क्या मतलब होता है? 

शुक्राणुओं में कमी का मतलब है वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणुओं का होना। यदि आपके वीर्य में 1.5 करोड़ प्रति मिलीलीटर से कम शुक्राणु हों तो आपका स्पर्म काउंट सामान्य से कम माना जाता है।

शुक्राणुओं में कमी होने को मेडिकल भाषा में "ओलिगोस्पर्मिया" कहा जाता है। वीर्य में शुक्राणुओं का पूरी तरह से खत्म होना "एजुस्पर्मिया" (निल शुक्राणु) कहलाता है। 

वीर्य में शुक्राणु कम होने का एक ही लक्षण होता है - पिता न बन पाना या प्रेगनेंसी होने में दिक्कत होना। इसके बावजूद, कई पुरुष जिनमें शुक्राणु कम होते हैं, वे बच्चा पैदा करने में सक्षम हो पाते हैं।

वैसे तो केवल अंडे को निषेचित करने के लिए केवल एक शुक्राणु ही चाहिए होता है, लेकिन आपका स्पर्म काउंट जितना अधिक होगा, प्रेगनेंसी हो पानी की सम्भावना उतनी ही ज्यादा होगी।

आइए इस बात पर करीब से नज़र डालें कि शुक्राणुओं की संख्या कम क्यों हो सकती है, इसकी पुष्टि के लिए क्या टेस्ट किया जाता है और शुक्राणु की गिनती बढ़ने के लिए के लिए क्या उपचार और दवा उपलब्ध हैं।

परफॉर्मेंस में लाना है सुधार, तो आज ही खरीदें इंडिया का बेस्ट एक्स्ट्रा टाइम स्प्रे

शुक्राणु की संख्या कितनी होनी चाहिए - What is Normal Sperm Count in Hindi

अगर आपके एक मिलीलीटर वीर्य में 1.5 करोड़ से कम शुक्राणु हैं तो आपमें शुक्राणुओं की संख्या सामान्य से कम है। शुक्राणु की गणना करने के लिए टेस्ट उपलब्ध हैं। इनके बारे में हमने नीचे बताया है। 

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas T-Boost Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शुक्राणु की कमी, मांसपेशियों की कमजोरी व टेस्टोस्टेरोन की कमी जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Testosterone Booster
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

शुक्राणु कम होने के लक्षण - Low Sperm Count Symptoms in Hindi

शुक्राणु की कमी के लक्षण क्या होते हैं?

शुक्राणु की कमी का सबसे मुख्य लक्षण यह है कि व्यक्ति बच्चे पैदा करने में असमर्थ होता है। इस समस्या के कोई अन्य स्पष्ट संकेत या लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

कुछ मामलों में कुछ अन्य समस्याएं शुक्राणु की कमी का कारण होती हैं जैसे हार्मोन में वंशानुगत असंतुलन, वृषण की बढ़ी हुई नसें और ऐसी स्थितियां जिनसे शुक्राणुओं के मार्ग में रुकावट आती है। अक्सर शुक्राणु कम होने के साथ इन समस्याओं के लक्षण भी दिखते हैं जैसे - 

इन स्थितियों में डॉक्टर को दिखाना आवश्यक है -

अगर आप एक वर्ष तक नियमित और बिना कंडोम संभोग करने के बाद भी अपने यौन साझेदार को गर्भ धारण करवा पाने में असमर्थ हैं, तो डॉक्टर से मिलें। और अगर इनमें से कोई समस्या है, तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से परामर्श लें -

  • यौन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं, जैसे लिंग में तनाव की कमी, शीघ्रपतन, सेक्स में रुचि घटना या यौन गतिविधियों से जुड़ी अन्य समस्याएं।
  • वृषण क्षेत्र में दर्द, असहजता महसूस होना, गांठ पड़ना या सूजन आना।
  • अगर पहले कभी वृषण, प्रोस्टेट या यौन समस्याएं रही हों।
  • ग्रोइन (पेट और जांघ के बीच का भाग), वृषण, लिंग या अंडकोष की कोई सर्जरी हो चुकी हो।

शुक्राणु की कमी का आयुर्वेदिक इलाज जानने के लिए आप अभी ब्लू लिंक पर करें क्लिक।

शुक्राणु की कमी के कारण - Low Sperm Count Causes in Hindi

शुक्राणु का उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया है। इसके लिए वृषण के साथ-साथ हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्रंथियों (मस्तिष्क में उपस्थित अंग, जो शुक्राणु उत्पादन को बढ़ाने वाले हार्मोन उत्पन्न करते हैं) को सामान्य रूप से कार्य करने की आवश्यकता होती है। वृषण में उत्पन्न होने के बाद शुक्राणु पतली ट्यूब्स में तब तक रहते हैं, जब तक वीर्य के साथ मिलकर लिंग से बाहर नहीं निकल जाते। इनमें से किसी भी अंग के ठीक से काम न करने के कारण शुक्राणु उत्पादन में कमी आ सकती है।

अकसर शुक्राणुओं की कमी के कारण का कभी पता नहीं चल पाता है।

1. मेडिकल कारण

कई स्वास्थ्य समस्याओं और मेडिकल उपचार के कारण शुक्राणुओं में कमी आ सकती है। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं –

  • वैरीकोसेल ​– वृषण से निकलने वाली नसों की सूजन को वैरीकोसेल कहते हैं। यह पुरुषों के पिता न बन पाने का एक आम कारण है।
  • संक्रमण – कुछ संक्रमण शुक्राणुओं के उत्पादन और उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, जैसे – कुछ यौन संचारित संक्रमण (क्लैमाइडिया, गोनोरिया आदि) और मूत्र पथ में होने वाले अन्य संक्रमण।
  • स्खलन समस्याएं – यदि किसी व्यक्ति को स्खलन करने में समस्या है, तो उसके शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है।
  • शुक्राणु रोधक एंटीबॉडी – शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचाने वाले एंटीबॉडी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उतपन कोशिकाएं होती हैं जो शुक्राणुओं को शरीर के लिए हानिकारक समझकर उन्हें नष्ट करने का प्रयास करती हैं।
  • ट्यूमर – कैंसर और नॉन-मैलिग्नेंट ट्यूमर (यानी ट्यूमर जिनमे कैंसर नहीं होता) अन्य ग्रंथियों को प्रभावित करके पुरुषों के प्रजनन अंगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • कुछ दवाएं – टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, कैंसर का उपचार (कीमोथेरेपी) और कुछ अन्य दवाएं शुक्राणु उत्पादन को क्षीण कर सकती हैं और पुरुष प्रजनन क्षमता कम हो सकती है।
  • गुप्तवृषणता – भ्रूण के विकास के दौरान एक या दोनों वृषण कभी-कभी पेट से अंडकोष में जाने में असफल होते हैं।
  • हार्मोन असंतुलन
  • शुक्राणु वाहिनी (sperm duct) में दोष
  • क्रोमोसोम दोष
  • सीलिएक रोग

2. पर्यावरण सम्बन्धी कारण

कुछ पर्यावरणीय तत्वों के अत्यधिक संपर्क में आने से शुक्राणुओं का उत्पादन या कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। इसके मुख्य कारण हैं –

  • भारी धातुओं के संपर्क में आना – लेड या अन्य भारी धातुओं के ज़्यादा समय तक संपर्क में आने से भी नर प्रजनन क्षमता को नुकसान हो सकता है।
  • विकिरण या एक्स-रे – विकिरण (रेडिएशन) शुक्राणु उत्पादन कम कर सकता है।
  • वृषण का ज़्यादा गर्म होना – हॉट टब का नियमित उपयोग करने से आपके शुक्राणुओं में अस्थायी रूप से कमी हो सकती है।
  • लंबे समय तक साइकिल चलाना – अधिक समय तक साइकिल चलाने से आपके वृषण ज़्यादा गरम हो जाते हैं। यह आपकी प्रजनन क्षमता को कम करने का एक और संभावित कारण है।

3. स्वास्थ्य और जीवन शैली से जुड़े कारण 

शुक्राणु की कमी के अन्य कारणों में शामिल हैं –

  • अवैध नशीली दवाओं का प्रयोग – कोकीन या गांजा जैसे नशीले पदार्थों के सेवन से आपके शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में कमी आ सकती है।
  • शराब का सेवन – शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है और शुक्राणु उत्पादन में कमी आ सकती है।
  • धूम्रपान – अन्य व्यक्तियों की तुलना में धूम्रपान करने वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है। (और पढ़ें – धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)
  • तनाव – लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण शुक्राणु पैदा करने वाले कुछ आवश्यक हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं।
  • वजन – मोटापे के कारण हार्मोन में बदलाव हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पुरुषों की प्रजनन क्षमता कमज़ोर हो सकती है।
शुक्राणु की कमी होने की आशंका अधिक कब होती है?

शुक्राणुओं के उत्पादन और अन्य समस्याओं से जुड़े जोखिम कारक निम्न हैं –

  • तंबाकू खाना या धूम्रपान करना
  • शराब पीना
  • ड्रग्स लेना
  • वजन ज़्यादा होना
  • अतीत या वर्तमान में कोई संक्रमण
  • विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना
  • वृषण का अधिक गर्म होना
  • नसबंदी कराना या प्रजनन क्षमता वापस पाने के लिए नसबंदी खुलवाना
  • प्रजनन संबंधी विकार के साथ पैदा होना या इस विकार से ग्रसित किसी व्यक्ति का करीबी रिश्तेदार होना
  • कुछ चिकित्सकीय स्थितियां जैसे, ट्यूमर या क्रोनिक बीमारियां
  • सर्जरी या विकिरण जैसे कैंसर के उपचार से गुजरना
  • कुछ दवाएं भी शुक्राणु की कमी को जोखिम बढ़ा सकती हैं
  • अधिक समय तक किसी कार्य को करना, जैसे – खराब सीट वाली साइकिल चलाना या घुड़सवारी करना

ब्लू लिंक पर क्लिक करें और आयुर्वेदिक सेक्स टाइम इंक्रीज ऑयल खरीदें।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

शुक्राणु की कमी से बचाव - Prevention of Low Sperm Count in Hindi

शुक्राणु की कमी होने से कैसे रोका जा सकता है?  

निम्न कारक शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं, अतः इनसे दूर रहें –

  • धूम्रपान न करें
  • अल्कोहल का सेवन सीमित मात्रा में करें या बिलकुल बंद कर दें
  • ड्रग्स से दूर रहें
  • अपने चिकित्सक से उन दवाओं के बारे में बात करें, जो शुक्राणुओं के उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं
  • वजन कम करें
  • गर्मी से बचें
  • तनाव से दूर रहे
  • कीटनाशकों, भारी धातुओं और अन्य विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से बचें

    क्या आप भी मोटापे से परेशान है लाख कोशिशों के बाद भी वजन काम नहीं कर पा रहे है तो आज ही myUpchar आयुर्वेद मेदारोध वेट लॉस जूस को इस्तेमाल करना शुरू करे और अपने वजन को नियंत्रित करे।

शुक्राणु की जांच - Diagnosis of Low Sperm Count in Hindi

 शुक्राणु की कमी का निदान कैसे किया जा सकता है?

अगर आप अपनी यौन साथी को गर्भ धारण कराने में असमर्थ साबित हो रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर इसके मूलभूत कारण को जानने का प्रयास करेंगे। अगर उन्हें लगता है कि आपकी समस्या का कारण शुक्राणुओं की कमी है, तो आप और आपकी साथी दोनों को परीक्षण कराने की आवश्यकता हो सकती है। परीक्षण और निदान में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं –

1. सामान्य शारीरिक परीक्षण और चिकित्सकीय इतिहास

इसमें आपके जननांगों की जांच और किसी भी वंशानुगत स्थिति, पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं, बीमारियों, चोटों या सर्जरी जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं – के बारे में प्रश्न शामिल है। डॉक्टर आपकी यौन आदतों और यौन विकास के बारे में भी पूछ सकते हैं।

2. वीर्य विश्लेषण

शुक्राणुओं की कमी का निदान "वीर्य विश्लेषण टेस्ट" (semen analysis test) का एक हिस्सा है। शुक्राणुओं की गणना आमतौर पर माइक्रोस्कोप के द्वारा की जाती है। कुछ मामलों में, शुक्राणुओं की संख्या को मापने के लिए कंप्यूटर का उपयोग किया जा सकता है। शुक्राणुओं की संख्या अक्सर घटती-बढ़ती रहती है। इसलिए ज्यादातर मामलों में, सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए कई बार ये टेस्ट किया जाता है।

वृषण में नए शुक्राणु लगातार उत्पन्न होते रहते हैं और उन्हें परिपक्व होने में लगभग 40 से 76 दिन का समय लगता है। इसके दो परिणाम होते हैं:

  • हाल ही में किया गया वीर्य विश्लेषण आपकी पिछले 2.5 महीनों की परिस्थिति को दर्शाता है, आज की स्वास्थ्य स्थिति को नहीं।
  • शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए आपके द्वारा किए गए आज किया गया कोई भी सकारात्मक परिवर्तन के परिणाम आपको 2-3 महीनों तक दिखाई नहीं देंगे।

टेस्ट में शुक्राणुओं की कमी आने के सबसे सामान्य कारणों में से एक है – शुक्राणु का नमूना ठीक से न लेना। इस वजह से आपके चिकित्सक वीर्य के दो या अधिक नमूनों की जांच करेंगे।

(और पढ़ें - वीर्य की जांच)

3. अन्य परीक्षण

प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर आपके डॉक्टर संभावित कारणों को जानने के लिए कुछ अन्य परीक्षण कराने को कह सकते हैं। इनमें शामिल हैं –

  • अंडकोष का अल्ट्रासाउंड
  • ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड टेस्ट (प्रोस्टेट और आसपास के ऊतकों का निरीक्षण करने के लिए)
  • हार्मोन परीक्षण
  • पोस्ट-ईजैक्यूलैशन यूरीनालिसिस
  • जेनेटिक परीक्षण
  • टेस्टिक्युलर बायोप्सी (एक या दोनों वृषण के ऊतक का नमूना लेना)
  • शुक्राणु रोधक एंटीबॉडी परीक्षण
  • शुक्राणु के विशेष कार्य के परीक्षण

शुक्राणु की कमी कैसे ठीक करे - How to Cure Low Sperm Count in Hindi

शुक्राणु की कमी कैसे ठीक किया जा सकता है?

शुक्राणु की कमी दूर करने में ये बातें मदद करती है –

  • सर्जरी – वृषण से निकलने वाली नसों की सूजन को सर्जरी के द्वारा ठीक किया जा सकता है या अगर एक शुक्राणु वाहिका नली (vas deferens tube) में रुकावट है तो उसे भी सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।
  • संक्रमण का इलाज – एंटीबायोटिक्स द्वारा प्रजनन सम्बन्धी अंगों में होने वाले संक्रमण का इलाज किया जा सकता है, लेकिन ये दवाएं प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में असमर्थ हो सकती हैं। 
  • हार्मोन उपचार और दवाएं – हार्मोन के स्तर परिवर्तित करने के लिए "हार्मोन रिप्लेसमेंट" (हॉर्मोन बदलना) या इसके लिए कुछ ख़ास दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। तीन से छह महीने के बाद आपके वीर्य विश्लेषण में इसके प्रभाव देखे जा सकते हैं।
  • असिस्टिड रिप्रोडक्टिव तकनीक (एआरटी) – एआरटी के उपचार में सामान्य स्खलन द्वारा, सर्जरी के द्वारा निकाले गए या किसी डोनर द्वारा दिए गए शुक्राणु को इकठ्ठा किया जाता है। फिर इस शुक्राणु को मादा के जननांग में डाला जाता है या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ; IVF) या इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन के लिए उपयोग किया जाता है।

अगर उपचार काम नहीं करता, तो क्या करें 

कभी-कभी पुरुष की प्रजनन समस्याओं का इलाज नहीं किया जा सकता है और उसके लिए पिता बनना असंभव होता है। ऐसी स्थिति में आप और आपकी साथी या तो किसी डोनर द्वारा दिए गए शुक्राणु का उपयोग कर सकते हैं या एक बच्चे को गोद ले सकते हैं।

(और पढ़ें - शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

शुक्राणु की कमी से होने वाली जटिलताएं - Low Sperm Count Complications in Hindi

शुक्राणु की कमी के कारण क्या जटिलताएं हो सकती हैं?

शुक्राणुओं की कमी से होने वाली नपुंसकता आपके और आपके साथी दोनों के लिए तनावपूर्ण हो सकती है। जटिलताओं में शामिल हो सकते हैं –

  • शुक्राणुओं के कम उत्पादन के मुख्य कारण के लिए सर्जरी या अन्य उपचार
  • महंगी और असिस्टिड रिप्रोडक्टिव तकनीकें, जैसे – इन व्रिटो फर्टिलाइजेशन (महिलाओं को कृत्रिम रूप से गर्भ धारण कराने वाली तकनीक)
  • पिता न बन सकने के कारण होने वाला तनाव

शुक्राणु बढ़ाने की दवा - Medication to increase sperm count in hindi

शुक्राणुओं को बढ़ाने के लिए कोई दवा उपलब्ध है या नहीं?

ऐसी कोई दवाई उपलब्ध नहीं है जिसे खाने से शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाए।

फिर भी कुछ डॉक्टर "एम्पिरिक उपचार" (बिना रोग का कारण जाने अनुमान के आधार पर किया जाने वाला इलाज) के तहत एंटीऑक्सीडेंट्स, हर्बल दवाओं और विटामिन की गोलियों का सुझाव देते हैं। हालांकि, इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि इस उपचार से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाएगी। यदि इस उपचार के दौरान शुक्राणु की संख्या बढ़ती है, तो ऐसा दवा के बजाय कई अन्य कारणों की वजह से हो सकता है। जीवन शैली के आधार पर शुक्राणुओं की संख्या में उतार-चढ़ाव होता रहता है, लेकिन थोड़े समय के लिए शुक्राणुओं में होने वाली वृद्धि का मतलब यह नहीं है कि समस्या ठीक हो गई है।

पुरुषों को याद रखना चाहिए कि शुक्राणु की अधिक संख्या उतनी महत्वपूर्ण नहीं है, जितना ज़रूरी यह है कि शुक्राणु गर्भ धारण कराने में सक्षम हैं या नहीं।

उपर्युक्त अप्रमाणिक दवाओं का उपयोग करने के बजाय आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) या आईसीएसआई (इंट्रासिस्टोप्लाज़्मिक स्पर्म इन्जेक्शन) जैसे प्रभावी उपचार कराये जा सकते हैं।



संदर्भ

  1. Agarwal A, Mulgund A, Hamada A, Chyatte MR. A unique view on male infertility around the globe.. Reprod Biol Endocrinol. 2015 Apr 26;13:37.PMID: 25928197.
  2. Vasan S S. Semen analysis and sperm function tests: How much to test?. Indian J Urol 2011;27:41-8
  3. N. Sermondade, C. Faure, L. Fezeu, A.G. Shayeb, J.P. Bonde, T.K. Jensen, M. Van Wely, J. Cao, A.C. Martini, M. Eskandar, J.E. Chavarro, S. Koloszar, J.M. Twigt, C.H. Ramlau-Hansen, E. Borges, F. Lotti, R.P.M. Steegers-Theunissen, B. Zorn, A.J. Polotsky, S
  4. Science Direct (Elsevier) [Internet]; Azoospermia due to Spermatogenic Failure
  5. Health Sciences Research Commons [internet]:The George Washington University; Occupational exposure to Organophosphate Pesticides and its Effects on Human Sperm Parameters: A systematic Review
  6. Santiago Brugo-Olmedo, Claudio Chillik, Susana Kopelma. Definition and causes of infertility.CEGYR, Center for Gynecology and Reproduction Studies ,Argentina.
  7. National institute of child health and human development [internet]. US Department of Health and Human Services; What are some possible causes of male infertility?
  8. Tsao CW, Liu CY, Chou YC, Cha TL, Chen SC, Hsu CY. Exploration of the association between obesity and semen quality in a 7630 male population..PLoS One. 2015 Mar 30;10(3):e0119458. PMID: 25822490
  9. World Health Organization, Department of Reproductive Health and Research. WHO laboratory manual for the Examination and processing of human semen. Fifth edition; World Health Organization; 2010.
  10. McGrady AV. Effects of psychological stress on male reproduction: a review.. Arch Androl. 1984;13(1):1-7. PMID: 6152527
  11. Mostafa T, Tawadrous G, Roaia MM, Amer MK, Kader RA, Aziz A. Effect of smoking on seminal plasma ascorbic acid in infertile and fertile males.. Andrologia. 2006 Dec;38(6):221-4. PMID: 17081174
  12. Emanuele MA, Emanuele NV. Alcohol's effects on male reproduction. Department of Medicine, Division of Research on Drugs of Abuse, Loyola University Stritch School of Medicine, Maywood, Illinois, USA.Alcohol Health Res World. 1998;22(3):195-201. PMID: 15706796.
  13. Lafuente R, González-Comadrán M, Solà I, López G, Brassesco M, Carreras R, Checa MA. Coenzyme Q10 and male infertility: a meta-analysis..J Assist Reprod Genet. 2013 Sep;30(9):1147-56.PMID: 23912751.

शुक्राणु की कमी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Low Sperm Count in Hindi

शुक्राणु की कमी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

शुक्राणु की कमी की जांच का लैब टेस्ट करवाएं

शुक्राणु की कमी के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं:

टेस्ट का नाम