हर मां अपने बच्चे को जर्म्स और बैक्टीरिया से बचाए रखना चाहती है। इसके लिए हर संभव उपाय आजमाती है। इसी क्रम में दूध की बोतल की साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखती है। इसके बावजूद कई बार देखने में आता है कि बोतल की अच्छी तरह सफाई न होने की वजह से बच्चे का स्वास्थ्य खराब हो गया है। दरअसल दूध के बोतल की सफाई का खास ध्यान रखा जाना चाहिए। बोतल को सिर्फ सादे पानी से धोना ही काफी नहीं होता। उसे संक्रमण से बचाए रखना भी जरूरी है। इसके लिए बोतल को स्टरलाइज यानी कीटमुक्त करना भी आवश्यक है। 

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बोतल करें बाॅयल (उबालना):
बोतल उबालना सबसे पुराने तरीकों में से एक है। इसे पूरी दुनिया में आजमाया जाता है। बोतल को उबालना बहुत आसान है। उबली बोतल में मां अपना दूध भी संरक्षित कर सकती है।

बोतल बाॅयल करने से पहले आप निम्नलिखित काम करें:

  • बच्चे को बोतल में दूध पिलाने से पहले या फिर बोतल उबालने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें।
  • बोतल के निप्पल की सफाई पर विशेष ध्यान दें क्योंकि ज्यादातर बीमारियां निप्पल से ही बच्चों को होती है। निप्पल खराब होने पर तुरंत फेंक दें।
  • जिस बर्तन में आप नियमित बोतल को बाॅयल करते हैं, उस कंटेनर को भी साफ रखें। दरअसल घर में एक ही बर्तन को कई लोग हाथ लगाते हैं और उसमें तरह-तरह के काम किए जाते हैं। अतः बोतल उबालने के पहले उस बर्तन को अच्छी तरह साफ रखें। (और पढ़ें- 3 साल के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए)
  • जिस जगह बोतल रखते हैं, उसकी भी नियमित सफाई करें। गंदी जगह साफ बोतल रखने से उसमें बैक्टीरिया फिर से पनप सकते हैं। (और पढ़ें - शिशु की त्वचा की देखभाल कैसे करें)

बोतल उबालने की प्रक्रिया की बात करें तो इसके लिए निम्नलिखत बातों पर गौर करें:

  • सबसे पहले बोतल, ढक्कन, निप्पल सबको अच्छी तरह साबुन और सादे पानी की मदद से धो लें। अब इन्हें पानी से भरे बड़े बर्तन में रखें ताकि सब चीजें अच्छी तरह पानी में डूब जाएं। ध्यान रखें कि इसमें हवा के बुलबुले नहीं होने चाहिए।
  • पानी में उबाल आने पर लगभग पांच मिनट तक पानी को यूं ही उबलने दें। इसके बाद गैस बंद कर दें। पानी को प्राकृतिक रूप से खुद ब खुद ठंडा होने दें।
  • बोतल को पोंछने के लिए किसी कपड़े का इस्तेमाल न करें। इससे कपड़े में मौजूद बैक्टीरिया बोतल में पहुंच सकते हैं। पानी निकालने के लिए बोतल को अच्छी तरह हिलाएं।
  • बोतल बाॅयल होने पर किसी सूखे बर्तन में रखें और बर्तन सहित बोतल को फ्रिज के अंदर रखें।
    (और पढ़ें- बच्चे को दूध पिलाने का तरीका)

बोतल को भाप दें:
कुछ लोग बोतल में मौजूद सूक्ष्म जीवों को खत्म करने के लिए स्टीम स्टरलाइजर यानी बोतल को भाप देते हैं। इन दिनों कई कंपनियों ने इस तरह की मशीन बनाई है। यह प्रक्रिया बोतल को बाॅयल करने जैसी ही है। बोतल को स्टीम स्टरलाइज करने के लिए निम्नलिखत तरीकों को अपनाएं:

  • बोतल, ढक्कन, निप्पल को भाप देने से पहले गर्म पानी और साबुन की मदद से धो लें। (और पढ़ें- 1 साल के बच्चे को क्या खिलाएं)
  • भाप में रखने से पहले ध्यान रखें कि बोतल का मुंह नीचे की ओर यानी बर्तन की तरफ हो ताकि इसके अंदर ज्यादा से ज्यादा भाप जा सके। (और पढ़ें- बच्चों का दिमाग तेज करने के लिए क्या)
  • बोतल की भाप की मशीन में साफ निर्देश दिए होते हैं कि आपको उसमें कितना पानी देना है। भाप प्रक्रिया खत्म होने पर मशीन अपने आप बंद हो जाती है।
  • आप बोतल को इस्तेमाल करने से पहले तक मशीन के अंदर रख सकते हैं। लेकिन मशीन के साथ दी गई निर्देश की किताब में यह जरूर पढ़ लें कि बोतल को कितनी देर तक मशीन के अंदर रखा जा सकता है।
    (और पढ़ें- नवजात शिशु की मालिश कैसे करें)

बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके दूध की बोतल की सफाई जरूर रखें। यहां अलग-अलग तरीकों का जिक्र किया गया है। यहां बताए गए निर्देशों का अनुसरण करें और अपने बच्चे का स्वास्थ्य बेहतर रखें।

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