विटामिन डी 3 को सामान्यतः कॉलेकैल्सिफेरॉल (Cholecalciferol) के नाम से जाना जाता है। विटामिन डी 3 सप्लीमेंट के रूप में लेने से सेहत ठीक होती है और इसका उपयोग ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis: हड्डियों की कमजोरी) के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसके साथ ही पैरा थायराइड ग्रंथि की कम सक्रियता, रक्त में फॉस्फेट का स्तर कम होना और अनुवांशिक कारणों की वजह से पैरा थायराइड हार्मोन के कार्य न करने पर भी विटामिन डी 3 का उपयोग किया जाता है। 

(और पढ़ें - ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज)

विटामिन डी 3 किडनी के माध्यम से फॉस्फेट को साफ कर, उसे दोबारा रक्त में भेजने का कार्य करता है। इससे रक्त में पीएच का स्तर (pH level: शरीर में एसिड का स्तर) सामान्य बना रहता है। विटामिन डी 3 की कमी होने से आपको कई तरह के रोग हो सकते हैं।

इसकी आवश्यकता के चलते ही आपको आगे विटामिन डी 3 के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। इसके साथ ही आप इस लेख में विटामिन डी 3 क्या है, विटामिन डी 3 के फायदे, विटामिन डी 3 की खुराक, विटामिन डी 3 के साइड इफेक्ट और विटामिन डी 3 के स्त्रोत के बारे में भी जानेंगे।

(और पढ़ें - विटामिन के फायदे)

  1. विटामिन डी 3 क्या है - Vitamin D3 kya hai
  2. विटामिन डी 3 की खुराक - Vitamin D3 ki khurak
  3. विटामिन डी 3 के फायदे - Vitamin D3 ke fayde
  4. विटामिन डी 3 के साइड इफेक्ट - Vitamin D3 ke side effect
  5. विटामिन डी 3 के स्त्रोत - Vitamin D3 ke srot

विटामिन डी के अलग-अलग प्रकार होते हैं और विटामिन डी 3, विटामिन डी का ही एक प्रकार है। सूर्य के संपर्क में आते ही विटामिन डी 3 त्वचा द्वारा स्वाभाविक रूप से बनना शुरू हो जाता है।

(और पढ़ें - सूरज की किरणों के फायदे)

खाद्य पदार्थो में विटामिन डी 3 अंडे, मछली, मीट और डेयरी पदार्थों से मिलता है। इसके साथ ही आप सेहत को ठीक करने वाली सप्लीमेंट दवाओं के रूप में भी विटामिन डी 3 को ले सकते हैं।

विटामिन डी 3 से आंतों में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फेट का अवशोषण बढ़ जाता है और आप कई तरह के रोगों से दूर रहते हैं।

(और पढ़ें - मिनरल्स के फायदे)

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विटामिन डी 3 की सप्लीमेंट दवाओं में इसकी मात्रा 0.01 से 0.025 मिलीग्राम तक हो सकती है। यह दवाएं कैल्शियम के साथ भी मिलती हैं।

बिना डॉक्टरी सलाह के आपको एक दिन में 100 मिलीग्राम से ज्यादा विटामिन डी 3 नहीं लेना चाहिए। विटामिन डी की जरूरत को खाद्य पदार्थों से पूरा करना बेहतर विकल्प माना जाता है,  लेकिन इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। 

(और पढ़ें - विटामिन डी की कमी)

50 से अधिक आयु वाले जिन लोगों को ओस्टियोपोरोसिस की शिकायत हो, उन्हें एक दिन में विटामिन डी 3 की मात्रा 0.02 मिलीग्राम से 0.025 मिलीग्राम तक कैल्शियम के साथ लेनी चाहिए।

बच्चों में सूखा रोग (Rickets: रिकेट्स) होने पर डॉक्टर 0.3 मिलीग्राम से 12.5 मिलीग्राम तक विटामिन डी 3 लेने की सलाह दे सकते हैं।

(और पढ़ें - विटामिन के फायदे)

विटामिन डी 3 आपके शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। इसके फायदों को निम्नतः विस्तार से बताया जा रहा है। (और पढ़ें - )

  1. आपके मूड को अच्छा रखने में सहायक होता है - 
    शरीर में विटामिन डी 3 की कमी का सीधा प्रभाव आपके मूड पर पड़ता है। विटामिन डी 3 शरीर के न्यूरोट्रांसमीटर के लिए आवश्यक होता है, जो आपके शरीर में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं से आपके मूड को नियंत्रित करने में मदद करता है। (और पढ़ें - मूड को अच्छा बनाने के लिये खाएं ये सूपरफूड)
     
  2. हृदय रोगों से बचाव करता है - 
    रिसर्च से इस बात का पता चला है कि विटामिन डी 3 रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और आपके हृदय को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में सहायक होता है। शरीर के सभी कार्य आपस में जुड़े होते हैं, इसीलिए जब किसी एक कार्य पर बात होती है तो वह स्वतः ही अन्य शारीरिक कार्यों में भी सहायक साबित होती है। (और पढ़ें - डायबिटीज को दूर करने के घरेलू उपाय)

    डायबिटीज से बचने के लिए myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे।और अपने जीवन को स्वस्थ बनाये।
     
  3. हड्डियों को मजबूत बनता है - 
    विटामिन डी 3 कैल्शियम और फॉस्फोरस को नियंत्रित करता है, इससे आपकी हड्डियां मजबूत और स्वस्थ बनती हैं। विटामिन डी 3 हड्डियों के बनने और बढ़ने में भी अहम भूमिका निभाता है, जबकी इसकी कमी से आपको हड्डियों के टूटने और ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। (और पढ़ें - हड्डी मजबूत करने के घरेलू उपाय)
     
  4. कैंसर से बचाव करता है -
    कुछ रिसर्च से पता चला है कि विटामिन डी 3 मुख्य रूप से कोलन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से बचाव करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन डी 3 कोशिकाओं के बनने को नियंत्रित करता है और कैंसर के ऊतकों में नई रक्त वाहिकाओं को बनने से रोकता है। वैज्ञानिकों के द्वारा इस संबंध को समझने के लिए अभी और रिसर्च की जा रही है। (और पढ़ें - ब्लड कैंसर का इलाज)
     
  5. आपकी याददाश्त के लिए आवश्यक होता है -
    विटामिन डी 3 आपके मस्तिष्क कार्यों के लिए आवश्यक होता है। अगर आप निश्चित मात्रा में विटामिन डी 3 नहीं लेते हैं, तो इससे आपको डिमेंशिया (मनोभ्रंश) की समस्या हो सकती है। एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी की कमी से लोगों में संज्ञानात्मक हानि (Cognitive impairment: कमजोर याददाश्त) होने की संभावनाएं चार गुना अधिक होती है। (और पढ़ें - कमजोर याददाश्त का इलाज)
     
  6. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है - 
    विटामिन डी 3 शरीर में होने वाली क्षति (नुकसान) को ठीक करने का काम करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने वाली कोशिकाओं को विटामिन डी 3 की आवश्यकता होती है, जिससे वह बीमारी को जन्म देने वाले वायरस और रोगाणुओं से लड़ सकें। विटामिन डी 3 की कमी होने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और आप संक्रमण से नहीं लड़ पाते हैं। इसकी वजह से आप जल्द बीमार होने लगते हैं। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ)
     
  7. ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाने में सहायक होता है -
    विटामिन डी 3 ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाली प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है। (और पढ़ें - हाई बीपी का इलाज)
     
  8. पेट की बीमारियों को कम करता है - 
    विटामिन डी 3 आंतों में होने वाली सूजन को कम करने में भी सहायक होता है। यही कारण है कि इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease: पाचन तंत्र में दीर्घकालिक सूजन) जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) में विटामिन डी 3 का स्तर कम हो जाता है। विटामिन डी 3 का स्तर कम होने से पाचन तंत्र में सूजन होने की संभावनाएं बढ़ जाती है और इसकी वजह से आपके शरीर में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से संबंधित लक्षण शुरू हो सकते हैं।

(और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)

आमतौर पर विटामिन डी 3 के साइड इफेक्ट दुलर्भ होते हैं। इसके बावजूद भी विटामिन डी 3 के कुछ साइड इफेक्ट नीचे बताए जा रहें हैं -

सूर्य विटामिन डी 3 का प्राकृतिक स्त्रोत है। इसके अलावा आप सप्लीमेंट दवाओं के माध्यम से भी विटामिन डी 3 को ले सकते हैं। बेहद कम खाद्य पदार्थ हैं जिनसे विटामिन डी 3 की पूर्ति होती है। पनीर, अंडे की जर्दी और फैटी फिश में कम मात्रा में विटामिन डी 3 मौजूद होता है। पाश्चराइज्ड दूध और संतरे के जूस से भी आपको विटामिन डी मिलता है। पाश्चराइज्ड दूध और संतरे के जूस में विटामिन डी 2 या विटामिन डी 3 शामिल करने निर्णय इनको बनाने वाली कंपनियां लेती हैं। 

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के फायदे)


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें विटामिन डी 3 है

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