इको टेस्ट को इकोकार्डियोग्राफी या इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) आदि नामों से भी जाना जाता है, इस टेस्ट में ध्वनि तरंगों (अल्ट्रासाउंड) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें दिल की अंदरूनी तस्वीरें बनाई जाती हैं। इकोकार्डियोग्राफी दिल की गतिचाल (Movement) की एक चित्रात्मक रूपरेखा (Graphic outline) होती है। इको टेस्ट के दौरान, हाथ में पकड़ी एक छड़ी को आपकी छाती के ऊपर रखा जाता है, जो हार्ट वाल्व व चैम्बर आदि की तस्वीरें प्रदान करती है और जांचकर्ताओं को दिल के पंपिंग कार्यों की जांच करने में मदद करती है।

(और पढ़ें - हार्ट वाल्व ट्रीटमेंट)

  1. इको टेस्ट (इकोकार्डियोग्राफी) क्या होता है? - What is Echocardiogram in Hindi?
  2. इको टेस्ट (इकोकार्डियोग्राफी) क्यों किया जाता है - What is the purpose of Echocardiogram in Hindi
  3. इको टेस्ट (इकोकार्डियोग्राफी) से पहले - Before Echocardiogram in Hindi
  4. इको टेस्ट (इकोकार्डियोग्राफी) के दौरान - During Echocardiogram in Hindi
  5. इको टेस्ट (इकोकार्डियोग्राफी) के बाद - After Echocardiogram in Hindi
  6. इको टेस्ट (इकोकार्डियोग्राफी) के क्या जोखिम होते हैं - What are the risks of Echocardiogram in Hindi
  7. इको टेस्ट (इकोकार्डियोग्राफी) के परिणाम का क्या मतलब होता है - What do the results of Echocardiogram mean in Hindi
  8. इको टेस्ट (इकोकार्डियोग्राफी) कब करवाना चाहिए - When to get tested with Echocardiogram in Hindi

इको टेस्ट या इकोकार्डियोग्राफी क्या है?

2-D इकोकार्डियोग्राफी (Two-dimensional Echocardiography) का प्रयोग दिल की संरचनाओं की वास्तविक गति को देखने के लिए किया जाता है। 2-डी इको टेस्ट, मॉनिटर पर शंकु के आकार का दृश्य (Cone-shaped view) देता है, इसकी मदद से दिल की संरचना की गति को वास्तविक काल (Real time) में देखा जा सकता है। यह टेस्ट काम के समय दिल की विभिन्न संरचनाओं को देखने और उनका मूल्यांकन करने में डॉक्टरों की मदद करता है। हार्ट वाल्व में खून के बहाव की जांच करने के लिए इको टेस्ट के साथ अक्सर डॉपलर अल्ट्रासाउंड और कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड टेस्ट को संयोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है।

(और पढ़ें - दिल की बीमारी का इलाज

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
BP Tablet
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

इको टेस्ट क्यों किया जाता है?

इस टेस्ट का उपयोग निम्न के लिए किया जाता है:

(और पढ़ें - लैब टेस्ट लिस्ट)

  • दिल के संपूर्ण स्थिति का पता करने के लिए
  • दिल को और अधिक विस्तार से देखने के लिए

कई प्रकार के दिल के रोगों को निर्धारित करने के लिए, जैसे:

(और पढ़ें - हार्ट फेल होने के लक्षण)

  • हृदय वाल्व रोग,
  • मायोकार्डियल रोग (दौरे आदि),
  • पेरीकार्डियल रोग,
  • संक्रमित इंडोकार्डाइटिस,
  • कार्डियक समूह (Cardiac masses),
  • जन्मजात हृदय रोग (Congenital heart disease),
  • हार्ट वाल्व के बढ़ते हुऐ रोग पर नजर रखने के लिए,
  • दिल की असमान्य लय का पता लगाने के लिए, जैसे टैकीकार्डिया (Tachycardia), अर्थात ब्रैकीकार्डिया (Brachycardia) से हृदय की धड़कन तेजी से बढ़ना या हृदय की धड़कन तेजी से घटना।
  • जन्मजात हृदय रोग की जांच करने के लिए,
  • ऐसी किसी भी प्रकार की हृदय में क्षति को देखने के लिए, (जो हार्ट अटैक के बाद दिल में हो सकती है)
  • दिल में सूजन या जलन आदि की जांच करने के लिए, (इस स्थिति को पेरीकार्डाइटिस के नाम से जाना जाता है)
  • यह जांच करने के लिए कि दिल के आस-पास की थैली में किसी प्रकार का द्रव तो जमा नहीं हुआ,
  • हार्ट मर्मर (Heart murmur) की जांच करने के लिए, (दिल से निकलने वाली असाधारण बड़बड़ाहट की आवाज को हार्ट मर्मर कहा जाता है)
  • मेडिकल या सर्जिकल उपचार के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए इत्यादि।

(और पढ़ें - रूमेटिक हार्ट डिजीज)

टेस्ट से निकाली गई तस्वीरें निम्न की खोज करने में भी मदद कर सकती हैं:

  • हृदय में खून का थक्का जमना,
  • दिल के आस-पास की थैली में द्रव जमना,
  • महाधमनी से जुड़ी कोई समस्या (यह मुख्य धमनी होती है जो दिल से जुड़ी होती है) इत्यादि।

(और पढ़ें - हृदय को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाएं)

इको टेस्ट से पहले क्या किया जाता है?

  • टेस्ट होने से पहले ही डॉक्टर आपको पूरी प्रक्रिया के बारे में अच्छे से समझा देंगे। लेकिन अगर प्रक्रिया को लेकर आपके मन में कोई सवाल है, तो टेस्ट होने से पहले आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं। (और पढ़ें - सीटी स्कैन क्या होता है)
  • आम तौर पर इस टेस्ट से पहले किसी खास प्रकार की तैयारी करने की जरूरत नहीं होती। (और पढ़ें - एम आर आई टेस्ट)
  • अगर आप किसी भी प्रकार की दवा या हर्बल उत्पाद का सेवन करते हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। (और पढ़ें - दवाओं की जानकारी)
  • अगर आपका स्ट्रेस इकोकार्डियोग्राम टेस्ट किया जाना है, तो टेस्ट होने से 4 घंटे पहले तक पानी के सिवा कुछ भी खाने या पीने से परहेज करें। (और पढ़ें - पेट स्कैन क्या है)
  • टेस्ट होने से 24 घंटे पहले तक कैफीनयुक्त किसी भी खाद्य या पेय पदार्थ का सेवन ना करें, क्योंकि कैफीन आपके टेस्ट रिजल्ट को प्रभावित कर सकता है। (और पढ़ें - कॉफी पीने के नुकसान)
  • अगर आप हृदय संबंधी दवाएं लेते हैं, तो डॉक्टर आपको उन्हें टेस्ट वाले दिन छोड़ने के लिए कह सकते हैं। डॉक्टर से पूछे बिना किसी भी दवा को न छोड़ें। (और पढ़ें - एंडोस्कोपी टेस्ट)
  • अगर आपको पेसमेकर (Pacemaker) लगा हुआ है, तो इस बार में भी डॉक्टर को जरूर बताएं।

 (और पढ़ें - पेसमेकर सर्जरी)

इको टेस्ट के दौरान क्या किया जाता है?

  • इको टेस्ट के दौरान आपको किसी भी प्रकार के आभूषण या आपके द्वारा पहनी हुई ऐसी वस्तुएं जो प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकती हैं, उनको उतारने के लिए कहा जा सकता है। आपकी जरूरत के अनुसार, जाँच प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर आपको चश्में, डैंन्चर (नकली दांत) या सुनने वाली मशीन (Hearing aids) आदि को पहन कर रखने की सलाह दे सकते हैं। आपको कमर के ऊपर के कपड़े उतारने के लिए भी कहा जा सकता है। (और पढ़ें - टेस्टोस्टेरोन टेस्ट)
  • इस प्रक्रिया के लिए आपको आपकी बाईं तरफ पीठ के बल लेटने के लिए कहा जाता है। पीठ को सहारा प्रदान करने के लिए तकिया आदि भी लगाया जा सकता है। (और पढ़ें - स्टूल टेस्ट)
  • टेस्ट के दौरान हृदय की विद्युत गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए छाती पर इलेक्ट्रोड्स (छोटे-छोटे चिपकने वाले पैच) लगा दिए जाते हैं। छाती पर एक विशेष प्रकार का जैल लगाया जाता है। उसके बाद छाती पर ट्रांसड्यूसर को रखा जाता है और उसको छाती पर चारों तरफ घुमाया जाता है, जिससे अलग-अलग जगहों (Angles) से दिल की तस्वीर ली जा सके। (और पढ़ें - क्रिएटिनिन टेस्ट)
  • परीक्षण करने वाले डॉक्टर दिल की संरचनाओं और अन्य जगहों की तस्वीरें प्राप्त करने के लिए ट्रांसड्यूसर प्रोब को छाती के इधर-उधर फेरते हैं और कभी-कभी थोड़ा दबाव भी डालते हैं। ट्रांसड्यूसर द्वारा दिया गया दबाव असुविधाजनक नहीं होना चाहिए। अगर आपको ट्रांसड्यूसर के दबाव से तकलीफ महसूस हो रही है, तो इस बारे में परीक्षणकर्ता को बताएं। टेस्ट प्रक्रिया के दौरान आपको कुछ समय के लिए सांस रोकने, गहरी सांस लेने या नाक के द्वारा छींकने के लिए कहा जा सकता है। (और पढ़ें - बिलीरुबिन टेस्ट)
  • टेस्ट के दौरान आप अपनी हार्ट वाल्व के अंदर खून के बहने की आवाजें सुन सकते हैं। दिल की अलग-अलग जगह की तस्वीरें लेने के लिए, इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर आपको पॉजिशन बदलने के लिए भी कह सकते हैं। (और पढ़ें - लिवर फंक्शन टेस्ट)
  • इको टेस्ट की प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 45 मिनट का समय लग सकता है। (और पढ़ें - ब्लड टेस्ट)
Spirulina Capsules
₹539  ₹599  10% छूट
खरीदें

इको टेस्ट के बाद क्या किया जाता है?

टेस्ट के बाद डॉक्टर आपको अपने रोजाना के आहार व अन्य गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए कह सकते हैं, हालांकि डॉक्टर उनको अलग ढंग से करने की सलाह भी दे सकते हैं।

(और पढ़ें - ईसीजी टेस्ट क्या है)

सामान्य रूप से इको टेस्ट के बाद किसी विशेष प्रकार की देखभाल की जरूरत नहीं होती। हालांकि, टेस्ट के बाद डॉक्टर आपको अतिरिक्त या अन्य हिदायतें दे सकते हैं, जो आपकी विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रख दी जाती हैं।

(और पढ़ें - मैमोग्राफी क्या है)

इको के टेस्ट रिजल्ट पर निर्भर करते हुए आपको कुछ महीनों में इको टेस्ट फिर से करवाने को कहा जा सकता है या अन्य टेस्ट करवाने पड़ सकते हैं जैसे नैदानिक टेस्ट, सीटी स्कैन और कोरोनरी एंजियोग्राफी आदि।

(और पढ़ें - थायराइड फंक्शन टेस्ट)

इको टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं?

इको टेस्ट की प्रक्रिया दर्दरहित होती है। छाती पर चिपकाए हुऐ इलेक्ट्रोड्स को उतारते समय थोड़ी तकलीफ हो सकती है। यह तकलीफ कुछ ऐसी होती है, जैसी तकलीफ शरीर पर से किसी प्रकार की बैंडेज उतारते समय महसूस होती है।

(और पढ़ें - ब्लड शुगर टेस्ट कैसे होता है)

इको टेस्ट के रिजल्ट का क्या मतलब होता है?

टेस्ट होने के बाद डॉक्टर उसके रिजल्ट को देखते हैं, रिजल्ट निम्न असामान्यताएं दिखा सकता है:

(और पढ़ें - अनियमित दिल की धड़कन का इलाज)

  • दिल की मांसपेशियों में क्षति,
  • हृदय दोष, 
  • हृदय के आकार में अंतर,
  • पंप करने की क्षमता में कमी,
  • हार्ट वाल्व संबंधी समस्याएं, इत्यादि।

(और पढ़ें - कोरोनरी धमनी रोग के उपचार)

अगर डॉक्टर को आपके रिजल्ट से जुड़ी किसी प्रकार की चिंता है, तो वह आपको एक दिल के डॉक्टर (Cardiologist) के पास रेफर कर सकते हैं। कार्डियोलोजिस्ट दिल के विशेषज्ञ डॉक्टर होते हैं। नैदानिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए आपके डॉक्टर आपको अन्य टेस्ट और शारीरिक परीक्षण आदि करवाने की सलाह दे सकते हैं।

अगर आपके हृदय संबंधी किसी समस्या के लिए परीक्षण किया जा रहा है, तो डॉक्टर आपके साथ मिलकर एक बेहतर उपचार योजना बनाने की कोशिश करेंगे, जो आपके लिए सबसे बेहतर हो।

(और पढ़ें - बाईपास सर्जरी क्या है)

L-Arginine Capsule
₹599  ₹695  13% छूट
खरीदें

इको टेस्ट कब करवाना चाहिए?

अगर आपमें हृदय संबंधी बीमारियों से जुड़े कोई लक्षण हैं, तो डॉक्टर आपको इको टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं। इस टेस्ट का इस्तेमाल किसी समस्या की पहचान या उसे निर्धारित करने के लिए भी किया जाता है और यह टेस्ट उपचार में भी मार्गदर्शन करता है।

(और पढ़ें - एक्स रे क्या है)

अगर आपके डॉक्टर को किसी अन्य टेस्ट के दौरान आपके दिल में किसी प्रकार की असामान्यता का पता लगता है, जैसे स्टीथोस्कोप के दौरान अगर डॉक्टर को दिल धड़कने की आवाज में कुछ असामान्यता महसूस होती है, तो डॉक्टर आपको इको टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं।

(और पढ़ें - हृदय को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज)

यदि डॉक्टरों को लगता है कि आपकी दिल की धड़कनें अनियमित हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर अक्सर इको टेस्ट करवाने का सुझाव देते हैं। अगर आपके डॉक्टर आपकी हार्ट वाल्व या खून पंपिंग की क्षमता का निरीक्षण करना चाहते हैं, तो भी वे इको टेस्ट करने का सुझाव देते हैं।

(और पढ़ें - दिल के लिए योगासन)

अगर आपको छाती में दर्द या सांस फूलना आदि जैसी दिल की समस्याओं से जुड़े लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो इस स्थिति में इको टेस्ट किया जा सकता है।

(और पढ़ें - सांस फूलने का उपाय)

संदर्भ

  1. Alaa A. Mohamed, Ahmed A. Arifi, Ahmed Omran. The basics of echocardiography. Journal of the Saudi Heart Association (2010) 22:71–76.
  2. Rick A. Nishimura, Raymond J. Gibbons, James F. Glockner, A. Jamil Tajik. Harrison’s Principles of Internal medicine. Noninvasive Cardiac Imaging: Echocardiography, Nuclear Cardiology, And MRI/CT Imaging.. 16th edition. 1320.
  3. Spodick, DH (Aug 14, 2003). Acute cardiac tamponade. The New England Journal of Medicine (2003) 349(7): 684–690.
  4. Fihn SD, Blankenship JC, Alexander KP, Bittl JA, Byrne JG, Fletcher BJ, Fonarow GC, Lange RA, Levine GN, Maddox TM, Naidu SS, Ohman EM, Smith PK. 2014 ACC/AHA/AATS/PCNA/SCAI/STS focused update of the guideline for the diagnosis and management of patients with stable ischemic heart disease: a report of the American College of Cardiology/American Heart Association Task Force on Practice Guidelines, a. J Am Coll Cardiol. 2014 Nov 4;64(18):1929-49. PMID: 25077860
  5. Boden WE. Angina pectoris and stable ischemic heart disease. In: Goldman L, Schafer AI, eds. Goldman-Cecil Medicine. 25th ed. Philadelphia, PA: Elsevier Saunders; 2016:chap 71.
  6. Solomon SD, Wu JC, Gillam L, Bulwer B. Echocardiography. In: Zipes DP, Libby P, Bonow RO, Mann DL, Tomaselli GF, Braunwald E, eds. Braunwald's Heart Disease: A Textbook of Cardiovascular Medicine. 11th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2019:chap 14.
  7. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Transesophageal Echocardiography

सम्बंधित लेख

ओबेसिटी पैनल

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव

प्रीऑपरेटिव पैनल

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव

फटिग पैनल

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव

आर्थराइटिस टेस्ट

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव

हाइपरटेंशन पैनल टेस्ट

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ