जब हम अपने दिनभर के कामों से थक जाते हैं तो रातभर की चैन की नींद हमें फिर से तरोताजा कर देती है। एक स्वस्थ इंसान के लिए 6 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है। ज्यादा सोना जहां आलस की निशानी है, वहीं जरूरत से कम नींद लेना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि कम या फिर पर्याप्त नींद नहीं लेने पर आप हृदय रोग के अलावा गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।

अनिद्रा का इलाज जानने के लिए आप यहां दिए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

आज इस लेख में आप जानेंगे कि किस प्रकार नींद की कमी हार्ट के लिए समस्या पैदा कर सकती है -

  1. कौन-कौन से हृदय रोग होते हैं?
  2. कम नींद से बढ़ा हृदय रोग का जोखिम
  3. क्या कहती है रिसर्च?
  4. कम नींद से हृदय रोग का जोखिम कैसे?
  5. इनसोम्निया से हृदय रोग की वजह
  6. इनसोम्निया पर डॉक्टर की राय
  7. पर्याप्त नींद के लिए क्या करें?
  8. सुबह जल्दी उठकर दोबारा नहीं सोना घातक
  9. सारांश
आपके नाजुक से दिल के लिए घातक हो सकता है कम नींद लेना के डॉक्टर

नींद में कमी एक वक्त पर जानलेवा साबित हो सकती हैं। इनमें से कुछ बीमारियां इस प्रकार हैं -

(और पढ़ें - नींद में चलने की है बीमारी तो यहां जानें उसका इलाज)

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट आपके लिए हैं। इनसे रक्त शर्करा की स्तिथि में सुधार होगा। ऑर्डर करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें!

अनिद्रा से छुटकारा पाने और अच्छी नींद के लिए Melatonin Sleep Support Tablets का उपयोग करें -
Sleeping Tablets
₹499  ₹549  9% छूट
खरीदें

हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि हेल्दी हार्ट (स्वस्थ हृदय) के लिए एक अच्छी गहरी नींद बहुत जरूरी है। जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं उनमें हृदय रोग और कोरोनरी हृदय रोग (धमनियों में सूजन और कोलेस्ट्रॉल युक्त जमा हुआ पदार्थ) का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आप हृदय रोग के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो पर्याप्त नींद ही एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

न्यूरोलॉजी जरनल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने कम नींद के चलते हृदय रोग (हार्ट डिजीज) के बढ़ते जोखिम का जिक्र किया है। एमडी ऑफ पीकिंग यूनिवर्सिटी बीजिंग चीन में रिसर्च के लेखक लिमिंग ली का कहना है कि शोध से आए परिणामों से पता चलता है कि अगर हम उन लोगों का पता लगाते, जिन्हें नींद आने में परेशानी हो रही है, तो संभव है कि स्ट्रोक के मामलों की संख्या, हार्ट अटैक और अन्य बीमारियों को बाद में कम किया जा सकता है।

इस अध्ययन में औसतन 51 साल तक की उम्र के 4,87,200 लोगों को शामिल किया गया। रिसर्च की शुरुआत में कोई भी व्यक्ति इससे पहले स्ट्रोक या फिर हृदय से संबंधित किसी प्रकार की बीमारी से ग्रस्त नहीं था। इस दौरान शोध का हिस्सा रहे लोगों से हफ्ते में 3 दिन इन्सोमेनिया (अनिद्रा) के 3 लक्षणों के बारे में सवाल पूछे गए। जैसे-

  • सोते वक्त नींद आने में परेशानी  
  • खराब नींद के कारण सुबह जल्दी उठना
  • पर्याप्त नींद नहीं आने पर दिन में परेशानी होना

रिसर्च के दौरान कुल 11 प्रतिशत लोगों के अंदर सोते वक्त परेशानी की समस्या थी, जबकि 10 प्रतिशत ने बहुत जल्दी जागने की बात पर सहमति जताई और 2 प्रतिशत को खराब नींद के कारण दिन में परेशानी हुई। हालांकि, इसके बाद शोधकर्ता भी कम नींद आने की समस्या को परिभाषित नहीं कर पाए। जिसके बाद करीब 10 साल तक इस तरह के लोगों पर अध्ययन किया गया। इस रिसर्च में कई तथ्य सामने आए। जैसे-

  • कम नींद से स्ट्रोक, हार्ट अटैक और इसी तरह की अन्य बीमारियों के 1,30,032 मामले थे, जिन लोगों में इन्सोमेनिया (अनिद्रा) के सभी तीन लक्षण पाए गए।
  • जिन लोगों में कोई लक्षण नहीं था, उनकी तुलना में सभी लक्षण वाले लोगों में इन बीमारियों के विकसित होने की आशंका 18 प्रतिशत अधिक थी।
Ashwagandha Tablet
₹359  ₹399  10% छूट
खरीदें

रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने इनसोम्निया और उससे जुड़े कई कारकों का पता लगाया। जिसके कारण ऐसे लोगों में हृदय रोग का जोखिम ज्यादा बढ़ा है। रिसर्च के अनुसार इनसोम्निया की कई वजह हो सकती हैं। जैसे -

लिहाजा जिन लोगों को सोने में परेशानी होती है या फिर पर्याप्त नींद नहीं आती, उनमें स्ट्रोक या हृदय रोग का जोखिम 9 प्रतिशत अधिक होता है। इसके अलावा शोधकर्ताओं को पता चला है कि 4,32,073 लोगों में से 1,12,382 यानि 26 प्रतिशत वो लोग जिनमें अनिद्रा का लक्षण नहीं था, उनकी तुलना में 55,127 वो लोग जिनमें इनसोम्निया के लक्षण थे, उनमें से 17,650 या 32 प्रतिशत लोगों में इन बीमारियों का खतरा अधिक था।

myUpchar से जुड़ी डॉक्टर शहनाज का कहना है कि कम नींद से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों समस्याओं से पीड़ित होता है। जिसकी कई वजहें हो सकती हैं। जैसे-

  • किसी प्रकार का तनाव (स्ट्रेस)
  • मानसिक असंतुलन का होना

कम नींद के कारण कोई भी व्यक्ति कई गंभीर स्थितियों से गुजर सकता है। जैसे-

  • अनिद्रा से बॉडी हार्मोन्स प्रभावित हो सकते हैं
  • नींद कम आने से हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता है

डॉक्टर के मुताबिक बीमारियों से बचने के लिए कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।

  • पर्याप्त नींद के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें ।
  • योग (मेडिटेशन) से भी नींद की अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
  • काउंसलिंग कराकर भी कम नींद की समस्या को दूर किया जा सकता है।

(और पढ़ें-  अच्छी नींद लेना चाहते हैं तो करें ये घरेलू उपाय)

  • जो लोग सुबह बहुत जल्दी उठते हैं और दोबारा नहीं सोते उन लोगों में इन्सोमेनिया के कारण स्ट्रोक और हृदय रोग का जोखिम 7 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
  • जिन लोगों में पर्याप्त नींद नहीं लेने के कारण दिन के वक्त ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आती है उन लोगों में इन बीमारियों का खतरा या रिस्क 13 प्रतिशत अधिक हो सकता है।

रिसर्च के लेखक लिमिंग ली के मुताबिक शोध में पाया गया कि इन्सोमेनिया के लक्षणों के चलते उन युवाओं में ये बीमारियां ज्यादा थी, जिनका शुरू में हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) नहीं था। इसलिए भविष्य में अध्ययकर्ताओं को विशेष रूप से इन समूहों (युवा वयस्कों) को ध्यान रखते हुए जांच करनी होगी। खैर पर्याप्त नींद लेना हमारे मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए अल्कोहल और धूम्रपान जैसी आदतों को कम करके कम नींद की समस्या से निजात पाई जा सकती है। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करके भी अनिद्रा को दूर कर गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

Dr. Vinayak Jatale

Dr. Vinayak Jatale

न्यूरोलॉजी
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Sameer Arora

Dr. Sameer Arora

न्यूरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Khursheed Kazmi

Dr. Khursheed Kazmi

न्यूरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Muthukani S

Dr. Muthukani S

न्यूरोलॉजी
4 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें