निर्गुण्डी मांसपेशियों को आराम, दर्द से राहत, मच्छर को दूर करने वाली, चिंता और अस्थमा को दूर करने वाली एक बहुत अच्छी आयुर्वेद जड़ी बूटी है। इस पेड़ के विभिन्न हिस्सों को व्यापक रूप से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में आयुर्वेद में इस्तेमाल किया जाता है। हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले निर्गुण्डी को श्रेष्ठ दर्द निवारक दवाओं में से एक माना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम वाइटेक्स र्निगुण्डी है। इसकी खासियत है कि इसकी पत्तियां पांच पत्तों के समूह (five-leaved chaste tree) में लगी होती है। इसका प्रयोग हम दोनों बाहरी और आंतरिक रूप में कर सकते हैं। इसकी तासीर गर्म होती है। यह पौधा मध्य एशिया और भूमध्य सागर का एक निवासी है।

  1. निर्गुण्डी के फायदे - Nirgundi ke Fayde in Hindi
  2. निर्गुण्डी के अन्य फायदे - Other Benefits of Nirgundi in Hindi
  3. निर्गुण्डी के नुकसान - Nirgundi ke Nuksan in Hindi

निर्गुण्डी के फायदे बालों के लिए - Nirgundi for Hair in Hindi

इस पेड़ के पत्तों से बने तेल को बालों के एक टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके नियमित उपयोग से, बालों का गिरना को रुक जाता है साथ ही साथ यह बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि इसके तेल के नियमित उपयोग से जूँ, रूसी सहित स्कैल्प के संक्रमण ठीक हो जाते हैं। जो महिलाएं निर्गुण्डी के तेल को हेयर टॉनिक के रूप में उपयोग करती है उनके बाल दूसरो की बजाए सफेद होने की संभावना कम होती है। यह बालों के प्राकृतिक रंग को बेहतर बनाता है।

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निर्गुण्डी के उपयोग से करें गठिया को दूर - Nirgundi for Arthritis in Hindi

निर्गुण्डी के पत्तों से निकाले हुए तेल को हल्का गर्म करके मालिश करने से सन्धिवात, गठिया, आमवात, सन्धिशोथ (rheumatoid arthritis) में बहुत आराम मिलता है। निर्गुण्डी के पत्तों का काढ़ा रोजाना सुबह-शाम पीने से साइटिका (sciatica) का रोग दूर हो जाता है। यह एक अद्भुत मस्तिष्क टॉनिक के रूप में भी काम करता है और स्मरण शक्ति बढ़ाने में मदद करता है।

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निर्गुण्डी का पौधा है माइग्रेन में उपयोगी - Vitex Negundo for Migraine Headache in Hindi

निर्गुण्डी के पत्ते लें और पानी के साथ पीस कर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को माथे पर लगाएँ। निर्गुण्डी के सूखे पत्तों का धूआं करें और उसको सूँघे, इससे आपको तत्काल राहत मिलेगी। इसके अलावा, इसके ताजे पत्तों के रस को हल्का सा गर्म करके 2-2 बूंद कान में डालने से माइग्रेन का दर्द खत्म हो जाता है। निर्गुण्डी का प्रयोग सारस्वतारिष्ट (

Saraswatarishta) और मानसमित्रा वातकम (Manasamitra vatakam) जैसी आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है जो चिंता और अवसाद से लड़ने में मदद करती है। 

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निर्गुण्डी के गुण हैं बांझपन में लाभदायक - Vitex Negundo for Fertility in Hindi

अध्ययनों से पता चलता है कि इस जड़ी बूटी के 200 मिलीग्राम विभिन्न बांझपन की समस्याओं से पीड़ित महिलाओं के द्वारा इस बाधा को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। बांझपन की समस्या से पीड़ित महिलाओं के द्वारा छह महीने के लिए इसके उपयोग से उनको सकारात्मक प्रभावों का अनुभव हुआ। 10 ग्राम निर्गुण्डी लेकर लगभग 100 मिलीलीटर पानी में रात को भिगोकर रख दें। सुबह उसे उबालें जब यह एक चौथाई रह जाए तो इसे उतारकर छान लें। इसके बाद इसमें 10 ग्राम पिसा हुआ गोखरू मिलाकर मासिक-धर्म खत्म होने के बाद पहले दिन से लगभग एक सप्ताह तक सेवन करते रहें। इससे स्त्री गर्भधारण के योग्य हो जाती है। 

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अध्ययनों से पता चलता है कि निर्गुण्डी प्रोजेस्टेरोन के स्तर को बढ़ा सकता है। यह रजोनिवृत्ति के लक्ष्ण जैसे मूड स्विंग्स, योनि में सूखापन और हॉट फ्लैश को सहजता से धीमा करके समाप्त करने में मदद करता है।

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निर्गुन्डी के घरेलू उपाय बुखार के लिए - Nirgundi ke fayde for Fever in Hindi

2 गिलास पानी में निरगुंडी की पत्तियों को लें और 15 मिनट के लिए उबाल लें। काढ़े को छान लें और तीन भागों में डिवाइड करें। 4 घंटे के अंतराल पर एक दिन में तीन बार इसका सेवन करें।

निर्गुण्डी के 20 ग्राम पत्तों को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब 100 मिलीलीटर के लगभग शेष बचे तो इस काढ़े को उतार लें। इस काढे़ में 2 ग्राम पीपल का चूर्ण बुरककर सुबह-शाम 10-20 मिलीलीटर पिलायें। इससे जुकाम, बुखार और सिर के भारीपन में लाभ होता है। 

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वाइटेक्स र्निगुण्डी का उपयोग घाव भरने के लिए - Vitex Negundo for Wound Healing in Hindi

अपने एंटीबैक्टीरियल और सूजन को कम करने वाले गुणों की वजह से निर्गुण्डी हर प्रकार की सूजन और घाव के लिए उपयोग की जाती है। निर्गुण्डी के पत्तों से बनाये हुए तेल को लगाने से पुराने से पुराना घाव भरने लगता है। निर्गुण्डी के पत्तों को पीसकर लेप बना लें। इस लेप को चोट या सूजन पर लेप करने से या चोट, सूजन वाले अंग पर इसकी पट्टी बांधने से दर्द में आराम मिलता है और घाव जल्दी ठीक हो जाता है।

इसके अलावा, निर्गुण्डी के पत्तों को काढ़े बनाने के लिए उबाल लें। और अब इस काढ़े से प्रभावित क्षेत्र को धो लें। इसकी तीखी गन्ध के कारण निर्गुण्डी का तेल शरीर पर लगाने से मच्छर आपके पास नहीं आएँगे।

निर्गुण्डी का तेल बनाए त्वचा को चमकदार - Nirgundi for Skin in Hindi

कई महिलाओं को उनके मासिक धर्म चक्र के दौरान मुँहासे हो जाते हैं। निरगुंडी पर किए गए अध्ययनों से संकेत मिलता है कि यह पौधा मासिक धर्म से पूर्व मुँहासो को सहजता से ख़त्म करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, निर्गुण्डी के सेवन से त्वचा जवान बनी रहती है और त्वचा की चमक बरकरार रहती है। 

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निर्गुन्डी के घरेलू उपचार करें सूजन को कम - Nirgundi Ras for Inflammation in Hindi

यह जड़ी बूटी विटामिन सी के साथ परिपूर्ण है, निरगुंडी प्रकृति में पाए जाने वाले सबसे अच्छे प्राकृतिक एंटीबायोटिक और सूजन को कम करने वाले एजेंटों में से एक है। निर्गुण्डी के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम सेवन करने से हृदय की सूजन में लाभ होता है। निर्गुण्डी की जड़ चबाने से या इसके काढ़े से कुल्ला करने से टांसिल समाप्त हो जाती है। 

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निर्गुडी का उपयोग लाए पाचन में सुधार - Nirgundi ke Labh for Digestion in Hindi

इस जड़ी बूटी को पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और इसके कामकाज को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह पाचन में सुधार लाने में मदद करती है और भूख को उत्तेजित करती है। यह एक कृमिनाशक के रूप में भी कार्य करता है और एक पाचन तंत्र की सफाई करने वाले एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। निर्गुण्डी के पत्तों के 10 मिलीलीटर रस को 2 पिसी हुई कालीमिर्च और अजवायन के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पाचन शक्ति ठीक हो जाती है।

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निर्गुन्डी प्लांट खांसी को कम करने के लिए - Vitex Negundo for Cough in Hindi

इस जड़ी बूटी के पत्तों से बनी हर्बल चाय श्वसन तंत्र में जमा कफ को कम करने के लिए जानी जाती है। इस प्रकार यह कफ से भरे हुए मार्ग को साफ करके वेंटिलेशन बढ़ाता है। निर्गुण्डी के पत्तों के रस को हल्की आग पर चढ़ाकर गाढ़ा कर लें। इसे 7 दिनों तक लगातार देने से खांसी, दमा, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के रोग मिट जाते हैं। 12 से 24 मिलीलीटर निर्गुण्डी के पत्तों के रस को शुद्ध दूध के साथ दिन में 2 बार लेने से खांसी दूर हो जाती है। 

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निर्गुण्डी के अन्य फायदे निम्न हैं -

  • निर्गुण्डी के पत्तों को अच्छे से पीसकर हाथ पैरों पर लेप करने से हाथ पैरों की जलन समाप्त हो जाती है।
  • 10 ग्राम निर्गुण्डी के ताजे पत्तों को पीसकर 200ml पानी में मिलाकर पीने से कुष्ठ रोग में बहुत जल्दी आराम मिलता है।
  • 10-20 ml निर्गुण्डी के पत्तों का रस सुबह और शाम पीने से गले की सूजन में आराम होता है।
  • निर्गुण्डी का रस या पत्तों का काढ़ा पीपल के साथ लेने से कफ के बुखार में लाभ मिलता है।
  • निर्गुण्डी के ताजा पत्तों को गर्म करें और मोच वाले क्षेत्र पर लगाएँ।

निर्गुण्डी के नुकसान इस प्रकार हैं -

  • पित्त (गर्म) प्रकृति वाले को इसके सेवन से बचना चाहिए।
  • निर्गुण्डी को अधिक मात्रा में सेवन करने से सिर में दर्द, जलन व किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
  • आप बाहरी रूप से लंबे समय के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन नस्य (Nasya) चिकित्सा के लिए यह एक महीने से अधिक समय के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
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