एरिथ्रोपोएटिन (ईपीओ) टेस्ट क्या है?

एरिथ्रोपोएटिन (ईपीओ) टेस्ट रक्त में ईपीओ के स्तर की जांच करता है। ईपीओ एक हार्मोन है जो कि लाल रक्त कोशिकाएं (आरबीसी) बनाता है। शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की कमी होने पर यह किडनी द्वारा बनाया जाता है। आरबीसी में हीमोग्लोबिन होता है, जो कि ऑक्सीजन को जोड़कर रखता है। ईपीओ के स्तर में वृद्धि से शरीर के ऑक्सीजन के स्तर को दोबारा ठीक करने में मदद मिलती है। 

एक बार स्त्रावित हो जाने के बाद यह रक्त द्वारा बोन मेरो में जाता है, जहां लाल रक्त कोशिकाएं बनती हैं। यदि फेफड़े शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाते, तो गुर्दे इसके प्रति प्रतिक्रिया के रूप में शरीर में ईपीओ के स्तर में वृद्धि करने लगते हैं। ईपीओ के स्तर में वृद्धि से रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या भी बढ़ने लगती है।

जिन लोगों की किडनी ठीक तरह से कार्य नहीं करती उनके शरीर में पर्याप्त ईपीओ नहीं बनते। ऐसे लोगों में आमतौर पर खून की कमी (एनीमिया) होती है।

दूसरी ओर किडनी में ट्यूमर होने पर ईपीओ अत्यधिक मात्रा में बनने लगता है जिससे पॉलीसिथीमिया वेरा और उच्च रक्त चाप जैसी स्थितियां हो जाती हैं।

बोन मेरो के कुछ विशेष विकारों में यदि किडनी पर्याप्त ईपीओ भी बनाती है तो भी जरूरत के अनुसार लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बन पाती हैं। इसीलिए रक्त में ईपीओ के स्तर की जांच से विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के परीक्षण में मदद मिलती है।

  1. ईपीओ टेस्ट क्यों किया जाता है - Erythropoietin (EPO) Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. ईपीओ टेस्ट से पहले - Erythropoietin (EPO) Test Se Pahle
  3. ईपीओ टेस्ट के दौरान - Erythropoietin (EPO) Test Ke Dauran
  4. ईपीओ टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Erythropoietin Test Result and Normal Range

ईपीओ टेस्ट क्यों किया जाता है?

डॉक्टर को यदि किसी व्यक्ति में कुछ विशेष लक्षण दिखाई देते हैं तो वे ईपीओ टेस्ट करने के लिए कह सकते हैं। निम्न स्थितियों में ईपीओ टेस्ट करने की जरूरत हो सकती है:

  • कम्पलीट ब्लड काउंट करवाने पर यदि किसी व्यक्ति के शरीर में आरबीसी का स्तर, हीमोग्लोबिन या हेमाटोक्रिट की वैल्यू अपर्याप्त या असामान्य हो। 
  • एनीमिया का कारण जानने के लिए 
  • बोन मेरो संबंधी विकारों का परीक्षण करने के लिए उसके एक भाग के रूप में खासतौर पर जब किसी व्यक्ति के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओ की संख्या अधिक हो (पॉलीसीथिमिया या एरीथ्रोसाइटोसिस)।
  • किडनी डिजीज से पीड़ित लोगों में ईपीओ के स्तर की जांच के लिए 

खिलाड़ियों द्वारा ईपीओ अपने खेल के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। इसीलिए खिलाड़ियों को इस टेस्ट की सलाह डोप टेस्टिंग के रूप में भी दी जाती है। 

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ईपीओ टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

ईपीओ टेस्ट के लिए किसी ख़ास तैयारी की जरूरत नहीं होती। यदि आप कोई भी दवा व हेल्थ सप्लीमेंट ले रहे हैं या फिर आपने हाल ही में रक्त दान किया है तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें क्योंकि इससे टेस्ट के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। 

यदि किसी महिला का टेस्ट किया जा रहा है और वो गर्भवती हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बता दें।

ईपीओ टेस्ट कैसे किया जाता है?

ईपीओ टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल की जरूरत होती है। आपकी बांह की नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लिया जाता है। त्वचा में सुई लगने से चुभन जैसी संवेदना हो सकती है। हालांकि ये कुछ देर में खुद ही ठीक हो जाएगी। कुछ लोगों को इंजेक्शन लगी जगह पर नील भी पड़ जाता है। यदि नील कुछ समय में ठीक नहीं होता है तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं।

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ईपीओ टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम :
आमतौर पर ईपीओ टेस्ट के परिणाम मिलीयूनिट प्रति मिलीलीटर (mU/mL) या अंतरराष्ष्ट्रीय यूनिट प्रति लीटर (IU/L) में लिखे जाते हैं। यह लिंग, उम्र और व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करते हैं। इसीलिए इस टेस्ट के लिए कई सारी वैल्यू को सामान्य माना जा सकता है। 

इस टेस्ट की सामान्य वैल्यू 2.6-18.5 mU/mL या 3.7-36 IU/L के बीच में हो सकती है।

यह रेंज हर लैब के अनुसार और लैब द्वारा प्रयोग की जा रही मानक वैल्यू के अनुसार अलग हो सकती है।

असामान्य परिणाम :
ईपीओ का सामान्य से कम या अधिक जमाव असामान्य माना जाता है। 

सामान्य से अधिक स्तर निम्न में से किसी एक विकार के कारण हो सकते हैं:

  • बोन मेरो विकार (मायलोडिसप्लास्टिक सिंड्रोम)
  • किडनी में ट्यूमर जैसी संरचना (सेकेंडरी पॉलीसीथिमिया)

व्यक्ति में ईपीओ के स्तर अधिक तब भी हो सकते हैं जब वो समुद्र तल से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हो । ऐसा मुख्य तौर पर पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण हो सकता है। 

ईपीओ के सामान्य से कम स्तर निम्न विकारों के कारण हो सकते हैं:

अपनी रिपोर्ट्स को ठीक प्रकार से समझने के लिए परिणाम डॉक्टर को दिखाएं। आपकी रिपोर्ट्स के अनुसार डॉक्टर उचित थेरेपी या अन्य टेस्ट कर सकते हैं।

 

संदर्भ

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