आज के इस फास्ट फूड के दौर में शायद ही कोई होगा, जो वजन कम नहीं करना चाहता होगा। अधिकतर लोग इसके लिए नूट्रिशनिस्ट या ट्रेनर की भी मदद लेते हैं। इसके अलावा हम में से कई लोग वजन कम करने के लिए डाइट और खाने की आदतों के बारे में दूसरों से सलाह लेते हैं।

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यहां एक बहहुत असरदार डाइट प्लान बताया गया है जिसका नाम है "एटकिन्स" (Atkins) डाइट प्लान। इससे आप जल्दी से अपना वजन घटा सकते हैं।

  1. एटकिन्स डाइट क्या है - What is Atkins Diet in Hindi
  2. एटकिन्स डाइट प्लान में क्या खाएं और क्या नहीं - What to eat and what not to in Atkins Diet in Hindi
  3. एटकिन्स डाइट चार्ट - Atkins Diet Chart in Hindi
  4. एटकिन्स डाइट के फायदे - Benefits of Atkins Diet in Hindi
  5. एटकिन्स डाइट के नुकसान - Side effects of Atkins Diet in Hindi
एटकिंस डाइट से घटाएं तेजी से वजन के डॉक्टर

कार्बोहाइड्रेट्स सीमित मात्रा में खाना वजन कम करने की सबसे पहली निशानी है। एटकिन्स डाइट को इस बात का ध्यान रखते हुए डिजाइन किया गया है। अमेरिका के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रॉबर्ट एटकिन्स नें डिजाइन किया है। उन्होंने पहली बार 1970 में अपने किताब द न्यू डाइट रेवलूशन में इसके बारे में लिखा था।

इस आहार को इस तरह डिजाइन किया गया है कि आप कार्बोहाइड्रेट्स को सीमित मात्रा में लेकर वजन कम कर सकते हैं और वहीं दूसरे तरफ जितना चाहें प्रोटीन और वसा खा सकते हैं। हालांकि ये दावा विवादों से घिरा हुआ है, इस डाइट प्लान ने कई मामलों में बेहतर परिणाम दिए हैं जिस वजह से पिछले दशक में बहुत लोकप्रिय हो गया।

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एटकिन्स डाइट प्लान में चार चरण होते हैं, जिनमें से प्रेरण चरण या पहले चरण का पालन करना सबसे मुश्किल है। चारों चरण की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है, यह व्यक्ति के वजन पर निर्भर करता है। तो आइए जानते हैं एटकिन्स डाइट के चार चरणों के बारे में।

  1. एटकिन्स डाइट का पहला चरण -
    ये एटकिन्स डाइट का प्रारंभिक चरण है। इस चरण को "इन्डक्शन" के नाम से जाना जाता है, जिसमें आपको रोज़ाना मात्रा 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स लेनी होती है। इस प्रकार पहले दो हफ्ते में आपको अपने डाइट में कम कार्बोहाइड्रेट्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, सलाद, मीट और अंडे खाने होगें।
     
  2. एटकिन्स डाइट का दूसरा चरण -
    दूसरे चरण को "ऑन गोइंग वेट लॉस" के नाम से जाना जाता है। इस चरण में कार्बोहाइड्रेट को पुनः आपको अपने डाइट में शामिल करना होगा और रोज़ाना मात्र 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाना होगा। इसके परिणामस्वरूप प्रति सप्ताह आपका आधा से एक किलो वजन कम हो सकता है। इस चरण में आप डेयरी उत्पाद जैसे सूखे मेवे, जामुन, फल और अनाज खा सकते हैं।
     
  3. एटकिन्स डाइट का तीसरा चरण -
    तीसरे चरण को "प्री-मेन्टनन्स" के नाम से जाना जाता है। इस चरण में वजन कम होने की प्रक्रिया कम हो जाती है। जबकि डाइटर्स वजन कम करने के लक्ष्य के क़रीब होते हैं। इसकी वजह ये है कि इस चरण में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा रोज़ाना 10 ग्राम बढ़ती है। डॉक्टर एटकिन्स के अनुसार यह चरण 2 से 3 महीने के लिए होना चाहिए। यह डाइट प्लान मुख्य रूप से, जो लोग इस डाइट प्लान को अपनाते हैं, उनके  और डाइट के बीच तालमेल बैठाने के लिए होता है। इस चरण में आप कार्बोहाइड्रेट्स के लिए ग्वार फली, मटर और स्टार्च वाली सब्जियां खा सकते हैं।
     
  4. एटकिन्स डाइट का चौथा चरण -
    चौथे चरण को "लाइफ टाइम मेन्टनन्स" के नाम से जाना जाता है। जैसा की नाम से ही पता चल रहा है कि ये चरण आपके जीवन भर रहता है। इस चरण का उद्देश्य यह होता है कि पिछले तीन चरणों में आपने जितना वजन कम किया है, उसे संतुलित बनाए रखे। किसी वजह से यदि आपका वजन वापस फिरे से बढ़ गया है, तो आप पुनः पहले चरण से इस डाइट प्लान को शुरू कर सकते हैं। अब आपके शरीर को कितनी कार्बाहाइड्रेट की मात्रा चाहिए, इस बात से आप पूर्ण रूप से वाक़िफ़ हो चुके हैं।

इसलिए आपको अब इस बात का पता लगाना चाहिए कि कार्बोहाइड्रेट्स की कितनी मात्रा ली जाए, जिससे वजन न बढ़े। इसके लिए आप जिन खाद्य पदार्थों में बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जैसे रोटी और ब्राउन राइस खा सकते हैं। डॉक्टर एटकिन्स कहते हैं कि लाइफ टाइम चरण स्वस्थ जीवन शैली की आधारशिला है।

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जब हम किसी खास डाइट प्लान को अपनाते हैं, तब हमारे लिए ये जानना बहुत ज़रूरी होता है किन चीज़ो को खाएं और किन चीज़ो को न खाएं। इसलिए आइए जानते हैं कि एटकिन्स टाइट के अनुसार क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

इन खाद्य पदार्थों को न खाएं -

न खाएं  खाद्य पदार्थ

शुगर युक्त पेय पदार्थ 

फलों का जूस, कोल्ड ड्रिंक, क्रीम वाले मिल्क शेक, स्मूदी।

बेकरी वाले खाद्य पदार्थ 

केक, पेस्ट्री, आइस्क्रीम, टॉफ़ी।

अनाज 

गेहूं, जौ, चावल,

वसा और सब्जियों का तेल 

हाइड्रोजनीकृत वसा, कॉटन सीड ऑयल, चावल के भूसी के तेल (राइस ब्रैन ऑइल), सोयाबीन तेल, कैनोला तेल।

अधिक कार्बोहाइड्रेट वाली सब्जियां 

आलू, गाजर, शलगम, चुकंदर और शकरकंद

अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले फल 

आम, केला, चीकू, शरीफा, अंगूर

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इन खाद्य पदार्थों को खाएं -

खाएं  खाद्य पदार्थ

मीट  

चिकन और सूअर का मांस।
मछली  सार्डिन, ट्राउट्स और सल्मन मछली।

डेयरी उत्पाद 

अंडा, पनीर, दूध, दही।

सूखे मेवे और बीज

बदाम, अखरोट, सूरजमुखी का बीज और अलसी का बीज,

कम कार्बोहाइड्रेट्स वाली सब्जियां 

शिमला मिर्च, पालक, ब्रोकोली, खीरा, सलाद, मूली, फूलगोभी

कम कार्बोहाइड्रेट्स वाले फल

जामुन

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए डाइट प्लान)

नीचे दिए गए मेनू में से किसी एक को नाश्ते के लिए चुनें।

1. सुबह-सुबह - 

नींबू के साथ गर्म पानी, साथ में पानी में भिगोया हुआ 4 बादाम और 1  चम्मच भुने हुए अलसी के बीज।

2. सुबह का नाश्ता (9 बजे) -

अंडे वाले खाद्य पदार्थ - 

  • शतावरी ऑमलेट।
  • अंडे की भुर्जी और शिमला मिर्च अधिक मात्रा में।
  • उबला हुआ अंडा और साथ में सब्जियां।
  • ऑमलेट के साथ पर्याप्त मात्रा में शिमला मिर्च और सब्जियां।

या

दूध वाले उत्पाद -

  • तले हुए पनीर और सब्जियां।
  • मूंग दाल और पनीर की भरावन से बना चीला।
  • दही स्मूदी के साथ बादाम और सेब।

या

बीन्स  या दाल

  • खीरा और टमाटर के साथ उबला हुआ चना।
  • हरी मूंग दाल से बना हुआ टिकिया।
  • उबली हूई बीन्स और टमाटर का सलाद।

3. सुबह के नाश्ते के 1-2 घंटे बाद (11.30 बजे) -

1 कप ग्रीन टी + 1 चम्मच भुना हुआ असली का बीज + 2 चम्मच सूरजमुखी के बीज या प्रोटीन शेक या सादा दूध (खासकर यदि आप शाकाहारी हैं)

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4. दोपहर का भोजन (1.30 के आस-पास) -

  • सूप - चिकन शोरबा या पालक सूप या गोभी सूप या टमाटर सूप लें। इस बात का ध्यान रहें कि ये सभी चीजें घर पर बनी हुई हों और बिना कॉर्नस्टार्च के)
  • सलाद - सामान्य सालाद या उबली हुई सब्जियां या जैतून के तेल में तली हुई सब्जियां या ब्रोकली और गाजर तले हुए। इसमें से किसी एक को खाएं।
  • मेन कोर्स - नीचे दिए हुए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में से किसी एक को अपने पसंद के अनुसार चुनें।

मांसाहारियों के लिए लंच -

  • बेक्ड मछली या चिकन
  • भुनी हुई मछली या चिकन
  • एग विंडालू सालसा ग्रेवी में
  • जैतून के तेल में बना हुआ भेंड़ का या सूअर चॉप
  • सैल्मन मछली पेस्टो सॉस के साथ
  • तली हुई सैल्मन मछली चॉप एवोकाडो और गाजर के साथ

शाकाहारियों के लिए लंच -

  • राजमा टिक्की, टमाटर साल्सा के साथ।
  • पेस्टो या साल्सा के साथ उबला हुआ चना।
  • अंकुरित मूंग, जैतून के तेल में पका हुआ और टमाटर।
  • मिक्स स्प्राउट डोसा नारियल तेल या बटर में बना हुआ।
  • पालक और बेसन चीला बटर के साथ।
  • सोयाबीन टमाटर के ग्रेवी के साथ या सोयाबीन ग्रेवी।
  • बेक्ड बीन्स
  • पनीर भुर्जी
  • हरी मूंग दाल का चीला या हरी मूंग दाल पालक के साथ।
  • चना दाल और पालक का चीला इमली सॉस के साथ।
  • बहुत कम तेल में बनाया हुआ, पनीर टिक्का या पनीर चिली।

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5. दोपहर के भोजन के बाद -

एक कप ग्रीन टी या गुनगुने पानी के साथ नींबू

6. शाम का नाश्ता (4 बजे) -

1 कप दही या कोई भी फल जो एटकिन्स डाइट में मना न हो या भुना हुआ सोयाबीन या सूखे मेवे एटकिन्स डाइट के अनुसार या 1 गिलास स्मूदी या 1 गिलास प्रोटीन शेक या 1 ग्लास सादा दूध इसमें से किसी एक को लें

7. रात का भोजन (7.30 से 8 बजे के बीच) -

दोपहर के मेनू से किसी एक का चयन करें और खाएं

8. रात के भोजन के बाद -

1 कप ग्रीन टी या गर्म नींबू पानी

9. सोने से पहले -

1 गिलास दूध और 4 से 5 पानी में भिगोए हुए बादाम या अखरोट।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए घरेलू उपाय)

मानव शरीर पर एटकिन्स डाइट प्लान के प्रभाव को समझने के लिए विस्तार से अध्ययन किया गया है और ये डाइट प्लान वजन कम करने में कारगर साबित हुआ है। ख़ासकर शुरूआती दो हफ्ते में। तो आइए जानते हैं कि एटकिन्स डाइट के क्या-क्या फ़ायदे हैं।

  1. वजन कम करने में -
    वजन घटाने में यह डाइट प्लान बहुत लाभदायक है। इस डाइट प्लान में कार्बोहाइड्रेट बहुत कम मात्रा में खाना होता है, जिससे हमारे शरीर में जमा फैट उर्जा के रूप में इस्तेमाल होने लगता है। (और पढ़ें - वजन घटाने के लिए व्यायाम)
     
  2. यह डाइट प्लान बेहद आसान है - 
    इस डाइट प्लान को कोई भी बहुत आसानी से अपना सकता है। हमें बस कार्बोहाइड्रेट लेने की मात्रा में कमी करना होता है। (और पढ़ें - वजन घटाने के लिए योगासन)
     
  3. कार्बोहाइड्रेट्स की सही मात्रा का पता चलना -
    इस डाइट प्लान की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि एक स्वस्थ वजन के लिए आपको कितनी कार्बोहाइड्रेट की अवश्यकता होती है, डाइट से इस बात का पता चलता है। हालांकि अलग-अलग लोगों की कार्बोहाइड्रेट के प्रति संवेदनशीलता भिन्न होती और इसे जानने के लिए ये डाइट एक बेहतर तरीका है। (और पढ़ें - कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार)
     
  4. वजन को संतुलित बनाए रखने में -
    एटकिन्स डाइट न केवल वजन कम करने में मदद करता बल्कि ये वजन को संतुलित भी बनाए रखता है। साथ ही डाइट प्लान आपको स्वस्थ वजन के लिए सही कार्बाहाइड्रेट का निर्धारण करने में सक्षम बनाता है। (और पढ़ें - बॉडी को डिटॉक्स करने का तरीका)
        
  5. बेहतर स्वास्थ्य के लिए -
    एटकिन्स डाइट आपको विटामिन और पोषक तत्व युक्त खाद्य पदार्थ को खाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जब आपके शरीर को इसकी ज़रूरत होती है। इस प्रकार ये आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं। (और पढ़ें - वजन घटाने के लिए डाइट टिप्स)
     
  6. बिमारियों से बचाने में -
    जब आप कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेते हैं, तो आपके शरीर में इंसुलिन का स्तर सामान्य रहता है, जो डायबिटीज जैसे रोगों के रोकथाम में बेहद प्रभावी है। शोध के अनुसार जिन लोगों ने एटकिन्स डाइट को अपनाया उनका ब्लेड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर स्वस्थ व सामान्य था अन्य लोगों की तुलना में। इसके अलावा अन्य लोगों की तुलना में वजन भी संतुलित था। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)

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  7. संतुलित आहार में -
    एटकिन्स डाइट में कई प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करने के लिए वर्षों तक कई प्रयोग किए गए हैं। इस डाइट के अनुसार आप भोजन में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन, सब्जियां, फल सूखे मेवे, फलियां, वसा और कभी-कभी अनाज खाते हैं, जो एक संतुलित और स्वस्थ आहार है।

(और पढ़ें - जीएम डाइट चार्ट)

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जब आप एटकिन्स डाइट को अपनाते हैं, तो इसका आपके शरीर पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। बहुत से लोग इस डाइट को शुरू करते हैं लेकिन अंत तक इसका पालन नहीं करते हैं, जो समस्या का कारण बनती है

  1. इंडक्शन या पहला चरण -
    इस डाइट का पहला चरण सबसे कठिन होता है और इसका हमेशा सकारात्मक प्रभाव पड़े ऐसा ज़रूरी नहीं है। अधिकांश लोग कार्बोहाइड्रेट की कमी का 3 से 5 दिनों तक ही सामना कर पाते हैं और इसके नकारात्मक प्रभाव के इस डाइट प्लान को यहीं छोड़ देते हैं। (और पढ़ें - बॉडी बनाने के लिए क्या खाना चाहिए)
     
  2. कम कार्बोहाइड्रेट बढ़ाता है मुश्किल -
    बेहद कम कार्बोहाड्रेट वाले डाइट से सभी प्रकार के पोषक तत्व पाना बेहद मुश्किल होता है और जब पहला चरण 2 हफ्ते से अधिक होता है, तो समस्या और बढ़ जाती है। एटकिन्स डाइट के अनुसार, वजन कम करने के लिए कुछ लोग पाचन क्रिया की वजह से कम कार्बोहाइड्रेट वाले डाइट नहीं अपना पाते हैं। हालांकि विटामिन और खनिजों को पूरक आहार से बदला जा सकता है, लेकिन मेटोबॉलिज्म को नहीं। इसके वहज से आपको स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का समना करना पड़ सकता है। (और पढ़ें - पेट कम करने के लिए एक्सरसाइज)
     
  3. कई लोग इसे बोरिंग मानते हैं -
    कम कार्बोहाइड्रेट वाले डाइट प्लान जैसे एटकिन्स बहुत जल्दी उबाऊ हो जाते हैं। ख़ासकर पहले चरण में आपके अपेक्षा के अनुसार परिणाम न मिलने के पहले। इसकी वजह से बहुत से लोग इसे आधे में छोड़ देते हैं। (और पढ़ें - पेट कम करने के उपाय)
     
  4. पहले चरण के बाद भ्रमित होना -
    एटकिन्स डायट की सबसे बड़ी कमी में से एक है, पहले चरण के बाद प्रत्येक अलग-अलग व्यक्ति के लिए कार्बोहाइड्रेट के स्तर का पता लगाना। सही स्तर का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है और इसका पालन करना भी। इसके लिए आपको कई प्रयोग करने होते हैं और इस बात का पता करना होता है कि आपके लिए कौन सा स्तर बेहतर होगा। (और पढ़ें - कमर पतली करने के उपाय)

तो अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं और कई मील चलने के लिए तैयार हैं, तो एटकिन्स डाइट को अपना कर देखिए।

(और पढ़ें - कमर पतली करने की एक्सरसाइज)

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