एंटी-एंडोमिसियल एंटीबॉडी टेस्ट (ईएमए) क्या है?

एंटी-एंडोमिसियल एंटीबॉडी एक प्रकार के ऑटोएंटीबॉडी हैं, जो पैथोजन के बजाय शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करते हैं और यह सीलिएक रोग से ग्रस्त लोगों में पाई जाती है। ये एंटीबॉडीज आमतौर पर आंत की आंतरिक परत पर हमला करते हैं और इनसे व्यक्ति को चिड़चिड़ापन व सूजन होती है।

सीलिएक रोग एक स्व-प्रतिरक्षित (ऑटोइम्यून डिसॉर्डर) है, जिसमें व्यक्ति का शरीर ग्लूटेन के प्रति असामान्य रूप से प्रतिक्रिया करने लगता है। ग्लूटेन गेंहू, जौं और राई में पाया जाने वाला प्रोटीन है। जब भी सीलिएक रोग से ग्रस्त कोई व्यक्ति ग्लूटेन से युक्त भोजन खाता है, तो शरीर उसके प्रति एंटीबॉडीज बनाने लग जाते हैं। यदि इसका इलाज नहीं किया जाए, तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी और बढ़ते बच्चों के विकास संबंधी समस्या आदि होने लगती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा व बच्चे में जन्मजात विकार और आंत का कैंसर जैसी स्थितियां हो सकती हैं।

सीलिएक रोग की पहचान के लिए ईएमए टेस्ट सबसे सटीक टेस्टों में से एक है। आमतौर पर यह किसी व्यक्ति के रक्त में आइजीए (इम्यूनोग्लोबिन ए) एंटीबॉडीज की पहचान करता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि ये एंटीबॉडीज बहुत सूक्ष्म होते हैं और आसानी से पहचाने जा सकते हैं। हालांकि यदि किसी व्यक्ति में आइजीए की कमी के कारण इसकी पहचान न हो तो आईजीजी ईएमए एंटीबॉडीज की पहचान की जाती है।

जब सीलिएक रोग होने की संभावना कम हो तो ईएमए टेस्ट एक स्क्रीनिंग टेस्ट की तरह भी लाभदायक होता है।

यदि ईएमए रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो परिणामों की पुष्टि करने के लिए बायोप्सी की जाती है।

  1. ईएमए टेस्ट क्यों किया जाता है - Endomysial antibody Test Kyu Kiya jata Hai
  2. ईएमए टेस्ट से पहले - Endomysial antibody Test Se Pahle
  3. ईएमए टेस्ट के दौरान - Endomysial antibody Test Ke Dauran
  4. ईएमए टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Endomysial antibody Test Result and Normal Range

ईएमए टेस्ट क्यों किया जाता है?

ईएमए टेस्ट सीलिएक रोग की जल्दी पहचान करने के लिए किया जाता है। यह अन्य जटिलताएं होने से बचाता है। 

डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह तब देते हैं जब आपको निम्न लक्षण महसूस होते हैं:

वयस्कों में

बच्चों में

इस टेस्ट से ग्लूटेन फ्री डाइट के प्रभाव पर नजर रखने में भी मदद मिलती है। 

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ईएमए टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

ईएमए टेस्ट के लिए भूखे रहना जरूरी नहीं है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड ऐसी दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं और ग्लूटेन-फ्री डाइट टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि टेस्ट से कम से कम चार हफ्ते पहले ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ लेना बंद कर दें। इसके अलावा यदि आप कोई भी दवाएं ले रहे हैं तो टेस्ट से पहले ही इनके बारे में डॉक्टर को बता दें।

 

ईएमए​ टेस्ट कैसे किया जाता है?

डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लेंगे। वे सैंपल को एक लाल ढक्कन की ट्यूब में रख कर आगे के परीक्षण के लिए लैब में भेज देंगे। 

अत्यधिक रक्तस्त्राव, संक्रमण और हीमेटोमा (सुई लगी जगह की त्वचा में रक्त का जमाव) इस टेस्ट से जुड़े कुछ साइड इफ़ेक्ट हैं। कुछ लोगों को टेस्ट के बाद चक्कर भी आ सकते हैं।

इस टेस्ट के परिणाम सैंपल लेने के आठ दिनों में आ जाते हैं।

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ईएमए टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम :
1:10 से कम का एंटीबॉडी टाइटर आइजीए एंटी-एंडोमीसियल एंटीबॉडीज के नेगेटिव परिणामों की ओर संकेत करता है। सामान्य परिणाम इस बात का संकेत हैं कि व्यक्ति को सीलिएक रोग नहीं है। 

कुछ घटक जैसे दो साल से कम उम्र और आइजीए की कमी से परिणाम गलत तरह से नेगेटिव भी आ सकते हैं। 

असामान्य परिणाम :
आइजीए एंटी-एंडोमीसियल एंटीबॉडीज के पॉजिटिव परिणामों को असामान्य माना जाता है। 

ईएमए टेस्ट के पॉजिटिव परिणाम निम्न की ओर संकेत करते हैं:

  • सीलिएक रोग 
  • डर्मेटाइटिस हेरपेटिफोर्मिस, सीलिएक रोग से जुड़ा त्वचा का एक ऑटोइम्यून विकार। इसमें त्वचा पर खुजली वाली फुंसियां हो जाती हैं।

संदर्भ

  1. Chorzelski TP et al. IgA anti-endomysium antibody. A new immunological marker of dermatitis herpetiformis and coeliac disease. Br J Dermatol. 1984 Oct;111(4):395-402. PMID: 6435666
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