एचआईवी-एड्स - HIV/AIDS in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

July 13, 2017

February 01, 2024

एचआईवी-एड्स
एचआईवी-एड्स

एचआईवी क्या है?

ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी; HIV) एक लेन्टिवायरस (रेट्रोवायरस का एक उपसमूह) है जिससे एचआईवी संक्रमण होता है और समय के साथ इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) बन जाता है। 

एड्स क्या है?

एड्स (अक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिन्ड्रोम; AIDS) एक बीमारी है जो ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस या एचआईवी (HIV) के कारण होती है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा को गंभीर नुकसान पहुँचता है। एचआईवी/एड्स के कारण किसी व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है

सीडी 4+टी सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एचआईवी इन कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम सेंटर (सीडीसी) के अनुसार, स्वस्थ लोगों के खून में हर क्यूबिक मिलीमीटर में लगभग 1,000 सीडी 4+टी कोशिकाएं होती हैं और एड्स से ग्रस्त रोगियों में इसकी संख्या 200 या उससे कम हो जाती हैं।

एचआईवी पॉजिटिव होने का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि आपको एड्स है। एड्स, एचआईवी संक्रमण का तीसरा और अंतिम चरण है। हालांकि, अनुपचारित एचआईवी संक्रमण समय के साथ एड्स बन सकता है।

भारत में एचआईवी/एड्स की वर्तमान स्थिति​

2015 की जानकारी के अनुसार, भारत में 21 लाख लोग एचआईवी से ग्रस्त हैं और दुनिया में एचआईवी से प्रभावित देशों में भारत तीसरे स्थान पर आता है। इसी वर्ष, एड्स संबंधी बीमारियों से लगभग 68,000 लोग मारे गए थे। 

यौन कर्मी और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में हाल ही में एचआईवी प्रसार में गिरावट आई है। दवाइयों को इंजेक्ट करने वाले लोगों में पहले एचआईवी का फैलाव स्थिर था लेकिन हाल के वर्षों में यह बढ़ रहा है।

कुल मिलाकर, भारत में एचआईवी महामारी के नए संक्रमणों में 32% की गिरावट (2015 में 86,000) आयी है, और 2007 और 2015 के बीच एड्स से संबंधित मौतों में 54% की गिरावट आयी है। 

एचआईवी/एड्स के चरण - Stages of HIV/AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome) in Hindi

उपचार के बिना, एचआईवी वायरस का संक्रमण बढ़ता जाता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक नुकसान पहुंचाता है। इसके 3 चरण होते हैं-

  1. एचआईवी का तीव्र संक्रमण (Acute Primary Infection)
    एचआईवी से संक्रमित होने के करीब एक से चार सप्ताह बाद, कुछ लोगों को फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह लंबे समय तक नहीं रहते (एक या दो सप्ताह) और हो सकता है आपको फ्लू के केवल कुछ ही लक्षणों का अनुभव हो या कोई भी न हो। सिर्फ इन लक्षणों का अनुभव करना ही एचआईवी के निदान का एक विश्वसनीय तरीका नहीं है।

  2. क्लिनिकल लेटेंसी / एसिम्पटोमैटिक एचआईवी / क्रोनिक एचआईवी (Clinical Latency / Asymptomatic HIV / Chronic HIV)
    पहले चरण के समाप्त होने के बाद बहुत लोग बेहतर महसूस करने लगते हैं और हो सकता है एचआईवी वायरस के 10 से 15 साल तक कोई अन्य लक्षण न दिखाई दें (आयु, पृष्ठभूमि और स्वास्थ्य के आधार पर)। हालांकि, वायरस तब भी सक्रिय रहता है, नई कोशिकाओं को संक्रमित करता है और बढ़ता रहता है। समय के साथ यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बहुत नुकसान पहुंचता है।
     
  3. एड्स (AIDS)
    एड्स, एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। इस समय तक एचआईवी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बुरी तरह नुकसान पहुंचा चुका होता है और शरीर अन्य अवसरवादी संक्रमणों (वह संक्रमण जो कमज़ोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में बार बार होते हैं) से नहीं लड़ पाता। एचआईवी वाले लोगों में एड्स का निदान तब होता है जब उनके शरीर में 200 से कम सीडी 4+टी कोशिकाएं रह जाती हैं या उन्हें एक या एक से अधिक अवसरवादी संक्रमण होते हैं। उपचार के बिना, एड्स से ग्रस्त लोग आम तौर पर लगभग 3 साल तक जीवित रहते हैं।

एचआईवी/एड्स के लक्षण - HIV/AIDS Symptoms in Hindi

अधिकांश एचआईवी से संक्रमित लोगों को कम समय के लिए फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं जो संक्रमण होने के  2-6 सप्ताह बाद होते हैं। इसके बाद हो सकता है एचआईवी के कई सालों तक कोई लक्षण न हों। यह देखा गया है कि एचआईवी से संक्रमित 80 प्रतिशत लोगों को फ्लू जैसे लक्षण होते हैं।

(और पढ़ें - फ्लू के लक्षण)

इन लक्षणों का होना मतलब यह नहीं है कि आपके शरीर में एचआईवी वायरस है। यह लक्षण किसी और स्थिति के कारण भी हो सकते हैं। इनमे सबसे आम लक्षण हैं:

इसके अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे -

आमतौर पर यह लक्षण 1-2 सप्ताह तक रहते हैं लेकिन ज़्यादा समय के लिए भी रह सकते हैं। यह एक संकेत है आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस के खिलाफ लड़ रही है। साथ ही इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि अगर आपको यह लक्षण हों तो 

एक बार जब प्रतिरक्षा प्रणाली बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती है तो निम्न लक्षण हो सकते हैं -

एचआईवी/एड्स के कारण और जोखिम कारक - HIV/AIDS Causes & Risk Factors in Hindi

एचआईवी ऐड्स कैसे होता है?

एचआईवी से संक्रमित होने के लिए आपके शरीर में संक्रमित व्यक्ति का रक्त या वीर्य या योनि स्राव प्रवेश करना चाहिए। आप साधारण संपर्क के माध्यम से संक्रमित नहीं हो सकते। एचआईवी हवा, पानी या कीड़े के काटने के माध्यम से प्रसारित नहीं होता।

आप कई तरीकों से एचआईवी से संक्रमित हो सकते हैं जैसे -

  1. यौन संबंध द्वारा
    आप आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध बना कर संक्रमित हो सकते हैं अगर उस व्यक्ति का रक्त, वीर्य या योनि स्राव आपके शरीर में प्रवेश करता है। योनि, गुदा द्वारा या मौखिक यौन सम्बन्ध बनाने से संक्रमण फ़ैल सकता है। यह वायरस सेक्स के दौरान मुंह में होने वाले छाले या गुदा या योनि में होने वाले छोटे से चीरे से भी फ़ैल सकता है। (और पढ़ें - सुरक्षित सेक्स के तरीके)
     
  2. रक्त के संचरण द्वारा
    कुछ मामलों में, वायरस रक्त संचरण के माध्यम से भी प्रसारित होता है। (और पढ़ें - रक्त संचरण
     
  3. सुइयों के साझे प्रयोग द्वारा
    एचआईवी वायरस तब भी फैल सकता है अगर एक सुई जो किसी संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल की गयी हो, किसी असंक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल कर दी जाए।
     
  4. गर्भावस्था या प्रसव या स्तनपान द्वारा
    अगर एक औरत एचआईवी वायरस से संक्रमित है तो वह गर्भावस्था या प्रसव या स्तनपान द्वारा अपने बच्चे को भी इससे संक्रमित कर सकती है।

एचआईवी/एड्स होने का जोखिम इन्हें ज़्यादा है -

  1. पुरुषों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने वाले पुरुष
    हालाँकि समलैंगिक (Gay) या पुरुषों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने वाले पुरुषों कि संख्या कम है लेकिन उन्हें एचआईवी/एड्स होने का खतरा ज़्यादा होता है।
     
  2. इंजेक्शन से नशा करने वाले लोग
    इंजेक्शन द्वारा नशीली दवाएं लेने वाले लोगों को एचआईवी/एड्स होने का जोखिम अन्य लोगों के मुकाबले ज़्यादा होता है। 2009 में हुए एक अध्यन के मुताबिक लगभग आधे लोग जो इंजेक्शन से नशा करते हैं और से ग्रस्त हैं, उन्हें इसका पता ही नहीं था।
     
  3. महिलाओं में
    एचआईवी से संक्रमित साथी के साथ असुरक्षित सम्भोग करने की वजह से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या अच्छी-खासी है। असल में, महिलाओं के एचआईवी से संक्रमित होने का यह सबसे आम कारण है।
     
  4. युवा
    मुख्यतः युवाओं में यौन परीक्षण की जिज्ञासा ज़्यादा होती है और वह अपने साथियों के प्रभाव के कारण नशे भी करते हैं जिनसे उनका एचआईवी से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
     
  5. बुज़ुर्ग लोग 
    ज़्यादातर बुज़ुर्ग लोग यह नहीं मानते कि उन्हें भी एचआईवी संक्रमण हो सकता है इसीलिए वह बिना किसी डर के ऐसी गतिविधियां कर लेते हैं जिनसे उनके एचआईवी से ग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है।

एचआईवी/एड्स से बचाव - Prevention of HIV/AIDS in Hindi

अभी ऐसी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है जो एचआईवी संक्रमण को रोक सके या उन लोगों का इलाज कर सके जिन्हें एचआईवी/एड्स है। एचआईवी/एड्स से बचने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है कंडोम का इस्तेमाल करना। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए कंडोम उपलब्ध है।

असुरक्षित यौन संबंध बनाना एचआईवी के प्रसार का सबसे आम तरीका है। आप पूरी तरह से एचआईवी के जोखिम को ख़तम नहीं कर सकते जब तक आप यौन सम्बन्ध बनाने से खुद को रोक नहीं लेते। हालाँकि इसके जोखिम को कम करने के लिए आप कुछ सावधानियां बरत सकते हैं। जैसे -

  • अपनी और अपने साथी की स्थिति जानने के लिए एचआईवी के लिए परीक्षण कराएं।
  • अन्य यौन संचारित रोगों (एसटीडी) के लिए परीक्षण कराएं। यदि आपको ऐसी कोई बीमारी है तो इलाज करें क्यूंकि एसटीडी होने से एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है।
  • कंडोम का उपयोग करने का सही तरीका जानें और उनका उपयोग हर बार जब आप यौन संबंध बनाते समय करें। (और पढ़ें - महिला कंडोम का उपयोग)
  • अपने यौन साथियों की संख्या को सीमित करें। केवल एक साथी के साथ यौन सम्बन्ध बनाएं जो जो केवल आपके साथ सेक्स करे।
  • यदि आपको एचआईवी है तो निर्देश अनुसार अपनी दवाएं लें अपने अपने यौन साथी को इसे प्रसारित करने के जोखिम को कम करें। हालांकि आपको अभी भी कंडोम का उपयोग करने की आवश्यकता है।
  • एचआईवी रक्त के माध्यम से भी फैलता है इसीलिए कभी पहले से ही इस्तेमाल की गयी सुइयों या इंजेक्शन का उपयोग न करें।

एचआईवी/एड्स का परीक्षण - Diagnosis of HIV/AIDS in Hindi

एचआईवी का निदान करने के लिए रक्त परीक्षण सबसे आम तरीका है। संक्रमण के तुरंत बाद एंटीबॉडी का उत्पादन नहीं होता है, आपके संक्रमित होने के कुछ समय बाद तक आपके रक्त परीक्षण नेगेटिव आ सकते हैं।

एचआईवी और एड्स के निदान के लिए प्राथमिक परीक्षण हैं-

  1. ईएलआईइसए परीक्षण (ELISA Test) -  
    ईएलआईइसए का मतलब है एन्ज़ाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉरबेन्ट ऐसे, जिसका प्रयोग एचआईवी संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है। यदि आपका परीक्षण पॉजिटिव आता है तो आमतौर पर वेस्टर्न ब्लॉट परीक्षण किया जाता है। (और पढ़ें - एलिसा टेस्ट क्या है)
     
  2. वेस्टर्न ब्लॉट परीक्षण (Western Blot) - यह एक बहुत ही संवेदनशील रक्त परीक्षण है जिसका उपयोग पॉजिटिव ईएलआईइसए परीक्षण के परिणाम की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। यह आपके रक्त में एचआईवी एंटीबॉडी का पता लगाता है।
     
  3. घरेलू परीक्षण (Home Tests) - अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा स्वीकृत एकमात्र घरेलू परीक्षण को होम एक्सेस एक्सप्रेस टेस्ट कहा जाता है, जो केमिस्ट के पास उपलब्ध होता है। अगर यदि परीक्षण पॉजिटिव है, तो निदान की पुष्टि करने और अपने उपचार विकल्पों पर चर्चा करने के लिए अपने चिकित्सक से बात करें। यदि परीक्षण नेगेटिव है, तो परिणाम की पुष्टि करने के लिए इसे तीन महीने में फिर से करें।
     
  4. सलाइवा परीक्षण (Saliva Tests) - आपके गाल के अंदर से लार लेने क लिए एक कॉटन पैड का उपयोग किया जाता है। पैड परीक्षण के लिए एक प्रयोगशाला में दिया जाता है। पॉजिटिव परिणाम आने पर रक्त परीक्षण से इसकी पुष्टि करवाएं।
     
  5. वायरल लोड परीक्षण (Viral Load Test) - यह परीक्षण आपके रक्त में एचआईवी की मात्रा को मापता है। डीएनए क्रम (जो खासकर एचआईवी को बांधते हैं) का उपयोग करके एचआईवी का पता लगाया जाता है। 

एचआईवी के परीक्षण बहुत सुरक्षित हैं, लेकिन कुछ जटिलताएं हो सकती हैं जैसे-

  • चक्कर आना या बेहोश होना, खासकर यदि आपको सुई या रक्त से डर लगता है। 
  • सुई लगने की जगह पर एक संक्रमण होना। 
  • सुई लगने की जगह पर नील पड़ना। 
  • खून रुकने में परेशानी। 

(और पढ़ें - एचआईवी टेस्ट)

एचआईवी/एड्स का इलाज - HIV/AIDS Treatment in Hindi

हालाँकि एचआईवी / एड्स का कोई इलाज नहीं है लेकिन एचआईवी और इसकी जटिलताओं से लड़ने में दवाएं अत्यधिक प्रभावी रही हैं। दवाएं आपके शरीर में एचआईवी वायरस को कम करने में मदद करती हैं और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को जितना हो सके उतना स्वस्थ रखती हैं।

एचआईवी और एड्स के इलाज के लिए एफडीए द्वारा स्वीकृत कुछ दवाएं नीचे दी गयी हैं-

  • न्यूक्लियोसाइड रिवर्स ट्रांस्क्रिप्टेज़ इनहिबिटर या एनआरटीआई (Nucleoside Reverse Transcriptase Inhibitors or NRTI) 
    ये दवाएं वायरस के गुणन को रोकती हैं जिससे शरीर में एचआईवी का फैलाव धीरे होता है:
    • एबेकवीर (Abacavir)
    • डिडेनोसिन (Didanosine)
    • एमट्रीसीटाबीन (Emtricitabine)
    • लेमिवुडाईन (एपिवीर) (Lamivudine (Epivir))
    • स्टवुडिन (Stavudine)
    • टेनोफ़ोविर (वीरेड) (Tenofovir (Viread))
    • ज़ैल्सीटाबाइन (Zalcitabine)
    • जिडोवोडिन (Zidovudine)
       
  • प्रोटेस इनहिबिटर या पीआई (Protease Inhibitors or PI) 
    ये एफडीए द्वारा स्वीकृत दवाएं वायरस के गुणन में बाधा डालती हैं।
    • एम्प्रेनावीर (Amprenavir)
    • अताजनाविर (Atazanavir)
    • फ़ॉस्म्पेरनाविर (Fosamprenavir)
    • इंडिनवीर (Indinavir)
    • लोपिनाविर (Lopinavir)
    • रिटोनावीर (Ritonavir)
    • सेक्विनावीर (Saquinavir)
       
  • फ्यूजन इनिबिटरस (Fusion Inhibitors) 
    फ्यूजन इनहिबिटर एक नई श्रेणी की दवाएं हैं जो एचआईवी को सेल के अंदर से फ्यूज़ होने से रोकती हैं, जिससे उसका गुणन नहीं हो पता। इन दवाओं के समूह में एनफ्यूविरटाइड (Enfuvirtide) आती है, जिसे फ़्यूज़िओन (Fuzeon) या टी-20 (T-20) भी कहा जाता है। 
     
  • हाइली एक्टिव एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी या एचएएआरटी (Highly Active Antiretroviral Therapy or HAART) 
    एचएएआरटी अक्सर एचआईवी "कॉकटेल" के रूप में जाना जाता है। यह तीन या अधिक दवाओं का एक संयोजन है, जैसे प्रोटीज इनहिबिटर और अन्य एंटी-रेट्रोवायरल दवाएं। यह एचआईवी के गुणन को कम करने में बहुत हद तक प्रभावशाली है, जो शरीर में एचआईवी के प्रसार को धीमा कर सकता है। एचएएआरटी का लक्ष्य आपके शरीर में वायरस की मात्रा को उस स्तर तक कम करना है जिससे वह रक्त परीक्षणों में न पाया जा सके। 
     
  • नॉन-न्यूक्लियोसाइड रिवर्स ट्रांस्क्रिप्टेज़ इनहिबिटर या एनएनआरटीआई (Non-Nucleoside Reverse Transcriptase Inhibitors or NNRTI)
    गैर-न्यूक्लियोसाइड रिवर्स ट्रांस्क्रिप्टेज़ इनहिबिटर (एनएनआरटीआई) एचआईवी द्वारा नए कोशिकाओं के संक्रमण को अवरुद्ध करते हैं। ये दवाएं अन्य एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं के साथ संयोजन में निर्धारित की जा सकती हैं। 
    • डेल्वारिडाइन (रेस्क्रिप्टर, डीएलवी) (Delvaridine (Rescriptor, DLV))
    • एफ़रावीरेन्ज (सस्टिवा, ईएफवी) (Efravirenz (Sustiva, EFV))
    • नेवीरा पाईन (विरमुन, एनवीपी) (Nevirapine (Viramune, NVP))

चेतावनी: बिना अपने चिकित्सक से परामर्श करे कोई भी दवा न लें। 

एचआईवी/एड्स की जटिलताएं - HIV/AIDS Complications in Hindi

एचआईवी/एड्स आपकी प्रतिरक्षा क्षमता को कमज़ोर कर देता है जिससे आपको कुछ अन्य संक्रमण और कैंसर भी हो सकते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं -

  • टीबी (Tuberculosis) - 
    टीबी को ठीक किया जा सकता है अगर जल्दी इसका निदान हो जाये तो  (और पढ़ें – टीबी के कारण)

  • साइटोमेगालोवायरस (Cytomegalovirus) - 
    यह आम वायरस वैश्विक तौर पर ज्यादातर वयस्कों को प्रभावित करता है। अक्सर इसमें आंख का या जठरांत्रिय संक्रमण होता है।
     
  • कैंडिडिएसिस (Candidiasis) -
    यह एक आम फंगल संक्रमण है जिसे थ्रश भी कहा जाता है। यह एक आम दृश्य जाँच के बाद ऐंटिफंगल दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
     
  • क्रिप्टोकोकल मेनिन्जाइटिस (Cryptococcal Meningitis) - 
    यह दिमाग को प्रभावित करने वाला एक संक्रमण है। अगर इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह अक्सर घातक होता है।
     
  • टोक्सोप्लाज़मोसिज़ (Toxoplasmosis) - 
    यह परजीवी संक्रमण आमतौर पर 200 से कम सीडी 4 कोशिकाओं की गिनती वाले व्यक्तिओं को प्रभावित करता है। रोगनिरोध इलाजों का उपयोग करके इसका उपचार किया जाता है।
     
  • क्रिप्टोस्पोरिडियोसिस (Cryptosporidiosis) - 
    यह अतिसारीय रोग अक्सर बहुकालीन हो जाता है। इसमें गंभीर दस्त और पेट की ऐंठन होती है। (और पढ़ें - डायरिया के घरेलू उपचार)
     
  • कपोसी सारकोमा (Kaposi’s Sarcoma) - 
    कपोसी सारकोमा एक प्रकार का कैंसर जिसमें त्वचा की परत के नीचे असामान्य ऊतकों का विकास होता है।
     
  • लिम्फोमा (Lymphoma) - 
    कैंसर के ऐसे प्रकार जो अक्सर एचआईवी/एड्स से ग्रस्त लोगों में मौजूद होते हैं। लिम्फोमा का उपचार कैंसर के प्रकार और व्यक्ति की हालत पर निर्भर करता है।
     
  • वेस्टिंग सिंड्रोम (Wasting syndrome) - 
    इसमें शरीर का वजन अनैच्छिक घटता है और आपके शरीर के वजन का औसत 10 प्रतिशत से अधिक वज़न घाट जाता है। इसके उपचार के लिए आहार और निरंतर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है।
     
  • सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) - 
    एचआईवी से ग्रस्त महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के विकास का अधिक खतरा होता है। ख़राब प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर के इलाज में जटिलताएं पैदा करती हैं।
     
  • निमोनिया (Pneumonia) - 
    एचआईवी/एड्स के साथ निमोनिया बहुकालीन हो जाता है। (और पढ़ें – निमोनिया का घरेलू उपचार)

एचआईवी/एड्स में परहेज - What to avoid during HIV/AIDS in Hindi?

एड्स होने के बाद यह सब न करें:

एचआईवी/एड्स में क्या खाना चाहिए? - What to eat during HIV/AIDS in Hindi?

भोजन से एड्स ठीक नहीं हो सकता, लेकिन सही आहार से शरीर को ताकत मिलती है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। एड्स के मरीजों को यह सब खाने की सलाह दी जाती है:



संदर्भ

  1. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; HIV/AIDS
  2. University of California San Francisco [Internet]. San Francisco, CA: Department of medicine; Superinfection
  3. National Institutes of Health; Office of Dietary Supplements. [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; HIV Overview.
  4. Ferri FF. Ferri's Clinical Advisor 2018. In: Ferri's Clinical Advisor 2018. Philadelphia, Pa: Elsevier; 2018.
  5. National Institutes of Health; Office of Dietary Supplements. [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; USPHS/IDSA Guidelines for the Prevention of Opportunistic Infections in Persons Infected with Human Immunodeficiency Virus.

एचआईवी-एड्स की ओटीसी दवा - OTC Medicines for HIV/AIDS in Hindi

एचआईवी-एड्स के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।


एड्स के विषय में 10 बातें क्या आपको पता हैं ? सम्बंधित चित्र

एचआईवी-एड्स पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मैं 28 साल की गर्भवती महिला हूं। कुछ दिनों पहले ही पता चला है कि मुझे एचआईवी है। प्रेगनेंसी में एचआईवी की दवा लेने से गर्भ में पल रहे मेरे बच्चे को कोई नुकसान तो नहीं होगा? कृपया बताएं कि मैं क्या करूं? मैं बहुत परेशान हूं।

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

आप परेशान न हों।आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान एचआईवी की दवाएं लेना सुरक्षित होता है, लेकिन डाॅक्टर एचआईवी की दवाएं प्रीस्क्राइब करते हुए इसके नुकसान और फायदे दोनों के बारे में मरीज को पूरी जानकारी देते हैं। अत: आप  तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। वे आपकी पूरी जांच कर बताएंगे कि क्या करना है और क्या नहीं। इस बीच अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखें। किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं। साथ ही आप अपने पति को भी एचआईवी की जांच के लिए कहें। बदलते मौसम का भी पूरा ख्याल रखें ताकि सर्दी-जुकाम से बची रह सकें।

सवाल लगभग 5 साल पहले

डाक्टर साहब मेरा बेटा सिर्फ 29 साल का है। हाल ही में उसे एड्स होने का पता चला है। इन दिनों अकसर बीमार भी रहता है। लगातार घबराहट होती है कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। मैं यह जानना चाहता हूं कि एड्स के मरीजों की अधिकतम आयु कितनी हो सकती है?

Dr. Ayush Pandey MBBS, PG Diploma , सामान्य चिकित्सा

यूं परेशान होने से स्थितियां संभलती नहीं हैं बल्कि बिगड़ जाती है। आप परेशान न हों और अपने बेटे का मोरल बूस्ट करते रहें, उसे मानसिक रूप से खुश रखें। वह जितना परेशान रहेगा, उतना ही उसका स्वास्थ्य खराब होता रहेगा। इसके विपरीत वह जितना खुश रहेगा, उतना ही सामान्य जिंदगी जी सकेगा। जहां तक इस सवाल की बात है कि एक एड्स का मरीज कितनी लंबी जिंदगी जी सकता है, तो पिछले दो दशकों में एचआईवी मरीज की उम्र लगातार बढ़ी है। पहले माना जाता था कि एचआइ्रवी के मरीज इस वायरस के पता लगने पर 10 से 12 साल तक जी पाते थे। लेकिन समय गुजरने के साथ इस क्षेत्र में काफी काम किया गया है। एड्स के मरीज नियमित एंटीरिट्रोवायरल ट्रीटमेंट लेकर न सिर्फ हेल्दी बल्कि लंबी जिंदगी भी जी सकते हैं। आज कई नई एंटीरिट्रोवायरल दवाएं और एंटीरिट्रोवायरल थेरेपी विकसित की जा चुकी हैं। इनकी मदद से मरीज सामान्य लोगों की तरह लम्बी आयु तक जी सकता है।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी पत्नी की उम्र 30 साल है। हमें हाल ही में पता चला है कि उसे एड्स है और वह प्रेगनेंट भी है। क्या किसी भी तरह से हम अपने बच्चे को एड्स होने से बचा सकते हैं? कृपया कोई सुझाव दें।

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

आमतौर पर अगर मां एचआईवी संक्रमित है तो उसके गर्भ में पल रहे शिशु को एचआईवी संक्रमण से बचाना बहुत मुश्किल होता है। हालांकि ऐसे केसेस भी सुनने को मिलते हैं जिसमें मां और पिता दोनों संक्रमित हैं, लेकिन जन्म के बाद शिशु को यह बीमारी नहीं है। हालाँकि ऐसे केसेस बहुत कम हैं। इसके बावजूद परेशान होने के बजाये आप डॉक्टर से संपर्क करें। वे सभी जरुरी ट्रीटमेंट आपको बताएंगे। उनके कहे अनुसार ही आप करें।

सवाल लगभग 5 साल पहले

पिछले कई महीनों से मैं स्वस्थ नहीं हो पा रहा। लगातार बीमार रहता हूं। इस वजह से मुझे लग रहा है कि एचआईवी का टेस्ट करा लूं। लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि क्या डाक्टर से बिना मिले मैं एचआईवी की जांच करवा सकता हूं?

Dr. Braj Bhushan Ojha BAMS , गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक

आपको एचआईवी परीक्षण के लिए डाक्टर से मिलना ही होगा, क्योंकि इसके कंफर्मेशन के लिए आपके कई और भी टेस्ट किए जाएंगे। इसके अलावा कुछ फॅार्म पर आपको साइन भी करना होगा। लेकिन आप इस बात से बेफिक्र रहें कि आपके स्वास्थ्य के बारे में किसी को सूचना दी जाएगी। यह पूरी तरह कॅान्फिडेंशियल होता है। अतः आप बिना किसी परेशानी के अपना एचआईवी की जांच करा सकते हैं।