कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट क्या है?

कैटिकोलामिन एड्रिनल ग्रंथि द्वारा बनाए जाने वाले हार्मोन हैं, जो आमतौर पर शारीरिक या भावनात्मक तनाव की स्थिति में प्रतिक्रिया करते हैं। ये दिल की धड़कन, नब्ज, रक्तचाप, रक्त शर्करा की मात्रा और चयापचय दर को नियंत्रित करके शरीर को तनाव से निपटने में मदद करते हैं। अपना कार्य करने के बाद कैटिकोलामिन को असक्रिय कंपाउंड में बदल जाते हैं, जो कि यूरिन के द्वारा बाहर निकाल दिये जाते हैं। यह रक्त में इस हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। 

हालांकि जिन लोगों को एड्रिनल ट्यूमर होता है वे अधिक मात्रा में कैटिकोलामिन बनाते हैं जो कि उनके रक्त और यूरिन में दिखाई देता है। इन हार्मोन की अधिकता से हाइपरटेंशन और सिर दर्द जैसे लक्षण होते हैं।

आमतौर पर जिन लोगों की एड्रिनल ग्रंथि में ट्यूमर है उनके यूरिन और ब्लड दोनो ही टेस्ट कैटिकोलामिन की जांच के लिए किए जाते हैं, लेकिन एक यूरिन टेस्ट ज्यादा आसान होता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि ब्लड टेस्ट के बारे में सोचकर कुछ लोगों को चिंता हो सकती है जिससे कैटिकोलामिन के स्तर बढ़ सकते हैं।

  1. कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट क्यों किया जाता है - Catecholamine Urine Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट से पहले - Catecholamine Urine Test Se Pahle
  3. कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट के दौरान - Catecholamine Urine Test Ke Dauran
  4. कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Catecholamine Urine Test Result and Normal Range

कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट किसलिए किया जाता है?

डॉक्टर कैटिकोलामिन टेस्ट की सलाह तब दे सकते हैं, जब उन्हें व्यक्ति में एड्रिनल ट्यूमर के लक्षण दिखाई दें जिससे शरीर में अत्यधिक कैटिकोलामिन बन रहा है। इस टेस्ट की सलाह उन लोगों को भी दी जाती है जिनमें निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:

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कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

कैटिकोलामिन टेस्ट के परिणाम कई घटकों के कारण प्रभावित हो सकते हैं जैसे ड्रग्स, खाना और तनाव। उदाहरण के लिए चॉकलेट, केलेकॉफ़ी और चाय रक्त में कैटिकोलामिन के स्तर बढ़ा सकते हैं। एलर्जी की दवाएं और तम्बाकू के सेवन से भी टेस्ट के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।

यदि आपको पीरियड्स हो रहे हैं, तो यह उचित होगा कि आप टेस्ट पीरियड्स खत्म होने के बाद करवाएं क्योंकि ये टेस्ट के परिणामों को खराब कर सकते हैं।

डॉक्टर आपसे टेस्ट से कुछ दिन या हफ्ते पहले कोई विशेष दवा और भोजन खाने से मना कर सकते हैं। कुछ लोगों में थोड़ा सा तनाव होने पर भी कैटिकोलामिन का स्तर बढ़ सकता है, इसीलिए यह जरूरी है कि आप किसी भी तरह के शारीरिक या भावनात्मक तनाव से बचें। कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट से पहले भूखे रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

टेस्ट से पहले बिना डॉक्टर से पूछे कोई भी दवा लेना बंद न करें। डॉक्टर आपको बता देंगे कि कौन सी दवाएं आप लगातार ले सकते हैं और किन दवाओं को टेस्ट करवाने से पहले ही छोड़ना है। इसके अलावा डॉक्टर आपकी दवा को अन्य किसी वैकल्पिक दवा से बदल भी सकते हैं।

कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट कैसे किया जाता है?

आमतौर पर इस टेस्ट के लिए चौबीस घंटे के यूरिन सैंपल लेने की जरूरत होती है। ब्लड सैंपल लेने के लिए आपको एक विशेष कंटेनर दिया जाएगा। डॉक्टर आपको यूरिन सैंपल लेने का सही तरीका और समय बता देंगे। आमतौर पर सैंपल सुबह से लेना शुरू करना चाहिए। सुबह के सबसे पहले यूरिन का सैंपल न लें इसके बाद चौबीस घंटे में जितनी भी बार पेशाब जाएं उतनी बार यूरिन सैंपल लें।

यह ध्यान रहे कि यूरिन सैंपल को किसी ठंडी जगह पर रखें आप इसे रेफ्रिजरेटर में भी रख सकते हैं। कंटेनर पर एक लेबल लगा दिया जाता है, जिस पर आपका नाम, दिन और सैंपल लेने का समय लिख दिया जाता है और उसे सैंपल लेने के बाद इसे आगे के परीक्षण के लिए लैब में भेज दिया जाता है।

यदि  टेस्ट किसी शिशु का किया जा रहा है तो बच्चे के जननांग के बाहरी हिस्से को ठीक प्रकार से साफ किया जाना चाहिए। लिए गए सैंपल को ठीक प्रकार से रखना चाहिए ताकि सैंपल किसी भी तरह से दूषित न हो। लिए गए सैंपल को जल्द से जल्द आगे के परीक्षण के लिए लैब में भेज दिया जाना चाहिए।

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कैटिकोलामिन यूरिन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम :
शरीर में तीन तरह का कैटिकोलामिन होता है, डोपामाइन, एपिनेफ्रीन और नोरएपिनफ्रीन। कैटिकोलामिन के तीनों प्रकारों की सामान्य वैल्यू निम्न हैं:

  • एपिनेफ्रीन: 0.5-20 एमसीजी/24 घंटे (micrograms per 24 hours)
  • नोरएपिनफ्रीन: 15-80 एमसीजी/24 घंटे
  • डोपामाइन: 65-400 एमसीजी/24 घंटे
  • टोटल यूरिन कैटिकोलामिन: 14-110 एमसीजी/24 घंटे

असामान्य परिणाम :
यूरिन में कैटिकोलामिन के बढ़े हुए स्तर निम्न से जुड़े हुए हो सकते हैं:

  • लगातार चिंता
  • गैंगलियोब्लास्टोमा (तंत्रिका ऊतकों का ट्यूमर)
  • न्यूरोब्लास्टोमा (एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर जो कि एड्रिनल ग्रंथि को प्रभावित करता है)
  • फिओक्रोमोसाइटोमा (हार्मोन स्त्रावित करने वाला एड्रिनल ग्रंथि का ट्यूमर)
  • गंभीर रूप से और लम्बे समय तक तनाव रहना

संदर्भ

  1. Jacques W. M. Lender. Pheochromocytoma and Paraganglioma: An Endocrine Society Clinical Practice Guideline . The Journal of Clinical Endocrinology & Metabolism, Volume 99, Issue 6. Pages 1915–1942.
  2. Rifai, Horvath, Wittwer. Tietz Fundamentals of Clinical Chemistry and Molecular Diagnostics, 8th edition, chapter 26 (2019). Elsevier.
  3. UCLA health: University of California [internet]; Urine Catecholamine Test
  4. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Catecholamines (Urine)
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Catecholamines - urine
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