फाइब्रिनोजन टेस्ट क्या है?

फाइब्रिनोजन शरीर में मौजूद क्लॉटिंग प्रोटीन में से एक है। ये लिवर कोशिकाओं द्वारा बनाया जाता है और चोट लगने पर अत्यधिक रक्त स्त्राव को रोकने के लिए खून के थक्के जमाने में मदद करता है। फाइब्रिनोजन चोट के दौरान सूजन को भी नियंत्रित करता है और नई रक्त वाहिकाओं के बनने में भी मदद करता है।

फाइब्रिनोजन के कम स्तर से लंबे समय तक रक्त स्त्राव हो सकता है और रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के जम सकते हैं। ये थक्के इसके बाद रक्त में घूम कर मस्तिष्क और फेफड़ों तक जा सकते हैं जिससे व्यक्ति के जीवन को भी खतरा हो सकता है।

फाइब्रिनोजन टेस्ट को फैक्टर आई ऐसे, फाइब्रिनोजन एंटीजन टेस्ट, फाइब्रिनोजन एक्टिविटी टेस्ट और कार्डियक फाइब्रिनोजन टेस्ट भी कहा जाता है और ये टेस्ट रक्त में फाइब्रिनोजन के स्तर को मापता है।

  1. फाइब्रिनोजन टेस्ट क्यों किया जाता है - Fibrinogen Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. फाइब्रिनोजन टेस्ट से पहले - Fibrinogen Test Se Pahle
  3. फाइब्रिनोजन टेस्ट के दौरान - Fibrinogen Test Ke Dauran
  4. फाइब्रिनोजन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Fibrinogen Test Result and Normal Range

फाइब्रिनोजन टेस्ट क्यों किया जाता है?

यदि आपके शरीर में बार-बार रक्त स्त्राव हो रहा है या असामान्य तौर से थक्के जम रहे हैं तो डॉक्टर आपको फाइब्रिनोजन टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। कुछ स्थितियां जिनमें यह टेस्ट करवाने के लिए कहा जा सकता है, वे निम्न हैं:

  • परिवार के लोगों को रक्त स्त्राव या क्लॉटिंग का विकार होना जैसे इनहेरिटेड फाइब्रिनोजन डेफिशियेंसी
  • अनियंत्रित रूप से अत्यधिक रक्त स्त्राव 
  • असामान्य रक्त टेस्ट जैसे प्रोथ्रॉम्बिन टाइम और पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टाइम 
  • किडनी फेलियर या लिवर डिजीज के खतरे की पहचान होने पर 
  • ब्लड क्लॉटिंग की दवा के प्रभाव देखने के लिए 
  • कार्डियक डिजीज के खतरे की जांच के लिए 

यदि डिससेमिनटेड इंट्रावैस्कुलर कोएग्युलेशन के निम्न संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं:

  • पेशाब या मल में खून 
  • नाक, मसूड़ों या मुंह से खून 
  • नील पड़ना और त्वचा पर लाल धब्बे
  • रक्त का प्रवाह ठीक प्रकार से न हो पाने से त्वचा का काला पड़ना 
  • हृदय में थक्के होने के कारण 
  • फेफड़ों में क्लॉटिंग के कारण खांसी 

फाइब्रिनोजन टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती। इस टेस्ट के लिए भूखे रहना जरूरी नहीं है। यदि आप किसी तरह की गैर कानूनी या कोई अन्य दवा अथवा सप्लीमेंट ले रहे हैं तो उनके बारे में डॉक्टर को जरूर बता दें।

महिलाओं को टेस्ट से पहले एस्ट्रोजन सप्लीमेंट या किसी प्रकार की ओटीसी दवा नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे रक्त में फाइब्रिनोजन के स्तर बढ़ सकते हैं। 

यदि आप एटेनोलोल, कोलेस्ट्रॉल-लोवेरिंग एजेंट, कॉर्टिकोस्टेरॉइड, फ्लोरोसिल, प्रोजेस्टिन, थ्रोम्बोलाइटिक्स, टिक्लोपोडाइन या वेल्प्रोइक एसिड की दवा ले रहे हैं, तो इनके बारे में डॉक्टर को बता दें। हालांकि बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा लेना बंद न करें।

फाइब्रिनोजन टेस्ट कैसे किया जाता है?

टेस्ट से पहले डॉक्टर आपको टेस्ट की प्रक्रिया के बारे में समझा देंगे। निम्न प्रक्रिया द्वारा ब्लड सैंपल ले लिया जाएगा:

  • इंजेक्शन लगने वाली जगह को एंटीसेप्टिक सोल्यूशन से साफ किया जाएगा। 
  • इसके बाद आपकी बांह के ऊपरी हिस्से में एक इलास्टिक बैंड बांधा जाएगा और आापको मुट्ठी बंद करने के लिए कहा जाएगा। इससे रक्त निकालने के लिए सही नस ढूंढने में आसानी होगी। 
  • इसके बाद कीटाणुरहित सुई की मदद से पर्याप्त मात्रा में ब्लड सैंपल ले लिया जाएगा। 
  • सैंपल लेने के बाद बैंड हटा दिया जाता है और लैब में टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है 

इस प्रक्रिया में तीन मिनट से भी कम का समय लगता है। सुई के नस में लगने से हल्का सा दर्द हो सकता है। जिन लोगों को रक्त स्त्राव संबंधी समस्याएं होती हैं उन्हें स्वस्थ लोगों की तुलना में अत्यधिक रक्त स्त्राव होने का अधिक खतरा होता है। ब्लड सैंपल लेने से जुड़े अन्य खतरे निम्न हैं:

  • बेहोशी होना
  • त्वचा के नीचे रक्त जमन
  • अत्यधिक रक्त स्त्राव होना
  • नस ढूंढने के लिए कई जगह सुई लगाने की आवश्यकता पड़ना

फाइब्रिनोजन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

फाइब्रिनोजन ब्लड टेस्ट के परिणाम उम्र, लिंग और टेस्ट के तरीकों और पिछले स्वास्थ्य के अनुसार अलग आ सकते हैं। टेस्ट के परिणामों को ठीक प्रकार से समझने के लिए डॉक्टर से मिलें। 

सामान्य परिणाम :
आमतौर पर फाइब्रिनोजन के सामान्य स्तर 200 और 400 mg/dL के बीच में आते हैं। ये वैल्यू इस बात का संकेत देते हैं कि दिए गए सैंपल में फाइब्रिनोजन प्रोटीन के स्तर सामान्य हैं। 

असामान्य परिणाम :
जब रक्त में फाइब्रिनोजन के स्तर 50 mg/dL से कम होते हैं तो यह निम्न बातों की ओर संकेत करता है: 

जब रक्त में फाइब्रिनोजन के उच्च स्तर (700 mg/dL) निम्न निम्न स्थितियों का संकेत कर सकता है: 

संदर्भ

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