कैल्शियम शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में मौजूद खनिज है। ये शरीर के कुल वजन का 1 से 2 फीसदी हिस्‍सा है। हड्डियों और दांतों में प्रचुरता में कैल्शियम पाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि शरीर के कुल कैल्शियम की 90 प्रतिशत मात्रा हड्डियों और दांतों में ही होती है। बाकी 10 फीसदी कैल्शियम खून, शरीर के तरल पदार्थ, नसों और मांसपेशियों की कोशिकाओं और अन्‍य कोशिकाओं एवं ऊतकों में मौजूद होता है जो कि इन सभी को अपना कार्य करने में मदद करता है।

मनुष्‍य के शरीर के जीवित रहने के लिए कैल्शियम एक जरूरी मिनरल है। इसे माइक्रोन्‍यूट्रिएंट (सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व) भी कहा जाता है। आहार में कैल्‍शियम का होना बहुत जरूरी है क्‍योंकि अगर कोई व्‍यक्‍ति पर्याप्‍त मात्रा में कैल्‍शियम का सेवन नहीं करता है तो उसका शरीर ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है। हड्डियों की मजबूती और स्‍वस्‍थ संरचना के लिए भी कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। हर उम्र के व्‍यक्‍ति के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। 

(और पढ़ें - हड्डियों की मजबूती के उपाय)

तो चलिए जानते हैं कि कैल्शियम की कमी का शरीर पर क्‍या असर पड़ता है और इसकी कितनी खुराक लेनी चाहिए।

  1. कैल्शियम की कमी के नुकसान - Calcium ki kami ke nuksan
  2. कैल्शियम के फायदे - Calcium ke fayde
  3. आपको रोजाना कितने कैल्शियम की जरूरत होती है - Aapko rojana kitne calcium ki jaroorat hoti hai
  4. कैल्शियम के स्रोत - Calcium ke srot
  5. कैल्शियम की अधिकता से नुकसान - Calcium ke adhikta se nuksan

हमारे लिए कैल्शियम बहुत ही जरुरी है। कैल्शियम की कमी से हमारी हड्डियां और दांत कमजोर हो जाते हैं। हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में होमोग्लोबिन तथा उचित मात्रा में पानी लेने के बाद भी हमेशा हमें मसल क्रैम्प (मांसपेशियों में ऐंठन) रहता है। इसका कारण भी कैल्शियम की कमी होती है। कैल्शियम की कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।

महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान काफी तीव्र दर्द कैल्शियम की कमी के कारण होता है। कैल्शियम की कमी के कारण हमारे शरीर में पैथोजन अटैक (pathogen attack) से जूझने की क्षमता कम हो जाती है। डिप्रेशनअनिद्रा, पर्सनैल्टिी में बदलाव और डिमेंशिया भी कैल्शियम की कमी के कारण होते हैं। 

(और पढ़ें – डिप्रेशन का घरेलू इलाज)

कैल्शियम हमारें शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है। कैल्शियम हमारें हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। कैल्शियम हमारे नाखूनों को मजबूत रखने के लिए भी जरूरी है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमें कैल्शियम हड्डियों की खनिज (mineralization) के लिए आवश्यक होता है। 

कैल्शियम शरीर में कई तरह के कार्य करता हैं। कैल्शियम से होने वाले फायदों को नीचे विस्तार से बताया जा रह है।

  • हड्डी का स्वास्थ्य
    शरीर में लगभग 99 प्रतिशत कैल्शियम हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। बाकी कैल्शियम हमारे रक्त, मांसपेशियों और अन्य ऊतकों में होता है। यह हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए आवश्यक होता है। व्यक्ति की 20-25 वर्ष तक की आयु होने तक कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करने का कार्य करता है। इस उम्र के बाद हड्डियों के घनत्व में कमी आने लगती है, लेकिन इसके बाद भी कैल्शियम हड्डियों को बनाए रखने में मदद करता है। उम्र बढ़ने के साथ ही हड्डियों के घनत्व में कमी आना प्राकृतिक प्रक्रिया होती है, लेकिन कैल्शियम की मदद से इस प्रक्रिया को धीमा कर दिया जाता है और हड्डियों की मजबूती लंबे समय तक बनी रहती है।
    जो लोग 20-25 साल की उम्र से पहले पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का उपभोग नहीं करते हैं, उनको बुढ़ापे में हड्डियों से संबंधी रोग या ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) होने की संभावनाएं काफी अधिक होती है, ऐसा इसलिए है क्योंकि कैल्शियम की कमी बढ़ती उम्र में हड्डियों को सुरक्षित नहीं रख पाती है। (और पढ़ें - ऑस्टियोपोरोसिस के घरेलू उपाय)
     
  • मांसपेशियों के संकुचन को कम करना
    कैल्शियम शरीर की मांसपेशियों के संकुचन के साथ ही हृदय की धड़कन को भी नियंत्रित करता है। जब तंत्रिका मांसपेशियों को उत्तेजित करती है, तब कैल्शियम स्त्रावित होता है और यह मांसपेशियों में प्रोटीन को संकुचन कम करने में मदद करता है। कैल्शियम मांसपेशियों से बाहर पंप हो जाने के बाद मांसपेशियों को आराम मिलता है।
     
  • खून को बहने से रोकने में सहायक
    सामान्य चोट आदि में खून को बहने से रोकने में कैल्शियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रक्त के जमने (रूकने) की प्रक्रिया काफी जटिल होती है, इसमें कई रसायन शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया कई चरणों में संपन्न होती है। कैल्शियम इन चरणों का अहम हिस्सा होता है।
     
  • अन्य कार्य
    कैल्शियम कई तरह एन्जाइम्स के निर्माण का सहायक कारक होता है। अगर कैल्शियम न हो तो शरीर के लिए जरूरी एन्जाइम्स अपना कार्य सुचारू रूप से नहीं कर पाते हैं।

हमारे शरीर में पाए जाने वाल कैल्शियम का 99% मात्रा हड्डियों और दांतों में पाया जाता है।  कैल्शियम हड्डियों को मुलायम तथा उनमें दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान पैर में होने वाले खिंचाव और हाई बीपी को कम करने में कैल्शियम मदद करता है। कैल्शियम उच्च कोलेस्ट्रॉल, बच्चों में उच्च फ्लोराइड के स्तर को नियंत्रित करता है। मधुमेह रोगी, स्तनपान कराने वाली महिला, स्त्रियों में मासिक चक्र तथा प्रसव और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए कैल्शियम बहुत हो फायदेमंद होता है। कैल्शियम रक्त वाहिकाओं से लिपटी हुई मांसपेशियों को प्रभावित करता है, जिससे आपको आराम मिलता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विटामिन डी की उपस्थिति के बिना कैल्शियम आसानी से अवशोषित नहीं होता है।

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विशेषज्ञों के द्वारा निम्न चार्ट के माध्यम से कैल्शियम लेने की मात्रा को समझाया जा रहा है।

 उम्र कैल्शियम की मात्रा
0-6 महीने 200 मिलीग्राम/ प्रतिदिन
7-12 महीने

260 मिलीग्राम/ प्रतिदिन

1-3 साल 700 मिलीग्राम/ प्रतिदिन
4-8 साल 1,000 मिलीग्राम/ प्रतिदिन
9-18 साल 1,300 मिलीग्राम/ प्रतिदिन
19-50 साल 1,000 मिलीग्राम/ प्रतिदिन
51- 70 साल

1,200 मिलीग्राम/ प्रतिदिन (महिलाएं)

1,000 मिलीग्राम/ प्रतिदिन (पुरुष)

70+ साल 1,200 मिलीग्राम/ प्रतिदिन

गर्भवती महिला को कैल्शियम की दवा लेने से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। इसके साथ ही किसी भी व्यक्ति को कैल्शियम की दवा लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पुछ लेना चाहिए। 

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कैल्शियम की रोजाना जरूरत को आप अपने आहार से ही प्राप्त कर सकते हैं। वैसे कैल्शियम को दवा को रूप में भी लिया जा सकता है, लेकिन नीचे आपको कैल्शियम की प्रचुर मात्रा वाले खाद्य पादर्थों के बारे मं बताया जा रहा है, जिनकी अपने में शामिल करके आप इसकी कमी और जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

  • सोयाबीन -  सोयाबीन, सोया मिल्क या टोफू कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। एक कप पकी हुई सोयाबीन में लगभग 175 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। सोयाबीन स्वादिष्ट होती है, इसलिए यह कई तरह के व्यंजनों में उपयोग की जाती है। फिट रहने के लिए आप अपने में आहार टोफू को शामिल कर सकते हैं। (और पढ़ें - स्वास्थ्य के लिए क्या बेहतर है - टोफू या पनीर)
  • भिंड़ी – भारत में भिंडी लगभग हर प्रांत में आसानी से मिल जाती है। भिंडी के सेवन से कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है। एक कप पकी हुई भिंडी में करीब 175 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। भिंडी की सब्जी के स्थान पर उबली हुई भिंडी खाना आपके लिए ज्यादा लाभकारी साबित होता है। 
  • बादाम – बादाम में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसको आप किसी भी रूप में सेवन कर सकते हैं। आपको बात दें कि दिन में करीब 100 ग्राम बादाम खाने से आपको लगभग 264 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। इसकी पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए आप दूध के साथ बादाम को ले सकते हैं। (और पढ़ें - बादाम खाने के तरीके)
  • संतरा – संतरे को विटामिन सी का मुख्य स्त्रोत कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि संतरे से आपकी कैल्शियम की कमी को भी पूरा किया जा सकता है। आपको बता दें कि आधा कप संतरे के जूस से आपको लगभग 50 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता है। इसको आपको सलाद में मिलाकर भी खा सकते हैं। (और पढ़ें - संतरे के जूस के फायदे)
  • पालक – स्वस्थ रहने के लिए आपको हर सब्जियों का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। हर सब्जियों में पालक आपको कैल्शियम प्रदान करता है। एक कप पालक में करीब 250 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इससे आप आसानी से कैल्शियम की कमी को दूर कर सकते है और अपनी दैनिक जरूरत को पूरा कर सकते हैं।
  • ब्रोकली – बाजार में आसानी से मिलने वाली ब्रोकली भी आपको कैल्शियम प्रदान करती है। 156 ग्राम ब्रोकली के सेवन से आपको करीब 63 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। इसके अलावा ब्रोकली के सेवन से आप अपने वजन को नियंत्रण में रख सकते हैं।
  • दूध व अन्य दूग्ध उत्पाद – दूध और दूध से बने उत्पाद में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। जिन लोगों को दूध पीना पसंद नहीं हैं वह दही, पनीर और चीज आदि का सेवन करके कैल्शियम को प्राप्त कर सकते हैं। कम वसा वाले दूध और दही के 100 ग्राम से करीब 125 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। इसके अलावा कम वसा के 100 ग्राम चीज से करीब 960 मिलीग्राम कैल्शियम की पूर्ति होती है। (और पढ़ें - दूध पीने का सही समय क्या है)
  • चिकन और अंडे – चिकन और अंडे से भी आपको कैल्शियम मिलता है। जो लोग रोजाना अंडे खाना पसंद हैं उनके लिए कैल्शियम प्राप्त करने का यह बेहतर विकल्प माना जाता है। एक उबले हुए अंडे से करीब 50 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है, जबकि 100 ग्राम चिकन से लगभग 13 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत पूरी होती है।

कैल्शियम की कमी को हम अपने खान पान के माध्यम से दूर कर सकते हैं। कैल्शियम के अच्छे और प्राकृतिक स्रोत दूध, पनीर, दही, पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, गाजर, अरबी, मूली और पत्तागोभी, मटर, फ़लियां, सीताफल, तुरईलहसुन, अनानास, पपीता, लीची, जामुन, अमरूद, अनार आदि हैं।

कैल्शियम युक्त भारतीय आहार )

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कैल्शियम हमारे लिए एक जरूरी खनिज है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा का सेवन हमारे लिए हानिकारक भी हो सकता है। कैल्शियम किस तरह से आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है, इस बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

  • कैल्शियम का दुष्प्रभाव -  कैल्शियम की सामान्य खुराक लेने से आपको सूजन, गैस और कब्ज की समस्या हो सकती है। इसके अलावा कैल्शियम की बहुत अधिक मात्रा लेना आपके लिए गुर्दे के पत्थरी का कारण बन सकती है। रिसर्च में इस बात का पता चला है कि कैल्शियम युक्त आहार के साथ कैल्शियम को अन्य विकल्प के माध्यम से लेने वाले लोगों में दिल के दौरा और स्ट्रोक होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। हालांकि इन निष्कर्षों की वास्तविक और सटीकता पर विशेषज्ञों के द्वारा विभिन्न विचार दिए जाते हैं। (और पढ़ें - किडनी स्टोन के घरेलू उपाय)
     
  • किसी दवा के साथ कैल्शियम लेने से नुकसान – यदि आप पहले से किसी बीमारी की दवा ले रहें हैं, तो ऐसे में कैल्शियम लेने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें। दिल की बीमारी, डायबिटीज, मिर्गी, और अन्य स्थितियों में ली जाने वाली दवाओं के साथ कैल्शियम विशेष तरह की प्रतिक्रिया करता है। विटामिन डी की अत्यधिक मात्रा लेना भी कैल्शियम के खतरनाक रूप से उच्च स्तर को बताता है। कैल्शियम की उच्च मात्रा लेने से शरीर लोह (आयरन) और जस्ता (जिंक) जैसे अन्य खनिजों के अवशोषण में भी समस्या उत्पन्न कर सकती है। आमतौर पर अन्य दवाओं से करीब एक से दो घंटे पहले कैल्शियम लिया जाना चाहिए। एक ही समय में दवा और कैल्शियम लेने से यह दवा के तत्वों को शरीर में अवशोषित होने नहीं देता है।
  • अधिक कैल्शियम लेना - रक्त में कैल्शियम का स्तर अत्यधिक होने से मतली, शुष्क मुंह, पेट दर्द, अनियमित दिल की धड़कन (दिल का अतालता), भ्रम व इसके अलावा यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
  • कैल्शियम के जोखिम – जिन लोगों को गुर्दे की बीमारी, दिल की बीमारियां, सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis) या हड्डी का ट्यूमर हो, उनको कैल्शियम की दवा किसी भी रूप में बिना डॉक्टर सुझाव के नहीं लेनी चाहिए। (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
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संदर्भ

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  2. Institute of Medicine (US) Standing Committee on the Scientific Evaluation of Dietary Reference Intakes. Dietary Reference Intakes for Calcium, Phosphorus, Magnesium, Vitamin D, and Fluoride. Washington (DC): National Academies Press (US); 1997. 4, Calcium.
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  4. National Osteoporosis Foundation I 251 18th St. S, Suite #630 I Arlington, VA 22202 I (800) 231-4222. Calcium/Vitamin D.
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Calcium and bones
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  7. International Osteoporosis Foundation. Why seniors are more vulnerable to calcium and vitamin D deficiency. Switzerland
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  10. Health Harvard Publishing, Published: January, 2017. Harvard Medical School [Internet]. Calcium and heart disease: What is the connection?. Harvard University, Cambridge, Massachusetts.
  11. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Calcium supplements
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