6 दिसंबर 2019 को मलेशिया में 3 दशक बाद पोलियो का पहला मामला सामने आया। इस समय मलेशिया की हेल्थ अथॉरिटी, यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रंस इमरजेंसी फंड (यूएनआईसीईएफ) के साथ मिलकर पोलियो वैक्सीन को सबाह राज्य में पहुंचाने में जुटी है।

सबाह मलेशियाई आइलैंड बोर्नियो का एक राज्य है, जहां 6 दिसम्बर को 3 महीने के शिशु को पोलियो से ग्रस्त पाया गया। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को तेज बुखार और कमजोर मांसपेशियों के कारण भर्ती कराया गया था, जिसमें परीक्षण से पता चला कि बच्चा पोलियो से ग्रस्त है। 1992 के बाद यह मलेशिया में पोलियो का पहला मामला है।

मलेशिया की स्वास्थ्य अथॉरिटी कम खर्च के लिए फिलीपींस के साथ मिलकर पोलियो के खिलाफ जंग लड़ने की तैयारी कर रही है। देश में करीब 20 से 30 फीसदी लोग बिना किसी स्क्रीनिंग के आते हैं, जिसमें बोर्नियो आइलैंड का सबाह और सारावाक मुख्य रूप से शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस वैक्सीनेशन पर कई सवाल और चिंताएं उठ रही हैं।

3 दशक में पहला मामला सामने आने के बाद देशभर में इसकी फैलने की आशंका बनी हुई है। इस डर का मुख्य कारण सितंबर में फिलीपींस में हुई पोलियो की महामारी भी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक सबाह में पोलियो से ग्रस्त शिशु में मिला वायरस फिलीपींस में पाए जाने वाले वायरस से मेल खाता है।

मलेशिया अब वायरस को फैलने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर प्रतिरक्षा की तैयारी में लगा है। स्वास्थ्य मंत्रालय बच्चों के माता-पिता को जागरुक करने के लिए नोटिस जारी कर चुका है। दी एकेडमी ऑफ मेडिसिन मलेशिया ने टीकाकरण को सभी के लिए अनिवार्य घोषित कर दिया है।

क्या है पोलियो टीकाकरण
पोलियो एक ऐसा रोग है जो व्यक्ति को उम्रभर के लिए अपंग बना सकता है। यह रोग पोलियो नामक वायरस के कारण फैलता है, इसके लक्षण व्यक्ति के जन्म के बाद ही दिखाई देने लग जाते हैं। हालांकि, पोलियो का संपूर्ण इलाज मुमकिन है। यदि शिशु को जन्म के 2 महीने बाद से 5 वर्ष की उम्र तक पोलियो टीकाकरण करवाया जाए, तो इस गंभीर रोग से बचा जा सकता है। 

भारत भी पिछले 8-9 वर्षों से पोलियो मुक्त है। हालांकि, इसके बावजूद पोलियो टीकाकरण अनिवार्य है। पहली खुराक शिशु को 2 महीने की उम्र में पिलानी चाहिए। इसके बाद 4 महीने की उम्र में दूसरी, तीसरी खुराक 6 से 18 महीनों के बीच और चौथी खुराक 4 से 6 साल की उम्र में पिलाना आवश्यक होता है। पोलियो की दवा दो प्रकार से दी जा सकती है, जिनमें निम्न शामिल हैं :

  • ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) : 1954 से 1960 तक पोलियो का इलाज टीकाकरण के द्वारा ही मुमकिन था, जिसे सबसे पहले अमेरिका में अपनाया गया था।
  • इनेक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) : इसके बाद 1960 में एक प्रकार का टीका बनाया गया, जिसे ओरल या मौखिक पोलियो वैक्सीन या सबिन टीका का नाम दिया गया। 

अगर आपको बचपन में या जन्म के बाद पोलियो का कोई टीका नहीं लगाया गया है तो हो सकता है कि आपको आईपीवी की तीन खुराक दी जाएं, इसके अलावा इस विषय में अपने डॉक्टर से बात कर लें।

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