त्वचा पर उभरने वाले हल्के, सपाट और भूरे या बेज रंग के गोलाकार धब्बों को झाइयां कहते हैं. झाइयां त्वचा कोशिकाओं के उन समूह से बनती हैं जिनमें मेलानिन नामक पिगमेंट मौजूद होता है.

झाइयां दर्दनाक नहीं होती और न ही किसी प्रकार की हानि पहुंचाती हैं. ये कभी भी जन्मजात नहीं होती, हालांकि वंशानुगत हो सकती हैं. झाइयां सूरज की रोशनी के बार-बार संपर्क में आने से सन- एक्सपोज्ड स्किन पर हो जाती हैं. गोरी त्वचा वाले लोगों में ये अधिक पाई जाती हैं.

झाइयां लाल, पीले, टैन, हल्के भूरे, भूरे या काले रंग की भी हो सकती हैं - मूल रूप से ये आसपास की त्वचा के रंग से थोड़ी अधिक गहरी होती हैं.

कई क्रीम्स जैसे टॉपिकल फैडिंग क्रीम्स और रेटिनोइड क्रीम्स से झाइयों को हटाया जा सकता है. आज इस लेख में जानेंगे झाइयां हटाने की क्रीम्स के बारे में.

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  1. झाइयां हटाने की क्रीम
  2. सारांश
झाइयां हटाने की सबसे अच्छी क्रीम के डॉक्टर

झाइयों से बचने का सबसे अच्छा उपाय है उचित रोकथाम. जब तक आप अपनी त्वचा को डायरेक्ट सनलाइट से दूर रख सकते हैं, तब तक आपको झाइयों का खतरा काफी कम रहता है. इसके अलावा झाइयों से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ अच्छी क्रीम्स जैसे फैडिंग क्रीम या रेटिनोइड क्रीम्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. आइए विस्तार से जानें झाइयां हटाने की क्रीम्स के बारे में.

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टॉपिकल फैडिंग क्रीम

फैडिंग क्रीम, जिसे ब्लीचिंग क्रीम भी कहा जाता है, आपको आसानी से बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन दिखाए भी मिल सकती है. कई फैडिंग क्रीमों में हाइड्रोक्विनोन नामक घटक मौजूद होता है, जो मेलानिन के उत्पादन को कम करने और त्वचा की कालिमा को हल्का करने में मदद करता है.

लगातार कुछ महीनों तक इस्तेमाल करने पर इस प्रकार की क्रीम्स झाइयों को हल्का करने में काफी मददगार साबित हो सकती है. इस प्रकार की क्रीम का पूर्ण लाभ लेने के लिए जरूरी है कि आप धूप से दूर रहें और धूप से बचाव के लिए सनस्क्रीन आदि का उपयोग करते रहें.

टॉपिकल फैडिंग क्रीम या हाइड्रोक्विनोन क्रीम के इस्तेमाल से कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. जैसे -

इसलिए जब आप इसे पहली बार इसका प्रयोग करें तो एक पैच-टेस्ट जरूर कर लें.

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टॉपिकल रेटिनोइड क्रीम

रेटिनोइड क्रीम एक विटामिन-ए युक्त कम्पाउन्ड है, जो धूप से झुलसी त्वचा को सुधारने और झाइयों को हल्का करने में मदद करती है. रेटिनोइड्स पराबैंगनी-बी रेडीएशन को अवशोषित करके त्वचा को फोटोप्रोटेक्शन प्रदान करते हैं. इससे नई झाइयां के निर्माण को रोकने में सहायता मिलती है.

रेटिनोइक एसिड 0.025%-0.1%, टाजारोटेन 0.5%-0.1%, ऐडापलेन 0.1%-0.3%, डिफरिन जेल और ट्रेटीनोइन जेल ये कुछ ऐसी रेटिनोइड क्रीम्स और जेल हैं जो अन्य ब्लीचिंग क्रीम्स के संयोजन के साथ कई महीनों तक उपयोग करने पर झाइयों को काफी हद तक कम कर सकती हैं. ट्रेटीनोइन जेल का उपयोग गर्भावस्था के दौरान नहीं किया जाना चाहिए.

रेटिनोइड क्रीम्स को आप डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन लिखवाकर या इसके बिना भी ओवर-दी-काउन्टर प्राप्त कर सकते हैं. इसके कुछ सामान्य दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं -

  • त्वचा में जलन
  • स्किन का लाल होना
  • त्वचा का छीलना
  • शुष्कता
  • संवेदनशीलता

(और पढ़ें - गर्भावस्था में चेहरे पर झाइयां क्यों आती है)

झाइयों के उपचार के लिए कुछ अन्य क्रीम

टॉपिकल थेरपी (यानि की स्किन पर इस्तेमाल होने वाली क्रीम) टाइरोसिनेस इनहिबिटर (Tyrosinase inhibitors) का उपयोग करके  मेलानिन के गठन को रोकता है, जिससे झाइयों की रोकथाम में मदद मिलती है. टायरोसिनेस इनहिबिटर और अन्य प्रकार के सहायक एजेंट कुछ इस प्रकार हैं -

  • ट्रेनेक्सामिक एसिड (Tranexamic Acid) : यह आपको क्रीम, इंजेक्शन और मौखिक दवा के रूप में बाजार में मिल जाती है.
  • मेथिमाजोल (Methimazole) : मेथिमाजोल एक एंटीथायरॉइड क्रीम है जो मेलास्मा की मदद करता है.
  • एजीलैक एसिड (Azelaic acid15%-20% Azelex, Finacea) : इस क्रीम, लोशन या जेल को दिन में दो बार लगाया जाता है. गर्भवती महिलाएं भी बेहिचक इसका प्रयोग कर सकती हैं.
  • हाइड्रोकार्टिसोन (Hydrocortisone) :  हाइड्रोकार्टिसोन मेलास्मा के कारण होने वाले रंग को हल्का करने में बहुत असरदार है.
  • टॉपिकल अल्फा हाइड्रॉक्सीएसिड (Topical alpha hydroxyacid) : यह एक प्रकार की केमिकल पील है जो त्वचा की सतह को हटा देता है.
  • सोयाबीन का अर्क (Soybean extract) :  सोयाबीन का अर्क त्वचा के  रंग में बदलाव को रोकने में मददगार माना गया है.
  • सिस्टामाइन (Cysteamine) : एक अध्ययन में झाइयों के उपचार में सिस्टेमाइन क्रीम को काफी प्रभावकारी पाया गया.
  • सनस्क्रीन (Sunscreen) : सनस्क्रीन के इस्तेमाल से मौजूदा झाइयों से निजात नहीं मिलती, लेकिन यह नए झाइयां के गठन को रोकता है. सनस्क्रीन का एसपीएफ 30 या इससे ज्यादा होना चाहिए.

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झाइयां काफी आम और हानिरहित होती हैं, फिर भी बहुत से लोग कॉस्मेटिक कारणों से इनसे छुटकारा पाना चाहते हैं. लेजर थेरेपी और केमिकल पील्स जैसे आक्रामक उपचार क्रीम्स से ज्यादा प्रभावी होते हैं, लेकिन इनके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं. झाइयां से छुटकारा पाने के लिए अपने त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है ताकि आपको अपनी त्वचा के अनुरूप सबसे सही तरीके की जानकारी मिल सके. अपने डॉक्टर की सलाह पर आप टॉपिकल थेरपी या टॉपिकल रेटिनोइड क्रीम्स का इस्तेमाल कर कुछ महीनों में ही एक बेहतर स्किन पा सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि आप जिस क्रीम का भी इस्तेमाल करें, त्वचा को धूप से बचाना बहुत जरूरी है.

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