फिट रहने के लिए प्लैंक एक्सरसाइज करना बहुत फायदेमंद होता है। बैली फैट और कूल्हों पर जमा अतिरिक्त फैट को कम करने के लिए प्लैंक एक्सरसाइज बेहद लाभकारी मानी जाती है। सिक्स पैक एब्स बनाने के लिए भी प्लैंक जरूरी है। अगर आपके पेट और कमर के आसपास अतिरिक्त चर्बी है तो प्लैंक एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं। प्लैंक करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर की कार्य करने की क्षमता भी बढ़ जाती है। इस लेख में आपको प्लैंक एक्सरसाइज कैसे करें और फायदों के बारें में बताया गया है।

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तो चलिए जानते हैं प्लैंक एक्सरसाइज कैसे करें और फायदे –

  1. प्लैंक एक्सरसाइज करने के तरीके - Plank exercise karne ke tarike
  2. प्लैंक एक्सरसाइज के फायदे - Plank exercise ke fayde

प्लैंक एक्सरसाइज करने के तरीके इस प्रकार हैं –

  1. सबसे पहले पेट के बल सीधा लेट जाएं।
  2. अब कोहनी को मोड़ें जैसा चित्र में दर्शाया गया है और बाजुओं के अगले हिस्से (Forearm) पर शरीर का भार डालें।
  3. फिर अपने शरीर को सीधा रखें और हिलाएं नहीं। पेट की मांसपेशियों को ढीला न छोड़ें।   
  4. अपने सिर पर दबाव न डालते हुए जमीन की ओर देखें।
  5. क्षमता अनुसार इस अवस्था को बनाए रखें।
  6. प्लैंक एक्सरसाइज के दौरान धीरे-धीरे सांस लेते रहें और छोड़ते रहें।

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प्लैंक एक्सरसाइज के अलावा कुछ अन्य तरीकों से भी आप प्लैंक कर सकते हैं जैसे –

  1. हाई प्लैंक (High plank) करने के लिए दोनों हाथों को सीधा करें और घुटनों को जमीन पर टिकाकर सीधा कर लें।
  2. साइड प्लैंक (Side plank) में आप एक तरफ अपना शरीर टिकाकर दूसरे हाथ को ऊपर की तरफ करके साइड प्लैंक एक्सरसाइज कर सकते हैं। (और पढ़ें - एक्सरसाइज के फायदे)
  3. नी टचेस (Knee touches) में प्लैंक अवस्था बनाएं और दोनों पैरों के घुटनों को एक-एक बार जमीन से टिकाते रहें।
  4. लेटरल प्लैंक वाल (Lateral plank wall) में शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं और दोनों पैरों को खोल लें। फिर दाएं पैर को बाई ओर लेकर जाएं, फिर बाएं पैर को दाई ओर लेकर जाएं। 

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प्लैंक एक्सरसाइज के फायदे इस प्रकार हैं –

प्लैंक एक्सरसाइज करने से मांसपेशियां होती हैं मजबूत - Plank exercise karne se manspeshiya majboot hoti hai

सिटअप्स और क्रंचेस करने से आपकी कमर पर दबाव पड़ता है, लेकिन प्लैंक एक्सरसाइज में इस तरह की परेशानी नहीं होती। प्लैंक एक्सरसाइज न सिर्फ कूल्हे व जांघ पर कार्य करती है बल्कि यह पूरे शरीर के लिए प्रभावी है। प्लैंक एक्सरसाइज में आपके हाथ, पैर और आपके एब्स पर दबाव पड़ता है, इस तरह आपकी एक्सरसाइज और प्रभावी हो जाती है। प्लैंक एक्सरसाइज करने से आप किसी भी प्रकार का वजन उठा पाते हैं। एथलीट की भागने - दौड़ने संबंधी गतिविधियों में सुधार होता है।

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प्लैंक एक्सरसाइज पोस्चर में सुधार करता है - Plank exercise posture me sudhar karta hai

अगर आपको घर में बैठे-बैठे या ऑफिस में बैठकर कमर दर्द होता है तो इस समस्या को प्लैंक एक्सरसाइज से कम कर सकते हैं। प्लैंक एक्सरसाइज कमर, छाती, कंधे, गर्दन और एब्स को मजबूत करके आपके पोस्चर (बैठने व खड़े होने की अवस्था) में सुधार करती है। जब आप खड़े होते हैं या बैठते हैं तो इस व्यायाम की मदद से आपके कंधे, कमर और कमर के निचले हिस्से की अवस्था ठीक रहती है। जब आप अच्छे से प्लैंक एक्सरसाइज सीख जाते हैं तो आपकी कमर मजबूत हो जाती है और पोस्चर में भी सुधार होता है।

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प्लैंक एक्सरसाइज शरीर का लचीलापन बढाती है - Plank exercise sharer ka lachilapan badhati hai

मजबूती बढ़ाने के साथ-साथ प्लैंक एक्सरसाइज शरीर का लचीलापन बढ़ाने में मदद करती है। शरीर में लचीलेपन की कमी से भी चोट लग सकती है, इसलिए शरीर का लचीलापन बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप प्लैंक एक्सरसाइज करें। प्लैंक एक्सरसाइज करने से कंधे और गर्दन के पास की हड्डी स्ट्रेच होती है। साथ ही कूल्हों, जांघ और पैरों से पंजों तक की मांसपेशियां भी स्ट्रेच होने लगती हैं।

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कमर की चोट का जोखिम कम करने के लिए प्लैंक एक्सरसाइज करें - Kamar ki chot ka jokhim kam karne ke liye plank exercise kare

जब आपकी पेट के निचले क्षेत्र की मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं तो आपका शरीर कमर की मांसपेशियों पर कम दबाव डालता है। इसके अलावा आपका शरीर रोजाना की गतिविधियों और व्यायाम से मांसपेशियों को मजबूत करता है, इस तरह कमर के निचले हिस्से का दर्द दूर हो जाता है। रोजाना प्लैंक एक्सरसाइज करने से कमर का दर्द कम होता है और पीठ के ऊपरी क्षेत्र की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

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मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए प्लैंक एक्सरसाइज करें - Metabolism ko badhane ke liye plank exercise kare

पेट के निचले क्षेत्र की एक्सरसाइज जैसे क्रंचेस या सिटअप्स के मुकाबले प्लैंक एक्सरसाइज शरीर की कैलोरी को तेजी से कम करने में मदद करती है। इस व्यायाम को रोजाना करने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जब आप किसी भी तरह का कार्य नहीं करते हैं तब भी आपकी कैलोरी बर्न होती रहती है। साथ ही कोई भी कार्य करने से पहले या करने के बाद अगर आप घर में दस मिनट प्लैंक एक्सरसाइज करते हैं तो इससे आपका मेटाबॉलिज्म पूरे दिन तेज रहेगा।

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प्लैंक एक्सरसाइज करने से मूड अच्छा होता है - Plank exercise karne se mood acha hota hai

प्लैंक एक्सरसाइज या कोई भी शारीरिक गतिविधि, मस्तिष्क में एंडोर्फिन नामक हार्मोन को जारी करती है। एंडोर्फिन हार्मोन मूड को ठीक और फ्रेश रखता है और तनाव को कम करता है। यह व्यायाम चिंता से राहत दिलाता है। आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं तो उस वजह से मांसपेशियां अकड़ जाती हैं ऐसे में प्लैंक एक्सरसाइज आपकी मांसपेशियों में आई अकड़न को कम करने में मदद करती है। इस तरह की गतिविधियां शारीरिक और मानसिक तरीके से आपके मूड को रिलैक्स रखती हैं।

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प्लैंक एक्सरसाइज करने से हड्डियां स्वस्थ रहती हैं - Plank exercise karne se haddiya swasth rehti hai

प्लैंक एक्सरसाइज करने से आप किसी भी तरह के वजन को उठाने में सक्षम हो जाते हैं, लेकिन ऐसा कूदने और दौड़ने की एक्सरसाइज से नहीं होता। जब आप प्लैंक एक्सरसाइज करते हैं तो आपकी हड्डियां और ऊत्तक मजबूत व स्वस्थ हो जाते हैं। इस व्यायाम को करने से जोड़ों में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से हो पाता है।

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संदर्भ

  1. Lee J et al. Comparison of three different surface plank exercises on core muscle activity. Phys Ther Rehabil Sci. 2016 Mar; 5:29-33.
  2. Blasimann A et al. Effect of Core Muscle Strengthening Exercises (Including Plank and Side Plank) on Injury Rate in Male Adult Soccer Players: A Systematic Review. Sportverletz Sportschaden. 2018 Mar;32(1):35-46. PMID: 29558776.
  3. Atsushi Imai and Koji Kaneoka. The Relationship Between Trunk Endurance Plank Tests and Athletic Performance Tests in Adolescent Soccer Players. International Journal of Sports Physical Therapy. 2016 Oct; 11(5): 718–724. PMID: 27757284.
  4. Choi, JH et al. Comparison of Trunk Muscle Activity Between Traditional Plank Exercise and Plank Exercise With Isometric Contraction of Ankle Muscles in Subjects With Chronic Low Back Pain. Journal of Strength and Conditioning Research. 2020 Jan.
  5. Walton, LM et al. The effects of a 6 week dynamic core stability plank exercise program compared to a traditional supine core stability strengthening program on diastasis recti abdominis closure, pain, oswestry disability index (ODI) and pelvic floor disability index score Physical Therapy and Rehabilitation. 2016 Jan; 3(3). ISSN 2055-2386
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