खट्टे फलों में कुछ तो बात होती होती है। उनका खट्टा-मीठा स्वाद और ताजी खुशबू ऐसी कि नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। माना जाता है कि खट्टे फलों का मूलस्थान दक्षिण एशिया है लेकिन आज दुनिया भर में खट्टे फल उपलब्ध हैं। 

खट्टे फल रुटेसी प्रजाति के पेड़ों और झाड़ियों पर उगते हैं। इन फलों में संतरा, अंगूर, नींबू और मौसंबी जैसे फल शामिल हैं। इन फलों में सिट्रिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है और इनका आकार गोल या लम्बा होता है। इनका छिलका मोटा होता है जिसकी बाहरी परत को 'ज़ेस्ट' कहते हैं। इसका इस्तेमाल कई व्यंजनों में जायका बढ़ाने के लिए किया जाता है। 

  1. खट्टे फलों के नाम और प्रकार - Citrus fruits name and types in hindi
  2. खट्टे फलों के फायदे - Khatte Phalon ke Fayde
  3. खट्टे फलों के नुकसान - Khatte Phalon ke Nuksan

आज बाज़ार में कई तरह के खट्टे फल और सब्जियां मौजूद हैं। इनमें से कुछ के नाम यहाँ बताये गए हैं:

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खट्टे फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। वजन के प्रति सजग लोग जो अधिक कैलोरी के सेवन से बचना चाहते हैं, उन्हें उन्हें यह जानकार खुशी होती कि खट्टे फलों में बहुत कम कैलोरी होती है। एक मध्यम आकार के संतरे में लगभग 60 से 80 कैलोरी होती है जबकि एक अंगूर में लगभग 90 कैलोरी पाई जाती है।

खट्टे फलों में ग्लूकोज, सुक्रोज और फ्रक्टोज जैसे सामान्य कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं। खट्टे फलों में जो फाइबर पाया जाता है उसमें पेक्टिन होता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है। 

खट्टे फलों में विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है। साथ ही इनमें फोलेट, लाइकोपीन, पोटेशियम, विटामिन बी 6, मैग्नीशियम, नियासिन, थायमिन और फाइटोन्यूट्रिएंट जैसे अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।

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खट्टे फल रखें त्वचा को जवान - Khatte phal ke fayde tvcha ke liye

विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन करने की एक और वजह हो सकती है और वह है त्वचा को स्वस्थ रखना। विटामिन सी आपकी त्वचा को युवा रखने में मदद करती है।

त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है उनमें विटामिन सी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। विटामिन सी कोलेजन दोबारा बनाने में मदद करता है, जो आपकी त्वचा जवान और तनी हुई दिखती है। खट्टे फलों का सेवन न करने से और उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी त्वचा में कोलेजन की मात्रा भी कम हो जाती है।

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन सी के सेवन से त्वचा चिकनी और सुकोमल रहती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में 2007 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने विटामिन सी भरपूर आहार का सेवन किया, उन्हें अन्य लोगों की तुलना में झुर्रियों और ड्राई स्किन की समस्या होने की आशंका कम हुई।

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खट्टे फलों से पाएं सुंदर और चमकदार बाल - Khatte phal ke labh roken baaalon ka tutna

विटामिन सी अन्य चीजों के साथ-साथ आपके शरीर में कोलेजन भी अधिक बनाने में मदद करता है। कोलेजन आपके बाल मजबूत और सुंदर बनाता है। साथ ही आपके शरीर में कोलेजन की मात्रा संतुलित हो तो बाल टूटना भी रुकता है। इसलिए आज से ही विटामिन सी से भरपूर खट्टे फलों का सेवन शुरू कर दें क्योंकि यह पोषक तत्व हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से से नहीं बनता है।

इसके अलावा खट्टे फल रूसी (डैंड्रफ की समस्या) से भी छुटकारा पाने में मदद करते हैं।

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खट्टे फल वजन कम करने में मददगार - Citrus fruits for weight loss

खट्टे फलों में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और वजन कम करने में मदद करता है। खट्टे फलों में वसा (फैट), सोडियम या कैलोरी की मात्रा न के बराबर होती है या होती भी है तो बहुत कम। इसलिए वजन के प्रति सजग लोगों को संतरे जैसे फल अपने आहार में शामिल करने से मदद मिल सकती है। इसके अलावा इन फलों में पानी और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है जिससे आपकी बार-बार खाने की तलब भी कम होती है।

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खट्टे फल बचाएं कैंसर से - Khatte phal ke aushdhiya gun bachayen cancer se

कुछ अध्ययनों के मुताबिक खट्टे फल कुछ प्रकार के कैंसर का जोखिम कम कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने रोजाना एक चकोतरा (Grapefruit) के रस का सेवन किया उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हुआ।

हार्वर्ड में किए गए एक अध्ययन के अनुसार खट्टे फलों में फ्लेवोनॉयड, फोलेट, कैरोटिनॉयड और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो एसोफेगल (ग्रासनली) कैंसर के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं। खट्टे फलों में फ्लेवोनॉयड के साथ-साथ कई यौगिक भी होते हैं, जो कैंसर के खिलाफ सुरक्षा करने में मदद कर सकते हैं। इनमें से कुछ फ्लेवोनॉयड, एंटीऑक्सीडेंट का भी काम करते हैं जो कैंसर के खतरे से बचाने में लाभकारी होते हैं।

माना जाता है कि खट्टे फलों में पाए जाने वाले विटामिन सी और एक विशिष्ट फ्लेवोनॉयड (नोबिलेटिन) नई रक्त नलिकाएं बनने से रोकने में भी सहायक होते हैं। गौरतलब है कि नई रक्त नलिकाओं का निर्माण कैंसर को बढ़ने में मदद करता है। 

डिम्बग्रंथि के कैंसर का खतरा उन महिलाओं में काफी कम पाया गया था जो खट्टे फल का सेवन करती थी। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक खट्टे फल पेट के कैंसर का जोखिम भी कम करने में मदद कर सकते हैं।

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आँखों के लिए लाभकारी हैं खट्टे फल - Aankhon ke liye labhkari hai khatte phal

जैसा कि हम जान ही चुके हैं कि खट्टे फल विटामिन सी से परिपूर्ण होते हैं। यह विटामिन न केवल आपकी आंखों से जुड़ी रक्त नलिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है बल्कि मोतियाबिंद और उम्र बढ़ने के साथ होने वाले मैक्यूलर डिजनरेशन का जोखिम भी कम करने में मदद करता है।

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खट्टे फल तनाव दूर करने में सहायक - Khatte Phalon ka sewan kare tanav ko dur

खट्टे फल तनाव कम करने में भी मदद कर सकते हैं। तनाव बढ़ने की दो मुख्य वजहें होती हैं। एक तो है कोर्टिसोल हार्मोन (जिसे तनाव हार्मोन भी कहा जाता है) का स्तर बढ़ना और दूसरी वजह है दबाव या चिंताजनक स्थितियों में ब्लड प्रेशर का बढ़ना। खट्टे फलों में पाया जाने वाला विटामिन सी इन दोनों समस्याओं निपटने और तनाव का स्तर कम करने में मदद करता है।

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खट्टे फल करें प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत - Immunity ko majboot karen khatte falon se

खट्टे फल में पाया जाने वाला विटामिन सी ऐसा पोषक तत्व है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।

विटामिन सी और विटामिन बी 6 के अलावा इन फलों में कई यौगिक भी होते हैं जैसे फ्लेवोनॉयड्, कैरोटिनॉयड और आवश्यक वसा। ये तत्व कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

खट्टे फलों में पाया जाने वाले विटामिन सी में सूजन कम करने के गुण होते हैं। साथ ही इस विटामिन में विषाणुरोधी (एंटीवायरल) और जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) गुण भी होते हैं। इसके अलावा यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है।

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खट्टे फल से हो किडनी में पथरी से बचाव - Khatte phal ke gun bachayen kidney stone se

किडनी में पथरी बनने की शुरुआत तब होती है जब आपके मूत्र में साइट्रेट का स्तर कम होने लगता है। यदि दिन भर में दो-एक गिलास नींबू पानी का सेवन करें तो मूत्र में साइट्रेट का स्तर बढ़ाने में मदद मिल सकती है और साथ ही किडनी में पथरी बनने का जोखिम कम हो सकता है।

(और पढ़ें - पथरी में क्या खाएं)

दिल को दुरुस्त रखें खट्टे फल - Citrus fruit for heart

खट्टे फलों का सेवन आपके हृदय के लिए लाभकारी हो सकता है। हाल ही में प्रकाशित एक रपट में कहा गया कि चकोतरे से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिल सकती है।

खट्टे फलों में मौजूद घुलनशील फाइबर और फ्लेवोनॉयड फायदेमंद एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार कर सकते हैं। साथ ही हानिकारक एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम कर सकते हैं। खट्टे फलों में कैरोटिनॉयड और पॉलीफेनॉल जैसे फाइटो सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों के लगातार सेवन से आपका दिल तंदरुस्त हो सकता है। साथ ही कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से बचाव भी हो सकता है। जापान में हुए एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने इन फलों का अधिक मात्रा में सेवन किया उनमें हृदय रोग और स्ट्रोक होने की आशंका कम हुई। 

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खट्टे फल हैं मस्तिष्क के लिए लाभकारी - Khatte phal hai mastshisk ke liye labhkari

एक परीक्षण में पाया गया कि आठ हफ्ते तक जिन स्वस्थ बुजुर्गों ने फ्लेवेनॉन से भरपूर संतरे के रस का सेवन किया, उनकी मानसिक शक्ति पर इसका बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा। खट्टे फलों के सेवन से मस्तिष्क को न्यूरोडिजेनरेटिव बीमारियों से बचाने में मदद मिल सकती है।

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  1. खट्टे फल खेत में, परिवहन के दौरान और आपके खरीदने के बाद भी फंगस का शिकार हो सकते हैं। इनमें से कुछ फंगस (फफूंद) और यीस्ट से एलर्जी या संक्रमण हो सकता है। ये फंगस मायकोटॉक्सिन भी बनाते हैं जिनसे विभिन्न किस्म की बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए खट्टे फलों का सेवन करने से पहले उन्हें अच्छी तरह धो लें और खरीदने के कुछ ही दिनों के भीतर इनका सेवन कर लें। (और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन का इलाज)
  2. संतरे जैसे कुछ खट्टे फलों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जिससे पेट में मरोड़ और दस्त जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। (और पढ़ें - नवजात शिशु को दस्त के लक्षण)
  3. फंगस से बचाने के लिए, खट्टे फलों पर अक्सर बायफिनायल का छिड़काव कराया जाता है। इसलिए इनके अधिक सेवन से उक्त रसायन के कारण त्वचा और आंखों में जलन हो सकती है। इससे आपकी किडनी, लिवर और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकते हैं। (और पढ़ें - आंखों में जलन का इलाज)
  4. जिन्हें हमेशा सीने में जलन या गर्ड (एसिड रिफ्लक्स) शिकायत रहती हो उन्हें लोगों को खट्टे फलों के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इनके सेवन से एसिड की मात्रा बढ़ जाती है परेशानी बढ़ सकती है।

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