बच्चों का शारीरिक और मानसिक दोनों तौर पर विकास उनके खानपान पर निर्भर करता है। इसलिए उन्हें बचपन से ही मेवे, फल, हरी सब्जियां खाने की आदत डालनी चाहिए। जिससे आपके बच्चे तेजदिमाग और सेहतमंद बनें। बड़े - बुजुर्गों के अनुसार बादाम खाने से दिमाग तेज होता है साथ ही कई अन्य शारीरिक फायदे भी होते हैं।

इस लेख में बताया गया है कि बच्चों को बादाम कैसे खिलाना चाहिए? बच्चों को बादाम खिलाने के क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं?

  1. बच्चों को बादाम कैसे और कितना खिलाएं - Bacho ko badam kaise aur kitna khilaye
  2. बच्चों को बादाम खिलाने के फायदे - Baccho ko badam khilane ke fayde
  3. बच्चों को बादाम खिलाने के नुकसान - Baccho ko badam khilane ke nuksaan

चूंकि बादाम गर्म होता है इसलिए बच्चों को एक दिन में 2 से 3 बादाम ही देने चाहिए। देखा जाए तो बादाम भिगोकर खाए जाएं तो ज्यादा फायदेमंद होते हैं लेकिन बच्चों के मामले में बात अलग हो जाती है, बच्चों के लिए सिर्फ फायदे ही नहीं उनकी पसंद और स्वाद भी देखना पड़ता है। बच्चों को कुछ भी खिलाना उनकी पसंद और स्वाद पर निर्भर करता है। बच्चों को बादाम और दूध का शेक पिलाया जा सकता है।

बच्चों को बादाम खिलाने के कई तरीके हैं। यह स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ स्वाद में भी अच्छा रहता है और इसे बच्चे आसानी से पी सकते है। उन्हें बादाम की कुकीज भी दे सकते हैं क्योंकि बच्चे बिस्कुट आदि खाना पसंद करते हैं। बादाम की कुकीज बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। 

ऊपर लिखे बिंदुओं को ध्यान रखकर अगर बच्चों को बादाम खिलाए जाएं तो बच्चे तेज दिमाग वाले और निरोगी रहेंगे। बच्चों के लिए बादाम का सेवन बहुत जरूरी होता है लेकिन फिर भी पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए उसके बाद ही उस खाद्य सामग्री को बच्चों के आहार का हिस्सा बनाना चाहिए।

(और पढ़ें - बच्चों का दिमाग तेज करने के उपाय)

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बादाम सभी मेवों में अधिक गुणकारी होता है, इसे मेवों का राजा कह सकते हैं। बादाम स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसमें फाइबरमिनरल और आवश्यक फैटी एसिड होते हैं। इसका स्वाद बच्चों और बड़ों दोनों को पसंद आता है। लेकिन शिशुओं के मामले में बात अलग हो जाती है क्योंकि वे बादाम चबा कर नहीं खा सकते इसलिए उन्हें बादाम पाउडर के तौर देना चाहिए। बादाम हर उम्र के व्यक्ति के लिए फायदेमंद है। बादाम का सेवन हृदय - मस्तिष्क विकार, त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाने, मधुमेहखांसी, सांस संबंधी समस्या और एनीमिया आदि में फायदेमंद होता है। 

बच्चों को बादाम खिलाने के फायदे निम्नलिखित हैं:

हड्डियों को मजबूत करता है:

प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है:

  • प्रतिरक्षा कारक बच्चों को बीमारी से बचाने के साथ ही उनके उचित विकास में मदद करता है।
  • बादाम में क्षार धातु होती है जो प्रतिरक्षा को बढ़ाती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बच्चे में बीमारी की संभावनाओं को कम करते हैं।
  • एक शोध अनुसार जिनके आहार में विटामिन ई होता है उनमें कोरोनरी हृदय रोग होने की संभावना लगभग 30 से 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है और बादाम में विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

कैंसर से बचाव करता है:

बादाम में पाया जाने वाला फाइबर कोलन कैंसर होने की संभावना को कम करता है।

स्वस्थ मस्तिष्क का विकास:

  • बादाम में उपस्थित राइबोफ्लेविन और एल-कार्निटाइन जैसे पोषक तत्व बच्चे में स्वस्थ मस्तिष्क के विकास में मदद करते हैं। (और पढ़ें - मानसिक रोग के लक्षण)
  • यह बच्चे के तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है और अल्जाइमर रोग से बचाता है।

कब्ज से बचाव करता है:

बादाम में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो बढ़ते बच्चों में कब्ज की संभावना को कम करता है। यह समस्या बच्चों में काफी आम है जिसमें बादाम बहुत फायदेमंद होता है।

त्वचा संबंधी रोगों का निदान:

  • अगर बच्चे की त्वचा रूखी रहती है तो ऐसे में उसे बादाम खिलाना चाहिए। (और पढ़ें - रूखी त्वचा के लिए घरेलू उपाय)
  • नवजात शिशुओं में हड्डियों के विकास और स्वस्थ त्वचा के लिए चिकित्सक द्वारा बादाम के तेल के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है।  

हृदय को स्वस्थ रखता है:

ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है:

बादाम में सोडियम और पोटैशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है ये ब्लड प्रेशर के उतार - चढ़ाव को नियंत्रित रखता है।

बच्चों को ज्यादा बादाम खिलाने के निम्नलिखित नुकसान भी हो सकते हैं:

  • कुछ लोगों को बादाम से एलर्जी होती है, उन्हें इसके सेवन से सांस लेने में तकलीफ और शरीर पर चकत्ते हो सकते हैं। (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्क्त हो तो क्या करें)
  • एक शोध के अनुसार गुर्दे की पथरी से पीड़ित लगभग 75 प्रतिशत लोगों की पेशाब में कैल्शियम ऑक्सालेट होता है। बादाम में भारी मात्रा में कैल्शियम ऑक्सालेट होता है इसलिए उन्हें बादाम का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।

(और पढ़ें - पेशाब कम आने के लक्षण)

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