चारकोट मैरी टूथ रोग (ऊतकों का प्रभावित होना) - Charcot Marie Tooth Disease in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

January 15, 2020

March 06, 2020

चारकोट मैरी टूथ रोग
चारकोट मैरी टूथ रोग

चारकोट-मैरी-टूथ रोग क्या है?

चारकोट-मैरी-टूथ (सीएमटी) रोग विकारों का एक समूह है जिसमें मोटर और/या संवेदी परिधीय तंत्रिकाएं प्रभावित होती हैं। इसकी वजह से मांसपेशियों में कमजोरी और एट्रोफी (मांसपेशियों के ऊतक प्रभावित होना) के साथ-साथ संवेदी हानि (सूंघने, स्वाद, छूने, देखने और सुनने की क्षमता में कमी) भी होती है।
यह विकार पहले घुटने से लेकर एड़ी तक के हिस्से (डिस्टल लेग्स) और फिर हाथों को प्रभावित करता है। इस विकार से ग्रस्त व्यक्ति की नर्व फाइबर में असामान्यता के कारण तंत्रिका कोशिकाएं विद्युत संकेतों को ठीक तरीके से नहीं भेज पाती हैं।

यह नुकसान ज्यादातर हाथ व पैरों को पहुंचता है। चारकोट-मैरी-टूथ रोग को सीएमटी, हेरेडिटरी मोटर एंड सेंसरी न्यूरोपैथी, एचएसएमएन, पेरोनियल मस्कुलर एट्रोफी के नाम से भी जाना जाता है।

चारकोट-मैरी-टूथ रोग के लक्षण

इस बीमारी में व्यक्ति कुछ भी महसूस नहीं कर पाता है और मांसपेशियों में संकुचन एवं चलने में दिक्कत भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में हैमरटोज (पैर की उंगलियां झुकी या मुड़ी होना) या हाई आर्क (पैर के तलवे के बीच के हिस्से में सामान्य से ज्यादा जगह होना) की समस्या भी हो सकती है।

आमतौर पर लक्षण पैरों और टांगों में शुरू होते हैं, लेकिन यह हाथों और बांहों को भी प्रभावित कर सकते हैं। चारकोट मैरी टूथ रोग के लक्षण आमतौर पर किशोरावस्था या वयस्कता की शुरुआत में दिखाई देते हैं, लेकिन यह मध्यम आयु में भी विकसित हो सकते हैं।

इस बीमारी के अन्य सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • पैरों, एड़ियों और टांग में कमजोरी
  • पैरों व टांग की मांसपेशियों में कमी
  • दौड़ने की क्षमता में कमी
  • टखने के बल पैर उठाने में कठिनाई
  • अजीब या असामान्य तरीके से चलना (चाल में फेरबदल)
  • बार-बार गिरना
  • पैर व टांग में कुछ महसूस न होना

चारकोट-मैरी-टूथ रोग के कारण

चारकोट-मैरी-टूथ रोग अनुवांशिक (जो माता-पिता से बच्चों में संचारित होती है) है। जीन में गड़बड़ी के कारण ऐसा होता है। यह पैर, टांगों, बांह और हाथ की नसों को प्रभावित करता है। कभी-कभी जीन में होने वाली ये गड़बड़ी तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। अन्य गड़बड़ियां तंत्रिका को सुरक्षित रखने वाली कोटिंग को भी नुकसान पहुंचाती हैं। 

इसका मतलब है कि पैरों की कुछ मांसपेशियां सिकुड़ने के लिए मस्तिष्क से किसी तरह का संकेत नहीं प्राप्त कर पा रहीं हैं। इस कारण प्रभावित व्यक्ति के गिरने का खतरा रहता है। हो सकता है कि मस्तिष्क को पैर से दर्द का संदेश न मिले।  

चारकोट-मैरी-टूथ रोग का इलाज

इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि फिजियोथेरेपी (शरीर की अधिकतम कार्य क्षमता को विकसित करना, जीवन भर कायम रखना और सुधारना), ऑक्यूपेशनल थेरेपी (मानसिक रोग या शारीरिक रोग या अक्षमता से ग्रस्त लोगों की सहायता करके उन्हें रोजमर्रा के कामों में मदद करना), लेग ब्रेसेस (पैरों को सपोर्ट देने वाला एक उपकरण) व अन्य ऑर्थोपेडिक डिवाइस, यहां तक कि आर्थोपेडिक सर्जरी भी बीमारी के लक्षणों से निपटने में मदद कर सकती है।

इसके अलावा गंभीर दर्द से ग्रस्त व्यक्ति को दर्द-निवारक दवाइयां लेने की सलाह दी जा सकती है। चारकोट मैरी टूथ रोग अनुवांशिक है, इसका मतलब यह है कि अगर इस बीमारी से परिवार का कोई सदस्य प्रभावित है, तो अन्य सदस्यों में भी इस बीमारी के फैलने का खतरा बना रहता है।



चारकोट मैरी टूथ रोग (ऊतकों का प्रभावित होना) के डॉक्टर

Dr. Vinayak Jatale Dr. Vinayak Jatale न्यूरोलॉजी
3 वर्षों का अनुभव
Dr. Sameer Arora Dr. Sameer Arora न्यूरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
Dr. Khursheed Kazmi Dr. Khursheed Kazmi न्यूरोलॉजी
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Dr. Muthukani S Dr. Muthukani S न्यूरोलॉजी
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