ओआरएस (ORS) जिसका फुल फॉर्म "ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन" (Oral rehydration solution) होता है, शरीर में पानी की कमी होने पर इलेक्ट्रोलाइट को सामान्य स्तर पर लाता है। शरीर में पानी की कमी होने पर इलेक्ट्रोलाइट का स्तर बिगड़ जाता है। अधिकांश ओआरएस घोल शरीर में सोडियम या पोटेशियम की मात्रा को बनाए रखने का कार्य करते हैं, इससे आंतों को अधिक पानी अवशोषित करने में मदद मिलती है।

यह किसी भी मेडिकल स्टोर में आसानी से उपलब्ध होता है। इसको घर पर भी बनाया जा सकता है। ओरआरएस से आपको दस्त और उल्टी की समस्या में काफी हद तक आराम मिलता है। शिशुओं और बच्चों के लिए डॉक्टर विशेष रूप से ओआरएस के उपयोग की सलाह देते हैं।

ओरआरएस के महत्व और उपयोगिता के चलते आपको इस लेख में ओआरएस के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आपको ओरआरएस क्या है, ओआरएस के लाभ, ओआरएस बनाने की विधि और तरीका, ओआरएस के साइड इफेक्ट व ओआरएस लेने में बरती जानें वाली सावधानियों आदि के बारे में बी विस्तार से बताया गया है।

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  1. ओआरएस क्या है - ORS kya hai
  2. ओआरएस के लाभ - ORS ke fayde
  3. ओआरएस का उपयोग - ORS ka upyog
  4. ओआरएस बनानेे की विधि और तरीका - ORS banane ki vidhi aur tarika
  5. ओआरएस लेने में बरती जानें वाली सावधानियां - ORS lene me barti jane vali savdhaniya
ओआरएस क्या है, कैसे बनाएं व इस्तेमाल करें और फायदे के डॉक्टर

शरीर में पानी की कमी होने पर ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन (ओरआरएस) दिया जाता है। रोगी की स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर आप ओरआरएस को घर पर भी बना सकते हैं। घर में बना ओआरएस बाजार के ओआरएस के मुकाबले धीमी गति से काम करता है। अगर आपके या शिशु के शरीर में पानी की कमी ज्यादा हो, तो आपको बाजार में मिलने वाले ओआरएस का उपयोग करना चाहिए। 

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ओआरएस के कई लाभ होते हैं। इसके कुछ फायदों को निम्न तरह से बताया जा रहा है।

  • निर्जलीकरण के मरीज के लिए ओआरएस –
    नमक, चीनी और पानी से ओआरएस को तैयार किया जाता है। कई लोगों के शरीर में ज्यादा पसीना निकलने के कारण ग्लूकोज और नमक की कमी हो जाती है, इन लोगों के शरीर में ग्लूकोज और नमक की दोबारा पूर्ति करने के लिए ओआरएस का उपयोग किया जाता है। अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि बीमारी के कारण रक्त के खनिजों या इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को दूर करने के लिए भी ओआरएस घोल को लिया जा सकता है। कई लोगों का यह मानना है कि पानी पीने से शरीर में होने वाली पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है, लेकिन इसको पूरी तरह से सही नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि पानी में सभी तरह के मिनरल्स मौजूद नहीं होते हैं। (और पढ़ें - डायपर रैश का उपचार)
     
  • दस्त के इलाज में सहायक –
    जिन घरों में शिशु और बच्चे होते हैं, उन घरों में ओआरएस हमेशा मौजूद होना चाहिए। दरअसल शिशु और बच्चों में दस्त होने की संभावनाएं काफी अधिक होती हैं। आप निश्चित मात्रा में ओआरएस पाउडर को लें और इसको पानी में घोल लें। इसके बाद दस्त के मरीज को थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में ओआरएस के घोल को पिलाते रहें। दस्त में ओआरएस को प्राथमिक और महत्वपूर्ण दवाओं में से एक माना जाता है। जिन बीमारियों में शरीर में पानी व मिनरल्स के स्तर को बनाए रखने की आवश्यकता होती है, उनमें इसका उपयोग किया जाता है। किसी भी चीज को न खाने और पीने की स्थिति में भी ओआरएस मरीज को दो से तीन दिनों तक दिया जा सकता है। इसके सही इस्तेमाल के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए। (और पढ़ें - बच्चों का टीकाकरण चार्ट)
     
  • एथलिट्स और ट्रेनर के लिए जरूरी –
    जिम और ट्रैक पर पसीना बहाने वालों को अपने साथ ओआरएस घोल की कुछ बोतलों को अवश्य रखना चाहिए। इसको पीने से आप जिम और अपनी प्रैक्टिस के दौरान एक्टिव बने रहते हैं।

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बच्चों और शिशुओं के शरीर में पानी की कमी होने पर आपको उन्हें अलग-अलग मात्रा में ओआरएस देने की जरूरत होती है। 

शिशु और बच्चे को ओआरएस कब दें?

जब आपके बच्चे को एक दिन में तीन से ज्यादा बार दस्त हो तब आप उन्हें ओआरएस का घोल दे सकती हैं। 

शिशु और बच्चे के लिए ओआरएस कहां से लें?

ओआरएस आपको किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से उपलब्ध हो जाता है। आप इसे आसानी से घर पर भी बना सकते हैं, जैसा कि नीचे बताया गया है।

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ओआरएस घोल को कैसे तैयार करें?

बाजार से मिलने वाले ओआरएस घोल में उसको बनाने की विधि लिखी होती है। इसको तैयार करने के लिए आपको एक साफ जार में ओआरएस के पाउडर को डालना होता है। इसके बाद आप पैकेट में लिखें निर्देशों के अनुसार उसमें पानी मिला लें। ध्यान दें कि इस घोल में पानी की कम मात्रा दस्त की समस्या को गंभीर बना सकती है।

इसको बनाने के लिए केवल साफ पानी का ही उपयोग करें। इस घोल में दूध, जूस या सूप ना मिलाएं। साथ ही इस घोल में चीनी भी नहीं मिलानी चाहिए।

इसके बाद आप इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिला लें और इसको किसी कप में थोड़ा-थोड़ा करके बच्चे या शिशु को पिलाएं। बच्चे को ओआरएस देने के लिए किसी बोतल का उपयोग न करें।

शिशु और बच्चे को ओआरएस कितनी मात्रा में दें?

शरीर में पानी की कमी होने पर दो साल से कम आयु के बच्चे को दस्त के बाद एक चौथाई से लेकर आधे कप तक ओआरएस दिया जा सकता है। दो साल से अधिक आयु के बच्चे को दस्त के बाद आधा कप से लेकर एक कप तक ओरआरएस घोल देना चाहिए।

व्यस्कों को दस्त होने पर एक दिन में तीन लीटर तक ओरआरएस घोल पीने के लिए दिया जा सकता है।

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किस स्थिति में बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं?

शिशु या बच्चे के शरीर में पानी की कमी होने पर ओआरएस पिलाने के बावजूद भी आपको निम्न तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

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दस्त में शिशु या बच्चे के शरीर से पानी की कमी को रोकने के लिए ओरआरएस का उपयोग किया जाता है। इसको आप अपने घर में मौजूद चीजों से भी तैयार कर सकते हैं। शिशु या बच्चे को पतले दस्त होने पर ओआरएस देना बेहद उपयोगी होता है। इसमें मुख्यतः तीन खंजों को शामिल किया जाना चाहिए - सोडियमपोटेशियम और स्टार्च व चीनी ​जिनसे शरीर को ग्लूकोज व शक्ति मिलती है।

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ओआरएस को घर पर कैसे बनाएं

शिशु या बच्चे को ठीक करने के लिए आप नमक और चीनी के घोल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर में एक लीटर ओरआरएस घोल तैयार करने के लिए आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता पड़ती है

  • ½ छोटी चम्मच नमक
  • 6 छोटी चम्मच चीनी
  • एक लीटर पानी, जिसको उबालने के बाद ठंडा कर लें 

इसके बाद आप नमक, चीनी और पानी को मिलाकर तब तक मिक्स करें, जब तक मिश्रण में नमक और चीनी पूरी तरह से न घुल जाए।

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घर में उपलब्ध कुछ विकल्प

निम्न खाद्य सामग्री ओआरएस का प्रभावी प्रकार मानी जाती हैं। इनको बच्चे को दस्त के दौरान दिया जा सकता है:

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अगर आपको पहले से किसी तरह की एलर्जी हो या ओआरएस को लेने के बाद एलर्जी होती हो, तो इस स्थिति में आप ओआरएस लेने से पूर्व अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर सलाह लें। इसमें मौजूद निष्क्रिय तत्व एलर्जी और अन्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

अगर आपको लगातार उल्टी हो रही हो, पेशाब आने में मुश्किल हो रही हो या आंतों में रूकावट की समस्या हो, तो ऐसे में आपको ओआरएस के उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। (और पढ़ें - नवजात शिशु की कब्ज का इलाज)

इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी डॉक्टर से सलाह के बाद ही ओआरएस को लेना चाहिए।

स्तनपान कराने वाली महिलाओं के दूध से ओआरएस बच्चे तक पहुंचने की बात के कोई प्रमाण मौजूद नहीं हैं, लेकिन स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसके उपयोग से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना बेहद जरूरी होता है।

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