विटामिन बी 3 की कमी - Vitamin B3 Deficiency in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

August 07, 2018

February 02, 2024

विटामिन बी 3 की कमी
विटामिन बी 3 की कमी

विटामिन बी 3 की कमी क्या है?

विटामिन बी 3 को नियासिन (Niacin) के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर की पाचन क्रिया, त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और साथ ही यह कई एंजाइमों को उनका काम करने में मदद करता है। विटामिन बी3 कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में परिवर्तित करने, वसा और प्रोटीन का मेटाबॉलिज्म करने और तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने में मदद करने काफी मदद करता है। विटामिन बी 3 सेक्स करने और तनाव संबंधित हार्मोन को मैनेज करने में भी मदद करता है। इसके साथ-साथ यह सर्कुलेशन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी सुधार करता है।

जब शरीर पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 3 प्राप्त ना कर पाए या पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 3 को अवशोषित ना कर पाए तो शरीर में विटामिन बी 3 की कमी होने लगती है।

विटामिन बी 3 की कमी का शुरुआती संकेत भूख कम लगना होता है। विटामिन बी 3 की कमी कम या ज्यादा हो सकती है। इसकी कमी होने का सबसे आम लक्षण त्वचा, पाचन तंत्र और तंत्रिका तंत्र से संबंधित होते हैं।

विटामिन बी 3 में कमी होने से पेलाग्रा (Pellagra) रोग हो जाता है, जो गंभीर या लंबे समय से विटामिन बी 3 की कमी रहने से होता है। गंभीर रूप विटामिन बी 3 की कमी (पेलाग्रा) होने से डर्मेटाइटिस (Dermatitis​: त्वचा में लालिमा, सूजन व जलन), उल्टी, दस्त, सिरदर्द, थकान और याददाश्त में कमी होने लगती है। यदि इसका इलाज ना किया जाए तो अंत में पेलाग्रा घातक हो सकता है।

इस स्थिति का परीक्षण आपके लक्षणों और स्पेशल ब्लड टेस्ट के आधार पर किया जाता है, इस ब्लड टेस्ट के माध्यम से आपके खून में विटामिन बी3 की जांच की जाती है।

विटामिन बी 3 की कमी को दूर करने के लिए विटामिन बी 3 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए। इनमें दूध, अंडे, मछली, चिकन, खजूर,एवोकैडो, टमाटर, गाजर, पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज के उत्पाद और नट्स आदि शामिल हैं।

(और पढ़ें - हरी सब्जियों के लाभ)

विटामिन बी 3 की खुराक - Daily requirements of Vitamin B3 in Hindi

विटामिन बी 3 की रोजाना कितनी मात्रा लेनी चाहिए?

विटामिन बी 3 आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है, जिसकी कमी होने पर कई गंभीर समस्याएं विकसित हो सकती हैं। इसलिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में इसका सेवन करना बहुत जरूरी है, हालांकि निम्न स्थितियों के अनुसार विटामिन बी 3 प्राप्त करने की जरूरत कम या ज्यादा हो सकती है:

आयु और जीवन स्थिति दैनिक मात्रा
शिशु 0 से 6 महीने 2 मिलीग्राम
शिशु 7 से 12 महीने 4 मिलीग्राम
बच्चे 1 से 3 साल 6 मिलीग्राम
बच्चे 4 से 8 साल 8 मिलीग्राम
बच्चे 9 से 13 साल 12 मिलीग्राम
पुरुष 14 व उससे ऊपर की उम्र 16 मिलीग्राम
महिलाएं 14 व उससे ऊपर की उम्र 14 मिलीग्राम
गर्भवती महिलाएं 18 मिलीग्राम
स्तनपान करवाने वाली महिलाएं 17 मिलीग्राम
 

विटामिन बी 3 की कमी के लक्षण - Vitamin B3 Deficiency Symptoms in Hindi

विटामिन बी 3 में कमी होने पर क्या लक्षण दिखते हैं?

विटामिन बी 3 की गंभीर रूप से कमी होने से पेलाग्रा रोग विकसित हो जाता है। इसमें कमजोरी, असावधानता, अनिद्रा और वजन घटने जैसे लक्षण शुरू हो जाते हैं। इसमें त्वचा लाल व पपड़ीदार बन जाती है

बाद में इसमें भूख कम लगना, डर्मेटाइटिस, दस्त, मानसिक बदलाव, सिरदर्द, चक्कर आना, मसल ट्रेमर (Muscle tremors), जीभ लाल होना और मानसिक व भावनात्मक परेशानियां आदि लक्षण विकसित होने लगते हैं:

आमतौर पर विटामिन बी 3 की कमी त्वचा, पाचन तंत्र, तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। इसके प्रमुख लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

त्वचा सम्बन्धी लक्षण:

कुछ न्योरोलॉजिकल लक्षण भी हो सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:

पाचन तंत्र सम्बन्धी लक्षण:

मुँह, आँख, नाक और कान सम्बन्धी लक्षण:

अन्य लक्षण:

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर किसी को भी विटामिन बी 3 से जुड़े लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उनको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यदि त्वचा पर चकत्ते और न्यूरोलॉजिकल लक्षण महसूस होने लगें तो डॉक्टर को दिखाने में बिलकुल भी देरी ना करें हैं।

विटामिन बी 3 की कमी के कारण और जोखिम कारक - Vitamin B3 Deficiency Causes & Risks in Hindi

विटामिन बी 3 में कमी किस कारण से होती है?

विटामिन बी 3 की कमी या पेलाग्रा रोग दो तरीकों से हो सकते हैं।

इसका सबसे प्राथमिक कारण आहार में विटामिन बी 3 की अपर्याप्त मात्रा होना है। भारत में यह काफी आम कारण है।

दूसरा, हो सकता है आहार में विटामिन बी3 पर्याप्त मात्रा में हो लेकिन इसका मेटाबॉलिज्म किसी कारण से ठीक से ना हो पा रहे हो। ऐसा होने के कारण में निम्न शामिल हैं:

  1. लीवर सिरोसिस
  2. शराब का अत्यधिक सेवन (और पढ़ें - शराब छुड़ाने का तरीका)
  3. पाचन तंत्र में पोषक तत्वों का कुअवशोषण
  4. गैस्ट्रोइन्टेस्टिनल रोग जैसे कि अल्सरेटिव कोलाइटिस
  5. लंबे समय तक दस्त रहना (और पढ़ें - दस्त में क्या नहीं खाना चाहिए)
  6. एनोरेक्सिया (भोजन संबंधी विकार)
  7. कार्सिनॉयड ट्यूमर
  8. एचआईवी/एड्स (और पढ़ें - एचआईवी की जांच कैसे करें)

इनके अलावा सोयाबीन, समुद्री भोजन, बीन्स आदि का अत्याधिक सेवन करने से भी पेलाग्रा के लक्षण विकसित हो सकते हैं।

जोखिम कारक

विटामिन बी 3 की कमी को निम्नलिखित समूहों में देखा गया है:

कुछ बिमारियों के मरीजों में भी विटामिन बी 3 की कमी होने की आशंका ज्यादा होती है:

  • हार्टनप रोग – यह एक अनुवांशिक कुअवशोषण की स्थिति होती है, जो विशेष रूप से विटामिन बी3 की कमी पैदा करती है।

विटामिन बी 3 की कमी से बचाव - Prevention of Vitamin B3 Deficiency in Hindi

विटामिन बी 3 में कमी होने से रोकथाम कैसे करें?

विटामिन बी 3 ली कमी से बचने के लिए ऐसे भोजन करने चाहिए जिनमें यह खूब मात्रा में पाया जाता है, जैसे मीट, चिकन, मछली, मूंगफली, दूध और फॉर्टिफाइड सेरियल (अनाज आदि में कृत्रिम रूप से शामिल किये गए पोषक तत्व) आदि। इन सभी खाद्य पदार्थों की मदद से विटामिन बी 3 की कमी होने से रोकी जा सकती है।

खाद्य पदार्थ जो विटामिन बी 3 से भरपूर होते हैं:

(और पढ़ें - संतुलित आहार किसे कहते है)

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी विटामिन बी 3 में कमी से बचने के लिए बहुत जरूरी है। 

(और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी को दूर करने के उपाय)

विटामिन बी 3 की कमी का परीक्षण - Diagnosis of Vitamin B3 Deficiency in Hindi

विटामिन बी 3 में कमी होने पर उसकी जांच कैसे की जाती है?

जब लक्षण अधिक गंभीर ना हो या फिर लक्षण अस्पष्ट हों तो डॉक्टर मरीज से उसकी मेडिकल स्थिति की पिछली विस्तृत जानकारी लेते हैं। कुछ मामलों में विटामिन बी 3 की कमी के लक्षण अन्य किसी पोषक तत्व की कमी के लक्षण जैसे ही हो सकते हैं। इसलिए मरीज की जीवनशैली और आहार से जुड़ी स्पष्ट जानकारी ही परीक्षण से सटीक रिजल्ट प्राप्त करने में मदद कर सकती है।

ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट से विटामिन बी 3 की कमी की की पुष्टि की जा सकती है। इनकी मदद से खून व पेशाब में विटामिन बी 3 की मात्रा को मापा जाता है।

कुछ लोगों में विटामिन बी 3 की कमी के साथ अन्य विटामिनों की कमी भी पाई जाती है, जो खराब आहार या विटामिन का अवशोषण करने में कठिनाई के होने की वजह से होती है। इनकी जांच के लिए अन्य टेस्ट की आवश्यकता पड़ सकती है, जैसे:

विटामिन बी 3 की कमी का उपचार - Vitamin B3 Deficiency Treatment in Hindi

विटामिन बी 3 की कमी का उपचार कैसे किया जाता है?

अगर आपको ऐसी आशंका है कि आपको विटामिन बी 3 की कमी है, पर लक्षण दिखाई न दे रहे हों, वह अपने भोजन में ज्यादा विटामिन बी 3 युक्त आहार शामिल कर सकते हैं।

कुछ मरीजों के लिए विटामिन बी 3 के सप्लीमेंट्स का सुझाव दिया जाता है, जैसे कि वह जो:

  • जिन मरीजों को कुअवशोषण से जुड़ी समस्याएं या रोग हैं जैसे क्रोन रोग
  • जो मरीज लंबे समय से शराब की लत से ग्रस्त हैं
  • आइसोनियाजिड (Isoniazid) जैसी दवाएं लेते हैं

जिन मरीजों में पाचन, त्वचा और न्यूरोलॉजिकल संबंधी लक्षण, और वह जिन्हे विटामिन बी 3 की थोड़ी बहुत कमी हो, उनका इलाज करने के लिए विटामिन बी 3 के साथ विटामिन बी 2 सप्लीमेंट संयोजन में दिए जाते हैं।

विटामिन बी 3 की मामूली कमी भोजन संबंधी आदतों से जुड़ी होती है जैसे जिन खाद्य पदार्थों में भरपूर मात्रा में  विटामिन बी 3, विटामिन बी 2 और विटामिन बी 6 पाया जाता है उनका नियमित रूप से सेवन ना करना। 

जल्द से जल्द परीक्षण और उपचार करने से मरीज जल्दी ठीक हो जता है। त्वचा पर बने हुऐ घाव उपचार शुरू होने के 24 से 48 घंटों के बाद ठीक होने लगते हैं।

विटामिन बी 3 की कमी से होने वाले रोग और बीमारी - Vitamin B3 ki kami se hone wale rog in Hindi

विटामिन बी 3 में कमी होने से कौन से रोग हो सकते हैं?

आजकल विटामिन बी 3 की कमी काफी असामान्य स्थिति हो गई हैं।

विटामिन बी 3 की कमी अक्सर अन्य समस्याओ के साथ होती है। विटामिन बी 3 की थेरेपी और इसके सप्लीमेट लेना कई समस्याओं में सुधार करने में काफी प्रभावी रूप से मदद करते हैं।

जिनमें निम्न समस्याएं शामिल हैं:

  • मुँहासे – 
    मलहम के रूप मिलने वाला विटामिन बी 3 विशेष रूप मुंहासों को कम करने के लिए काफी प्रभावी रूप से काम करता है, जिसे वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया गया है, जिसे वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया गया है। विटामिन बी 3 शरीर में वसा को अच्छे से अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे त्वचा के छिद्रों में तेल बनने की संभावना कम हो जाती है। ये छिद्र तेल से भर कर ही मुँहासों का रूप लेते हैं। (और पढ़ें - कील मुंहासे हटाने की क्रीम)
     
  • डिप्रेशन
    विटामिन बी 3 में कमी को अक्सर डिप्रेशन व अन्य मानसिक स्थितियों से जुड़ा हुआ पाया गया है।
     
  • स्किजोफ्रेनिया –
    यह एक तरह का मानसिक रोग है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन बी 3 सिजोफ्रेनिया के इलाज में काफी प्रभावी होती है। स्किज़ोफ्रेनिया के कारण होने वाली मतिभ्रम की स्थिति को कम करने में भी विटामिन बी 3 काफी मदद करता है। 
     
  • मल्टीपल स्क्लेरोसिस – 
    नियासिन नसों व मस्तिष्क के कार्यों को ठीक से काम करने में मदद करता है। इस तरह विटामिन बी 3 मल्टीपल स्क्लेरोसिस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं विटामिन बी 3 आगे होने वाली मस्तिष्क में क्षति व इसकी जटिलताओं से भी सुरक्षा प्रदान करता है। (मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऐसा रोग है, जिसमें नसें क्षतिग्रस्त होने लगती हैं)


संदर्भ

  1. Mirella Meyer-Ficca,James B Kirkland. Niacin. Adv Nutr. 2016 May; 7(3): 556–558. PMID: 27184282
  2. Fekih-Romdhane F,Belkhiria A,Ridha R. Severe neuropsychiatric symptoms due to vitamin b3 deficiency. Presse Med. 2017 Jul - Aug;46(7-8 Pt 1):779-782. PMID: 28579011
  3. Ikenouchi-Sugita A,Sugita K. Niacin deficiency and cutaneous immunity. Nihon Rinsho Meneki Gakkai Kaishi. 2015;38(1):37-44. PMID: 25765687
  4. Peechakara BV, Gupta M. Vitamin B3. [Updated 2019 May 15]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2019 Jan-.
  5. National Institutes of Health; Office of Dietary Supplements. [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; Niacin.

विटामिन बी 3 की कमी के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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विटामिन बी 3 की कमी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Vitamin B3 Deficiency in Hindi

विटामिन बी 3 की कमी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।