अगर आप बहुत ज्यादा सिटिंग जॉब करते हैं, लंबे समय तक कार्यालय में रहते हैं और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से परेशान हैं, तो ऐसे में आपको हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा हो सकता है।

कोलेस्ट्रॉल के बारे में : कोलेस्ट्रॉल खून में पाया जाता है। यह शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं को बनाता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करता है, जिसमें वसा की मात्रा ज्यादा है, तो ऐसे में खून में लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन को 'बैड कोलेस्ट्रॉल' माना जाता है। यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों में जमा हो जाता है, जिससे हृदय रोग से जुड़े खतरे बढ़ जाते हैं। इस स्थिति को हाई कोलेस्ट्रॉल, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया या हाइपरलिपिडेमिया भी कहा जाता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से स्थिति को सुधारा जा सकता है। यदि व्यक्ति नियमित व्यायाम करने के साथ-साथ स्वस्थ भोजन को आहार में शामिल करता है, तो यह उसके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

आप जानते हैं कि वसा बढ़ने से वजन बढ़ता है और वजन बढ़ने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल का उत्पादन होता है। ऐसे में हृदय संबंधित बीमारियों को न्योता देने से अच्छा है कि नियमित व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें। इससे वजन कम करने या मेंटेन रखने में मदद मिलती है।

यदि आप जीवनशैली को बेहतर और स्वस्थ रखने की कोशिश करेंगे, तो शरीर में हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) की मात्रा अच्छी बनी रह सकती है। इसके अलावा यह ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।

हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन को गुड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। य​ह खून के प्रवाह से कोलेस्ट्रॉल के अन्य रूपों को हटाने में मदद करता है।

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  1. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कितना व्यायाम करना चाहिए - How much exercise is needed to lower cholesterol in Hindi
  2. कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कौन सा व्यायाम सबसे अच्छा है - what type of exercise is best to lower cholesterol in Hindi
  3. हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए व्यायाम - Exercises for high cholesterol in Hindi
  4. कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले व्यायाम - Exercise to reduce cholesterol in Hindi
  5. कोलेस्ट्रॉल के लिए नियमित व्यायाम का महत्व - Importance of regular exercise for cholesterol in Hindi
कोलेस्ट्रॉल कम करने की एक्सरसाइज के डॉक्टर

2002 में 'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि व्यक्ति जितना अधिक व्यायाम करता है, उसके शरीर में लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) की मात्रा उतनी कम रहने की संभावना है। इस अध्ययन में यह भी पाया गया है कि खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में व्यायाम की तीव्रता से ज्यादा अधिक देर तक व्यायाम करना महत्वपूर्ण है।

नियमित रूप से व्यायाम के अलावा संतुलित आहार लेना, धूम्रपान छोड़ने जैसी आदतों से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। जो लोग सक्रिय नहीं रहते हैं, उन्हें छोटी-छोटी कोशिशें करने की जरूरत है। इसके लिए वे दिन में छोटे टारगेट बनाएं और इसके बाद धीरे-धीरे व्यायाम या शारीरिक गतिविधि के समय को बढ़ाएं।

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नेशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ इंडिया (एनएचपी) के अनुसार 18 से 64 वर्ष की आयु के वयस्कों को कम से कम 150 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखें कि व्यायाम न ज्यादा तेज और न ज्यादा धीमे करें।

हमेशा इस बात पर चर्चा होती है कि क्या एरोबिक्स एक्सरसाइज या वजन को कम करने से संबंधित गतिविधियां कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में अधिक महत्व रखती है। फिलहाल, बता दें कि नेशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ इंडिया इन दोनों को ही असरदार मानता है। एनएचपी के अनुसार, पेशेवरों से पूछकर मांसपेशियों को मजबूत करने वाली गतिविधियां और एरोबिक एक्सरसाइजेज वयस्कों के लिए बहुत जरूरी होती हैं।

यदि कोई व्यक्ति व्यायाम के साथ-साथ एरोबिक (चलना, दौड़ना, डांस, फिटनेस), व्यायाम (वजन कम करने से संबंधित, बॉडीवेट वर्कआउट, क्रॉसफिट) या योग को अपने दिनचर्या में शामिल करता है, तो यह अधिक तेजी से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में असरदार है।

(और पढ़ें - हाई कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेदिक इलाज)

सभी प्रकार के व्यायाम से निम्न फायदे हो सकते हैं -

  • शारीरिक गतिविधि को बढ़ाना
  • लचीलापन बनाए रखना
  • मांसपेशियों को मजबूती और ताकत देना
  • स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के साथ व्यक्ति को फिट रखना

व्यायाम खाद्य पदार्थों से मिली कैलोरी को जलाता है। इसके अलावा यह सभी पोषक तत्वों का उपयोग करने में भी मदद करता है। यहां कुछ प्रकार के व्यायामों के बारे में बताया गया है जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

दौड़ लगाना/ चलना

वैसे डॉक्टरों का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति तेज चलता व दौड़ लगाता है तो यह उसके स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए सबसे बेहतर तरीका है। नियमित रूप से चलना और दौड़ना हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक है। यह शरीर के सभी हिस्सों में खून के संचार को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा ऐसी गतिविधियों के लिए किसी तरह के खर्चे की जरूरत नहीं होती है। प्रभावित व्यक्ति इसे कहीं भी कर सकता है। ध्यान रखें कि ऐसे में जूते अच्छी क्वालिटी वाले चुनें, आरामदायक कपड़े पहनें और इन गतिविधियों के लिए एक टाइमटेबल बना लें।

साइकिलिंग

जिन्हें दौड़ने में किसी तरह की समस्या है वे साइकिलिंग के जरिए अपनी फिटनेस का ख्याल रख सकते हैं। इससे उनके घुटनों को कई तरह से लाभ पहुंच सकता है। यदि किसी व्यक्ति को बाहर निकलना पसंद नहीं है, तो वे आसपास जिम में या घर पर साइक्लिंग मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आप तेज धूप, बारिश या सर्दी से भी बच सकते हैं।

तैराकी

यदि घर के आसपास स्विमिंग पूल की सुविधा है, तो खुद को फिट रखने का यह एक बढ़िया तरीका है। 2010 में जर्नल मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, तैराकी से शारीरिक गतिविधि अच्छी बनी रहती है। यह वजन कम करने, वसा को घटाने और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

वजन कम करने से संबंधित प्रशिक्षण

बहुत से लोग चोट लगने या घायल होने के डर से वजन कम करने से संबंधित एक्टिविटी करने से हिचकिचाते हैं। लेकिन इस एक्टिविटी के अनेक फायदे हैं। इसमें एरोबिक और शारीरिक व्यायाम शामिल हैं, जिसे करने से मेटाबॉलिज्म अच्छा बना रहता है और शारीरिक कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त उर्जा मिलती है। कई अध्ययनों के अनुसार, इन दोनों गतिविधियों को करने से व्यक्ति हृदय रोग से दूर रह सकता है।

योग

हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने या सुधारने के संबंध में योग के जबरदस्त स्वास्थ्य लाभ हैं। 2013 में इंडियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि योग एचडीएल के स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में ट्राइग्लिसराइड्स, एलडीएल और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल का स्तर या नार्मल रेंज जानें)

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हममें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बचपन में खेल-कूद में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया होगा। ऐसे लोग सक्रिय रहते हैं, क्योंकि वे सभी प्रकार की शारीरिक गतिविधि में भाग लेते रहते हैं। दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कभी सक्रिय रहने वाले कार्यों में हिस्सा नहीं लिया और उन्होंने कभी भी जिम या फिटनेस सेंटर भी ज्वॉइन नहीं किया। खैर, दोनों ही परस्थतियों से परे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप किसी भी उम्र में नियमित योग और व्यायाम को अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। इससे भले आपके शरीर को लचीला होने में अन्य लोगों के मुकाबले समय लगेगा, लेकिन कुछ दिनों में इसका सकारात्मक असर भी आप नोटिस कर सकते हैं।

यदि आपने कभी नियमित रूप से व्यायाम या योग नहीं किया है तो पेशेवर से पता कीजिए कि किस तरह के योगासन और व्यायाम से शुरुआत की जा सकती है। आप चाहें तो एक्सरसाइज के बारे में डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं, क्योंकि वह आपकी जांच के बाद यह बता सकते हैं कि आपके लिए साइकिलिंग, स्विमिंग, योगासन या व्यायाम में से क्या फायदेमंद हो सकता है।

ज्यादातर पेशेवरों का मानना है कि शारीरिक गतिविधियों की शुरुआत करते समय बहुत सावधानी की जरूरत होती है। ऐसे में कोशिश करें कि फिटनेस प्रोग्राम की शुरुआत में कम समय दें और जैसे-जैसे आपको आरामदायक महसूस होगा आप व्यायाम या योग के समय को बढ़ा सकते हैं।

सुनिश्चित करें कि आप चलने या दौड़ने या किसी अन्य शारीरिक गतिविधि को करने से पहले कुछ मिनटों के लिए वार्म-अप एक्सरसाइज करें। यह बहुत जरूरी होता है, ऐसा न करने से दौड़ने या तेज चलने के दौरान चोट या वर्कआउट इंजरी का खतरा बढ़ सकता है।

वार्म-अप एक्सरसाइज : किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले वार्म-अप एक्सरसाइज करना जरूरी माना जाता है। इसमें शरीर को तेज या भारी गतिविधियों के लिए पहले से तैयार किया जाता है। आमतौर पर पांच से 10 मिनट के लिए वार्म-अप को अच्छा माना जाता है। एथलीट, गायक, अभिनेता और अन्य लोग भी अपनी परफॉर्मेंस से पहले खुद को वार्म-अप करते हैं।

ध्यान दें कि व्यायाम शुरू करने से पहले पहले शरीर की सीमाओं को समझना जरूरी है। कमजोर दिल वाले या जिनके घुटनों में चोट है, ऐसे लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। इन्हें तेज दौड़ने, चलने की बजाए धीरे साइकिल चलाना या तैरना या कमजोर जोड़ों को मजबूत करने वाली गतिविधियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

Dr. Himanshu Arora

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फिजियोथेरेपिस्ट
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Dr. Deep Maheshwari

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Dr. Disha Bhav

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फिजियोथेरेपिस्ट
2 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. Skoumas J et al. Physical activity, high density lipoprotein cholesterol and other lipids levels, in men and women from the ATTICA study. Lipids in Health and Disease. 2003 Jun; 2(1).
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  5. Wang Y and Xu D. Effects of aerobic exercise on lipids and lipoproteins. Lipids Health Dis. 2017; 16: 132. PMID: 28679436.
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