महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद महिला हार्मोन उत्पादन शरीर में प्राकृतिक रूप से नहीं हो पाता है, तब महिलाओं में महिला हार्मोन वाली दवाओं द्वारा इन हार्मोन्स को बदला जाता हैं। इसे ही हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी (एचआरटी) कहा जाता है।

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हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी और कैंसर के उपचार के लिए की जाने वाली हार्मोन थेरेपी दोनों अलग-अलग है और इनके प्रभाव भी एकदम विपरीत है अतः दोनों के नाम से कंफ्यूज न हों।

एचआरटी का उद्देश्य हॉट फ्लैशेस और रजोनिवृत्ति के अन्य लक्षणों का इलाज करना है, सामान्य रूप से तब जब रजोनिवृत्ति के जल्दी आ जाने की स्थिति हो (45 वर्ष की आयु से पहले) या जब रजोनिवृत्ति के लक्षण अधिक गंभीर हो।

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इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी क्या होती है, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कैसे की जाती है, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के क्या लाभ या फायदे और नुकसान हैं। इसके साथ ही यह भी बताया गया है की क्या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर होने की संभावना को बढ़ा सकती है।

  1. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी क्या होती है - Hormone replacement therapy kya hai in hindi
  2. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कैसे होती है - Hormone replacement therapy kaise hoti hai in hindi
  3. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के लाभ - Hormone replacement therapy benefits in hindi
  4. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के नुकसान - Hormone replacement therapy side effects in hindi

रजोनिवृत्ति का मतलब है कि एक महिला के जीवन में मासिक धर्म अब समाप्त हो रहा है। यह इसलिए होता है क्योंकि अब महिला में ओवुलेशन या अंडे बनना (हर महीने में एक परिपक्व अंडा बनना) बंद हो जाते हैं, और उसका अंडाशय अब एस्ट्रोजन (एक प्रकार का महिला सेक्स हार्मोन) का उत्पादन नहीं करता है।

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कई महिलाएँ रजोनिवृत्ति के पहले और बाद में कुछ असुविधाजनक लक्षणों का अनुभव करती हैं जैसे कि हॉट फ्लैशेस, रात में पसीना आना, नींद में परेशानी और योनी में सूखापन इत्यादि। ये लक्षण और शारीरिक परिवर्तन कई तरीकों से सही किये जा सकते हैं जिसमें स्वस्थ भोजन करना, एक्सरसाइज अधिक करना और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) इत्यादि।

एचआरटी को मेनोपॉज़ल हार्मोन थेरेपी (एमएचटी) भी कहा जाता है।

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एचआरटी (चाहे केवल एस्ट्रोजेन या प्रोजेस्टेरोन के साथ) का उपयोग निम्न तरीकों से किया जा सकता है -

  • गोली लेना
  • त्वचा पैच या जैल
  • योनि में लगाने की क्रीम या जेल
  • त्वचा के अंदर इम्प्लांट करना
  • गर्भनिरोधक उपकरण (IUD) (और पढ़ें - कॉपर टी कैसे लगती है)

सभी तरीके हर महिला के लिए उचित नहीं होते हैं। आपके लिए क्या तरीका अच्छा रहेगा इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। हर तरीका एक अलग हिसाब से काम करता है और उसके परिणाम भी अलग होते हैं। कुछ तरीके मासिक चक्र की नक़ल करते है ताकि हर महीने ब्लीडिंग होती रहे। ओएस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन एक साथ लगातार देने से महिलाओं में पीरियड्स को समाप्त कर देते हैं।

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जिन महिलाओं की हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय या इसका हिस्सा निकलने की सर्जरी) हो चुकी हो उन्हें केवल एस्ट्रोजेन दिया जा सकता है। जिन महिलाओं में गर्भाशय है उनको ऐसे तरीका से उपचार देने की अधिक संभावना है जिसमें प्रोजेस्टेरोन हो, महिलाओं के गर्भाशय की सतह में कैंसर (एंडोमेट्रियम कैंसर) न पैदा हो इसलिए ऐसा किया जाता है।

आपको एचआरटी देने से पहले आपके डॉक्टर आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री देख सकते हैं। अगर किसी महिला को निम्नलिखित में से कोई परेशानी है तो आपको अपने डॉक्टर को बताना चाहिए क्योंकि यह उपचार आपके लिए उचित नहीं है -

एचआरटी उन महिलाओं के लिए भी अच्छा नहीं है जिनको गंभीर वेरीकोस वेंस, मोटापे की परेशानी है या धूम्रपान की आदत है।

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हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी आमतौर पर हॉट फ्लैशेस और रात में पसीना आने की परेशानी में मदद करती है। आपके मूड, नींद आने और सेक्स जीवन में सुधार हो सकता है। कुछ महिलाओं के अनुसार उनको जोड़ों के दर्द, योनी के सूखेपन और मूत्र असंयमिता से राहत मिली हैं।

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हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी रजोनिवृत्ति से गुजर चुकी महिलाओं को प्रभावित करने वाले कई जीर्ण रोगों के जोख़िम को भी कम कर सकती है। जैसे -

  • डायबिटीज - एचआरटी रजोनिवृत्ति के दौरान महिला में डायबिटीज होने के जोख़िम को कम कर देती है। (और पढ़े - शुगर कम करने के उपाय)
  • ऑस्टियोपोरोसिस - एचआरटी हड्डियों को अधिक कमजोर होने से बचाती है और फ्रैक्चर के जोख़िम को भी कम करती है। किंतु एचआरटी को 60 वर्ष से कम आयु की रजोनिवृत्त महिलाओं को छोड़कर अन्य महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के रूप में उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है। (और पढ़े - हड्डियां मजबूत करने के उपाय)
  • आंत का कैंसर - एचआरटी आंत के कैंसर के जोख़िम को कुछ कम कर सकता है।
  • हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी रोग - एचआरटी को रजोनिवृत्ति के दौरान उपयोग करने पर हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी रोगों के होने की संभावना को कम होते हुए देखा गया है।

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साइड इफेक्ट्स होने का जोखिम कितना है यह इस पर निर्भर करता है कि केवल एस्ट्रोजेन हार्मोन दिया जा रहा है या साथ में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन भी दिया जा रहा है और महिला की उम्र क्या है तथा वह रजोनिवृत्ति के किस स्तर पर है।

एस्ट्रोजेन हार्मोन की मात्रा और उसका प्रकार, हृदय और रक्तवाहिकाओं संबंधी रोग या कैंसर तथा पारिवार की मेडिकल हिस्ट्री आदि महत्वपूर्ण तथ्य होते हैं जिनके आधार पर व्यक्तिगत परिस्थितियों में रोगी को होने वाले जोखिम के स्तर का आकलन किया जाता है।

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से होने वाले नुकसान में शामिल है कुछ हार्मोन के लेने से अनियमित रक्त स्राव और साइड इफेक्ट्स जैसे कि ब्रेस्ट में दर्द, सिर दर्द, ब्लोटिंग तथा वजन बढ़ना इत्यादि। इसके अलावा एचआरटी से इलाज करवाने पर निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं -

  • ब्रैस्ट कैंसर के जोखिम में वृद्धि
  • हार्ट अटैक के जोखिम में वृद्धि
  • खून के थक्के जमने के जोखिम में वृद्धि, यह थक्के आगे बढ़ कर फेफड़ो तक (पल्मोनरी एम्बोलिस्म का कारण हो सकता है) या दिमाग तक(जो स्ट्रोक का कारण हो सकता है) जा सकते है
  • अंडाशय के कैंसर के जोखिम में वृद्धि
  • पित्ताशय के कैंसर के जोखिम में मामूली वृद्धि
  • एंडोमेट्रियल कैंसर के जोखिम में मामूली वृद्धि इत्यादि।

यदि एचआरटी दी जाती है तो इसका उपयोग जितना हो सके उतनी कम मात्रा में और जितना संभव हो उतने कम समय के लिए किया जाना चाहिए। अगर आप एचआरटी का उपयोग लगातार कर रही हैं तो हर साल आपके डॉक्टर से इसकी जाँच करवाए की आपको इसे आगे लेना चाहिए या नहीं।

नोट - ये लेख केवल जानकारी के लिए है। myUpchar किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है। आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।

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