कोरोना वायरस के चलते चीन से दिल्ली लाए गए 406 लोगों को छावला मेडिकल कैंप से छुट्टी दे दी गई है। बीते 16 दिनों के दौरान कई मेडिकल टेस्टों से गुजरने के बाद सोमवार को इन सभी को घर जाने की अनुमति दे दी गई। वहीं, भारत सरकार ने कोरोना वायरस की दवा विकसित करने के लिए भारतीय शोधकर्ताओं को पर्याप्त वित्तीय मदद देने का फैसला किया है। इसके अलावा, भारत सरकार जल्दी ही चीन को मेडिकल राहत सामग्री भेजेगी।

दो चरणों के तहत हुए कई टेस्ट
बीती एक और दो फरवरी को चीन के वुहान शहर से 643 भारतीयों को दिल्ली लाया गया था। उनमें से कइयों को यहां छावला गांव में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा बनाए गए कैंप में रखा गया था। वे यहां करीब दो हफ्ते रहे। इस दौरान आईटीबीपी, बीएसएफ, एम्स, सफदरजंग अस्पताल और एनसीडीसी सहित अन्य सरकारी चिकित्सा संस्थानों के करीब 45 डॉक्टरों ने दो चरणों में इन लोगों के कई टेस्ट किए। इनमें इन सभी के कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई। इसके बाद इन नागरिकों को मेडिकल सर्टिफिकेट दे दिए गए। बता दें कि दो लोग सोमवार को ही कैंप से निकल गए थे। बाकी के लोग आने वाले दिनों में अपने-अपने घरों को लौटेंगे।

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वायरस का टीका बनाने के लिए वैज्ञानिकों को वित्तीय मदद
उधर, केंद्र सरकार के तहत जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने भारतीय दवा कंपनियों और शोधकर्ताओं को नए कोरोना वायरस 'सीओवीआईडी-19' की वैक्सीन (टीका) विकसित करने को कहा है। इसके लिए उसने कंपनियों को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है। डीबीटी की सचिव रेणु स्वरूप ने एक मीडिया रिपोर्ट में बताया, 'इस वायरस का प्रभावी उपचार विकसित करने की जरूरत है। इसके लिए सीओवीआईडी-19 की वैक्सीन बनाने में लगी भारतीय कंपनियों और शोधकर्ताओं को पर्याप्त फंड मुहैया कराया जाएगा। हमने (नए कोरोना वायरस को लेकर) शोध रणनीति तैयार कर ली है और जल्दी से जल्दी से इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं।'

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चीन को मेडिकल सहायता सामग्री भेजेगा भारत
एक तरफ़ भारत नए कोरोना वायरस की दवा बनाने की मुहिम पर जोर दे रहा है, तो दूसरी तरफ इस जानलेवा वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित चीन को मेडिकल सहायता भेजने की तैयारी भी कर रहा है। खबर है कि केंद्र सरकार इसी हफ्ते राहत सामग्री के रूप में मेडिकल दवाओं का एक कन्साइनमेंट चीन भेजेगी। वहीं, कन्साइनमेंट ले जाने वाला विमान वापस लौटते वक्त वुहान में फंसे भारतीयों को साथ में ला सकता है। हालांकि इस बारे में सरकार और वुहान स्थित भारतीय दूतावास के बयानों में अंतर है। सरकार का कहना है कि विमान में ज्यादा यात्रियों को लाने की क्षमता नहीं है। वहीं, भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने कहा है कि चीन समेत सभी पड़ोसी देशों में रह रहे जो भी भारतीय स्वदेश वापस आना चाहते हैं, वे भारतीय दूतावास से संपर्क कर सकते हैं।

मुंबई एयरपोर्ट पर अब तक 38,131 यात्रियों की स्क्रीनिंग
इस बीच, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई इलाकों में कोरोना वायरस के संदिग्धों की निगरानी और खोज की जा रही है। इसके तहत मुंबई स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अब तक 38,131 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसके अलावा पूरे महाराष्ट्र में जमीनी स्तर पर ऐसे लोगों की खोजबीन की जा रही है जो हाल में नए कोरोना वायरस से प्रभावित इलाकों से आए हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा अभी तक ऐसे 220 लोगों की पहचान की जा चुकी है। करीब 64 लोगों को वायरस के लक्षण दिखने के बाद अलग-अलग अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्डों में रखा गया। इनमें से 60 की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। खबरों की मानें तो इस समय केवल पांच यात्री आइसोलेशन वॉर्ड में रखे गए हैं। बता दें कि मुंबई के अलावा पुणे, ठाणे, नांदेड़, बुलढाणा, नागपुर, वर्धा, सांगली, अहमदनगर, अमरावती, पालघर, जलगांव, चंद्रपुर और सातारा जिलों में भी संदिग्धों की निगरानी की जा रही है।

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