कोलीनेस्टेरेज टेस्ट क्या है?

कोलीनेस्टेरेज एंजाइम हैं, जो कि तंत्रिका तंत्र की कार्य-प्रक्रिया को सामान्य तरह से चलने में मदद करता है। ये एसिटाइलकोलाइन नामक न्यूरोट्रांसमीटर को तोड़ते हैं, ताकि वे मांसपेशियों को अत्यधिक उत्तेजित न करें। हालांकि अगर पेस्टिसाइड जैसे कुछ रसायन शरीर में चले जाते हैं, तो ये कोलीनेस्टेरेज की कार्य-प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ और मांसपेशियों में कमजोरी जैसी स्थितियां हो सकती हैं । 

कोलीनेस्टेरेज टेस्ट कोलीनेस्टेरेज एंजाइम की कार्य-प्रक्रिया की जांच कर के शरीर में केमिकल की विषाक्तता का पता लगाते हैं।

  1. कोलीनेस्टेरेज टेस्ट क्यों किया जाता है - Cholinesterase Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. कोलीनेस्टेरेज टेस्ट से पहले - Cholinesterase Test Se Pahle
  3. कोलीनेस्टेरेज टेस्ट के दौरान - Cholinesterase Test Ke Dauran
  4. कोलीनेस्टेरेज टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Cholinesterase Test Result and Normal Range

कोलीनेस्टेरेज टेस्ट किसलिए किया जाता है?

डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह शरीर में ओर्गेनोफॉस्फेट पेस्टिसाइड की विषाक्तता का परीक्षण करने के लिए देते हैं। इस टेस्ट की सलाह खासतौर से उन लोगों को दी जाती है, जो ऐसी केमिकल इंडस्ट्री में काम करते हैं जहां ओर्गेनोफॉस्फेट कंपाउंड का प्रयोग होता है। इन कंपाउंड्स के संपर्क में आने से एसिटाइलकोलाइन टूटना बंद हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर का ताल-मेल बनाए रखने वाली तंत्रिका कोशिकाएं प्रभावित हो सकती हैं। इन कंपाउंड की विषाक्तता से शरीर के कई अंग प्रभावित हो जाते हैं, जिनमें फेफड़े, त्वचा और पाचन तंत्र शामिल हैं। ये टोक्सिन सांस द्वारा, निगलने से या त्वचा में अवशोषित होकर शरीर के अंदर जा सकते हैं। 

विषाक्तता के निम्न लक्षण हो सकते हैं:

यदि विषाक्तता बढ़ जाती है तो निम्न लक्षण हो सकते हैं:

यदि ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर इस टेस्ट को करने के लिए कह सकते हैं। 

यह टेस्ट किसी सर्जरी से पहले भी किया जा सकता है, क्योंकि किसी व्यक्ति को यदि अनुवांशिक रूप से स्यूडोकोलीनेस्टेरेज की कमी है, तो उस व्यक्ति को ऑपरेशन के बाद लकवा (पोस्ट-ऑपरेटिव पैरालिसिस) होने का खतरा होता है। स्यूडोकोलीनेस्टेरेज एक तरह का कोलीनेस्टेरेज होता है जो मांसपेशियों को शिथिल बनाने वाले सक्सीनिलोकोलिन के प्रभाव को बेअसर कर देता है। सर्जरी से पहले सक्सीनिलोकोलिन एनेस्थीसिया लगाने से पहले एक सहायक के रूप में दिया जाता है। हालांकि, जिन लोगों के परिवार में लोगों को पोस्ट-ऑपरेटिव पैरालिसिस होता है, उन्हें इस ड्रग से समस्या होने का खतरा होता है।

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कोलीनेस्टेरेज टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

कोलीनेस्टेरेज टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती।

कोलीनेस्टेरेज टेस्ट कैसे किया जाता है?

इस टेस्ट के लिए डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई की मदद से ब्लड सैंपल ले लेंगे। कभी-कभी एक से ज्यादा बार सुई लगाने की भी जरुरत पड़ सकती है।

ब्लड सैंपल लेने से कुछ जोखिम जुड़े हुए हैं। ब्लड लेते समय थोड़ा दर्द हो सकता है इसके अलावा कुछ खतरे निम्न हैं:

  • सैंपल लेने में कठिनाई 
  • रक्त ली गई जगह से अत्यधिक रक्त स्त्राव 
  • बेहोशी 
  • हीमेटोमा (त्वचा के अंदर रक्त का जमना)
  • सुई लगी जगह पर संक्रमण 

हालांकि उचित सावधानियां बरतने से इन खतरों को कम किया जा सकता है।

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कोलीनेस्टेरेज टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम :
स्यूडोकोलीनेस्टेरेज की नॉर्मल रेंज 8 से 18 यूनिट प्रति मिलीलीटर (U/mL) तक रहती है।

इस टेस्ट के परिणाम हर लैब के अलग-अलग आ सकते हैं। टेस्ट के परिणाम की सही जानकारी के लिए अपने डॉक्टर को रिपोर्ट्स दिखाएं।

असामान्य परिणाम :

असामान्य परिणामों का मतलब होता है, स्यूडोकोलीनेस्टेरेज का स्तर कम हो गया है। यह निम्न कारणों से हो सकता है:

कोलीनेस्टेरेज के कम स्तर कुछ स्थितियों से जुड़े हो सकते हैं, जैसे गर्भावस्था, कुछ विशेष प्रकार के कैंसर, शॉक और गुर्दे के रोग आदि। 

संदर्भ

  1. Wu A. Tietz Clinical Guide to Laboratory Tests. 4thed. Saunders Elsevier, St Louis, MO. Pp: 250-251.
  2. Pagana K, Pagana T. link]. 4th ed. Pp: 171-172.
  3. Aminoff MJ, So YT. Effects of toxins and physical agents on the nervous system. In: Daroff RB, Jankovic J, Mazziotta JC, Pomeroy SL, eds. Bradley’s Neurology in Clinical Practice. 7th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2016: chap 86.
  4. Nelson LS, Ford MD. Acute poisoning. In: Goldman L, Schafer AI, eds. Goldman-Cecil Medicine. 25th ed. Philadelphia, PA: Elsevier Saunders; 2016: chap 110.
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Cholinesterase - blood
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