आधुनिक युग में हर कोई अपने को बेहतर दिखाने की कोशिश में लगा है। हालांकि, यहां बेहतर से काम नहीं चलता, क्योंकि सभी को बेस्ट (बहुत अच्छा) ही चाहिए। इसलिए एकाग्रता के साथ कड़ा परिश्रम ही आपको बेस्ट बना सकता है, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि खुद को अच्छा दिखाने की ये होड़ कई नौजवानों के लिए खतरा बन चुकी है।

दरअसल कई युवाओं में अपने हुनर को तराशने का जुनून कुछ इस कदर है कि फेल होने का डर उनके अंदर सीधे तौर पर स्ट्रेस यानि तनाव को बढ़ा रहा है। यही कारण है कि ऐसे कई नौजवान सफलता से पहले ही मानसिक विकार का शिकार हो रहे हैं।

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ताजा उदाहरण हमारे देश का एक युवा किक्रेटर है। जिसने स्ट्रेस के चलते कुछ समय के लिए क्रिकेट से  ब्रेक लिया है। जी हां, मध्यप्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले बल्लेबाज आर्यमान बिड़ला ने अनिश्चितकाल के लिए खेल से आराम लेने की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने बढ़ती चिंता और अवसाद (डिप्रेशन) को मुख्य वजह बताया है।

तनाव या स्ट्रेस क्या है?
तनाव एक प्रकार का मानसिक विकार है। अगर आप अपने जीवन में भावनात्मक तनाव महसूस करते हैं तो यह एक स्वस्थ संकेत नहीं है। बहुत अधिक तनाव मानसिक समस्याओं का मूल कारण हो सकता है।

आर्यमान बिड़ला ने क्या कहा?
22 वर्षीय आर्यमान बिड़ला एक मशहूर कारोबारी कुमार मंगलम बिड़ला के बेटे हैं, जो कि आईपीएल के दो सीजन में राजस्थान रॉयल्स के सदस्य भी रहे हैं। हालांकि, इस साल की नीलामी से पहले ही फ्रेंचाइजी ने उन्हें रिलीज कर दिया था।

आर्यमान ने सोशल मीडिया पर अपने ब्रेक का ऐलान करते हुए लिखा, “अभी तक मेरे लिए यह कड़ी मेहनत, समर्पण और साहस भरा सफर रहा, जिसके चलते मैं यहां तक पहुंच पाने में सफल रहा, लेकिन अब खेल से जुड़ी चिंताओं से निपटना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा है”।

इसके अलावा, आर्यमान ने बताया, “मैंने  आपने आप को खेल और तनाव के बीच फंसा हुआ महसूस किया है। हालांकि, मैंने अब तक सभी संकटों को खुद से दूर कर लिया है, लेकिन अब मुझे अपने मानसिक स्वास्थ्य को और बेहतर करने की जरूरत है। इसलिए मैं क्रिकेट से आराम ले रहा हूं”।

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स्ट्रेस या तनाव का क्या कारण?
तनाव का कोई एक मुख्य कारण नहीं है। मसलन इसकी कई अलग-अलग वजह हो सकती है। जिनके कारण तनाव या स्ट्रेस की स्थिति पैदा होती है। जैसे- बदलती जीवनशैली, नींद की कमी, आर्थिक परेशानी और वातावरण के प्रभाव से भी तनाव हो सकता है। इसके अलावा भी कई कारक हैं, जो तनाव को बढ़ाने का काम करते हैं।

तनाव के लक्षण
तनाव एक गंभीर स्थिति है, जिसमें व्यक्ति खुद को अलग-थलग महसूस करने लगता है। इस दौरान निश्चित रूप से यह व्यक्ति के दिमाग को प्रभावित करता है। यह आपके जीवन में हस्तक्षेप कर सकता है और आपकी दैनिक गतिविधियों को बाधित कर सकता है। इसके कई लक्षण हैं, जैसे-

  • एकाग्रता कम होना, कमजोर स्मरणशक्ति, भोजन संबंधी आदतों में परिवर्तन इसके मुख्य लक्षणों में से एक हैं।
  • यह अवसाद, चिंता आदि जैसे कई गंभीर मानसिक विकारों को जन्म देता है।
  • भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का बढ़ जाना-अधिक रोना या संवेदनशील या आक्रामक होना।

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स्ट्रेस का क्या है इलाज
तनाव या स्ट्रेस की स्थिति में आप कुछ उपायों को अपनाकर इस समस्या से बाहर निकल सकते हैं। हालांकि, ये जरूरी नहीं कि हर उपाय हर व्यक्ति के लिए कारगर हो। इसलिए आपको तनाव से जुड़ी समस्या का हल तलाशना होगा।

  • व्यायाम करना - आपकी मानसिक और शारीरिक स्थिति कैसी भी हो, व्यायाम करना हर सूरत में लाभदायक होता है। इसलिए तनाव को दूर करने लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • शराब और नशीले पदार्थों का सेवन ना करें - ये पदार्थ तनाव को रोकने में मदद नहीं करते, बल्कि आपके भावनात्मक स्तर को और बढ़ा देते हैं।
  • संतुलित आहार लें - बहुत से फल और सब्जियों के साथ एक स्वस्थ, संतुलित आहार तनाव के समय प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में मदद करता है।
  • अपने आपको जरूरी समय दें - तनाव को दूर करने का एक उपाय ये भी है कि अपने आपको पर्याप्त समय दें और इस दौरान अपनी पसंद से जुड़ा काम करें।

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कुल मिलाकर इस रिपोर्ट के आधार पर कहा जा सकता है कि स्ट्रेस की कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन उसके बचाव और इलाज के लिए खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत होगी। इसके अलावा उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर भी तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। 

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