अधिकतर लोग चाय से ही अपने दिन की शुरुआत करते हैं और अगर चाय के सबसे सेहतमंद विकल्‍प की बात की जाए तो इसमें सबसे पहले ग्रीन टी का नाम आता है। ग्रीन टी में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्‍सीडेंट्स और फायदेमंद पॉलीफेनोल्‍स मौजूद होते हैं।

ग्रीन टी के सेवन से कई तरह के खतरनाक रोगों जैसे कि कैंसर आदि से सुरक्षा मिलती है। ब्‍लीडिंग को रोकने और घाव को भरने के लिए चीनी एवं भारतीय औषधियों में ग्रीन टी का इस्‍तेमाल किया जाता था। ये पाचन, मानसिक और दिल की सेहत में सुधार लाती है। इससे शरीर के तापमान को भी नियंत्रित रखा जा सकता है।

वजन कम करने में ग्रीन टी बहुत ही ज्‍यादा फायदेमंद मानी जाती है। लिवर से संबंधित विकारों, टाइप 2 डायबिटीज और अल्‍जाइमर रोगों पर भी ग्रीन टी का सकारात्‍मक असर पड़ता है। अध्‍ययनों की मानें तो ग्रीन टी में उच्‍च मात्रा में पॉलीफेनोल्‍स मौजूद होते हैं जो कैंसरकारी कोशिकाओं को नष्‍ट करने एवं उन्‍हें बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं।

आइए जानते हैं कि ग्रीन टी के सेहत के लिए क्‍या फायदे होते हैं। 

  1. ग्रीन टी के फायदे - Green Tea Benefits in Hindi
  2. ग्रीन टी के नुकसान - Green Tea Side Effects in Hindi
  3. ग्रीन टी बनाने की विधि - How To Prepare Green Tea in Hindi
  4. ग्रीन टी पीने का सही समय - When To Drink Green Tea in Hindi
  5. ग्रीन टी के प्रकार - Types of green Tea in Hindi
ग्रीन टी के फायदे, नुकसान, बनाने की विधि और पीने का सही समय के डॉक्टर

पारंपरिक चीनी और भारतीय चिकित्सा में ग्रीन टी या हरी चाय का इस्तेमाल रक्तस्राव को नियंत्रित करने, घावों को ठीक करने, पाचन में सहायता करने, दिल और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए किया जाता था। अध्ययनों के अनुसार हरी चाय वजन घटना, यकृत विकार, टाइप 2 मधुमेह, अल्जाइमर रोग और अन्य समंस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

ग्रीन टी कई आम स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानियों से राहत प्रदान करती है और कई पुराने रोगों और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को भी कम करती है। अपने कई स्वास्थ्य लाभों के कारण, ग्रीन टी आपके स्वास्थ्य के लिए चमत्कार कर सकती है। सिर्फ तीन से चार कप ग्रीन टी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी हो सकती है। आइए जानते हैं इसके लाभों को

(और पढ़ें - चाय के प्रकार)

ग्रीन टी के फायदे दिमाग के लिए - Green Tea for brain power in Hindi

हमारे दिमाग को ठीक ढंग से काम करने के लिए स्वस्थ रक्त वाहिकाओं की जरूरत होती है। एक स्विस अध्ययन के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से हरी चाय पीते हैं, उनके दिमाग के कार्य करने वाले स्मृति क्षेत्र में अधिक गतिविधि होती है।

(और पढ़ें - दिमाग तेज करने के उपाय)

हरी चाय में मौजूद बायोएक्टिव यौगिकों के कारण न्यूरॉन्स पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है जिससे अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियों की वजह से होने वाली क्षति कम हो सकती है। अपनी स्मृति को बढ़ाने और रोग को दूर करने के लिए बस दैनिक रूप से हरी चाय के एक या दो कप पिएं।

(और पढ़ें - दिमाग तेज़ कैसे करें)

हरी चाय का लाभ बालों के नुकसान को रोकने के लिए - Green Tea for hair in Hindi

बालों की समस्याओं को कम करने के लिए आप हरी चाय का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि इसमें कुछ शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो आपके बालों को की समस्याओं को कम कर उन्हें मजबूत करने में मदद करते हैं। 

  • ग्रीन टी में विटामिन बी (पेंथेनॉल) होता है, जो दो मुंहे बालों को कम करता है और आपके बालों को नरम भी बनाता है इसके साथ ही आपके बालों के कूप को भी मजबूत करता है। (और पढ़ें - बालों को मजबूत बनाने के उपाय)
  • वैज्ञानिकों की शोध के अनुसार हरी चाय में एंटीऑक्सीडेंट "ईजीसीजी" (या एपिगालोकेटचिन गैलेट) होता है जो बालों के विकास को बढ़ाता सकता है।
  • हरी चाय के गुण बालों के झड़ने को रोकने में मदद करते हैं और नए बालों के विकास को बढ़ाते हैं।

(और पढ़ें - बालों को घना करने के उपाय)

हरी चाय के कुछ कप हर दिन पीने से आपके बाल झड़ने कम होंगे और फिर से बढ़ेंगे। इसके अलावा, अपने गीले बालों पर ताज़ा बनी ग्रीन टी लगाकर दस मिनट के बाद धोने पर रूसी और सूखे सिर जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी। इसका प्रयोग कुछ महीनों के लिए हफ्ते में 2-3 बार जरुर करें।

(और पढ़ें - डैंड्रफ हटाने के घरेलू उपाय)

हरी चाय स्वस्थ दांतों के लिए - Green Tea for oral health in Hindi

हरी चाय पीने से दांत स्वस्थ होते हैं और दाँतों में कीड़ा लगने की संभावना कम हो जाती है। हरी चाय में प्राकृतिक फ्लोराइड (fluoride), पॉलिफेनोल्स (polyphenols) और कटेचिंस (catechins) पाया जाता है जो प्रभावी ढंग से बैक्टीरिया को मार सकते हैं और दंत क्षय, सासों की बदबू , दांतो में कीड़ा लगना जैसे विभिन्न प्रकार की परेशानियां होने से भी बचा सकते हैं।

अध्ययनों के अनुसार हरी चाय में पाए जाने वाले केचिन स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक बैक्टीरिया के विकास को रोक सकते हैं। ये स्ट्रेटोकोकस म्यूटन्स मुंह के लिए हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं जो मुंह में प्लाक का निर्माण करते हैं और प्लाक दंत क्षय, सासों की बदबू , दांतो में कीड़ा लगना जैसी समंस्याओं को जन्म से सकता है। 

(और पढ़ें - दांत दर्द के घरेलू उपाय)

यूरोपीय जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, एक दिन में एक या एक से अधिक कप हरी चाय पीने से दांतो को होने वाला नुकसान कम हो जाता है। हालांकि, हरी चाय के मौखिक लाभ चीनीशहद या अन्य मिठास जुड़ जाने से कम हो जाते हैं।

(और पढ़ें - दांत दर्द का इलाज)

ग्रीन टी का लाभ वज़न कम करने के लिए - Green Tea for weight loss in Hindi

कई अध्ययनों ने साबित किया है कि दैनिक रूप से एक कप ग्रीन टी का उपयोग शरीर में वसा (विशेष रूप से पेट के क्षेत्र में) को कम कर सकता है। यह शरीर में वसा प्रतिशत, शरीर का वज़न और कमर की चर्बी को कम कर सकता है। इसके अलावा, ग्रीन टी में मौजूद कटेचिंस शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है, जिसके कारण अतिरिक्त कैलोरी जलाने में भी मदद मिलती है।

ग्रीन टी शरीर के चयापचय को बढ़ाने में मदद करके वजन घटाने के लिए फायदेमंद हो सकती है। ग्रीन टी में कैफीन होता है और एक प्रकार का फ्लैवोनॉयड होता है जिसे कैटेचिन कहा जाता है, जो की एक एंटीऑक्सीडेंट होता है। केटेचिन अतिरिक्त वसा तोड़ने में मदद करता है, जबकि केटेचिन और कैफीन दोनों शरीर में ऊर्जा को बढ़ा कर शरीर को चुस्त रखने में मदद करते हैं।

(और पढ़ें - वजन घटाने के उपाय)

चाय में कैफीन (caffeine) और अन्य यौगिकों (compounds) के संयोजन से चयापचय बढ़ता है जिसके कारण शरीर से वसा जल्दी नष्ट होती है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाएं)

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ग्रीन टी के मधुमेह के लिए लाभ - Green Tea lowers blood sugar in Hindi

ग्रीन टी मधुमेह (diabetes) से पीड़ित लोगों में रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करती है। ग्रीन टी में मौजूद पॉलिफैनोल्स और पोलिसच्चराइड्स (polysaccharides) जैसे यौगिक मधुमेह के दोनों प्रकार के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

(और पढ़ें - डायबिटीज का इलाज)

ग्रीन टी अग्न्याशय में इंसुलिन (Insulin) के उत्पादन को बढ़ा सकती है, रक्त शर्करा के स्तर को नियमित कर सकती है और टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित लोगों में ग्लूकोज को अवशोषित कर सकती है। टाइप 2 मधुमेह में, लगातार हो रही रक्त शर्करा में वृद्धि के कारण अकसर आंखों, दिल और गुर्दे में जटिलताएं पैदा हो जाती हैं। ग्रीन टी इस वृद्धि को रोकती है। वास्तव में, ग्रीन टी मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के लिए सबसे अच्छी चीजों में से है इसलिए मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में इसे जरुर शामिल करना चाहिए।

(और पढ़ें - डायबिटीज का उपाय)

हरी चाय कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए - Green Tea reduces cholesterol in Hindi

हरी चाय प्रभावी रूप से रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। साथ ही खराब कोलेस्ट्रॉल और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के अनुपात में सुधार करती है।

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)

कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर हरी चाय पीने के प्रभाव के बारे में अध्ययनों से पता चलता है कि यह कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रॉल यानि "बुरा" कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। साथ ही यह उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) यानि "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा, हरी चाय धमनियों को साफ रखती है जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का खतरा कम होता है। 

(और पढ़ें – दिल का दौरा के लक्षण)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
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उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपचार है ग्रीन टी - Green Tea lowers blood pressure in Hindi

ग्रीन टी के नियमित सेवन से हाई बीपी के खतरे को कम किया जा सकता है।

रक्तचाप आमतौर पर एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम (या एसीई) के कारण होता है। एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम (angiotensin-converting enzyme (or ACE)) का उत्पादन किड़नी से होता है। रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए ACE अवरोधक के रूप में कई दवाइयाँ मिलती है किन्तु ग्रीन टी एक प्रकृतिक ACE अवरोधक के रूप में काम करती है और रक्तचाप को नियंत्रित रखती है।

(और पढ़ें - bp kam karne ka upay)

वास्तव में, आंतरिक चिकित्सा के अभिलेखागार में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जो लोग डेढ़ से ढाई कप ग्रीन टी का सेवन लगभग एक वर्ष तक नियमित रूप में करते रहे, वे उच्च रक्तचाप के खतरे से ग्रीन टी सेवन न करने वाले लोगों की अपेक्षा 46% कम प्रभावित होते हैं।

(और पढ़ें - हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज)

ग्रीन टी उम्र बढ़ने को रोकने के लिए - Green Tea for aging in Hindi

ग्रीन टी में उपलब्ध एंटीऑक्सीडेंट हानिकारक मुक्त कणों से त्वचा की रक्षा करते हैं। ये दीर्घायु को बढ़ावा दे कर त्वचा के रोगों का इलाज करते हैं। साथ ही, उम्र बढ़ने के विभिन्न संकेतों के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं। यही कारण है कि ग्रीन टी कई सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल की जाती है। अध्ययन में देखा गया है कि ग्रीन टी सूर्य की क्षति को भी कम कर सकती है।

एक अध्ययन ने सामान्य जापानी आहार का विश्लेषण किया और निष्कर्ष निकाला कि ग्रीन टी जीवन प्रत्याशा को बढ़ा सकती है। ग्रीन टी स्वास्थ को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है, जिस से शरीर स्वास्थ रहता है जिससे लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना बढ़ती है।

(और पढ़ें - एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन)

कैंसर का अचूक इलाज है ग्रीन टी - Green Tea for cancer in Hindi

शोधकर्ताओं का मानना है कि ग्रीन टी में पॉलीफेनॉल का स्तर अधिक होता है जो कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद करता है और उन्हें बढ़ने से रोकता है। हालांकि, ग्रीन टी कैंसर कोशिकाओं को किस प्रकार प्रभावित करती है यह अभी तक पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं है। 

नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के द्वारा प्रयोगशाला में पशुओं पर किये गए अध्यन में पाया गया की चाय में मौजूद पॉलीफेनॉल ट्यूमर बढ़ने से रोक सकता है और पैराबैंगनी किरणों से होने वाली क्षति को भी कम करने में मदद करता है। 

कई अध्ययनों में देखा गया है कि हरी चाय में शामिल एंटीऑक्सीडेंट विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे स्तन, प्रोस्टेट, डिम्बग्रंथि (ovarian), कोलोरेक्टल, अग्नाशय, मूत्राशय, फेफड़े, त्वचा भोजन-नलिका (esophagealऔर पेट का कैंसर होने के जोखिमों को कम कर सकते हैं। 

(और पढ़ें – कैंसर के कारण)

वास्तव में, हरी चाय में एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी की तुलना में सौ गुना अधिक प्रभावी हैं और विटामिन ई की तुलना में चौबीस गुना अधिक प्रभावी हैं। दिन में चार कप ग्रीन टी पीने से कैंसर-विरोधी लाभ हो सकते हैं। 

(और पढ़ें - कैंसर से लड़ने वाले आहार)

हरी चाय मज़बूत हड्डियों के लिए - Green Tea for bones in Hindi

हरी चाय में फ्लोराइड अधिक मात्रा में होता है जो हड्डियों की शक्ति को बनाए रखने में मदद करता है। हरी चाय की नियमित खपत हड्डियों के फ्रैक्चर के जोखिम को कम करती है। हड्डियों के घनत्व की हानि हरी चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले गुणों के कारण नहीं होती है। यह हड्डी की निर्माण कोशिकाओं (bone-building cells) की गतिविधियों को बढ़ाने में मदद करती है। अस्थि घनत्व को बनाए रखने हेतु हरी चाय रोज़ पीएं।

(और पढ़ें - हड्डी टूटने का इलाज)

  • क्योंकि उसमें कैफीन होता है इसलिए ग्रीन टी की अधिक मात्रा लेने से कुछ लोगों में अनिद्रा, पेट की ख़राबी, उल्टी, दस्त और अक्सर पेशाब आने जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं। (और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)
  • ग्रीन टी में टैनिन होते हैं इसलिए यदि आप खाने से पहले ग्रीन टी पीते हैं, तो आपको पेट में दर्द, मिचली या कब्ज भी हो सकता है। (और पढ़ें - कब्ज के घरेलू उपाय)
  • ग्रीन चाय में कटेचिंस के कारण भोजन से लोहे (iron) के अवशोषण (absorption) में कमी हो सकती है।
  • यदि आप दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्रीन चाय किसी भी दवा के साथ हस्तक्षेप ना करे। (और पढ़ें - दवाओं की जानकारी)
  • पहले पानी उबाल लें।
  • फिर एक कप में ग्रीन टी की पत्ती या टी बैग डाल दें।
  • एक कप के लिए एक चम्मच पत्ती या एक टी बैग डालें।
  • फिर सीधे उबला हुआ पानी इस कप में डालें। एक बार चाय को हिला लें।
  • डेड़ से दो मिनट तक चाय के कप को ढक दें।
  • दो मिनट से ज़्यादा रखने पर चाय कड़वी हो सकती है।
  • इसके बाद चाय को छान लें या टी बैग को निकाल दें।

(और पढ़ें - टी बैग के फायदे)

  • सुबह सबसे पहले ग्रीन टी लेने से बचें और नाश्ते से पहले इसे ना लें।
  • नाश्ते और दोपहर के भोजन के एक घंटे बाद हरी चाय पियें।
  • हरी चाय को देर रात ना पियें क्योंकि इसमें सम्मिलित कैफीन अनिद्रा का कारण बन सकती है। (और पढ़ें - अनिद्रा के घरेलू उपचार)
  • कम से कम आधे घंटे व्यायाम से पहले हरी चाय पीने के लिए कहा जाता है। यह पाया गया है कि हरी चाय आपके प्रदर्शन के स्तर में सुधार लाती है और आपके स्‍टैमिना को बढ़ाती है।

(और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय)

तो आपने देख लिया है कि हरी चाय का एक कप एक अच्छा तरीका है अपने दिन की शुरुआत करने के लिए और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए।

चाय के विभिन्न प्रकारो में ग्रीन टी का उत्पादन और सेवन आमतौर पर दुनिया भर में किया जाता है। ग्रीन टी के उत्पादन, खेती और फसल की समय के अनुसार विभिन्न प्रकार होते है। जिनमे से प्रमुख प्रकार निम्न है। 

सेन्चा (Sencha) : यह ग्रीन टी का सबसे ज्यादा सेवन किया जाने वाला और एक जाना माना प्रकार है। इसका निर्माण आम प्रक्रिया द्वारा किया जाता है जिस में पत्तियों को धुप में सूखा कर या भांप के द्वारा चाय को तैयार किया जाता है 

फुकमुशी सेन्चा (Fukamushi Sencha) : फुकमुशी का अर्थ होता है "लंबे समय तक उबला हुआ", यह ग्रीन टी का एक प्रकार है जिसे सेन्चा के मुकाबले लंबे समय तक उबला जाता है। चूंकि इस प्रक्रिया में पत्तियों को भाप की गर्मी से पूरी तरह से उजागर किया जाता है, इसलिए वे पाउडर बन जाते हैं और चाय का स्वाद बढ़ जाता है और रंग गहरा हरा हो जाता है। 

ग्योकुरो (Gyokuro) : यह पूर्ण सूर्य की बजाय छाया में उगायी जाती है और सेन्चा से अलग है। चाय की झाड़ियों को चुनने के लगभग 20 दिन पहले कपड़े या रीड स्क्रीन से ढक दिया जाता है। 

क्यूबुसेचा (Kabusecha) : चुनने से लगभग एक हफ्ते पहले, क्यूबुसेचा झाड़ियों को अधिकांश धूप की रोशनी से बचाने के लिए कपडे से ढ़का जाता है। 

 माचा (Matcha): यह भी ग्रीन टी का एक प्रकार है। इसको चाय की पुरानी पत्तियों से बनाया जाता है 

ग्रीन टी कई प्रकारों में उपलब्ध है, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • बोतलबंद (bottled and sweetened with sugar or an artificial sweetener)
  • चाय बैग के रूप में (in single tea bags)
  • चाय के पत्तो के रूप में (as loose-leaf)
  • पाउडर के रूप में (in instant-powder)
  • ग्रीन टी पूरक के रूप में (green tea supplements, which are sold in capsule form or liquid extracts)

(और पढ़ें - चाय के प्रकार)

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संदर्भ

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