कोम्बुचा चाय का स्वाद खट्टा-मीठा होता है। ऐसा माना जाता है कि यह चाय कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलाती है। बालों के झड़ने से लेकर कैंसर और एड्स तक, सभी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने या उन्हें रोकने में कोम्बुचा चाय मदद करती है। हालांकि, इस बात को साबित करने के लिए वैज्ञानिक तथ्य मौजूद नहीं हैं लेकिन फिर भी इस चाय में मौजूद कुछ तत्व स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं कोम्बुचा चाय के स्वास्थ्यवर्द्धक लाभों के बारे में।

  1. कोम्बुचा चाय से मिलते हैं प्रोबायोटिक्स - Kombucha tea se payen probiotics
  2. कोम्बुचा चाय कम करती है पेट की चर्बी - Kombucha chai se kam hota hai motapa
  3. कोम्बुचा चाय से लिवर टॉक्सिसिटी का इलाज - Kombucha tea se liver toxicity ka ilaj
  4. कोम्बुचा चाय करती है बैक्टीरिया को खत्म - Kombucha chai se door hote hai bacteria
  5. कोम्बुचा चाय से हृदय रोग से बचाव - Kombucha chai karti hai hriday rog se bachav
  6. कोम्बुचा चाय के नुकसान - Kombucha tea ke side effects
  7. कोम्बुचा चाय बनाने की विधि - Kombucha chai banane ka tarika

प्रोबायोटिक्स यानी "अच्छे बैक्टीरिया" जो आपके शरीर के लिए सहायक माने जाते हैं। कोम्बुचा चाय ब्लैक टी या ग्रीन टी में बैक्टीरिया, यीस्ट और चीनी को मिलाकर बनाई जाती है, इसके बाद इसे एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक खमीरीकृत (फर्मेंट) करने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, चाय पर बैक्टीरिया और यीस्ट मशरूम जैसी एक परत बना देते हैं। यही कारण है कि कोम्बुचा को "मशरूम चाय" के नाम से भी जाना जाता है।

फर्मेंटेशन के दौरान एसिटिक एसिड (सिरके में खट्टा स्वाद और तीखी खुशबू लाने वाला एसिड) और कई अन्य अम्लीय यौगिक बनते हैं। इस मिश्रण में बड़ी मात्रा में बैक्टीरिया भी पनपते हैं। हालांकि, कोम्बुचा से प्रोबायोटिक मिलते हैं, इस बात का अब तक कोई प्रमाण सामने नहीं आया है, लेकिन इसमें लैक्टिक-एसिड बैक्टीरिया की कई किस्में शामिल हैं, जो प्रोबायोटिक की तरह कार्य कर सकती हैं। प्रोबायोटिक्स से पेट को हेल्दी बैक्टीरिया मिलता है जो कि पाचन, सूजन और यहां तक ​​कि वजन घटाने के साथ-साथ सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाता है।

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ग्रीन टी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि इसमें कई बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जैसे कि पॉलीफेनोल। ये शरीर में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि यदि नियमित रूप से कोम्बुचा टी का सेवन किया जाए, तो इससे पेट की चर्बी कम करने, कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कोम्बुचा टी पीने वालों को प्रोस्टेट कैंसरस्तन कैंसर और पेट के कैंसर का खतरा कम रहता है।

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कोम्बुचा चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फ्री रेडिकल्स और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले अणुओं से सुरक्षा करते हैं। कई वैज्ञानिकों का मानना है कि फ़ूड और बेवरेज से मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट इसके सप्लीमेंट से बेहतर होते हैं। ग्रीन टी के साथ बनाने पर कोम्बुचा खासतौर पर लिवर पर अच्छा प्रभाव डालती है।

चूहों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि कोम्बुचा चाय के नियमित सेवन से विषाक्त रसायनों के कारण पैदा हुई लिवर टॉक्सिसिटी (लिवर में विषाक्त पदार्थों का जमना) कम हो सकती है। इस विषय पर अभी तक मनुष्य पर कोई अध्ययन नहीं किया गया है।

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कोम्बुचा के फर्मेंटेशन के दौरान एसिटिक एसिड बनता है जो कि सिरके में प्रचुर मात्रा में होता है। चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स की तरह एसिटिक एसिड भी कई हानिकारक सूक्ष्मजीवों को खत्म करने की क्षमता रखते हैं। ये एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव हानिकारक बैक्टीरिया और यीस्ट को बढ़ने से रोकते हैं लेकिन इसका असर कोम्बुचा फर्मेंटेशन में शामिल प्रोबायोटिक बैक्टीरिया एवं यीस्ट पर नहीं पड़ता है।

विश्व स्तर पर हृदय रोग मृत्यु का प्रमुख कारण है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कोम्बुचा चाय हृदय रोग के दो कारकों "बैड कोलेस्ट्रॉल" एलडीएल और "गुड कोलेस्ट्रॉल" एचडीएल में 30 दिनों में सुधार ला सकती है। ग्रीन टी पीने वालों में हृदय रोग का खतरा 31 फीसदी तक कम हो जाता है और यह लाभ कोम्बुचा चाय से भी मिल सकता है।

कोम्बुचा टी कई वैरायटी में उपलब्ध है। इनमें से कई तो ऐसे हैं जिनमें कैलोरी कम होती है, जबकि कुछ वैरायटी में एक बोतल कोम्बुचा टी में 120 कैलोरी तक हो सकती है। ऐसे में मुमकिन है कि जो लोग कभी-कभार कोम्बुचा चाय का सेवन करते हैं उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं हो, लेकिन रोजाना इसका सेवन करने वालों में कैलोरी की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।

कोम्बुचा या कोम्बुचा चाय में प्रोबायोटिक्स या लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं, जो पाचन के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन इसका बहुत अधिक सेवन करने से साइड इफेक्ट्स भी झेलने पड़ सकते हैं। कोम्बुचा कार्बोनेटेड होती है और कार्बोनेटेड चाय से पाचन तंत्र में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) पहुंचता है, यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में किया गया तो इससे पेट में सूजन और अतिरिक्त गैस हो सकती है।

कई बार कोम्बुचा को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए फलों के रस या अशुद्ध (अनरिफाइंड) चीनी का उपयोग किया जाता है। इससे कोम्बुचा का स्वाद तो बढ़ जाता है लेकिन मीठे की मात्रा भी अधिक हो जाती है। यदि अधिक मात्रा में इस चाय का सेवन किया जाए तो यह आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए, चीनी या मीठे पेय पदार्थों से मधुमेहमोटापाफैटी लिवर और हृदय रोग के खतरे बढ़ सकते हैं।

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  • एक जार में कोम्बुचा (कच्चा या अनफ्लेवर्ड) डालें और उसमें 1 कप (250 मिली) ग्रीन या ब्लैक टी मिला लें। इसमें 1 से 2 चम्मच (14 से 28 ग्राम) चीनी मिलाएं। 
  • इसके बाद जार में कोम्बुचा और ठंडी चाय को मिलाएं। अब इसे अच्छी तरह से ढक दें।
  • जार को लगभग 68 से 80° F (20–30 ° C) तापमान में रखें और इसे 30 दिनों के लिए फर्मेंट (खमीर आने के लिए) होने दें। जैसे ही बनना शुरू होता है यह धीरे-धीरे मोटा व साफ हो जाएगा।
  • जब इस पर बैक्टीरिया और यीस्ट की 1/4 इंच मोटी परत जमने लगे तो इसे ग्रीन या ब्लैक टी और चीनी का उपयोग करके कोम्बुचा चाय का सेवन किया जा सकता है।
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