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पुरुष में उत्तेजना व स्खलन के दौरान मूत्रमार्ग से निकलने वाले तरल द्रव को वीर्य कहा जाता है। यह प्रोस्टेट ग्रंथि और अन्य पुरुष प्रजनन अंगों से शुक्राणु व तरल पदार्थ को ग्रहण करके बनता है। आमतौर पर वीर्य गाढ़ा एवं सफेद होता है। हालांकि, कई स्थितियों में इसके रंग और गुणवत्ता में बदलाव हो सकता है। पतला वीर्य कम शुक्राणुओं की ओर संकेत करता है। इससे पुरुष की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। अगर वीर्य पतला हो गया हो, तो इस स्थिति में आप परेशान न हो।

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि वीर्य क्या है, कैसे बनता है, वीर्य के पतलापन के कारण व इसे गाढ़ा करने के घरेलू नुस्खे क्या हैं -

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  1. वीर्य क्या है? - What is semen in Hindi
  2. वीर्य कैसे बनता है? - How is semen produced in hindi
  3. वीर्य की सामान्य मात्रा कितनी होती है?
  4. वीर्य किस काम आता है?
  5. वीर्य पतला होने के कारण - Causes of watery semen in Hindi
  6. वीर्य को गाढ़ा करने के घरेलू नुस्खे - Home remedies to thicken semen in Hindi
  7. सारांश
वीर्य क्या है, कैसे बनता है और वीर्य गाढ़ा करने के उपाय के डॉक्टर

पुरुषों में यौन इच्छा व सेक्स के अंतिम पड़ाव में स्खलन के समय लिंग से एक तरह का तरल पदार्थ निकलता है। इस तरल पदार्थ को वीर्य कहा जाता है। यह पुरुष की यौन ग्रंथियों से स्रावित होता है। इसमें शुक्राणु मौजूद होते हैं। शुक्राणुओं के अलावा इसमें अन्य एंजाइम्स, फ्रुक्टोज (Fructose/ फलों से प्राप्त शर्करा) और प्रोटियोलिटिक (Proteolytic/ एक तरह का एंजाइम्स जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है) मिलें होते हैं। इन सभी के मेल से वीर्य स्वस्थ होता है और प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है।

(और पढ़ें - कामेच्छा बढ़ाने के उपाय और सेक्स पोजीशन)

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वीर्य पुटिका (Semen vesicles/ वीर्य को बनाने वाली ग्रंथि) व प्रोस्टेट ग्रंथि से वीर्य बनता है। वीर्य पुटिका के द्वारा 65-70 प्रतिशत वीर्य बनाया जाता है। इसमें चिपचिपे फ्रुक्टोज का निर्माण होता है। इसके बाद इसमें सफेद रंग का तरल प्रोस्टेट ग्रंथि के द्वारा स्त्रावित होकर मिल जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि से निकलने वाले सफेद तरल में सिट्रिक एसिड, लिपिड और फॉस्फेट मिला होता है। इससे ही वीर्य को संपूर्णता मिलती हैं। इसके अलावा, बल्बोर्रेथ्रल ग्रंथि (Bulbourethral gland) एक तरल का उत्पादन करती हैं। यह योनि और गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद शुक्राणु कोशिकाओं की गतिशीलता में मदद करती है। वीर्य में इस तरल का स्राव मात्र 1 प्रतिशत से भी कम होता है। वीर्य निम्न के मिश्रण से बनता है-

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मेडलाइन प्लस पर प्रकाशित एक शोध आलेख के अनुसार, एक स्वस्थ पुरुष सामान्यतः प्रत्येक स्खलन 1.5 से 5.0 मिली वीर्य का त्याग करता है। इसमें  शुक्राणुओं की संख्या 20 से 150 मिलियन शुक्राणु प्रति मिली तक होती है। इनमें कम से कम 60% शुक्राणु का आकार और गतिशीलता सामान्य होनी चाहिए।

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शुक्राणु टैडपोल आकार के होते हैं। इनकी हिलती पूंछ और मछली जैसी दिखने के बावजूद, इन्हें आगे बढ़ने के लिए वीर्य की जरूरत होती है। वीर्य की मदद के बिना शुक्राणु बस गोल-गोल घूमते रहते हैं। असल में वीर्य टेलविंड होता है, जो प्रजनन के उद्देश्य से शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में मदद करता है।

आज के दौर में यह एक आम समस्या बन कर लोगों को परेशान कर रही है। इस समस्या का कारण निम्न है -

जिंक की कमी

वीर्य के पतला होने के कारण में जिंक की कमी को भी शामिल किया जाता है। एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि पुरुषों में जिंक की एक निश्चित मात्रा होती है। अगर पुरुषों में जिंक निश्चित मात्रा से कम होता है तो शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ जाती है। शुक्राणुओं की कमी के लिए जिम्मेदार एंटीबॉडी को कम करने के लिए जिंक सलफेट का सेवन करना चाहिए।

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शीघ्रपतन

अगर आपका वीर्य पतला हो गया है तो इसके पीछे शीघ्रपतन भी एक कारण हो सकता है। कई बार फोरप्ले के दौरान भी वीर्य निकल जाता है। इस वीर्य में भी शुक्राणु मौजूद होते हैं। इसके कारण भी वीर्य की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है।

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​​नियमित स्खलन करना

नियमित रूप से स्खलन से भी आपका वीर्य का पतला हो जाता है। अगर आप एक दिन में कई बार हस्तमैथुन करते हैं तो वीर्य की गुणवत्ता पहली बार स्खलन के बाद पतली होने लगती है। आपके शरीर को दोबारा से वीर्य बनाने के लिए कुछ घंटों का समय चाहिए होता है। एक निश्चित समय अंतराल के बाद दोबारा स्वस्थ वीर्य बनता है।

(और पढ़ें - फोरप्ले क्या है)

शुक्राणुओं की संख्या में कमी

शुक्राणुओं की संख्या में कमी वीर्य के पतला होने का सामान्य कारण होता है। इसको अल्पशुक्राणुता (Oligospermia) भी कहा जाता है। वीर्य में शुक्राणुओं की एक सामान्य संख्या पाई जाती है। बताया जाता है कि एक मिली लीटर वीर्य में करीब 15 करोड़ शुक्राणु होते हैं। इससे कम होने पर वीर्य में शुक्राणुओं की कमी माना जाता है। अल्पशुक्राणुता (Oligospermia) होने के निम्न कारण होते हैं -

  • वैरीकोसेले- इस रोग में अंडकोष व अंडकोषीय थैली की नसों में सूजन आ जाती है। इससे पुरुष की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। इस समस्या को इलाज से ठीक किया जा सकता है।
  • संक्रमण - उदाहरण के लिए यौन संचारित रोग (एसटीडी) जैसे गोनोरिया या कोई अन्य संक्रमण भी प्रजनन अंगों में सूजन होने का कारण हो जाते हैं। इससे भी अंडकोष में सूजन आ जाती है।
  • ट्यूमर – अंडकोष में मैलिग्नेंट (Malignant) व बिनाइन (Benign) ट्यूमर होने से शुक्राणुओं के बनने की क्षमता प्रभावित होती है।
  • हार्मोन असंतुलित होना - अंडकोष व पिट्यूटरी ग्रंथि के द्वारा बनने वाले हार्मोन का असंतुलन होना। इससे शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ जाती है।
  • इसके अलावा प्रतिरक्षा तंत्र के द्वारा शुक्राणुओं की कमी वाले एंटीबॉडी बनाना।
  • शुक्राणुओं को वीर्य तक लाने वाली नलियों में चोट आना या कोई अन्य समस्या होना।

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कई रिसर्च में इस बात को पाया गया है कि वीर्य का गाढ़ा और सफेद होना, एक स्वस्थ वीर्य की निशानी है। वहीं, पतले व पानी की तरह वीर्य में शुक्राणुओं की कमी होती है। दूसरी ओर पुरुष भी सफेद और गाढ़े वीर्य को मर्दाना ताकत से जोड़कर देखते हैं। आज कई पुरुषों में वीर्य के पतला होने की समस्या देखी जाती है, लेकिन इस समस्या को आप घरेलू नुस्खों के द्वारा आसानी से ठीक कर सकते हैं। वीर्य को गाढ़ा करने के उपाय और घरेलू नुस्खों को नीचे विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है -

वीर्य को गाढ़ा बनाने वाले खाद्य पदार्थ

कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से आप अपने वीर्य को गाढ़ा बना सकते हैं। इसमें शामिल है दहीबादामलहसुनअनारराजमाग्रीन टीकेलानींबू, साबुत अनाज व दालें, डार्क चॉकलेटदूध वाले पदार्थ और हल्दी आदि।

(और पढ़ें - महिलाएं पुरुषों से क्या चाहती हैं)

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स्वस्थ वसा का सेवन करें

पॉलीअनसैचुरेटेड वसा (Polyunsaturated fats) को स्वस्थ वसा कहा जाता है। वसा के दो प्रकार होते हैं, एक को मानव शरीर के लिए अच्छा बताया जाता है, जबकि दूसरे को खराब। पॉलीअनसैचुरेटेड वसा, वसा का स्वस्थ रूप माना जाता है। इससे शरीर को किसी तरह की कोई हानि नहीं होती है। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 स्पर्म को बनाने के लिए मददगार होती है। अलसी के बीजअखरोट, बेरी, राई का तेल और बीन्स में ओमेगा-3 के गुण पाएं जाते हैं, जबकि ओमेगा-6 के लिए आपको मूंगफलीजैतून का तेल और तिल के बीज आदि में पाया जाता है।

(और पढ़ें - लिंग को मोटा करने का तरीका)

एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ

एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ हमारे शरीर को कई तरह से स्वस्थ रखते हैं। इनके सेवन से कोशिकाओं को हानि पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स नष्ट हो जाते हैं। कई तरह के विटामिन और खनिज एंटीऑक्सीडेंट की तरह ही काम करते हैं। वहीं कई अन्य अध्ययन में यह पता चला है कि एंटीऑक्सीडेंट्स से वीर्य संबंधी समस्याएं कम होती हैं और शुक्राणुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होती है। निम्न एंटीऑक्सीडेंट के द्वारा वीर्य को स्वस्थ बनाया जा सकता है -(और पढ़ें - ऑर्गेज्म क्या है)

विटामिन डी और कैल्शियम का सेवन

रिर्सच में इस बात को बताया गया है कि विटामिन डी और कैल्शियम की मदद से वीर्य के पतलेपन की समस्या को दूर किया जा सकता है। वहीं इस विषय पर हुए कई अन्य अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है कि विटामिन डी व कैल्शियम से आप वीर्य की गुणवत्ता में वृद्धि कर सकते हैं। जबकि आहार में विटामिन डी के स्त्रोतों का सेवन कम करने से आपको इसकी कमी महसूस हो सकती है और शुक्राणुओं की संख्या भी कम हो जाती है।

(और पढ़ें - महिलाओं की यौन समस्याएं)

सूरजमुखी व कद्दू के बीज से करें वीर्य को गाढ़ा

वीर्य को गाढ़ा करने के लिए आपको नियमित रूप से सूरजमुखी व कद्दू के बीजों का सेवन करना चाहिए। आपको एक चौथाई कप सूरजमुखी व कद्दू के बीजों का नियमित रूप से सेवन करना होगा। एक माह तक लगातार ऐसा करने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है और पुरुषों की प्रजनन क्षमता में भी वृद्धि होती है।

वीर्य को गाढ़ा करने के लिए करें अश्वागंधा का प्रयोग

भारत में सदियों से अश्वागंधा का प्रयोग किया जा रहा है। इसको भारतीय जिनसेंग (Ginseng) के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में यौन रोगों के इलाज के लिए इसका उल्लेख विस्तार पूर्वक किया गया है। वर्ष 2016 में एक अध्ययन किया गया और इस अध्ययन में कम शुक्राणु वाले 46 पुरुषों को शामिल किया गया। इन सभी पुरुषों को रोजाना 675 मिलीग्राम अश्वगंधा दिया गया। 90 दिनों के बाद जब इनके शुक्राणुओं की जांच की गई तो उसमें 165 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली। इस तरह अश्वगंधा पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने के लिए बेहतर मानी जाती है।

(और पढ़ें - पुरुषों के यौन रोग का सामधान)

तनाव को दूर करें

किसी भी तरह का तनाव होने से शरीर के अंगों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण मांसपेशियों में थकान होती है, साथ ही साथ ऊर्जा का स्तर भी कम हो जाता है। तनाव ग्रस्त व्यक्ति सुस्ती व थकान के कारण प्रजनन क्षमता की ओर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं। इसके लिए आपको तनाव होने कारणों को पहचानना होगा। साथ ही उन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें जो आपको तनाव मुक्त रखने में सहायक हों। योग के माध्यम से भी आप तनाव को कम कर सकते हैं।

स्तंभन दोष का आयुर्वेदिक इलाज जानने के लिए कृपया यहां दिए ब्लू लिंक पर जाएं।

व्यायाम से करें वीर्य को गाढ़ा

कई अध्ययन में इस बात का पता चला है कि वजन को कम करने वाले व्यायाम से आपके शुक्राणुओं की संख्या में इजाफा होता है। इसके अलावा अध्ययन यह भी कहते हैं कि एक सप्ताह में कम से कम 15 घंटों की एक्सरसाइज करने से न सिर्फ मांसपेशियों को फायदा मिलता है, बल्कि वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है।

(और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय)

महिला के गर्भवती होने के लिए पुरुष के शरीर में वीर्य का पर्याप्त मात्रा में बनना जरूरी होता है। यह वीर्य ही होता है, जो शुक्राणु को महिला के अंडे तक पहुंचाता है। इस लिहाज से महिला के गर्भवती होने के लिए वीर्य का होना जरूरी होता है। अगर किसी पुरुष का वीर्य पतला है, ताे कुछ घरेलू नुस्खों से सही किया जा सकता है। अगर घरेलू नुस्खों से फायदा न हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Dr. Hemant Sharma

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संदर्भ

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